बुधवार, 18 अप्रैल 2012

दिल्ली को मिल सकता है नया निज़ाम!


दिल्ली को मिल सकता है नया निज़ाम!

शीला का शनि भारी, एमसीडी चुनाव और कामन वेल्थ घोटाला बन सकता है आधार

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। लगभग डेढ़ दशक से दिल्ली के राजसिंहासन पर विराजमान श्रीमति शीला दीक्षित का आसन अब डोलने लगा है। शीला पर लगे कामन वेल्थ गेम्स भ्रष्टाचार के धब्बों से तो फौरी तौर पर उन्होंने अपने आप को बाहर निकाल लिया था, किन्तु अब एमसीडी चुनाव में लगातार दूसरी बार भाजपा के कब्जे से शीला विरोधियों को सक्रिय कर दिया है। कांग्रेस में अंदर ही अंदर यह बयार चल पड़ी है कि अगर कांग्रेस को दिल्ली का गढ़ सुरक्षित रखना है तो दिल्ली का मुख्यमंत्री किसी निर्विवादित चेहरे को बनाना अत्यावश्यक ही है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेशनल हेडक्वार्टर में चल रही चर्चाओं के अनुसार उत्तर प्रदेश चुनावों से एन पहले कांग्रेस ने जनार्दन द्विवेदी को बतौर ब्राम्हण चेहरा आगे किया था किन्तु चुनावों में कांग्रेस के औंधे मुंह गिरने के बाद जनार्दन द्विवेदी बलात ही हाशिए पर ढकेल दिए गए। इसके बाद पार्टी में भी एक ब्राम्हण चेहरे की तलाश आरंभ हो गई।
दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति शीला दीक्षित के करीबी सूत्रों का कहना है कि एमसीडी चुनावों में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बारे में राज्य की गुप्तचर एजेंसी ने पहले ही सीएम को आगाह कर दिया था। सूत्रों के अनुसार अपने आसन के पायों के डगमगाने के डर से श्रीमति दीक्षित ने अपने दूतों के मध्यम से एआईसीसी में नए ब्राम्हण चेहरे के रूप में अपने आप को प्रोजेक्ट करवाना आरंभ कर दिया था।
श्रीमति शीला दीक्षित वैसे तो पंजाबी खत्री हैं पर उन्होंने मध्य उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित ब्राम्हण परिवार में विवाह किया है। कन्नोज के जाने माने कांग्रेस के क्षत्रप उमा शंकर दीक्षित वस्तुतः शीला दीक्षित के ससुर हैं। शीला दीक्षित के सांसद पुत्र संदीप दीक्षित कुछ माहों पहले दस लाख रूपए कथित तौर पर भोपाल एक्सप्रेस से ले जाने के मामले में विवादित हुए पर कांग्रेस ने उनका बचाव किया था।
हाल ही में उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा आदि राज्यों में कांग्रेस की हार के कारण जानने के लिए गठित हाई लेवल एंटोनी कमेटी में श्रीमति शीला दीक्षित को जब स्थान दिया गया तो लोग हैरान रह गए। दिल्ली की मुख्यमंत्री को अन्य राज्यों में हुई कांग्रेस की हार के कारण खोजने में लगाया जाना अपने आप में आश्चर्यजनक ही माना जा रहा था।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (श्रीमति सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि दरअसल, कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और कांग्रेस की नजर में भविष्य के वज़ीरे आज़म राहुल गांधी को यह बताया गया है कि कांग्रेस में एक अदद कद्दावर ब्राम्हण नेता की आवश्यक्ता है।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष को यह बताया गया है कि उत्तर भारतीय ब्राम्हण चेहरों में अटल बिहारी बाजपेयी, कमलापति त्रिपाठी, नारायण दत्त त्रिपाठी, उमा शंकर दीक्षित के मुकाबले अब कोई ब्राम्हण नेता ही नहीं बचा है, और जो नेता बचे भी हैं उनमें सबसे रसूखदार और कद्दावर श्रीमति शीला दीक्षित ही हैं। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान ने इशारों ही इशारों में शीला दीक्षित को राष्ट्रीय राजनीति में आने का निमंत्रण दे दिया है।
शीला दीक्षित अगर नेशनल पालीटिक्स में जाने में दिलचस्पी दिखाती हैं तो आने वाले दिनों में दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है। इससे कांग्रेस पर से कामन वेल्थ में शीला दीक्षित की संलिप्तता और उनके नेतृत्व में हुई एमसीडी चुनावों में हार से लोगों का ध्यान बखूबी हटाया जा सकता है।

तापमान में तेजी से बढ़ोत्तरी


तापमान में तेजी से बढ़ोत्तरी

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। भगवान भास्कर अब धीरे धीरे अपने पूरे शबाब पर आते जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के विभिन्न भागों, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी मध्यप्रदेश और दक्षिण-पश्चिम बंगाल तथा उत्तरी तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई, जबकि हरियाणा के कुछ भागों, उत्तरी राजस्थान और पूर्वाेत्तर राज्यों में तापमान में दो से चार डिग्री की गिरावट आई।
पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से दो से पांच डिग्री नीचे रहा। देश के बाकी हिस्सों में तापमान सामान्य रहा।आने वाले दिनों में पूर्वाेत्तर राज्यों, केरल, मध्य महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर वर्षा हो सकती है या गरज के साथ छीटे पड़ सकते हैं।
पोर्ट ब्लेयर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो कार्यालय से साक्षी शाह ने खबर दी है कि अगले चौबीस घंटों के मौसम के बारे में पुर्वानुमान है कि कुछ जगहों पर हल्की बंूदाबादी हो सकती है । पोर्ट ब्लेयर में आज अधिकतम तापमान तैतीस दशमलव तीन और न्यूनतम तापमान पच्चीस दशमलव दो डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया ।
जयपुर साई ब्यूरो से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में बीते 24 घण्टों के दौरान मौसम में आये अचानक बदलाव की वजह से कई स्थानों पर तेज अंधड़ के साथ बारिश होने के समाचार मिले हैं। वहीं राजधानी जयपुर सहित पाली और दौसा में तेज हवाएं चलने के बाद बारिश हुई, जिससे रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गयी।
राजस्थान साई ब्यूरो ने खबर दी है कि जोधपुर साई संवाददाता के अनुसार जिले में कई स्थानों पर चने के आकार के ओले गिरे हैं। इस अधंड और बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचने के समाचार प्राप्त हुए हैं। भीलवाडा से साई संवाददाता ने बताया कि भीलवाड़ा में बेमौसम ओलावृष्टि बारिश और अंधड से एक हजार 924 मीट्रिक टन फसलों को नुकसान पहुंचा है तथा 3 हजार 533 हैक्टेयर क्षेत्र में सब्जियां खराब हुई हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से सोनाली ने खबर दी है कि प्रदेश में तेज हवा, अंधड़ और बूंदा-बांदी के साथ गर्मी भी अपना तेवर दिखा रही है। राजधानी में आज गर्मी और तीखी धूप से लोग परेशान रहे। सूरज के तेवर से तापमान लगभग चालीस डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के ऊपर द्रोणिका के प्रभाव से तापमान औसतन सामान्य है। किन्तु उत्तर-पश्चिमी दिशा से आ रही हवा गर्मी का एहसास करा रही है। आगामी चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के सभी संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बौछारे पड़ने की संभावना है।

