गुरुवार, 16 अगस्त 2012

एमपी जनसंपर्क का नया धमाल

एमपी जनसंपर्क का नया धमाल
 
स्‍वतंत्रता संग्राम सैनानियों का नाम लेने से गुरेज है पब्लिसिटी डिपार्टमेंट को

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा नित नए कारनामे किए जा रहे हैं। कभी वह मध्य प्रदेश सरकार को मिले पुरूस्कार के बारे में बाद में मन मसोसकर खबर जारी करता है तो कभी कुछ। गुरूवार को जारी समाचारों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान की हास्यास्पद खबर जारी कर जनसंपर्क विभाग ने तो मानो सारे रिकार्ड ही ध्वस्त कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी खबर में कहा गया है कि स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को राजभवन में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में राज्यपाल श्री राम नरेश यादव एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शाल, श्रीफल भेंटकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मानित किया। राज्यपाल श्री यादव ने सभी अतिथियों को स्वाधीनता दिवस की बधाई और शुभकामना दी।
स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री बाबूलाल गौर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कांतिलाल भूरिया, निगम-मंडलों के पदाधिकारी शामिल हुए। मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम, पुलिस महानिदेशक श्री नन्दन दुबे, भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एस.के. सिंह, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री पीयूष त्रिवेदी, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल की कुलपति श्रीमती निशा दुबे भी समारोह में उपस्थित थीं। सेना, पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न धर्मों के धर्म गुरू, गणमान्य नागरिक तथा पत्रकार भी स्वागत समारोह में शामिल हुए।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री विनोद सेमवाल और विधि अधिकारी श्री सी.सी. द्विवेदी तथा राजभवन के सभी अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।
इस संपूर्ण समाचार में नेता और अधिकारियों के बारे में तो सविस्तार बखान किया गया है कि वहां कौन कौन मौजूद थे, किन्तु जनसंपर्क विभाग ने यह बताने की जहमत कतई नहीं उठाई कि किन किन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का वहां सम्मान किया गया है। गौरतलब है कि 1947 के पूर्व के स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों की तादाद अब चंद ही बची है। 65 साल पहले हुए संग्राम में शामिल सैनानियों की आयु आज अस्सी को पार कर चुकी होगी।
यह शर्म की ही बात है कि जनसेवकों और नौकरशाहों को महिमा मण्डित करने की चाटुकारिता वाली परंपरा का संवंर्धन करते हुए मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी खबर में एक भी स्वतंत्रता संग्राम सैनानी का नाम अथवा कितने सैनानियों का सम्मान किया गया है इस बारे में एक भी लाईन लिखना मुनासिब नहीं समझा है।

अपने नाम से बिजली कनेक्शन करवाने अभियान

अपने नाम से बिजली कनेक्शन करवाने अभियान

(संतोष पारदसानी)

भोपाल (साई)। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अपने कार्य क्षेत्र के उन सभी बिजली उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि जो उपभोक्ता अपने परिसर में अन्य नाम के बिजली का कनेक्शन का उपयोग कर रहे हों तो उसे अपने नाम ट्रांसफर करायें। कंपनी ने ऐसे व्यक्तियों से कहा है कि वे जल्द से जल्द बिजली कनेक्शन को अपने नाम पर ट्रांसफर करा कर असुविधा से बचें।
गौरतलब है कि प्रायः ऐसा देखने में आया है कि काफी संख्या में उपभोक्ता मकान अथवा संपत्ति खरीदने के पश्चात् भी बिजली कनेक्शन पूर्व मकान मालिक के नाम से ही उपयोग करते रहते हैं। कुछ अन्य मामलों में घर के सदस्य की मृत्यु उपरांत भी बिजली कनेक्शन परिवार के अन्य सदस्य के नाम ट्रांसफर नहीं कराया जाता है।
कंपनी ने सभी लोगों से आग्रह किया है कि ऐसे मामलों में उपभोक्ताओं को अप्रिय स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। आम लोगों से अपील है कि बिजली कनेक्शन वास्तविक उपभोक्ता के नाम से ही होना चाहिए, जो कि उस परिसर में स्थायी रूप से निवास कर रहा है चाहे वह किराएदार ही क्यों न हो।

ऑन-लाइन भुगतान करो - चाँदी सिक्का जीतो का ड्रॉ खुला

ऑन-लाइन भुगतान करो - चाँदी सिक्का जीतो का ड्रॉ खुला

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण के वेबपोर्टल के माध्यम से ऑन-लाइन भुगतान करो-चाँदी का सिक्का जीतो का माह जुलाई का ड्रॉ खुला। निम्न दाब उपभोक्ताओं के लिये लागू प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लकी ड्रॉ के 20 विजेता उपभोक्ताओं को 10 ग्राम का चाँदी का सिक्का इनाम में दिया जायेगा।
ईनाम जीतने वाले उपभोक्ताओं में श्री प्रभाकर शर्मा, श्री महेश चन्द्र, श्रीमती कुसुम प्रधान, श्रीमती सगुना देवी, श्री अरुण गुप्ता, श्री पंकज शर्मा ग्वालियर, मैसर्स हरदेव इलेक्ट्रॉनिक कम्पनी भोपाल, श्री एच.के. पाठक, श्री ताराकांत झा, श्री अनिल कुमार, श्री जयंत हिरवानी, श्री व्ही.के. जैन, श्री वेदव्रत रमेशचन्द्र चौहान, श्रीमती देवकी, श्री राजेश सक्सेना, श्रीमती चन्द्रकला साकरे, श्री सुरेश मुरलिया, श्री रामअवतार बारी भोपाल, श्री पवन कुमार पटेल होशंगाबाद तथा श्री गौवर्धन बैतूल शामिल हैं।
लकी ड्रॉ के लिये गठित कमेटी में कम्पनी की ओर से अति. निदेशक वित्त श्री पी.के. कमठान, महाप्रबंधक वाणिज्य- प्प् श्री राजीव अग्रवाल, उप महाप्रबंधक आई.टी. श्री आनंद श्रीवास्तव, उप महाप्रबंधक श्री रामेश्वर चतुर्वेदी, उप महाप्रबंधक वाणिज्य-प्, श्रीमती रीता हालदर तथा बाह्य प्रतिनिधि के रूप में अपर संचालक जनसंपर्क विभाग श्री सुरेश आवतरामानी मौजूद थे।

पंवार से भयाक्रांत हैं सोनिया!


