शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2011

aawam e hind 19 oct 2011


पुड़िया बन चुकी जीवन हृदय प्रदेश में


पुड़िया बन चुकी जीवन हृदय प्रदेश में

(लिमटी खरे)

अस्सी के दशक में लोगों के सर चढ़कर बोली थी ब्राउन शुगर, स्मेक, हेरोईन। इसके पहले हिप्पीयों का प्यारा शगल होता था नशा। नशेडी हिप्पी अर्थात महिलाओं जैसे बाल बढ़ाकर रहने वाले देशी विदेशी अपनी टोली के अंदर गांजा, अफीम आदि का नशा कर झूमते रहते थे। कालांतर में इस नशे का स्थान ले लिया घातक स्मेक और हेरोईन ने। देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली के दिल यानी कनॉट सर्कस के आसपास मैली चादर ओढ़े भिखारी मजे से इस नशे का सुट्टा लगाते दिख जाते हैं। मध्य प्रदेश ब्राउन शुगर, स्मेक और हेरोईन का एक बहुत बड़ा व्यसायिक केंद्र बनकर उभर चुका है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। सूबे में सब कुछ प्रतिबंधित होने के बाद भी इनकी बिक्री सरेआम होना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है।

महज चंद सेकन्ड्स में दुनिया जहान के सारे गम भुलाकर जन्नत की सैर करवाने वाली स्मेक की पुडिया का सबसे बडा बाजार बनकर उभर रहा है देश का हृदय प्रदेश। मध्य प्रदेश के महाकौशल और राजधानी भोपाल में भी स्मेक की पुडिया का चलन बहुत ही तेजी से हो गया है। युवाओं को इसकी लत लगाने वाले गिरोह पहले तो सस्ते दामों पर इसे उपलब्ध कराते हैं फिर जब युवा इसके आदी हो जाते हैं तब इनका दमन चक्र आरंभ होता है। यही कारण है कि युवाओं में चोरी की आदत तेजी से बढ़ रही है। राहजनी, डकैती, लूटपाट जैसे अपराधों की जड़ में पुड़िया का नशा काफी हद तक जिम्मेवार माना जा सकता है।

बताते हैं कि भोपाल की देशी विदेश शराब दुकानों के आसपास खुले अघोषित और अवैध मयखाने (जहां बैठकर लोग बिना झिझक मदिरापान करते हैं) के इर्द गिर्द परिवारों को तबाह करने वाली यह पुडिया बहुत ही आसानी से सुलभ हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार एक बार किसी को इसकी लत लग जाए तो यह ‘‘छूटती नहीं काफिर मुंह की लगी हुई‘‘ की तर्ज पर आसानी से पीछा नहीं छोडती है। खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो महाकौशल क्षेत्र में ही तीन सैकडा से अधिक लोग इस कारोबार में हैं, जो लोगों के घरों को उजाड़ने में कोई कसर नहीं रख छोड रहे हैं। इस गोरखधन्धे में न केवल बेरोजगार वरन् पुलिस के कारिंदों से लेकर श्वेत धवल कुर्ता पायजामा धारण करने वाले नेता भी शामिल हैं।

एक नशामुक्ति केंद्र के संचालक द्वारा किए गए सर्वेक्षण मंे यह तथ्य उभरकर सामने आया है। इतना ही नहीं टी आई (नगर निरीक्षक) प्रोजेक्ट के तहत संभाग के छः जिलों में आठ सौ से भी अधिक नशेडी मिलना चिंताजनक पहलू माना जा सकता है। कुल मिलाकर यह माना जा सकता है कि नगर और गांवों में समान रूप से फैला हुआ है यह नशे का करोबार। जबलपुर पुलिस रेंज के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक एम.आर.कृष्णा के मुताबिक तो यह समस्या महाकौशल के तीस से ज्यादा गांवों में ज्यादा फैली हुई है। आश्चर्य जनक तथ्य तो यह उभरकर सामने आया है कि नशे की यह समस्या आज कल की नहीं वरन लगभग ढाई सौ साल पुरानी है।

