अब सिवनी में नहीं होगी निर्धारित
बिजली कटौती!
आठ और जिले शामिल हुए नक्सल
प्रभावित सूची में
प्रदेश सरकार के सचिवालय
को नहीं नक्सलवाद की भनक!
नक्सलाईट आईजी का कार्यालय
बन सकता है सिवनी में
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश के
सिवनी सहित नौ जिलों को नक्सल प्रभावित जिलों की फेहरिस्त में शामिल कर दिया गया है।
इन नौ जिलों को अब नक्सलवाद प्रभावित जिलों की सुविधाएं मिल सकेंगी। इन जिलों को निर्धारित
बिजली कटौती से मुक्त रखा गया है। अगर बिजली कटौती जरूरी भी हुई तो दिन के उजाले में
ही बिजली की कटौती की जाएगी। सिवनी जिले को नक्सप्रभावित जिलों की फेहरिस्त में शामिल
करने के बाद केंद्र सरकार की ओर से कुछ अतिरिक्त आवंटन भी जारी कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री और छिंदवाड़ा के सांसद
कमल नाथ के करीबी सूत्रों का कहना है कि जुलाई 2010 में नाथ ने केंद्रीय गृह
मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम से अनुरोध किया था कि मध्य प्रदेश के मण्डला और डिंडोरी
को नक्सल प्रभावित जिलों की फेहरिस्म में शामिल कर दिया जाए। इसके पीछे सांसद कमल नाथ
का तर्क था कि चूंकि मण्डला और डिंडोरी जिलों की सीमाएं बालाघाट से लगी हुई हैं और
बालाघाट नक्स प्रभावित जिलों की सूची में शामिल है अतः यहां नक्सलवादी गतिविधियों से
इंकार नहीं किया जा सकता है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने यह भी
बताया कि देश के नक्सल प्रभावित इलाकों के सौ से अधिक थानों को नयी इमारतों,
आवासीय
परिसरों तथा हथियार और उपकरणों की खरीद के लिए दो-दो करोड़ रुपये दिये जाएंगे। गृह मंत्रालय
नक्सलवाद प्रभावित नौ राज्यों के पुलिस महानिदेशकों की बैठक में यह फैसला किया गया।
सूत्रों ने कहा कि केंद्र ने राज्यों
को और अधिक हेलीकॉप्टर मुहैया कराने तथा नक्सलियों के साथ संघर्ष करने वाले पुलिस बलों
के लिए रात में देख सकने वाले उपकरण उपलब्ध कराने पर सहमति जताई है। छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश तथा अन्य राज्यों
के डीजीपी ने नक्सलियों के खिलाफ खासतौर पर अंतरराज्यीय सीमाओं पर क्रम से अभियान चलाने
पर भी सहमति जताई।
उल्लेखनीय होगा कि मण्डला और डिंडोरी
जिले से ज्यादा भूभाग सिवनी जिले का है जो बालाघाट जिले की सीमा को स्पर्श करता है,
बावजूद
इसके सिवनी जिले के लिए कमल नाथ की ओर से रखा गया मौन आश्चर्य का विषय इसलिए भी है
क्योंकि सिवनी में उनके झंडाबरदार और कोई नहीं वरन् विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह
ठाकुर ही हैं।
इस संबंध में जब मध्य प्रदेश राज्य
सचिवालय में पदस्थ अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) आई.एस.दाणी के कार्यालय से संपर्क किया
गया तो उन्होंने सचिव श्री आलोक और श्रीमति सीमा शर्मा के कार्यालय से संपर्क करने
की बात कह दी गई। बाद में दोनों ही के कार्यालय में स्टाफ ने अपने आप को नया बताकर
उप सचिव गृह से संपर्क करने का मशविरा दे डाला। राज्य सचिवालय में पदस्थ भारतीय प्रशासनिक
सेवा (आईएएस) नक्सलवाद के प्रति कितने संजीदा हैं इसका प्रमाण इसी से मिलता है कि उच्च
स्तर के किसी भी अधिकारी को जमीनी हकीकत का भान ही नहीं है।
गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम के
करीबी सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में अब बालाघाट के अलावा सिवनी, मण्डला, डिंडोरी, शहडोल, सीधी, सिंगरोली, उमरिया और अनूपपुर को केंद्र
की नक्ल प्रभावित सूची में शामिल कर लिया गया है। केंद्र सरकार के निर्देश पर अर्ध
सैनिक बलों की टुकड़ियां भी इन जिलों में अपना बेस बनाने के लिए सर्वेक्षण करने वाली
हैं। सूत्रों ने यह भी कहा कि मण्डला और डिंडोरी के लिए कमल नाथ तो रीवा के लिए तत्कालीन
राज्य सभा सदस्य अनसुईया उईके ने आवाज उठाई थी। इसके अलावा कांग्रेस और भाजपा या अन्य
राजनैतिक दल के किसी भी कारिंदे ने इस मामले में कुछ भी नहीं कहा है।
उधर, मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय
के सूत्रों का कहना है कि पुलिस महानिरीक्षक नक्सलाईट आपरेशन्स का कार्यालय शहडोल और
सिवनी में स्थापित हो सकता है। मुख्यालय के सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा
मध्य प्रदेश के नक्सलप्रभावित जिलों के लिए राशि का आवंटन भी प्राप्त हो गया है। साथ
ही साथ अर्ध सैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की शाखा रेपिड एक्शन
फोर्स द्वारा मध्य प्रदेश में नक्सल प्रभावित जिलों के प्रत्येक पुलिस थाने का सर्वेक्षण
भी आरंभ कर दिया है।
मध्य प्रदेश सरकार के उर्जा मंत्रालय
के सूत्रों ने बताया कि बालाघाट को बिजली कटौती से मुक्त रखा गया था, क्योंकि यह नक्सल प्रभावित
जिला था। जब बिजली की अत्याधिक कमी हुई तब यहां बिजली कटौती अवश्य हुई पर सुबह से रात
तक ही कटौती की गई, रात में कटौती नहीं की जाती रही है।
सूत्रों ने बताया कि चूंकि गाईडलाईन
के अनुसार अमूमन नक्सल प्रभावित जिलों को निर्धारित बिजली कटौती से मुक्त रखा जाता
है इसलिए बालाघाट के अलावा सिवनी, मण्डला, डिंडोरी, शहडोल, सीधी, सिंगरोली, उमरिया और अनूपपुर में बिजली
कटौती ना हो इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही साथ अगर जरूरी हुआ तो इन
जिलों की बिजली कटौती अवश्य की जाएगी पर इन जिलों को रात्रि की बिजली कटौती से मुक्त
रखा जाएगा।