पंवार से भयाक्रांत हैं सोनिया!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के हरदिल अजीज़ मराठा क्षत्रप विलासराव देशमुख के अवसान के बाद कांग्रेस के अंदर मराठा क्षत्रप शरद पंवार को लेकर भय का वातावरण और गहरा गया है। इससे पहले पंवार के तल्ख तेवरों ने सोनिया गांधी को हिलाकर रख दिया था। पिछले कुछ घटनाक्रम कमोबेश इसी ओर इशारा कर रहे हैं।
शरद पंवार के करीबी सूत्रों का दावा है कि पंवार की तल्खी इस बात को लेकर है कि उनकी पुत्री सुप्रिया सुले को लाल बत्ती क्यों नहीं दी जा रही है। पंवार की हर संभव कोशिश है कि उनकी लाल बत्ती और रसूख बरकरार रहने के साथ ही साथ उनकी पुत्री सुप्रिया को भी महिमा मण्डित किया जा सके। पंवार द्वारा अंदर ही अंदर राहुल गांधी को प्रोजेक्ट किए जाने का उदहारण देते हुए अपनी पुत्री को आगे बढ़ाना आरंभ कर दिया है।
पिछले दिनों देश के महामहिम उपराष्ट्रपति चुनावों के एन पहले गरीब गुरूबों की पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी द्वारा राजधानी दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में दिए गए आलीशान भोज में जो समीकरण दिखे उससे लगने लगा है कि जल्द ही सुप्रिया सुले भी केंद्रीय मंत्रीमण्डल का हिस्सा बनने जा रही हैं।
पांच सितारा होटल में हुए इस लंच में सुप्रिया सुले को ना केवल सोनिया गांधी ने अपनी टेबिल पर स्थान दिया वरन् उन्हें बीच बीच में खाने के लिए पूछा भी। वहां उपस्थित लोगों के अनुसार यह सब कुछ पंवार द्वारा बरीक नजरों से देखा जा रहा था। कांग्रेस पंवार के भय से इस कदर खौफजदा है कि उसने राकांपा के तारिक अनवर को प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह की टेबिल पर बिठाया।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (बतौर सांसद श्रीमति सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया, को बताया कि दरअसल, महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की हालत पतली होती जा रही है, और उस समय विलास राव देशमुख की हालत नाजुक होने से दूसरे मराठा क्षत्रप सुशील कुमार शिंदे को देश का गृह मंत्री बनाकर समीकरण को संतुलित करने का प्रयास किया गया था।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी की नजरों में शिंदे की अहमियत वैसे तो देशमुख से कम ही है, पर अन्य कोई विकल्प ना होने के चलते मजबूरी में शिंदे को गृह मंत्री जैसा बड़ा ओहदा दिया है। बताते हैं कि इस खेल में बड़े उद्योगपतियों का भी हाथ है। अब जबकि देशमुख का अवसान हो चुका है तब शरद पंवार अगर अपना दबाव बढ़ा देते हैं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

वायुसेना बेस पर आतंकी हमला!


वायुसेना बेस पर आतंकी हमला!

(सोहेल अहमद)

इस्लामाबाद (साई)। पाकिस्तानी वायु सेना के कामरा अड्डे पर आज तड़के करीब १० आतंकवादियों के एक गुट ने धावा बोल दिया। समझा जाता है कि इस अड्डे पर परमाणु हथियार रखे गए हैं। इस हमले की वजह से आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच जबरदस्त गोलीबारी जारी है।
बताया जाता है कि आतंकवादियों में से कुछ ने सेना की वर्दी पहन रखी थी। कामरा वायु सैनिक अड्डे पर कड़ी चौकसी होने के बावजूद आतंकवादी तड़के करीब दो बजे इसमें दाखिल होने में कामयाब रहे। हमलावरों ने कम से कम तीन बैरियर्स पार किये और साब-२००० टोही विमान को निशाना बनाने की कोशिश की। टीवी चौनलों ने खबर दी है कि कम से कम पांच से छह हमलावरों को कमांडो ने गोली मार दी। आतंकवादियों के पिंड सुलेमान माखन गांव के रास्ते वायु सैनिक अड्डे में दाखिल होने की खबर है।
समाचार एजेंसी ऑफ, इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार इस गोलीबारी में पाकिस्तान के दो सुरक्षाकर्मी भी मारे गये हैं। कहा जा रहा है कि एयरबेस पर तैनात सैनिकों ने पांच छह आतंकवादियों को मार गिराया। कुछ सुरक्षा बलों के हताहत होने की भी खबरें हैं, लेकिन इसकी अभी कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुरूआत में जबरदस्त गोलीबारी और बमबारी की गई थी। कामरा पाकिस्तान का एक बहुत ही महत्वपूर्ण एयरबेस है। इस एयरबेस के साथ पाकिस्तान का एक एरोनॉटिकल कॉम्पलेस भी है, जो कॉम्बेक्ट जेट बनाता है। पहले ऐसी खबरें भी थी कि कामरा में पाकिस्तान के परमाणु हथियार रखे गए हैं, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इसका खंडन किया।

पुंछ में पाक ने की गोली बारी


पुंछ में पाक ने की गोली बारी

(विनोद नेगी)

जम्मू (साई)। जम्मू कश्मीर के पुंछ और कठुआ जिलों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने फिर गोलीबारी की है। कठुआ जिले के हीरानगर सैक्टर में कल हुई गोलीबारी से रथुआ और पानेसर के ग्रामीणों में दहशत फैल गई। पाकिस्तानी रेंजरों की तरफ से रथुआ और पानेसर गांव पर की गई गोलाबारी इतनी भारी थी कि लोग डर से अपने घरबार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए।
उधर, खबर मिली है कि एक दर्जन के करीब लोग जीरो लाइन पर पाकिस्तान के गालाबारी में दो घंटे तक फंसे रहे और किसी तरह से अपने आप को वहां से सुरक्षित निकाल सके। पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी दोपहर तीन बजे शुरू हुई जो कि देर रात तक चलती रही है। संघर्ष विराम की दूसरी घटना में पाकिस्तानी सेना ने पुंछ में कृष्णा घाटी सेक्टर में भारत की दो अग्रिम चौकियों क्रांति और कृपान पर जबरदस्त गोलाबारी की जिसका जवाब भारतीय सेना ने दिया। गोलाबारी में कोई भी नुकसान नहीं हुआ।

यूपी में कफ्यू में ढील


यूपी में कफ्यू में ढील

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश में बरेली के चारों कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में आज तीन से छह घंटे की ढील दी गई है। प्रेमनगर, किला और कोतवाली क्षेत्रों में सुबह छह बजे से दोपहर बारह बजे तक कर्फ्यू हटाया गया है, जबकि बारादरी थाने के इलाके में दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक ढील दी जाएगी।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में लगातार शांति बने रहने और किसी अप्रिय घटना के न होने को ध्यान में रखकर प्रशासन ने कर्फ्यू में छूट की अवधि बढ़ा दी है। इस दौरान कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में स्थित शिक्षण संस्थाओं और सरकारी कार्यालयों में स्वतंत्रता दिवस समारोह शांतिपूर्वक मनाए गए थे।
उधर, बरेली से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से मणि ने बताया कि शहर के किसी भी इलाके से पिछले तीन दिनों के दौरान किसी हिंसात्मक घटना का समाचार नहीं है। हालांकि आराजक तत्वों और हिंसा में शामिल लोगों की धड़पकड़ के लिए छापे और जांच की कार्रवाइयां जारी है और अब तक तीन सौ पचास से ज्यादा लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं।
बताया जाता है कि सूबे के इन क्षेत्रों में कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए रेपिड एक्शन फोर्स सहित सुरक्षा बलों की १८ कंपनिया तैनात हैं। गौरतलब है कि ११ अगस्त को जन्माष्टमी की शोभा यात्रा को लेकर दो गुटों के बीच झड़पों के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था।

विदेशों में स्थापित होगी आयकर इकाईयां


विदेशों में स्थापित होगी आयकर इकाईयां

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। कालेधन की समस्या और विदेशों से अवैध धन लाने तथा काला धन देश से बाहर जमा कराने की समस्या से निपटने के लिए सरकार १४ अतिरिक्त आयकर विदेशी इकाइयां-आई टी ओ यू खोलेगी। हाल ही में वित्त मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को इस बारे में विस्तृत प्रस्ताव भेजा है, साथ ही उन देशों के नाम भी सुझाए हैं, जहां ये इकाइयां लगाई जायेंगी।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि ये इकाइयां इन देशों में व्यक्तियों तथा संस्थानों द्वारा किए गये निवेशों के बारे में कर तथा वित्त संबंधी सूचना हासिल करेंगी और कानूनी रूप से किए गये निवेश या धन के भेजने या प्राप्त करने के बारे में सूचना का आदान-प्रदान करेंगी।
जिन नए देशों में ये आयकर इकाईयां स्थापित की जाएंगी, उनमें स्विट्जरलैंड भी शामिल है। स्विट्जरलैंड एक महत्त्वपूर्ण सहयोगी देश है जिसके साथ भारत ने दोहरा कराधान निषेध समझौते और कर विनिमय संधि का नवीकरण किया है ताकि विदेशों में काला धन जमा कराने या फिर विदेशों से गैर कानूनी धन लाने के मामलों से सख्ती से निपटा जा सके।