बताते हैं कि ब्रितानी हुकूमत के समय में अफीम का नशा महाकौशल में सर चढकर बोल रहा था। उस दरम्यान अफीम का सेवन करने वालों को पकडने के लिए महाकौशल के नरसिंहपुर में एक विशेष थाना बनाया गया था, जिसके दस्तावेज भी मिलने का दावा किया जा रहा है। नरसिंहपुर को कर्मभूमि बनाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि वे आने वाले पांच सालों में क्षेत्र को नशामुक्त बनाने हेतु कृत संकल्पित हैं। बकौल प्रहलाद सिंह पटेल क्षेत्र में तीन सैकडा से भी अधिक लोग स्मेक के काले धंधे में लगे हुए हैं।

बर्बादी का विस्तार करने वाली स्मेक की पुडिया ने नरसिंहपुर जिले को पूरी तरह अपने शिकंजे में कसा हुआ है। नरसिंहपुर सदा से ही मशहूर रहा है। यहां का एक आदर्श ग्राम बुधवारा है, जहां आज तक कोई पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं इस गांव का निरीक्षण करके आए हैं। नरसिंहपुर शिक्षा के क्षेत्र में पहले विशेष महत्व रखता था, आज यह नशेलों का जिला बनकर रह गया है। यहां नशे का आलम यह है कि पिछली विधानसभा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों में एक युवक ने नशे की पुडिया रख दी थी। इस घटना से मुख्यमंत्री आवक रह गए थे। इसके बाद यहां नशे के विरोध में अभियान छेडा गया, किन्तु नशे के सौदागरों के आगे इस अभियान ने घुटने टेक दिए।

महाकौशल के सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मण्डला और जबलपुर जिलों में भी पुड़िया के व्यवसाई अपना काम मुस्तैदी से कर रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि अनेक जगहों पर तो इसके बेचने वालों ने युवाओं से बाकायदा एटीएम कार्ड भी धरवा लिए हैं जिसके उपरांत दैनिक आधार पर वे इन्हें पुड़िया प्रदान करते हैं और एडवांस में मासिक पैसा निकाल लेते हैं। यह सब पुलिस की जानकारी में होने के बाद भी इस घातक व्यवसाय का फलना फूलना आश्चर्य का ही विषय माना जा रहा है।

कहा तो यहां तक जा रहा है कि राजस्थान से नशे की यह बर्बादी की पुडिया नरसिंहपुर पहुंचती है। यूं तो राजस्थान से नरसिंहपुर का सीधा कोई तारतम्य नहीं जुडा हुआ है। अगर किसी को स्मेक लाना हो तो उसे रतलाम, देवास, इंदौर, सीहोर, उज्जैन, भोपाल, होशंगाबाद के रास्ते इसे लाना होगा। पुलिस के नशे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इतने सारे जिलों की सीमाओं को पार कर परिवारों को बर्बाद करने वाले इस नशे को नरसिंहपुर की सीमा में लाया जाता है, वह भी बिना किसी रोक टोक के।

चिकित्सकों के अनुसार इस नशे की लत इतनी बुरी है कि अगर इसके आदी व्यक्ति को यह न मिले तो वह मरने मारने पर आमदा हो जाता है। अस्सी के दशक के उपरांत चेनल्स पर भी स्मेक के बारे में जनजागृति फैलाने का उपक्रम किया गया था, किन्तु मध्य प्रदेश का महाकौशल और विशेषकर नरसिंहपुर जिला इससे अछूता ही रहा है।

राज्य सरकार द्वारा अगर समय रहते महाकौशल अंचल को परिवार को बर्बादी के कगार तक पहुंचाने वाली इस स्मेक के नशे की पुडिया पर अंकुश नहीं लगाया तो आने वाले समय में समूचा महाकौशल और फिर मध्य प्रदेश इसकी जद में होगा और तब भयावह स्थिति से निपटना शासन प्रशासन के लिए टेडी खीर ही साबित होगा।

ये रहे अर्चना चिटनिस के दो चेहरे


ये रहे अर्चना चिटनिस के दो चेहरे

पहले भारतीयता की वकालत फिर पश्चिमी सभ्यता का बखान

एसे कैसे लाएगी भाजपा रामराज्य

कैसे होंगे दीनदयाल उपाध्याय के सपने साकार

पुरूस्कार नहीं पा सके एमपी के शिक्षक और शाला!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस ने महज 24 घंटे में ही अपने दो चेहरे दिखाकर लोगों को हैरत में डाल दिया है। एक तरफ तो 19 अक्टूबर को वे शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में पश्चिम केंद्रित शिक्षा प्रणाली को कोसती नजर आईं वहीं दूसरी ओर 20 अक्टूबर को ही देश पर डेढ़ सदी से ज्यादा राज करने वाले ब्रिटेन के ब्रिटिश काउंसिल की मुख्य अतिथि की आसंदी से पश्चिमी सभ्यता का गुणगान करती रहीं। स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस द्वारा चौबीस घंटों के अंदर ही दिल्ली में दिए गए विरोधाभासी वक्तव्यों को लेकर तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है। भाजपा के नेशनल हेडक्वार्टर में चल रही बयार के अनुसार इस तरह स्वदेशी की पोषक भाजपा द्वारा राम राज्य की स्थापना के साथ ही साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों को आखिर कैसे साकार किया जा सकेगा?

मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग के दिल्ली स्थित सूचना केंद्र द्वारा 19 अक्टूबर को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली में आहूत शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में श्रीमति चिटनिस ने कहा कि 65 साल के बाद भी हम पश्चिम केन्द्रित शिक्षा प्रणाली को नहीं बदल पाये। पश्चिम केन्द्रित शिक्षा से न हम बच्चों का भविष्य संवार सकते और न ही देश का भला कर सकते हैं। भारतीय तरीके से शिक्षा के प्रति सोचना होगा तभी हम बच्चों का भविष्य संवार सकते हैं। श्रीमती चिटनिस ने श्री सिब्बल से प्रदेशों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए केन्द्रीय सहायता दिये जाने का भी आग्रह किया। इसी दौरान देशप्रेम दिखाते हुए श्रीमती अर्चना चिटनिस ने गांधी जी द्वारा आज से 102 साल पहले लिखी गयी हिन्द स्वराज पुस्तक की प्रति केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल को भेंट की। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि अपने अधिकारियों के साथ उन्हांेंने इस पुस्तक का वाचन किया है।

सूचना केंद्र द्वारा 20 अक्टूबर को जारी खबर के अनुसार श्रीमती अर्चना चिटनिस द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए ब्रिटिश कांउसिल द्वारा स्कूलों और शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया। विज्ञप्ति के अनुसार मध्यप्रदेश की शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में हमने भारत में बसुदैव कुटुम्ब की सोच और दर्शन को अपनाया है। हमने पूरे विश्व को ही एक परिवार माना है और भारत भी इसी सोच पर चल रहा है तथा बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने की ओर अग्रसर है। श्रीमती चिटनिस ने आज यहां ब्रिटिश काउसिल स्कूल द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह 2011 में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेते हुए कही।

विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि श्रीमती चिटनिस ने शिक्षा के क्षेत्र में ब्रिटिश काउसिल द्वारा गॉंवों से लेकर शहरों तक के विभिन्न स्कूलों को दिये गये योगदान की सराहना करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश और कई राज्य जैसे हरियाणा, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा, तमिलनाडु, केरल और विभिन्न शैक्षणिक संस्था जैसे केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, नगर पालिका विद्यालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ब्रिटिश कांउसिल को पूरा सहयोग दे रहे हैं। इन सबकी भागीदारी से जहां एक ओर शिक्षकों का व्यावसायिक विकास हो रहा है वहीं दूसरी तरफ छात्रों को भी इससे काफी फायदा हो रहा है। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि शिक्षा का विकास आदान-प्रदान के माध्यम से और बेहतर होगा। उन्होंने अपेक्षा की कि ब्रिटिश कांउसिल और भारत के बीच शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न विषयों के समय-समय पर आदान-प्रदान होना चहिए जिससे कि शिक्षा का स्तर और उसकी गुणवत्ता बेहतर हो सके। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश शिक्षा के लिए कटिबद्ध है और प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलायी जा रही हैं जिससे अधिक से अधिक बच्चे शिक्षित हो सकें।

श्रीमती चिटनिस ने कहा कि हमारे पॉंव भूतकाल में रहने चाहिए, हृदय वर्तमान में रहना चाहिए और निगाहें भविष्य की ओर। उन्होंने भारत के बारे में बताया कि देश में पारम्परिक और भारतीय ज्ञान का भण्डार है जिसके कि कृषि विकास, पर्यावरण और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। उन्होंने आशा की कि ब्रिटिश कांउसिल भारत से हाथ से हाथ मिलाकर शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभायेगा।

