इंजीनियरिंग के लिए
होगी संयुक्त परीक्षा
(महेश रावलानी)
नई दिल्ली (साई)।
संयुक्त मेडीकल प्रवेश परीक्षा (सीपीएमटी) की तर्ज पर अब इंजीनियरिंग के लिए भी
संयुक्त रूप से परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने वर्ष २०१३ से
केन्द्रीय सहायता से चलने वाले इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए एक ही
संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है।
सरकारी सूत्रों ने
बताया कि इनमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई. आई. टी.), राष्ट्रीय
प्रौद्योगिकी संस्थान (एन. आई. टी.) और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान शामिल
हैं। इन संस्थानों की संयुक्त परिषदों ने यह भी तय किया है कि परीक्षा प्रणाली में
सुधार की प्रक्रिया के तहत प्रवेश के मामले में १२वीं कक्षा के परिणामों को भी
पर्याप्त महत्व दिया जाएगा।
मानव संसाधन विकास
मंत्री कपिल सिब्बल ने कल नई दिल्ली में बताया कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा के नये
प्रारूप में दो परीक्षाएं-जे. ई. ई. मेन और जे. ई. ई. एडवांस्ड हों्रगी। यह दोनों
परीक्षाएं एक ही दिन ली जाएंगी। आई आई टी में प्रवेश के लिए १२वीं कक्षा के बोर्ड
और जेईई मेन परीक्षा परिणामों को ५०-५० प्रतिशत का महत्व दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी
बताया कि केन्द्रीय सहायता से चलने वाले अन्य सभी संस्थानों में ४० प्रतिशत अंक
१२वीं कक्षा के परिणाम के, ३० प्रतिशत अंक, जेईई मेन परीक्षा और शेष तीस प्रतिशत जेईई
एडवांस्ड परीक्षा के जोड़े जाएंगे। श्री सिब्बल का कहना था कि इन सुधारों से
सैकेंडरी शिक्षा का स्तर बेहतर होगा।
बच्चे १२वीं कक्षा
के बोर्ड में अधिक रूचि नहीं ले रहे थे और हम स्कूली व्यवस्था में नयापन और ताजगी
लाने के साथ ही १२वीं कक्षा के बोर्ड को मजबूत बनाना चाहते थे। अगर हमारे पास एक
मेरिट सूची हो तो विद्यार्थी संस्थान के आधार पर उस निश्चित पाठ्यक्रम में दाखिला
ले सकते हैं जिसमें वो पढ़ाई करना चाहते हैं।
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