मंगलवार, 29 मई 2012

शिवी खरे का सुयश


शिवी खरे का सुयश

(ब्यूरो)

सिवनी (साई)। सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल की कक्षा दसवीं की छात्रा शिवी खरे ने सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में नब्बे फीसदी अंक लाकर शाला और सिवनी को गोरवांवित किया है। गायन और खेलों में रूचि रखने वाली शिवी अपनी इस उपलब्धि के लिए अपने माता पिता के साथ अपने शिक्षकों को इसका श्रेय देती हैं।

सेवानिवृत जिला मलेरिया अधिकारी एस.डी.खरे की पोती और वरिष्ठ पत्रकार लिमटी खरे की ज्येष्ठ सुपुत्री शिवी भविष्य में इंजीनियर अथवा चार्टर्ड एकाउंटेंट बनना चाहती हैं। शिवी की इस उपलब्धि पर शाला परिवार, परिजनों सहित इष्ट मित्रों, शुभचिंतकों ने उन्हें बधाईयां प्रेषित कर उज्जवल भविष्य की कामना की है।

गड़करी का अमर प्रेम!


गड़करी का अमर प्रेम!

जयाप्रदा भी हैं भाजपा प्रवेश की कतार में!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। भाजपा में दूसरा टर्म पाने वाले अध्यक्ष नितिन गड़करी अब नई जमावट में लग चुके हैं। मिशन 2014 के तहत संध की हिदायतों को ध्यान में रख गड़करी अपनी नई टीम और सूबाई राजनीति के समीकरणों को टटोलने में लगे हुए हैं। मुलायम सिंह यादव से प्रथक हुए कांग्रेस से दुत्कारे अमर सिंह पर गड़करी की नजरें इनायत हो सकती हैं। जया प्रदा और अमर सिंह को भाजपा में सशर्त प्रवेश मिलने के संकेत मिले हैं।

समाजवादी पार्टी की प्राणवायू समझे जाने वाले अमर सिंह को नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव ने छिटकाकर सपा से दूर कर दिया था। मुलायम के भाईयों के भारी विरोध के बाद मुलायम सिंह को अमर प्रेम छोड़ना पड़ा। मजबूरी में अमर सिंह ने उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी का गठन किया पर कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए।

ज्ञातव्य है कि कांग्रेस सुप्रीमो श्रीमति सोनिया गांधी पर व्यक्तिगत आरोप लगाने वाले अमर सिंह की सपा और कांग्रेस से पर्याप्त दूरी बच चुकी है। कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ के सूत्रों का कहना है कि अमर सिंह ने पुरजोश कोशिश की कि वे कांग्रेस में प्रवेश पा जाएं, पर सोनिया के करीबी एक गुजराती क्षत्रप के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई।

उधर, गड़करी के करीबी सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश चुनावों के चलते जब सपा और कांग्रेस के दरवाजे अमर सिंह के लिए बंद हो गए तब उन्होंने भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी को सिद्ध करना आरंभ किया। सूत्रों की मानें तो अमर सिंह ने गड़करी को ना जाने क्या पट्टी पढ़ाई कि भाजपा ने अमर सिंह की पार्टी को सपा के खिलाफ उम्मीदवार चयन में ना केवल मदद की वरन् चुनाव में आर्थिक इमदाद भी उपलब्ध कराई। अमर सिंह और गड़करी का यह अघोषित गठजोड़ भी उत्तर प्रदेश में करिश्मा नहीं दिखा सका। उत्तर प्रदेश के सूबाई नेता विशेषकर उमा भारती अमर सिंह को पचा नहीं पा रही हैं।

सूत्रों ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश चुनावों में औंधे मुंह गिरने के बाद अपनी ताजपोशी तक गड़करी ने अमर सिंह को खामोश रहने को कहा। कहा जा रहा है कि अब जबकि गड़करी की दूसरी पारी पर मुहर लग गई है तब किसी भी समय गड़करी अमर सिंह और जयाप्रदा को भाजपा में प्रवेश दे सकते हैं। इसके लिए शर्त रखी गई है कि अमर सिंह अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करें।

गड़करी के करीबी सूत्रों का कहना है कि अमर सिंह और जयाप्रदा के भाजपा में प्रवेश पर मुख्तार अब्बस नकवी का भारी विरोध सामने आ रहा है। एक तरफ तो गड़करी ने अमर सिंह को आश्वासन दिया है कि जया प्रदा को अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा की टिकिट पर रामपुर से ही चुनाव लड़वाया जाएगा, वहीं दूसरी ओर गड़करी अब नकवी को मनाने में जुट गए हैं।

खफा आड़वाणी कर सकते हैं विस्फोट!