श्रीमती चिटनिस ने विभिन्न वर्गाें में देशभर के स्कूलों और शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किये। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि मुख्य अतिथि की आसंदी से पुरूस्कार बांट रहीं अर्चना चिटनिस को इस बात से जरा भी दुख नहीं हुआ कि इस तरह के कार्यक्रम में उनके द्वारा उनके ही सूबे यानी मध्य प्रदेश का एक भी स्कूल या शिक्षक पुरूस्कार नहीं ग्रहण कर सका।

वोरा बुन रहे हैं मन से मुक्ति का तानाबाना


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 8

वोरा बुन रहे हैं मन से मुक्ति का तानाबाना

जार्ज के शक्तिमान होने से बदल गए हैं समीकरण

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक की अघोषित उपमा पा चुके प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की रूखसती की उल्टी गिनती लगभग आरंभ हो चुकी है। कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ में कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा एवं स्व.राजीव गांधी के विश्वस्त रहे सोनिया गांधी के सचिव विसेंट जार्ज की देखरेख में मनमोहन की मुक्ति का रोड़ मैप तैयार करवाया जा रहा है।

सोनिया के करीबी सूत्रों का दावा है कि वर्ष 2009 के बाद एक के बाद एक हुईं राजनैतिक भूलों का जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को एहसास करवाया गया तब जाकर सोनिया उस काकस से अपने आप को अलग करने का प्रयास कर सकीं जिसने उन्हें घेरकर अपनी मुगलई मचा रखी थी। इसके बाद से ही सोनिया ने अपने सचिव विसेन्ट जार्ज को भाव देना आरंभ कर दिया। जार्ज भी अपरान्ह दो बजे तक अपने घर पर ही जनता दरबार लगाकर लोगों मिलते हैं और सेकण्ड हॉफ में दस जनपथ जाकर सोनिया गांधी को वास्तविकताओं से रूबरू करवा रहे हैं।

जार्ज के अलावा सोनिया की किचिन कैबनेट में अब स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, रक्षा मंत्री ए.के.अंटोनी को भी खासा महत्व मिलना आरंभ हो गया है। दरअसल सोनिया गांधी को केंद्र सरकार से मिले एक विशेष कार्य अधिकारी ने जार्ज की एंट्री दस जनपथ में काफी हद तक प्रतिबंधित कर रखी थी। उनकी सेवा निवृति के उपरांत जार्ज फिर से ताकतवर होकर उभरे हैं।

उधर पर्दे के पीछे से सारी कठपुतलियों की डोर अपने हाथ रखने वाले कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा इतने लो प्रोफाईल में हैं कि किसी का ध्यान उनकी ओर नहीं जा रहा है। इस साल पंद्रह अगस्त पर कांग्रेस कार्यालय में झंडावंदन जब मोतीलाल वोरा द्वारा किया गया तो लोगों ने इसे महज इत्तेफाक ही माना। दरअसल यह वोरा के शांत और पर्दे के पीछे के चाणक्य होने का तोहफा था कि सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस के नेशनल हेडक्वार्टर में अध्यक्ष न रहते भी उन्होंने झंडा फहराया।

सूत्रों ने आगे कहा कि घपलों, घोटालों और भ्रष्टाचार से कांग्रेस की साख बुरी तरह से प्रभावित हुई है। मनमोहन की अर्थशास्त्री और उदारवादी छवि का कांग्रेस को लाभ होने के बजाए नुकसान ज्यादा उठाना पड़ रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व में लाख टके का सवाल यह उठ रहा है कि अब मनमोहन से मुक्ति किस तरह पाई जाए। इसके लिए मोतीलाल वोरा और विसेन्ट जार्ज द्वारा हर संभावनाओं पर सर जोड़कर हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रतिभा की ताजपोशी के लिए आड़वाणी ने तय की गाईड लाईन


उत्तराधिकारी हेतु रथ यात्रा . . . 3

प्रतिभा की ताजपोशी के लिए आड़वाणी ने तय की गाईड लाईन

आड़वाणी और प्रतिभा ही करेंगी अभिवादन स्वीकार

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। तिरासी बसंत देख चुके वयोवृद्ध भाजपा नेता लाल कृष्ण आड़वाणी अपनी राजनैतिक विरासत अपनी पुत्री प्रतिभा को सौंपने आतुर ही दिख रहे हैं। आड़वाणी की वर्तमान में जारी रथ यात्रा भाजपा के लिए कम अपनी पुत्री के महिमा मण्डन और उन्हें स्थापित करने के लिए ज्यादा दिखाई पड़ रही है। आड़वाणी ने इस रथ यात्रा का ज्यादा से ज्यादा लाभ उनकी पुत्री प्रतिभा को मिल सके इसकी व्यवस्था भी पुख्ता कर रखी है।

