डायवर्शन हुआ नहीं
और प्लाट बिक रहे कैलाश वाटिका में!
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। शहर
के उपनगरीय क्षेत्र डूंडा सिवनी में प्राईम लोकेशन पर बस स्टेंड से महज पांच मिनिट
की दूरी पर कवर्ड केंपस में सर्वसुविधायुक्त पालट बेचने का दावा करने वाले साई
बिल्डर्स एण्ड डवलपर्स द्वारा उपभोक्ताओं को सब्ज बाग दिखाकर ठगा जा रहा है। प्लाट
की बुकिंग जारी है पर अहर्ताएं पूरी ना हो पाने के कारण इन प्लाट्स की रजिस्ट्री
दो तीन माह बाद करवाने का आश्वासन दिया जा रहा है। भोपाल में इसके रजिस्टर्ड आफिस
से महेंद्र ने बताया कि अभी जमीन का डायवर्शन नहीं हुआ है जब डायवर्शन होगा तब
प्लाट की रजिस्ट्री की जाएगी।
हिन्द गजट के
ब्यूरो ने जब एक ग्राहक बनकर 9407014702 पर संपर्क साधा गया तो वहां किसी कटरे
द्वारा फोन उठाया गया। उन्होंने बताया कि उनका साईट आफिस बरघाट रोड़ पर एफसीआई के
गोदाम के साथ ही लगा हुआ है। उनके अनुसार एक एकड़ के भूखण्ड में 44000 स्कैवयर फिट होते
हैं और इसमें उन्होंने 22 प्लाट काटे हैं जिनमें से 14 प्लाट्स की बुकिंग
और अग्रिम उन्हें प्राप्त हो गया है। अब वहां आठ प्लाट शेष बचे हैं।
श्री कटरे ने आगे
कहा कि उनके द्वारा अभी साईट को डवलप करवाना आरंभ नहीं किया गया है, शीघ्र ही साईट
डव्हलप की जाएगी। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या साईट देखी जा सकती है तो उन्होंने
कहा कि अभी तो साईट खेत के रूप में है देखा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि राजधानी
भोपाल की गुलमोहर कालोनी के प्लाट नंबर 6 में कैलाश बिल्डर्स का रजिस्टर्ड आफिस है, और उनका भान्जा
इसका सर्वे सर्वा है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या साईट पर 20 फिट की आरसीसी रोड़
का निर्माण हो चुका है? इस पर उन्होंने कहा कि अभी यह नहीं किया गया है।
जब उनसे यह पूछा
गया कि कलश वाटिका में कैलाश बिल्डर्स और डेवलपर्स ने दावा किया है कि वहां
परफेक्ट सीवेज ड्रेनेज सिस्टम बनाया जाएगा, तो क्या यह पूरा हो गया है। उन्होंने इसके
जवाब में सीधे सीधे कहा कि अभी कोई भी काम नहीं हुआ है। इसी तरह बिजली की व्यवस्था
भरपूर पानी और गार्डन तथा मिनी शापिंग माल के सवाल के जवाब में भी कोई संतोषजन
उत्तर नहीं दे पाए।
हमारे प्रतिनिधि ने
जब आगे गहराई तक पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि पहले तो कच्ची रजिस्ट्र हो जाया
करती थी किन्तु अब हाई कोर्ट के सख्त आदेश के बाद दस हजार फिट से ज्यादा की रजस्ट्री
सारी अनुमतियों के उपरांत ही की जा सकती हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि पूर्व में
बुक कराए गए प्लाट्स पर कितना पैसा खरीददार को ज्यादा लगेगा? इस पर उन्होंने कहा
कि लगभग 15 प्रतिशत
तो सीधे सीधे सरकार को जाएगा और फिर रजिस्टार आफिस में लगने वाला खर्च पांच प्रतिशत
अलग से वसूला जाएगा खरीददार से।
जब उनसे पूछा गया
कि रजिस्टार कार्यालय का खर्च से क्या तातपर्य है, तो उन्होंने हंसते
हुए कहा कि रजिस्टार आफिस नहीं गए हैं क्या कभी? अरे भई रजिस्टार
आफिस में बिना चढ़ोत्री के कोई रजिस्ट्री पास नहीं होती है और यह खर्च कुल राशि का
पांच प्रतिशत तक बैठता है।
ज्ञातव्य है कि
रजिस्टार का कार्यालय जिला कलेक्टर की नाक के नीचे कलेक्टरेट प्रांगण में ही है
जहां दलालों के जाल और बाहरी व्यक्तियों द्वारा सरकारी काम किए जाने की शिकायतें
जब तब मिला करती हैं। बाहरी व्यक्तियों द्वारा रजिस्ट्री को चेक करना, सील लगाने आदि का
काम किया जाता है। कहा जाता है कि लेन देन का काम भी इन्हीं बाहरी व्यक्तियों के
द्वारा किया जाता है ताकि कभी छापा पड़ने की स्थित में इस कार्यालय के लोग अपनी खाल
बचा सकें।
बहरहाल, गहरी पूछताछ पर
संभवतः कटरे को कुछ शक हुआ होगा, इसके कुछ देर बाद हिन्द गजट के कार्यालय में
कैलाश बिल्डर्स और डव्हलपर्स के एक विज्ञापन में उल्लेखित 9039782344 से किसी
महेंद्र का फोन आया और धमकाने वाले अंदाज में उन्होंने कहा कि वे दैनिक भास्कर
भोपाल से बोल रहे हैं कैलाश बिल्डर का क्या मसला है?
जब उनसे कटरे के
साथ हुए संवाद के बारे में बताया गया और पैसा देने पर तत्काल रजिस्ट्री क्यों नहीं
की जा रही है की बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी जमीन का डायवर्शन ही नहीं हुआ
है तो भला रजिस्ट्री कैसे की जा सकती है? जमीन का डायवर्शन करने के उपरांत ही रजिस्ट्री
की जाएगी अभी तो महज बुकिंग ही चालू है।
वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र सोनकेशरिया ने बताया कि अगर किसी प्लाट का
डायवर्शन नहीं हुआ है तो उसे कैसे बैचा जा सकता है? अगर उस भूखण्ड को बेचने का प्रपोगंडा भी किया जाता है
तो वह भी असंवैधानिक ही माना जाएगा।