खफा आड़वाणी कर सकते हैं विस्फोट!

अटल आड़वाणी युग की अघोषित बिदाई से खफा हैं उमरदराज नेता

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। भाजपा के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और नितिन गड़करी की जुगलबंदी ने भाजपा में अटल आड़वाणी के युग का अवसान कर दिया है। आनन फानन लिए गए इस निर्णय से राजग के पीएम इन वेटिंग रहे एल.के.आड़वाणी हतप्रभ हैं। सालों साल भाजपा की सेवा कर दो सीट से सरकार बनाने की स्थिति में लाने वाले आड़वाणी को इस तरह दूध में से मख्खी की तरह निकाले जाने की उम्मीद कतई नहीं थी।
दिल्ली में झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय केशव कुंज के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी की दूसरी पारी के एन पहले संध ने साफ कर दिया था कि पार्टी के उमर दराज नेता यानी 75 पार के नेताओं को बलात अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। इन नेताओं को पार्टी में अभिभावक, मार्गदर्शक, संरक्षक, पथ प्रदर्शक जैसी भूमिकाओं को अंगीकार करना ही होगा।
इस तरह अचानक ही मीडिया के माध्यम से कंपलसरी रिटायरमेंट पाने की सूचना भाजपा के उमर दराज नेताओं पर गाज की तरह गिरी। संघ के निर्देशों के बाद राजग के पीएम इन वेटिंग एल.के.आड़वाणी, जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा, मुरली मनोहर जैसे सीजन्ड नेता अब घर बैठने पर मजबूर हो रहे हैं।
संघ के सूत्रों का कहना है कि इस बारे में जब आड़वाणी जुंडाली ने यह बात उनके संज्ञान में लाई तब आड़वाणी ने इस संबंध में संघ नेतृत्व से चर्चा की। आड़वाणी का तर्क था कि जब केरल में वाम दलों के पूर्व मुख्यमंत्री अच्चुतानंद अस्सी पार कर सीएम हो सकते हैं तो उनके मुकाबले आड़वाणी, जसवंत, यशवंत और जोशी तो जवान ही हैं। इस पर संघ ने साफ तौर पर कह दिया कि अब समय आ गया है जब भाजपा की कमान युवा हाथों में सौंपी जाए और सत्तर पार के नेता घर बैठ जाएं।
बलात हाशिए पर डाले गए नेता अब इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि सेवानिवृत्ति की आयु 75 साल के बजाए सरकारी सिस्टम की तरह साठ या बासठ साल कर दी जाए। इससे अनेक नेताओं का घर बैठना तय माना जा रहा है। 11 सितम्बर 1950 को महाराष्ट्र के विदर्भ प्रांत के चंद्रपुर में जन्मे भागवत भी इस साल बासठ साल पूरे कर लेंगे। अब नेताओं की मण्डली भागवत को ही सेवानिवृत्त करने के तरीकों पर विचार में लग गई है।

मिट्टी खुदाई में हो रहे ठेकेदार मालामाल!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  91

मिट्टी खुदाई में हो रहे ठेकेदार मालामाल!

अधिकारी ठेकेदार मिलकर लगा रहे प्रबंधन को चूना

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छटवीं सूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट में अधिकारी और ठेकेदार मिलकर संयंत्र के मालिकों को जमकर चूना लगा रहे हैं।

संयंत्र के विश्वनीय सूत्रों का कहना है कि संयंत्र के तत्कालीन महाप्रबंधक श्री मिश्रा द्वारा मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के जबलपुर स्थित कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों और खनिज विभाग तथा जिला प्रशासन की मिली भगत से बिना अनुमति के बीस लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी का खनन कर लिया गया था।

सूत्रों ने कहा कि घंसौर के एक नेता नुमा ठेकेदार से डरकर संयंत्र प्रबंधन द्वारा उक्त ठेकेदार के पक्ष मेें अनाप शनाप बिल बनवाए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो एक दिन में पंद्रह सौ क्यूबिक मीटर मिट्टी से ज्यादा की खुदाई नहीं की जा सकती है पर उक्त नेता नुमा ठेकेदार के दबाव में आकर संयंत्र का मौके पर उपस्थित प्रबंधन और अन्य स्टाफ द्वारा एक एक दिन में छः हजार क्यूबिक मीटर से ज्यादा मिट्टी का उत्तखनन दर्शाकर संयंत्र के मालिक गौतम थापर को जमकर चूना लगाया जा रहा है।