एनआरएचएम में 14 मामले दर्ज


एनआरएचएम में 14 मामले दर्ज

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। प्रवर्तन निदेशालय ने उत्तरप्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन पर अमल में वित्तीय अनियमित्ताओं के आरोप में पूर्व परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और अन्य लोगों पर काले धन का उपयोग रोकने संबंधी कानून के तहत चौदह अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एजेंसी ने अपनी सूचना रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के पूर्व प्रधान सचिव प्रदीप शुक्ला सहित कई भूतपूर्व अधिकारियों और व्यक्तियों के नाम लिए हैं। एजेंसी ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत आवंटित दस हजार करोड़ रूपये के उपयोग के वित्तीय रिकॉर्ड जांचने के बाद ये मामले दर्ज किए हैं। हमारे संवाददाता ने खबर दी है कि सी बी आई ने अब तक दाखिल किसी भी आरोप-पत्र में बाबू सिंह कुशवाहा और विधायक रामप्रताप जायसवाल का नाम नहीं लिया है।
ज्ञातव्य है कि एनआरएचएम घोटाले में सीबीआई अब तक अलग-अलग तीन आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। इनमें से दो गाजियाबाद, जबकि एक अन्य लखनऊ स्थित सीबीआई विशेष अदालत में दाखिल किया गया है। इन आरोप पत्रों में १५ लोगों को शामिल किया गया है।
जिनमें राज्य के तत्कालीन स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. एस. पी. राम, राज्य लघु औद्योगिक निगम के तत्कालीन प्रर्वतन निदेशक अभय कुमार वाजपयी, जल निगम के पांच वरिष्ठ अधिकारी सार्वजनिक उपक्रम इरकोन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक के अलावा दवाओं और उपकरणों के आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। उधर प्रर्वतन निदेशालय ने भी आरोपियों के खिलाफ अलग से मुकदमा पंजीकृत है। मनीलाडरिंग की जांच शुरू कर दी है।

तट उत्सव बीस से


तट उत्सव बीस से

(पीयूष शाह)

पोर्ट ब्लेयर (साई)। पोर्ट ब्लेयर के कार्बेन कोव तट पर बीस अपेै्रल से तीन दिनों के तट उत्सव का आयोजन होने जा रहा है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह के टूर ऑपरेटरों की एक संस्था फोर्टो एक्रोनिम सागर तट उत्सव देखने के इच्छुक लोगों की सुविधा लाभ के लिए पोर्ट ब्लेयर नगर से कारबाइन्स कोव तक मुफ्त सवारी सेवा यानि शटल सेवा चलाएगी।
पर्यटन निदेशक को लिखे पत्र में फोर्टो संस्था के अध्यक्ष आर. रत्नम ने बताया कि तीन दिवसीय उत्सव के दौरान आम लोगो को यह सुविधा मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए दो बसों की व्यवस्था की गई है जिसमें से एक बस गोलघर के पेट्रोल पम्प से और दूसरी भातूबस्ती स्थित प्रेट्रोल पम्प से कारबाइन्स कोव के लिए चलेगी। पर्यटन निदेशक से प्राप्त सूचना के अनुसार यह सेवा दोपहर बाद दो बजे से शुरू होकर रात पौने नौ बजे तक उपलब्ध रहेगाी।

कोर्ट रिपोर्टिंग के लिए सुको आगे आया


कोर्ट रिपोर्टिंग के लिए सुको आगे आया

नई दिल्ली (साई)। उच्चतम न्यायालय ने कहा है वह अदालती कार्यवाही की खबरें देने के मामले में मीडिया के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के वास्ते संसद को कुछ सुझाव देने को तैयार है। अदालत ने यह बात इस दलील के संदर्भ में कही कि प्रैस की स्वतंत्रता पर संसदीय विधान के जरिए ही अंकुश लगाया जा सकता है।
प्रधान न्यायाधीश एस.एच. कापड़िया की अध्यक्षता में एक पीठ ने बताया कि वरिष्ठ वकीलों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। इससे पहले वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने तर्क दिया था कि अब वकीलों, न्यायाधीशों और संपादकों को आपस में चर्चा करके कुछ दिशा-निर्देश तैयार करने चाहियें और उन्हें मंजूरी के लिए संसद के पास भेजना चाहिए।