निःशक्तजन हेतु निःशुल्क परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम 21 से


निःशक्तजन हेतु निःशुल्क परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम 21 से

(सुरेंद्र जायस्वाल)

जबलपुर (साई)। विशेष रोजगार कार्यालय (अपंगों के लिए) जबलपुर एवं समन्वय सेवा केन्द्र जबलपुर के संयुक्त तत्वावधान में रेल्वे एवं बैंकिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु निःशुल्क परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम 21 अगस्त से प्रारं किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण केवल ऐसे निःशक्त आवेदकों के लिये है, जो इस वर्ष आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित हो रहे हैं।
परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित होने के इच्छुक आवेदक अपना नाम इन केन्द्रों में 20 अगस्त तक कार्यालयीन समय में दर्ज करा सकते हैं। यह प्रशिक्षण 21 अगस्त से समन्वय सेवा केन्द्र छोटी लाईन फाटक के सामने जबलपुर में प्रतिदिन अपरान्ह 3 बजे से 5.30 बजे तक एक माह चलेगा। अधिक जानकारी हेतु दूराष नंबर 0761-2426948 पर संपर्क किया जा सकता है।

स्वतंत्रता दिवस पर कमिश्नर और कलेक्टर कार्यालय में ध्वजारोहण


स्वतंत्रता दिवस पर कमिश्नर और कलेक्टर कार्यालय में ध्वजारोहण

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। स्वतंत्रता दिवस पर संभागायुक्त कार्यालय में भोपाल संभागायुक्त श्री प्रवीण गर्ग ने तिरंगा झण्डा फहराया। इस अवसर पर सामूहिक रूप से राष्ट्रगीत का गायन किया गया। कलेक्ट्रेट कार्यालय में कलेक्टर श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झण्डा फहराया। इस अवसर पर उपस्थित कलेक्ट्रेट के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने राष्ट्रगीत का गायन  किया। संभागायुक्त श्री प्रवीण गर्ग और कलेक्टर श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।

फिर मजबूरी का राग अलापा मनमोहन ने


फिर मजबूरी का राग अलापा मनमोहन ने

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के नेहरू गांधी परिवार से इतर वजीरे आज़म डॉ.मनमोहन सिंह ने लगातार नौवीं मर्तबा लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा लहराया है। इस बार उनसे अनेक अपेक्षाएं थीं कि वे देश के नाम अपने संबोधन में देश को कुछ नया देंगे, पर सदा की तरह इस बार भी उन्होंने अपने संबोधन में अपनी मजबूरियों को ही प्राथमिकता के आधार पर बखान किया।
15 अगस्त को जब मनमोहन सिंह देश के नाम संदेश पढ़ रहे थे तब उन्होंने अपने 34 मिनट के भाषण में देश की समस्याओं के प्रति पूरी तरह से बेरूखी ही अपनाई। हालांकि इस भाषण में उन्होंने यह संकेत देने की कोशिश जरूर की कि वे हालात के लिए अकेले जिम्मेदार नहीं हैं। इसके लिए तमाम राजनीतिक दल भी उतने ही दोषी हैं।
माना जा रहा था कि असम में हुए दंगे और इसके बाद मुंबई में हुई हिंसा के बाद इस मसले पर अपेक्षा थी कि प्रधानमंत्री कुछ ठोस बोलेंगे लेकिन इस मुद्दे पर उन्होंने बोलने में औपचारिकता भर निभाई। इस कारण वे विपक्ष और खासकर बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी के निशाने पर आए।
इसके अलावा कालेधन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने एक भी शब्द नहीं बोला। वह भी तब जब महज एक हफ्ते पहले पीएमओ की ओर से कालेधन पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई थी, वहीं रामदेव ने आंदोलन छेड़ रखा है। प्रधानमंत्री ने रिटेल में एफडीआई जैसे मुद्दे पर कोई भी संकेत नहीं दिए। दरअसल उन्होंने उन मुद्दों को बिल्कुल नहीं छुआ, जिन पर गठबंधन के अंदर ही एकमत नहीं है।
प्रधानमंत्री ने सरकार की सबसे लंबित महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा योजना पर भी कुछ नहीं बोला। जबकि कहा जा रहा है कि मनरेगा के बाद यह सरकार की सबसे पसंदीदा योजनाओं में एक है। कैबिनेट से इसे पास भी किया जा चुका है, लेकिन खुद सरकार के अंदर इस मुद्दे पर विरोध है।
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर कई क्षेत्रों में सफलताएं मिलने का तो दावा किया, लेकिन वह देश के सामने सुरक्षा की तरह मुंह बाये खड़े मुद्दों पर मौन साध गए। उन्होंने मात्र 17 लाइनों में देश की आंतरिक सुरक्षा का पूरा ब्यौरा दे दिया। उनके भाषण में असम का तो जिक्र था, लेकिन मुंबई गायब था। सांप्रदायिकता पर एक शब्द भी वह नहीं बोले।
प्रधानमंत्री ने माना कि आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना है। उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव को हर कीमत पर बनाए रखने पर जोर दिया, लेकिन देश के विभिन्न राज्यों में बढ़ रही सांप्रदायिक हिंसा और धर्म के नाम पर बढ़ रही अवांछनीय गतिविधियों पर एक शब्द भी नहीं कहा।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार असम की घटनाओं की वजहों को समझने की कोशिश करेगी, लेकिन सीमा पर घुसपैठ रोकने या फिर घुसपैठियों की पहचान के मुद्दे पर वह मौन ही रहे। न ही वह असम और म्यांमार की घटनाओं के विरोध में मुंबई में हुई हिंसा पर कुछ बोले।
आतंकवाद और जिहादी हमलों का भी उल्लेख प्रधानमंत्री के भाषण में सिर्फ नाममात्र के लिए था। पिछले दिनों पुणे में हुए बम विस्फोटों की बात तो उन्होंने की, लेकिन जम्मू-कश्मीर में जिहादी संगठनों द्वारा जारी किए जा रहे फतवों और सीमा पर घुसपैठ की कोशिशों का जिक्र उन्होंने नहीं किया। प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े लोगों की ओर से नए संगठन खड़े किए जाने और छोटे-छोटे मुद्दों पर लोगों को भड़काने के बारे में भी प्रधानमंत्री कुछ नहीं बोले, जबकि वास्तविकता यह है कि आज देश को सबसे ज्यादा खतरा ऐसी मुहिम से ही है।

दंगों में शक के घेरे में है मुंबई पुलिस


दंगों में शक के घेरे में है मुंबई पुलिस

(दीपक अग्रवाल)