चर्चा है कि मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा किए जाने वाले अवैध उत्तखनन के मामले में आदिवासी किसानों, ग्रामीणों और जागरूक नागरिकों ने जिला प्रशासन सहित मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। विडम्बना ही कही जाएगी कि प्रशासन ने तो इस मामले में चुप्पी साधे रखी है, किन्तु मुख्यमंत्री के पास से आई शिकायतों को लंबे समय तक दबाकर रखने के बाद उन्हें अग्रिम कार्यवाही के लिए प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को भेज दिया गया है, जहां आज भी ये लंबित हैं।

(क्रमशः जारी)

सूर्यनारायण के कड़े तेवरों ने झुलसाया देश को


सूर्यनारायण के कड़े तेवरों ने झुलसाया देश को

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली सहित समूचा देश भगवान भास्कर की तपन से बुरी तरह जल रही है। देश भर में लू के थपेड़े लोगों का जीना मुहाल किए हुए हैं। अनेक स्थानों में तापमान चवालीस डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक है। देश के अनेक हिस्सों में रात में भी तापमान में आंशिक गिरावट ही दर्ज की जा रही है। सुबह सवेरे भी तापमान अठतीस डिग्री सेंटीग्रेट से उपर दर्ज किया जा रहा है।

मौसम विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस समय मानसून अंडमान और निकोबार द्वीप तक पहुंच चुका है और वहां बारिश हो रही है। मानसून के पहली जून तक केरल के तट पर पहुंचने की उम्मीद है। अधिकारी ने बताया कि मानसून के लिए इस समय उत्तरी भारत में सकारात्मक माहौल है इसलिए पटना में मानसून के करीब 15 जून के आसपास पहुंचने की संभावना है।

सूत्रों ने आगे कहा कि उसके बाद यह धीरे धीरे यूपी होता हुआ 29 जून को दिल्ली पहुंचेगा। उधर, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून से धान, कपास, सोयाबीन और मक्का जैसी खरीफ फसलों के लिए बेहद फायदा होगा, क्योंकि देश में करीब 60 प्रतिशत कृषि भूमि वर्षा जल सिंचित है।

इधर, दिल्ली में भी गर्मी के रिकार्ड टूटने लगे हैं। पिछले दिनों जहां दिल्ली में सामान्य तापमान 44 रहा वहीं दिल्ली के पालम हवाई अड्डे के पास तापमान ने 45.2 डिग्री के रिकार्ड को तोड़ दिया। दिल्ली में आज भी पारा चढ़ा हुआ है और माना जा रहा है कि दिन के तीन बजे तापमान 44 से 45 डिग्री के बीच रहेगा। वहीं इस भीषण गर्मी के चलते कई लोग सन स्टोक का शिकार हो गए हैं जिससे दिल्ली में कम से कम 100 लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।

मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में पारे में और बढ़ोतरी होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 25 मई दिल्ली का सबसे गर्म दिन रहा। राजधानी में सबसे अधिक तापमान पालम में रिकार्ड किया गया जहां तापमान 45.2 डि.से. दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार हवाओं का पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान तथा इसके आसपास बना हुआ है।

उधर, दो दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में गर्म हवाएं चलेंगी। इससे एक से दो डि.से. तक तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर पश्चिमी हवाएं थार के मरुस्थल से होकर गुजरकर उत्तरी भारत तक पहुंच रही हैं। तीन दिनों तक गर्मी और बढ़ेगी। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार सहित पूरा उत्तर भारत लू एवं तेज धूप की चपेट में है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में राहत की कोई उम्मीद नहीं है।

उत्तर प्रदेश से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो दीपांकर श्रीवास्तव ने लखनउ से बताया कि उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों ने लोगों को बेहाल कर रखा है। उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि अगले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव के आसार नहीं हैं। पछुआ हवाओं के कारण लू के थपेड़े चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि लू का दौर अभी कुछ दिनों तक ऐसे ही जारी रहेगा।

साई ब्यूरो के अनुसार सूर्य नारायण के इन तेवरों से पर्यटन उद्योग प्रभावित हुए बिना नहीं है। गर्मी की मार से पूरा प्रदेश तप रहा है। इस तपन ने प्रदेश पर्यटन को पूरी तरह ठंडा कर दिया है। यूपी की तपिश ने पर्यटकों को यहां से दूर ही रखा, जिस कारण यहां भीषण गर्मी में पर्यटन उद्योग ठंडा पड़ गया है। आगरा का ताजमहल हो या देवभूमि काशी व मथुरा हो, यह हमेशा से ही पर्यटकों व श्रद्घालुओं की आस्था का प्रतीक रहा है।