आड़वाणी जुंडाली में चल रही चर्चाओं के अनुसार ढलती उमर के कारण अब आड़वाणी ने अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का मन तो बना लिया है पर इसकी घोषणा उन्होंने इसलिए नहीं की है कि रथ यात्रा के फीडबैक आने के बाद अगर माहौल भाजपा के पक्ष में दिखा तो वे प्रधानमंत्री का अपना दावा पुनः दोहरा देंगे और अगर मामला नहीं जमा तो मुनाफे में उनकी पुत्री प्रतिभा को देश भर के भाजपा नेता तो पहचान ही लेंगे।

चर्चाओं के अनुसार आड़वाणी ने रथ यात्रा के लिए स्पष्ट गाईड लाईन निर्धारित कर रखी है। इसके अनुसार मंचासीन होने की स्थिति में पहली पंक्ति में आड़वाणी, उनकी पुत्री प्रतिभा के अलावा दीपक चौपड़ा और अनंत कुमार ही बैठेगें। इनके अलावा भाजपा को कोई भी दिग्गज हो वह दूसरी पंक्ति में ही स्थान ग्रहण करेगा। इतना ही नहीं रथ यात्रा के गमन के वक्त जनता का अभिवादन स्वीकार करने का काम सिर्फ और सिर्फ आड़वाणी और उनकी पुत्री प्रतिभा ही करेंगी। इसके अलावा और कोई नेता चाहे वह कितना भी वरिष्ठ हो वह अभिवादन कतई स्वीकार नहीं करेगा।

मनमानी पर उतारू है आईडिया सेल्यूलर: केंद्र सरकार


एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया . . .  5

मनमानी पर उतारू है आईडिया सेल्यूलर: केंद्र सरकार

कानून-कायदे ताक में रखकर दिए जाते हैं मोबाईल कनेक्शन

सरकार ने लगाए आईडिया पर संगीन आरोप

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। निजी क्षेत्र में मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनियों के आसमान में धूमकेतू की तरह उभरी आदित्य बिडला कंपनी की आईडिया सेल्यूलर अनेक विवादों में घिरती जा रही है। मनमानी नीतियों के चलते एक ओर तो यह अपने उपभोक्ताओं का गला रेत रही है वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने भी इसकी नीतियों के चलते इसे आड़े हाथों लेना आरंभ कर दिया है। आईडिया के खिलाफ केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री सचिन पायलट ने भी राज्य सभा में तल्ख टिप्पणियां की हैं।

देश में टेलीकॉम सर्विस देने वाली बिरला ग्रुप की कंपनी आईडिया सेल्यूलर तमाम नियमों कायदों को ताक में रखकर धड़ल्ले से अनजान लोगों के नाम फोन कनेक्शन दे रही है। यह जानकरी खुद केंद्रीय आईटी और टेलीकॉम राज्य मंत्री सचिन पायलट ने राज्यसभा को दी। उन्होंने यह भी बताया कि अक्सर ऐसा होता है कि कोई कंपनी या फिर कोई शख्स एक साथ बड़ी तादाद में कनेक्शन ले लेता है। फिर उसे इस्तेमाल करने के लिए कंपनी के कर्मचारियों या फिर दूसरे लोगों को दे दिया जाता है।

टेलीकॉम राज्य मंत्री सचिन पायलट का कहना था कि आईडिया सेल्यूलर ने दिल्ली के शख्स और उसकी कंपनी, लिमको सेल्स कॉर्पाेरेशन को 3,640 पोस्टपेड कनेक्शन जारी कर दिए। मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक ये कनेक्घ्शन बाद में दूसरे ग्राहकों को दे दिए गए। आईडिया सेल्घ्यूलर के देश भर में 6.80 करोड़ ग्राहक हैं।

गौरतलब है कि इसके लिए नियम यह है कि एक व्यक्ति या पते पर अधिकतम दस कनेक्घ्शन जारी किए जा सकते हैं। ये कनेक्शन देने से पहले पूरी तरज जाँच-पड़ताल की जाती है और थोक में कनेक्शन दिए जाने की सूचना दूरसंचार विभाग के संबंधित विजिलेंस टेलीकॉम मॉनीटरिंग सेल को नियमित रूप से  देनी होती है।

(क्रमशः जारी)