मुंबई (साई)। मुंबई में हुए दंगों में यहां की स्थानीय पुलिस भी अब शक के दायरे में आने लगी है। दंगे के दौरान एक शख्स को गिरफ्तार करने वाले डीसीपी पर मुंबई पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक जिस तरह भड़के उससे तो यही लगता है। कमिश्नर ने डीसीपी को जमकर झाड़ लगाई और उस शख्स को छोड़ने का आदेश दिया।
एक वेब साईट पर अपलोड किए गए एक विडियो के मुताबिक, एक दंगाई को जब डीसीपी डीसीपी रवींद्र शिश्वे ने गिरफ्तार किया तो उनपर कमिश्नर पटनायक भड़क गए। पटनायक ने कहा, कि इसे गिरफ्तार करने के लिए आपको किसने बोला? पटनायक यहीं तक नहीं रुके। उन्होंने डीसीपी को सस्पेंड करने की धमकी भी दे डाली।
पटनायक ने कहा, आप सांगली के एसपी नहीं हैं, आप मुंबई के डीसीपी हैं। आपको जो कहा जा रहा है, उसे फॉलो कीजिए, नहीं तो सस्पेंड कर दिए जाएंगे। उन्होंने डीसीपी को यह भी कहा कि मैं मुंबई का पुलिस कमिश्नर हूं और आप मेरे निर्देशों का पालन कीजिए। इसके बाद डीसीपी ने उस शख्स को छोड़ दिया।
असम में हुए दंगे के खिलाफ पिछले शनिवार को मुंबई में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग अचानक हिंसक हो गए और आगजनी व दंगा करने लगे। इस दंगे में 2 लोग मारे गए थे और 50 लोग घायल हो गए थे।
पुलिस कमिश्नर से जब इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। इस बाबत एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उस समय स्थिति बहुत नाजुक थी अगर हम किसी भी शख्स को गिरफ्तार करते तो भीड़ और हिंसक हो जाती और दंगा और भड़क जाता। उन्होंने कहा, कि उस वक्त हमारी रणनीति यह थी कि हम पहले दंगाइयों को अलग करें ताकि हिंसा पर नियंत्रण किया जा सके। हम दंगा करने वालों को बाद में गिरफ्तार करेंगे।
दंगाइयों से सख्ती से निपटने के मामले में मुंबई पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि दंगा के दौरान अमर जवान ज्योति (शहीद स्तंभ) को लात मारने वाले शख्स की पहचान हो चुकी है। मुंबई के अखबारों में यह खबर छप चुकी है कि वह शख्स फारस रोड का रहने वाला है और वह वहां पर खुला घूम रहा है लेकिन पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पिछले कुछ सालों का मुंबई पुलिस का रेकॉर्ड बताता है कि दंगाइयों की गिरफ्तारी के मामले में उसका रेकॉर्ड काफी खराब रहा है।
मार्च 2006 में अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश जब भारत की यात्रा पर आए थे तो मुंबई में उनके खिलाफ विराध प्रदर्शन हुए थे और भीड़ बेकाबू हो गई थी और दंगे हुए थे। यही नहीं, पैगंबर मोहम्मद साहब की कार्टून छपने पर यहां पर विरोध प्रदर्शन किए गए थे और भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया था। लेकिन मुंबई पुलिस अब तक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
शिवसेना और एमएनएस ने दंगाइयों से सख्ती से न निपटने पर मुंबई पुलिस और राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा सरकार को श्नपुंसकश् कहा है। वहीं, एमएनएस चीफ राज ठाकरे ने मुंबई पुलिस की जमकर खिंचाई की है।

कुलीन परिवार की महिलाओं को फंसाया जा रहा सेक्स रेकिट में


कुलीन परिवार की महिलाओं को फंसाया जा रहा सेक्स रेकिट में

(रश्मि कुलश्रेष्ठ)

मेरठ (साई)। इन दिनों उत्तर प्रदेश में कुलीन और सभ्रांत परिवारों की महिलाओं को देह व्यापार में उतारने के अनेक मामले चर्चाओं में हैं। इनमें संपन्न घरों की महिलाएं ही प्रमुख रूप से इस रेकिट की शिकार हो रही हैं। अपने शिकंजे में लेने के बाद कुछ तत्व इन महिलाओं का दैहिक शोषण आरंभ कर देते हैं।
बताया जाता है कि मेरठ की पॉश कालोनी में रहने वाले बड़े घरों की महिलाओं और लड़कियों पर इस गिरोह की नजर रहती है। इस घिनौने काले कारोबार का शिकार बन चुकी सविता (काल्पनिक नाम) का कहना है कि इस कारोबार को चलाने वाले लोगों ने कुछ महिलाओं को भी एजेंट के रूप में अपने साथ रखा हुआ है। इन महिला एजेंटों की नजर रईस परिवार की उन महिलाओं पर होती है, जो मौज मस्ती के लिए किटी पार्टी, क्लब और अन्य संस्थाओं में जाती है। पहले महिला एजेंट रईस परिवारों की ऐसी महिलाओं का विश्वास जीतती है। फिर धीरे-धीरे उन्हें मुनाफे का लालच देकर शारीरिक शोषण का शिकार बनाती हैं। इन्हें इन लोगों ने डिब्बा कारोबार का नाम दिया है।
उक्त भुक्तभोगी महिला के अनुसार पॉश इलाकों की रईस महिलाएं लगभग हर दूसरे-तीसरे दिन किसी न किसी होटल, रेस्टोरेंट, फॉर्म हाउस आदि में किटी पार्टी के नाम पर इकट्ठे होकर मौज-मस्ती करती हैं। इसी में शामिल महिला एजेंट उन्हें एमसीएक्स और शेयर बाजारों के 2 नंबर में संचालित डिब्बा कारोबार में थोड़ा सा पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देती हैं।
एमसीएक्स के अवैध कारोबार को ही डिब्बा कारोबार कहते हैं। एमसीएक्स यानी मल्टि कमॉडिटी एक्सचेंज 2 तरीके से संचालित किया जाता है। एक तो इसको सरकार से लाइसेंस शुदा लोग संचालित करते हैं, जिसमें इन कारोबारियों को सारा कारोबार नंबर 1 में करना होता है। इसी तरह शेयर बाजार में किए जाने कारोबार के लिए सेबी के नियमों का पालन करते हुए लाइसेंस शुदा शेयर ब्रोकर काम करते हैं। लेकिन बाजार में अवैध तरीके से भी यह धंधा संचालित किया जाता है।

शिमला प्रेस क्लब का चुनाव 18 अगस्त को


शिमला प्रेस क्लब का चुनाव 18 अगस्त को

(स्वाति नाडकर्णी)

शिमला (साई)। शिमला प्रेस क्लब के सालाना चुनाव 18 अगस्त को होंगे। निर्वाचन अधिकारी सुशील कुमार के मुताबिक नामांकन पत्र 8 और 9 अगस्त को प्राप्त किए जा सकते हैं। नामांकन भरने की तारीख 10 अगस्त तय की गई है। 12 अगस्त को उम्मीदवार अपने नाम वापिस ले सकते हैं। शिमला प्रेस क्लब में अध्यक्ष पद को लेकर इस बार मारामारी है। मौजूदा अध्यक्ष धनंजय शर्मा एक बार फिर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। तीन साल पहले एक साल के लिए उन्हें अध्यक्ष चुना गया था, लेकिन वे कब्जा जमाकर बैठ गए। तीन साल तक उन्होंने चुनाव नहीं कराए, जबकि क्लब के संविधान के मुताबिक हर साल चुनाव कराना लाजिमी है।
जनसत्ता के अश्विनी वर्मा, हिमाचल आजकल के भूपिन्दर चौहान, दैनिक ट्रिब्यून के ज्ञान ठाकुर और एक न्यूज चौनल के बीडी शर्मा ने भी अध्यक्ष पद पर ताल ठोंक दी है। यह पहला अवसर है, जब इतने उम्मीदवार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में कूदने पर आमादा हैं। इससे पहले ज्ञान ठाकुर क्लब के महासचिव थे। क्लब के सदस्य तीन साल तक चुनाव न कराने के लिए धनंजय शर्मा और ज्ञान ठाकुर को बराबर दोषी मानते हैं। दोनों के खिलाफ क्लब के सदस्यों में खासा आक्रोश है। बावजूद दोनों ने एक ही पद पर चुनाव लड़ने का मन बना रखा है। महासचिव पद पर अभी तक संजीव शर्मा का अकेला नाम ही सामने आया है।
बताया जाता है कि सदस्यों की बेरूखी को देखते हुए मौजूदा अध्यक्ष धनंजय शर्मा तनाव में हैं। इसी कारण धनंजय शर्मा ने अध्यक्ष पद के एक अन्य उम्मीदवार अश्विनी वर्मा के साथ क्लब में ही धक्कामुक्की कर दी। यह मंगलवार की घटना है। सोमवार को एक अन्य उम्मीदवार ज्ञान ठाकुर के साथ भी धनंजय शर्मा बदतमीजी पर उतर आए। शिमला के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने निर्वाचन अधिकारी सुशील कुमार और साहिल शर्मा से दखल की गुजारिश की है। क्लब के संस्थापक सदस्यों का कहना है कि क्लब में जो माहौल धनंजय शर्मा अपनी बेजा हरकतों से उत्पन्न कर रहे हैं, उससे क्लब की गरिमा नष्ट हो रही हैं। यदि बाज न आए तो उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया जाए।

शर्मा, सूर्यवंशी बनाम बेल्‍लारी बंधु

शर्मा, सूर्यवंशी बनाम बेल्‍लारी बंधु
(सरिता अरगरे)

भोपाल (साई)। भाजपा राज में रेड्डी बंधुओं के भ्रष्टाचार की काली कहानी जानने के लिए कर्नाटक मत जाइये. देश के दिल मध्य प्रदेश आइये. भाजपाई सत्ता ने अपने संरक्षण से यहां भी कुछ रेड्डी बंधुओं जैसे नेतानुमा उद्योगपति पैदा कर दिये हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हों या फिर प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा. वे सब मिल जुलटकर भ्रष्टाचार की पैदाइश ऐसे रेड्डी बंधुओं को पाल पोस रहे हैं. मध्य प्रदेश में भी सत्ता, मीडिया और उद्योगपतियों का एक ऐसा त्रिभुज बन गया है जिसके किसी भी सिरे पर जनहित नहीं बचा है.

दिल्ली में बाबा रामदेव भले ही कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल बजाएं लेकिन लगता है वे जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं. जून में मध्य प्रदेश शासन ने जिन दो भाजपा के नेतानुमा उद्योगपतियों(दिलीप सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा) के यहां छापेमारी करके करोड़ों बरामद किया था, कभी बाबा रामदेव उनको आशिर्वाद देकर आ चुके हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने बाबा रामदेव के साथ दिलीप सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा के फोटो जारी कर बाबा की सच्चाई को जगज़ाहिर कर दिया है। तस्वीरों में से एक में दिलीप सूर्यवंशी एक कार्यक्रम के दौरान बाबा के चरण छू रहे हैं। वहीं, दूसरी तस्वीर में बाबा के दायें-बायें छप्परफ़ाड़ तरीके से धनकुबेर बने सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा खड़े हैं। सवाल है कि बाबा रामदेव भाजपाइयों के काले धन और भ्रष्टाचार के मामले में मौन क्यों हैं?

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब जापान, सिंगापुर और कोरिया की दस दिन के दौरे पर थे, तब आरएसएस नेता सुरेश सोनी के करीबी बीजेपी नेता सुधीर शर्मा और शिवराज के करीबी बिल्डर दिलीप सूर्यवंशी के 60 ठिकानों पर इनकम टैक्स ने छापे मारे और साढ़े छह करोड़ रुपये नकद, दस किलो सोना और सैकड़ों एकड़ जमीन के कागजात जब्त किए थे। सूर्यवंशी के घर से बड़ी तादाद में मंत्रियों की तबादले संबंधी नोटशीट्स भी मिली थीं। इन सरकारी कागज़ात का मिलना साफ़ गवाही देता है कि सूर्यवंशी का सत्तादृसाकेत में कितना और किस हद तक सीधा दखल था। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि राखी सावंत से लेकर ओबामा और भोपाल की गली-कूँचों से लेकर वाशिंगटन तक के हर छोटे-बड़े मसले पर तत्काल बयान जारी करने वाले मुख्यमंत्री अपने रात-दिन के करीबी पर खामोशी अख्तियार किए बैठे हैं।

उधर पूर्व प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने सीडी जारी कर दिलीप सूर्यवंशी से मुख्यमंत्री के करीबी रिश्तों का खुलासा किया है। सीडी में साल 2008 की एक वीडियो क्लिपिंग जिसमें सीएम का उदबोधन है और श्री सूर्यवंशी के संबंध में बात कही गई है। इसमें मुख्यमंत्री चार साल पहले खुले मंच से दिलीप सूर्यवंशी और खनन माफिया सुधीर शर्मा से सीधे संबंध स्वीकारते दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने यहाँ तक कहा है कि मेरे बचपन के दौर के पालन पोषण में सूर्यवंशी परिवार का बड़ा योगदान रहा है।

सत्ताधीशों की करीबी पाकर लक्ष्मी की कृपादृष्टि पाने का खेल समझने के लिए इतना जानना काफ़ी है कि आठ साल पहले दिलीप सूर्यवंशी के पास तेरह डंपर थे जिनकी संख्या बढ़कर अब 1820 हो गई है। इसी तरह सरस्वती शिशु मंदिर के शिक्षक रहे सुधीर शर्मा पर कुबेर की असीम अनुकंपा का नज़ारा कुछ ऎसा रहा कि “आचार्यजी” प्रदेश में सबसे ज़्यादा आयकर देने के बावजूद भी आयकर छापों के फ़ेर में उलझ गये। ज़ाहिर है इतनी अकूत संपदा इतनी छोटी सी अवधि में ईमानदारी और मेहनत से अर्जित कर पाना नामुमकिन है। साफ़ है कि लक्ष्मी और कुबेर से ज़्यादा इन पर सरकार के मुखिया और पार्टी के कुछ चुनिंदा नेताओं  की खास नज़रे इनायत रही।

शुरुआती दौर में मध्य प्रदेश में इन कारोबारियों पर इनकम टैक्स छापों का मामला गंभीर होता नज़र आ रहा था। इस मुद्दे पर पोस्टर वॉर शुरू हो गया। एक बारगी तो ऎसा लगा मानो इस मुद्दे पर भाजपा को ना सिर्फ़ मुख्यमंत्री बदलना पड सकता है, बल्कि कर्नाटक के येदियुरप्पा के मामले से भी कई गुना ज़्यादा बड़े तमाम घोटालों पर किरकिरी झेलना पड़ सकती है। मगर भला हो काँग्रेस के नेताओं खास तौर पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह , विधायक कल्पना परुलेकर और चौधरी राकेश सिंह का, जिन्होंने वक्त रहते सरकार के “साँच पर आँच” नहीं आने दी। हालांकि छापों के तुरंत बाद कांग्रेस ने भोपाल में पोस्टर लगाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ग्यारह सवाल पूछे थे। कांग्रेस का आरोप था कि जिन कारोबारियों के यहां छापे पड़े हैं, वे सब शिवराज सिंह के खास करीबी हैं और उनकी ही मेहरबानी से रातोंरात अरबपति बन गए हैं।

पोस्टरों में दावा किया गया था कि साढ़े छह साल पहले दिलीप सूर्यवंशी की कंपनी दिलीप बिल्डकॉन का टर्नओवर तेरह करोड़ रुपये था, आज जेट की रफ़्तार से एक हजार करोड़ रुपये तक जा पहुँचा है। उनकी कंपनी चार हजार करोड़ रुपये के ठेकों पर काम कर रही है। पोस्टर में सवाल पूछा गया कि क्या दिलीप सूर्यवंशी ने मुख्यमंत्री के अरेरा कॉलोनी के फ्लैट ई-3/163 की साज सज्जा पर बीते साल बीस लाख रुपये खर्च नहीं किए? मुख्यमंत्री के निजी सचिव का भाई दिलीप सूर्यवंशी के किस कारोबार में पार्टनर है? इन आरोपों के जवाब में मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष प्रभात झा का कहना था कि क्या बीजेपी के लोग व्यापार नहीं करेंगे? और व्यापार करेंगे तो क्या इनकम टैक्स वाले टैक्स नहीं मांगेगे। ये कोई अपराध नहीं है। मनुष्य की वृत्ति होती है टैक्स बचाना और इनकम टैक्स का काम होता है, ज्यादा इनकम होने पर टैक्स लेना और अपने अपने काम में सब लगे हैं।  

मीडिया मैनेजमेंट और निहित स्वार्थों के कारण विपक्ष के ढ़ीले पड़ते तेवरों से बेशक सूबे के मुखिया कुछ और वक्त तक अपना चेहरा चमकाए रख सकते हैं , लेकिन इस हकीकत को झुठलाया नहीं जा सकता कि सच्चाई को लम्बे वक्त तक दबाना या छिपाना किसी के बूते की बात नहीं है। गुज़रते वक्त के साथ सच्चाई खुद ब खुद बाहर आकर ही रहेगी। रसूख से लोगों का मुँह बंद किया जा सकता है। नोटों से समाज पर असर डालने वाले चंद लोगों को कुछ वक्त के लिये अपने पक्ष में खड़ा किया जा सकता है। इस सबके बावजूद वक्त की बदलती चाल दूध का दूध और पानी का पानी किए बिना नहीं रहती।

सबरजीत को जान का खतरा, सोनिया से लगाई गुहार


सबरजीत को जान का खतरा, सोनिया से लगाई गुहार

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे सरबजीत सिंह ने दावा किया है कि जेल में उनकी जान को खतरा है। सरबजीत फिलहाल पाकिस्तान के कोट लखपत जेल में बंद हैं। सरबजीत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए पत्र में अपनी जान को खतरा होने की बात कही है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि जेल अधिकारी उन्हें अस्वास्थ्यकर भोजन दे रहे हैं जिसे खाना मुश्किल है और उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है। सरबजीत के वकील अवैस शेख ने हाल में ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति के समक्ष नए सिरे से दया याचिका दायर की थी जिसमें उसकी मौत की सजा को कम करने की मांग की गई थी। शेख सरबजीत का पत्र भारत लेकर आए हैं।
सबरजीत ने शेख के जरिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, बहन दलबीर कौर और पुत्री पूनम के लिए अलग-अलग पत्र भेजे हैं। सरबजीत को संदेह है कि खाने में कुछ गड़बड़ सामग्री है जिससे दिन-ब-दिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और उनके एक पांव में जबर्दस्त दर्द होने लगा हैं शेख ने दावा किया कि कोट लखपत जेल में हाल में सरबजीत के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने खुद भोजन को चखा और वह मनुष्य के खाने लायक नहीं था।
सरबजीत ने यह भी आरोप लगाया कि जेलकर्मी उनके साथ दुव्घर््यवहार कर रहे हैं और जेल अधिकारियों की ओर से ताना मारना आम बात हो गई है। उन्होंने जेल के भीतर चिकित्सा सुविधा के अभाव का भी आरोप लगाया। सरबजीत ने सोनिया से अनुरोध किया है कि वह पाकिस्तान सरकार से उनके परिवार के सदस्यों को उनसे मुलाकात करने के लिए वीजा देने की अपील करें। पुत्री पूनम को भेजे गए पत्र में सरबजीत ने उससे जमकर पढ़ाई करने को कहा है।
सिंह ने अपनी बहन दलबीर कौर को लिखे पत्र में भी जेल में अस्वास्थ्यकर खाना दिए जाने और खराब बर्ताव किए जाने का उल्लेख किया है। पत्र मिलने के बाद कौर ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अनुरोध किया कि वह पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग को जेल अधिकारियों के समक्ष यथाशीघ्र स्वास्थ्यकर खाना प्रदान करने और सरबजीत को अनिवार्य इलाज मुहैया कराने के मुद्दे को उठाने को कहें। गत 4 जुलाई को कौर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपने भाई की रिहाई के लिए हस्तक्षेप करने को कहा था।

नलों में पानी की बजाए आ रहे लाखों के देयक


नलों में पानी की बजाए आ रहे लाखों के देयक

(अमित कौशल)

नोएडा (साई)। दिल्ली एनसीआर में शामिल नोएडा भले ही उत्तर प्रदेश का अंग हो पर यहां सल्तनत दिल्ली की ही चलती है। यहां के निवासियों को पीने के पानी के लिए रोज समस्याओं से दो चार होना आम बात हो चुकी है। गंदा बदबूदार पानी पीने के बाद इन रहवासियों को लाखों के पानी के देयक भी थमाए जा रहे हैं।
एक तो पीने का साफ़ पानी नहीं ऊपर से लाखों के बिल से नोएडावासी परेशान हो रहे हैं। पानी के ऐसे बिलों ने नोएडा के कई लोगों के होश उड़ा दिए हैं। कुछ सोसाइटीज़ में तो ये बिल करोड़ों में पहुंच गया है। लोग अब नोएडा विकास प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे हैं।
बताया जाता है कि नोएडा के सेक्टर 31 में रहने वाले एनसी चक्रवर्ती को जल बोर्ड ने 96000 रुपये का बिल थमा दिया है। जबकि चक्रवर्ती हर साल अपना बिल भरते रहे हैं। बोर्ड के अफ़सरों को उन्होंने रसीद भी दिखाई लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। ये अकेला मामला नहीं है। अशोक रहेजा को 12 साल के बकाये के नाम पर 56 हजार का बिल मिला है। सेक्टर 99 में एक फ्लैट के मालिक आलोक मल्होत्रा के नाम भी 20 हजार का बिल चला आया है जबकि अब तक उनको कनेक्शन ही नहीं मिला।
सेक्टर 41 में रहने वाले एस गुप्ता को पिछले साल कनेक्शन मिला है, बिल 34 हजार का आ गया है। सेक्टर 93 की वेलफेयर सोसाइटी को तो एक करोड़ 17 लाख रुपये का बिल भेजा गया है। वहीं, जल बोर्ड की दलील है कि कई लोगों ने बरसों से बिल नहीं दिए हैं। लेकिन लोगों का कहना है उन्हें कभी बिल मिला ही नहीं। फिर जो नियमित भुगतान करते रहे हैं उन्हें भी अनाप.शनाप बिल भेजे गए हैं।

ममता ने रचा नया इतिहास


ममता ने रचा नया इतिहास

(प्रतुल बनर्जी)

कोलकता (साई)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आजाद भारत में वर्ष 1948 से चली आ रही परम्परा को तोड़ते हुए इस बार इंदिरा गांधी सरनी में तिरंगा फहराया, जिसे रेड रोड के नाम से भी जाना जाता है। अब तक स्वतंत्रता दिवस पर राज्य सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग में तिरंगा फहराया जा रहा था।
ममता ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया तथा कोलकाता पुलिस, पश्चिम बंगाल पुलिस तथा रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों और समारोह में शामिल छात्रों का मार्च-पास्ट देखा। पश्चिम बंगाल पुलिस, पूर्वी सीमांत राइफल्स तथा राज्य सरकार के अन्य विभागों और स्कूलों ने इस अवसर पर झांकियां निकाली। स्वतंत्रता दिवस समारोह को देखते हुए रेड रोड पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

बिजली नहीं तो वोट नहीं: नितीश


बिजली नहीं तो वोट नहीं: नितीश

(प्रतिभा सिंह)

पटना (साई)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगर प्रदेश में बिजली की स्थिति में सुधार नहीं ला सके तो 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह वोट मांगने के लिए लोगों के बीच नहीं जाएंगे। देश के 66वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि अगर प्रदेश में बिजली की स्थिति में सुधार नहीं ला पाये, तो वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में वह वोट मांगने के लिए लोगों के बीच नहीं जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली की स्थिति को उन्होंने चुनौती के रूप में लिया है और प्रदेश वासियों से वादा किया है इसकी स्थिति को सुधारेंगे। नीतीश ने कहा कि बिजली के क्षेत्र को में चाहे वह उत्पादन, संचरण, वितरण आदि हो हर स्तर पर सुधार लाने के लिए प्रयत्नशील हैं और इसके लिए योजना बन रही है।
उन्होंने कहा कि बरौनी थर्मल पावर इकाई को कोल लिंकेज मिल जाए इसके लिए वे वर्ष 2006 से प्रयासरत थे और अंततः इसी महीने हमें अस्थायी कोल लिंकेज मिला है तथा अब हम 2014 तक बरौनी थर्मल पावर इकाई के विस्तारीकरण की योजना को पूरा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने नबीनगर के किसानों को बिहार सरकार और एनटीपीसी की संयुक्त बिजली इकाई की स्थापना के लिए अपनी जमीन देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उक्त संयत्र पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि बाढ स्थित एनटीपीसी की इकाई के दूसरे चरण पूरा होने से पचास प्रतिशत बिजली मिलेगी और प्रथम चरण में अभी पच्चीस प्रतिशत हिस्सा मिला है तथा और हिस्सेदारी हासिल करने के लिए लगे हुए हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में निजी क्षेत्र में भी बिजली की इकाइयां लग रही हैं और उन्हें पूरा विश्वास है कि अगले तीन-चार वष्रो में हम जरूर आत्मनिर्भर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य बिजली के मामले में आवश्यकता से अधिक होने का है, इसका इतना उत्पादन कर सकें कि अपनी जरूरतों को पूरा करने के बाद देश के अन्य हिस्सों को पूरा करने में हम योगदान दें।
नीतीश ने कहा कि इसके लिए पारेषण लाइन, सब-ट्रांसमिशन लाइन एवं डिस्ट्रीब्यूशन लाइन को ठीक करने के साथ 72 हजार किलोमीटर जर्जर तारों को बदलने की महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत की है तथा ग्रिड, सबग्रिड, पावर सबस्टेशन सभी पर काम जारी है।
उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से जो काम करने का मौका मिला है और उन्हें इसी के लिए जनता ने चुना है। नीतीश ने कहा कि उन्होंने एक भी क्षण बर्बाद नहीं किया है और उनकी कोशिश रही है कि एक-एक पल का सदुपयोग करें और जनसेवा में लगाएं।

बीस लाख के सारथी की तलाश है क्वीन को


बीस लाख के सारथी की तलाश है क्वीन को

(अभिलाषा जैन)

लंदन (साई)। दुनिया पर हुकूमत करने वाले ब्रिटेन की महारानी को इस समय दरकार है एक अच्छे सारथी की। अगर आपके पास ब्रिटेन का चालक लाईसेंस है और थोडी बहुत कूटनीतिक समझ बूझ है तो आप बीस लाख रूपए प्रतिमाह की चालक की नौकरी पा सकते हैं। जी हां, यह सच है।
शाही परिवार के वेबसाइट पर एक विज्ञापन है जिसमें बकिंघम पैलेस में लॉर्ड चेम्बरलीन कार्यालय में चालक की जरूरत है। योग्यता के तौर पर मांगा गया है. उम्मीदवारों के पास ब्रिटेन का ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए, बातचीत करने की तहजीब होनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर कूटनीति की भी समझ होनी चाहिए।
स्थानीय दैनिक डेली मेलकी खबर के अनुसार, चयनीत व्यक्ति को सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा, वह जहां भी जाएगा वहां रहने की व्यवस्था निशुल्क की जाएगी और उसका वेतन लगभग 20,01,000 रूपए होगा। चालक का काम होगा, प्रमुख चालक द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुसार शाही परिवार के लोगों, अधिकारियों और आधिकारिक मेहमानों का वाहन चलाना और उन्हें लाना ले जाना।

मस्जिद कमेटियों को तलाक संबंधी फतवे जारी करने का अधिकार नहीं: अदालत


मस्जिद कमेटियों को तलाक संबंधी फतवे जारी करने का अधिकार नहीं: अदालत

(संतोष पारदसानी)

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि मुस्लिम पसर्नल ला के तहत मस्जिद कमेटियों को तलाक से संबंधित फतवे जारी करने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। न्यायाधीश अजित सिंह एवं संजय यादव की युगलपीठ ने जारी आदेश में कहा है कि तलाक के फैसले जारी करने का हक अदालतों को है। मस्जिद कमेटियों किसी भी तरह सिविल अदालत के रुप में कार्य नहीं कर सकती हैं।
भोपाल निवासी मोहम्मद जहीर खान कोटी की तरफ से वर्ष 2009 में दायर की गयी जनहित याचिका में कहा गया था कि राज्य शासन ने वर्ष 1980 में अधिसूचना जारी कर मस्जिद कमेटी भोपाल को भोपाल, रायसेन एवं सिहोर जिलों में स्थित मस्जिदों की देख-रेख की जिम्मेदारी दी थी.
याचिका में कहा गया है कि नियमों के अनुसार, मस्जिद कमेटी को तलाक के मामलों में दखल देने का हक नहीं था, लेकिन इसके बावजूद भी मस्जिद कमेटी ने दारुल कजा एवं दारुल इफतर नामक दो उप इकाईयों का गठन किया। दारुल कजा ईकाई तलाक के मामलों की सुनवाई करने तथा दारुल इफतर फतवे जारी करने लगे, जो अवैधानिक एवं नियम विरुद्ध है।
न्यायालय में लंबित प्रकरणों में भी मस्जिद कमेटी के द्वारा जारी तलाकनामे को दस्तावेज के रुप में प्रस्तुत किया गया. युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए को अपने फैसले में कहा है कि मस्जिद कमेटियां समानांतर अदालतें नहीं चला सकती है। वह आपसी सहमति के तहत दोनों पक्षों में समझौता करवाने के लिए स्वतंत्र है। युगलपीठ ने संबंधित पक्षकारों को यह स्वंतत्रता दी है कि वह चाहे तो इन कमेटियों के फैसलों को सक्षम अधिकरण में चुनौती दे सकते है।

गायब गोरैया के प्रति शीला हुईं संजीदा


गायब गोरैया के प्रति शीला हुईं संजीदा

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। एक मर्तबा शीला दीक्षित ने एक प्रोग्राम में दिल्ली में प्रदूषण के कारण गायब हो रही गोरैया पर चिंता जाहिर की थी। अब शीला सरकार ने गौरैया को दिल्ली का राजकीय पक्षी घोषित कर दिया है। साथ ही गौरैया बचाने क लिए सेव स्पैरो के नाम से एक मुहिम शुरू की गई है।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इसमें सोशल नेटवर्किंग साइड्स के ज़रिए लोगों को जागरुक किया जायेगा। इस अभियान में स्कूली बच्चों को भी जोड़ा जाएगा. दिल्ली में प्रदूषण और खत्म होते पेड़ पौधों की वजह से चिड़ियों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है।

अब हरियाणा में गुटखा बंद


अब हरियाणा में गुटखा बंद

(अनेशा वर्मा)

फरीदाबाद (साई)। हरियाणा सरकार ने से तंबाकू और निकोटीन तत्व वाले गुटखा और पान मसाला के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है और कहा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाएगा। हरियाणा के खाद्य सुरक्षा आयुक्त राकेश गुप्ता ने कहा कि जनता की सेहत के हित में एक साल की अवधि के लिए इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि गुटखा और पान मसाला ऐसी खाद्य सामग्री हैं जिनमें तंबाकू और निकोटीन का इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जाता है। गुप्ता ने कहा कि केंद्र द्वारा लागू खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों के निर्माण तथा बिक्री पर पाबंदी है।

एक था टाइगर


फिल्म रिव्यू - 

एक था टाइगर

कलाकार - सलमान खान, कटरीना कैफ , रोशन सेठ, रणवीर शौरी, गिरीश कर्नाड

निर्माता - आदित्य चोपड़ा

निर्देशक - कबीर खान

महीने भर चला हॉट और बोल्ड फिल्मों का सीजन एक था टाइगर के साथ इस हफ्ते खत्म हुआ। इस वीक बॉक्स ऑफिस पर ऐसी फिल्म ने दस्तक दी, जिसे आप बेहिचक फैमिली के साथ देख सकते हैं। सलमान ने अपने लंबे करियर में पहली बार यशराज बैनर की फिल्म की है। पहली बार कोई हिंदी फिल्म दिल्ली-यूपी के पौने तीन सौ स्क्रीन पर रिलीज हुई। पहली बार किसी फिल्म ने रिलीज से पहले देशभर में साढ़े पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई सिर्फ एडवांस बुकिंग पर की।
सलमान की इस फिल्म की तुलना पिछली फिल्मों दबंग, रेडी और बॉडीगार्ड से नहीं की जा सकती। दरअसल, फिल्म के डायरेक्टर कबीर खान का फिल्म बनाने का नजरिया अलग है। कबीर की पिछली दोनों फिल्मों काबुल एक्सप्रेस और न्यू यॉर्क में फिल्म के स्टार्स किरदार पर हावी नहीं हुए। कबीर की इस फिल्म में सलमान ने भी अपनी पिछली मसाला फिल्मों में बनी इमेज से हटकर कुछ अलग इमेज बनाने की कोशिश की है।
कबीर ने फिल्म में दो पड़ोसी देशों (भारत-पाकिस्तान) की खुफिया एजेंसियों रॉ और आईएसआई के सीक्रेट एजेंट की कार्यशैली को असरदार ढंग से पेश करने के बजाय कहानी को लव स्टोरी में बदल दिया। करीब सवा दो घंटे की फिल्म में रॉ एजेंट टाइगर और आईएसआई एजेंट जोया की प्रेम कहानी को ज्यादा फुटेज दी गई। टाइगर और जोया की इस लव स्टोरी के बीच टाइगर का मिशन कहीं गुम होकर रह जाता है।
पाकिस्तान में फिल्म के कुछ डायलॉग पर उठे विवाद के बाद लगता है कि कबीर ने कहानी में आईएसआई से जुड़े कुछ डायलॉग को कट किया है। यशराज बैनर की यह पहली ऐसी फिल्म है, जो 50 करोड़ में बनी है। सलमान और कटरीना पर फिल्माए गए एक्शन सीन हॉलिवुड के बेहतरीन एक्शन डायरेक्टर की देखरेख में शूट हुए। वहीं, सलमान-कटरीना के लिए यह फिल्म बेहद खास है। इस जोड़ी की पिछली फिल्म युवराज बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी।
अब जब बॉक्स ऑफिस पर सलमान-कैट टॉप पर हैं, ऐसे में इन्हें बॉक्स ऑफिस पर साबित करना होगा कि दर्शकों में इस जोड़ी का जबर्दस्त क्रेज है। इस्तानबुल, क्यूबा, लंदन कैपटाउन, टर्की की बेहतरीन लोकेशन, दमदार एक्शन, स्टंट सीन सलमान के फैंस को थिएटर तक खींचने का दम रखते हैं।
फिल्म की कहानी डबलिन में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के जांबाज ऑफिसर टाइगर (सलमान खान) को एक साइंटिस्ट (रोशन सेठ) पर नजर रखने के मिशन पर भेजा जाता है। इस मिशन में टाइगर के साथ गोपी (रणवीर शौरी) भी है। दरअसल, रॉ को शक है कि यह साइंटिस्ट मिसाइल से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां दुश्मन मुल्क को दे रहा है। डबलिन रवाना होने से पहले टाइगर को उसका बॉस (गिरीश कर्नाड) किसी तरह के खून खराबे से बचने की नसीहत देता है।
इससे पहले टाइगर जिस मिशन पर गया, वहां से खून खराबा करने के बाद ही लौटा। इस मिशन में टाइगर की मुलाकात जोया (कटरीना कैफ) से होती है, जो उस वैज्ञानिक के घर की केयर टेकर है। टाइगर वैज्ञानिक तक पहुंचने के अपने मिशन में जोया की मदद लेता है। खैर, टाइगर अपने मकसद में कामयाब होता है और वैज्ञानिक के घर जा पहुंचता है। यहीं उसका ऐसी हकीकत से सामना होता है, जिसकी कल्पना उसने सपने में भी नहीं की थी।
एक्टिंग के मामले में रॉ एजेंट के रोल में सलमान प्रभावित करते हैं। वहीं, उनकी बदली हुई इमेज दर्शकों की उस क्लास को रास नहीं आएगी, जो सलमान की अपनी खास क्लास है। कटरीना कैफ ने पहली बार कई अच्छे एक्शन सीन किए हैं, लेकिन क्लोज अप सीन्स में कटरीना और सलमान की बढ़ती उम्र की झलक नजर आती है। रणवीर शौरी के लिए फिल्म में कुछ खास नहीं था। रोशन सेठ जैसे काबिल एक्टर को ऐसा छोटा सा रोल मिला, जिसमें उनके करने के लिए कुछ खास नहीं था। गिरीश कर्नाड बस ठीकठाक रहे।
रही बात संगीत की तो माशा अल्लाह को छोड़कर फिल्म में ऐसा कोई गाना नहीं है, जो म्यूजिक लवर्स की कसौटी पर खरा उतर सके। कभी, यशराज की फिल्मों का म्यूजिक फिल्म का प्लस पॉइंट हुआ करता था, लेकिन पिछली कुछ फिल्मों का संगीत इस कसौटी पर खरा नहीं उतरता।
वैसे बेहतरीन लोकेशन, ऐसे बेमिसाल एक्शन सीन जिनकी तुलना आप हॉलिवुड फिल्मों के एक्शन सीन के साथ कर सकते हैं। अतुल मिश्रा की बेहतरीन फोटोग्राफी इस फिल्म का प्लस पॉइंट है। वहीं, कमजोर स्क्रिप्ट के बीच जोया-टाइगर की ठंडी प्रेम कहानी सलमान के फैंस की कसौटी पर शायद खरी न उतर पाए।