यही कारण है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन से हिल स्टेशन छिन जाने के बाद भी यहां पर्यटकों की सं या में कोई खास कमी नहीं आयी लेकिन गर्मी से स त तेवर से सैलानी यहां आने की हि मत नहीं जुटा पा रहे हैं। उत्तरांचल राज्य का गठन हो जाने के बाद प्रदेश पर्यटन के पास जो हिल स्टेशन आदि थे वह छिन गये, बावजूद इसके विश्व के सात अजूबों में शामिल आगरा को देखने की ललक देशी ही नहीं विदेशी सैलानियों को भी यहां खींच लाती है। लेकिन गर्मी के चलते इस नायाब खूबसूरती को देखने पर्यटन कम ही आ सके और बढ़ती गर्मी ने प्रदेश पर्यटन के व्यवसाय को ठंडा कर दिया।

आगरा के साथ ही वाराणसी नगरी जो कि पर्यटकों विदेशी पर्यटकों को भी खासी भाती है वहां भी पर्यटकों की संख्या कम ही रही। लगभग यही हाल सारनाथ व इलाहाबाद आदि शहरों का भी है। साल दर साल पर्यटकों की घटती सं या प्रदेश पर्यटन के घाटे का कारण बनती जा रही है और इस घाटे से उबरने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है।

इस बारे में अधिकारियों का तो यही कहना है कि गर्मी के अलावा अन्य मौसम में यहां पर्यटक आते हैं लेकिन विभागीय आंकड़े यहीं बताते हैं कि प्रदेश पर्यटन से सैलानियों की दिलचस्पी कम हो रही है। वहीं पिछले कुछ सालों में ट्रेेवैल एजेन्सी के माध्यम से सैर करने वाले पर्यटकों की सं या में तेजी से इजाफा हुआ है। कारण यह है कि लोगों के पास समय कम है कि वह जाने से पहले ठहरने व साइट सीन आदि की जानकारी ले सके, दूसरे पर्यटन विभाग के सरकारी तंत्र के ज्यादा लोगों को प्राइवेट सुविधाओं आदि पर भरोसा है।

हरियाणा में गर्मी ने हाल बेहाल कर रखा है। चंडीगढ़ से साई संवाददाता अनेशा वर्मा के अनुसार प्रदेश इन दिनों भयंकर लू की चपेट में है। गुडग़ांव, फरीदाबाद, पानीपत, हिसार, जींद व सिरसा में गर्मी ने पिछले 10 साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। गुडग़ांव में शुक्रवार को अधिकतम तापमान पुराने रेकॉर्ड तोड़ते हुए 44.7 डिग्री पहुंच गया।

इससे पहले मई में तापमान कभी 44 डिग्री से अधिक नहीं गया था। मौसम विभाग के अनुसार, गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है। अगले 2 दिनों तक तापमान इसी तरह बना रहेगा। पूर्वानुमान के मुताबिक, शनिवार को तापमान 44 डिग्री तक रहने की संभावना है। गर्म हवाओं की वजह से शहर की सड़के सूनी दिखीं।

वहीं पानीपत से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो अमित कौशल ने बताया कि पानीपत में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। करीब 25 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही गर्म हवाओं से जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित है। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार अभी तापमान के और बढऩे की संभावना है। शुक्रवार का दिन इस मौसम का अब तक का सबसे गर्म दिन रहा। अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 31 डिग्री सेल्सियस रहा।

जींद से सांई ब्यूरो कामेश भार्गव ने बताया कि जींद में भी अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहा। सिरसा में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रहा। इस कारण कई इलाकों में दोपहर को कर्फ्यू जैसी स्थिति दिखाई दी। सुबह से ही तन झुलसाने वाली गर्म हवाएं चलने लगीं।

गर्मी का आलम यह रहा कि पंखे और कूलर भी काम न आए। बाहर निकलते ही शरीर पसीना-पसीना हो गया।ज्यादातर लोग घरों में कैद रहे, जो जरूरी काम से घर से निकले भी तो शरीर को पूरी तरह ढककर। कपड़ों से लैस होने के बाद भी धूप की तेजी बर्दाश्त न हुई।अपरांह तक यही हाल रहा।शाम को सूरज ढलने के बाद लोग घरों से निकले।

चिकित्सकों ने सलाह दी है कि गर्मी में शरीर में पानी की मात्रा कम न होने दें। इसलिए दिन में कम से कम 15 से 20 गिलास पानी अवश्य पिएं। घर से बाहर जाते समय पानी की बोतल हमेशा साथ रखें। गर्मी को ध्यान में रख हल्का भोजन करें।बाहर का खाना और तली भुनी चीजों खाने से बचें।रेहडिय़ों पर बिकने वाले खाद्य पदार्थ खाने से बचें।बासी भोजन न खाएं। खाने में फलों, पेयजल व हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं।