शनिवार, 26 नवंबर 2011

भूरिया से नाराज हैं युवराज



भूरिया से नाराज हैं युवराज

पोल खोल अभियान की असफलता से खफा हैं राहुल

आला नेताओं के क्षेत्रों ही फ्लाप शो बना अभियान

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमान संभालने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति लाल भूरिया के कदम तालों से कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी बुरी तरह खफा नजर आ रहे हैं। मध्य प्रदेश में 14 से 19 नवंबर तक चलने वाले पोल खोल अभियान की असफलता के बारे में राहुल को जब विस्तार से जानकारी दी गई तो उनकी भवें तन गईं। राहुल को यह भी बताया गया कि मध्य प्रदेश के क्षत्रपों के अपने इलाकों में ही यह अभियान परवान नहीं चढ़ पाया।

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिन 14 नवंबर से 19 नवंबर तक केंद्र सरकार की जन लोककल्याणकारी नीतियों और योजनाओं की जानकारी ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस को अभियान चलाने के निर्देश दिए गए थे। इस दौरान कांग्रेस द्वारा मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा केंद्र पोषित योजनाओं को अपनी बताए जाने की पोल भी खोली जानी थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार छः दिवसीय अभियान में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार, सर्व शिक्षा अभियान, मध्यान भोजन, राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन, इंदिरा आवास योजना, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, राजीव गांधी आवास योजना, समनवित बाल विकास योजना (आईसीडीएस), समग्र स्वच्छता अभियान, सिंचाई लाभ अभियान, राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, उर्जा विकास और सुधार जैसे जनता से जुड़े अभियानों के बारे में जन जन तक केंद्र और कांग्रेस की रीति नीति पहुंचाया जाना था।

मध्य प्रदेश में कांति लाल भूरिया की पकड़ संगठन पर इस कदर कमजोर है कि केंद्र की योजनाओं और भाजपा को घेरने में कांग्रेस पूरी तरह से असफल ही रही है। कांग्रेस की नजर में भविष्य के वजीरे आजम राहुल गांधी के करीबी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी को यह भी बताया गया है कि मध्य प्रदेश के क्षत्रपों राजा दिग्विजय सिंह, कमल नाथ, ज्यातिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी, अरूण यादव आदि के क्षेत्रों में यह अभियान टॉय टॉय फिस्स ही रहा।

इतना ही नहीं मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर, खुद कांति लाल भूरिया, मीनाक्षी नटराजन, राहुल सिंह, श्रीनिवास तिवारी, जैसे प्रदेश के दिग्गजों के क्षेत्र में भी पोल खोल अभियान परवान नहीं चढ़ सका। सूत्रों ने बताया कि राहुल के दरबार में हाजिरी भरने को आतुर मध्य प्रदेश के क्षत्रपों के इलाकों में जिला और ब्लाक कांग्रेस कमेटियों द्वारा इसका प्रचार प्रसार नहीं करवाया गया, जिससे कांग्रेस के सदस्योें को ही इसकी जानकरी नहीं मिल सकी। सारी जमीनी हकीकत से रूबरू होने के बाद राहुल गांधी का पारा सातवें आसमान पर पहुंचना लाजिमी ही था।

राहुल का मीडिया मैनेजमेंट आरंभ


राहुल का मीडिया मैनेजमेंट आरंभ

टीम राहुल में पत्रकारों का वर्चस्व बढ़ा

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। सियासी गलियारों में वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह की बिदाई की बेला नजदीक ही मानी जा रही है। राहुल गांधी को हालिया राजनैतिक परिस्थियों में प्रधानमंत्री बनाना आत्मघाती हो सकता है, इसीलिए उन्हें अपनी बीमारा माता श्रीमति सोनिया गांधी से अध्यक्ष पद लेने का मशविरा अखबरों के माध्यम से दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इक्कीसवीं सदी के कांग्रेस के अघोषित चाणक्य राजा दिग्विजय सिंह के इशारे पर ही सब कुछ प्लांट किया जा रहा है।

कांग्रेस के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो राहुल जल्द ही कांग्रेस की और राजा दिग्विजय सिंह देश की कमान संभालने वाले हैं। हाल ही नेहरू गांधी परिवार (महात्मा गांधी नहीं) के पारिवारिक और पेशे से पत्रकार पंडित मित्र के पुत्र जो एक बिजनिस दैनिक में लिखा भी करते हैं, को टीम राहुल में स्थान दिलाया गया है। टीम राहुल में अब जल्द ही पत्रकारों की तूती बोलती नजर आएगी।

टीम राहुल के उक्त युवा सदस्य दरअसल राजा दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में उनकी देश विदेश में अघोषित तौर पर पीआर संभालने वाले अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और दिग्गी राजा के तत्कालीन सचिव रहे आर.गोपालकृष्णन के दमाद भी हैं। चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो टीम राहुल के उक्त युवा सदस्य ने दिग्गी राजा के इशारे पर ही लेख लिखकर इस बात को हवा दी है कि वक्त आ गया है कि अब राहुल को संगठन की बागडोर सोनिया से अपने हाथों में ले लेना चाहिए।

थप्पड़ ने दिया मनमोहन को एक नायाब मौका


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 36

थप्पड़ ने दिया मनमोहन को एक नायाब मौका

अब सोनिया से फ्री हेण्ड की मांग कर सकते हैं मनमोहन

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पंवार को गुरूवार को दिल्ली में पड़ सार्वजनिक और झन्नाटेदार थप्पड़ से अब मनमोहन सिंह नई रणनीति बना सकते हैं। बेकाबू मंहगाई, घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक बन बैठे मनमोहन ंिसंह चाहें तो यह झन्नाटेदार थप्पड़ उनके लिए टर्निंग प्वाईंट बन सकता है। मनमोहन जुंडाली इसकी रणनीति बनाने में जुट गई है।

पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि सत्ता और संगठन के बीच सब कुछ सामान्य नहीं है। मनमोहन सिंह और सोनिया के बीच खिची दुर्लभ्य खाई अब और गहरी होती जा रही हैै। एक तरफ सोनिया अपने पुत्र राहुल गांधी की ताजपोशी जल्द से जल्द चाह रहीं हैं तो दूसरी ओर सधे कदमों से मनमोहन सिंह सियासी कीचड़ इस कदर फैला रहे हैं कि राहुल के लिए ताजपोशी की राह कीचड़ से सन जाए।

सोनिया जुंडाली जब भी मनमोहन को हटाने का अभियान तेज करती है, उसके साथ ही मनमोहन सिंह अपने बचाव में मीडिया की शरण में जा पहुंचते हैं। इस साल के आरंभ में जब मनमोहन पर संकट के बादल छाए तब उन्होंने संपादकों की टोली को बुलाकर खुद को निरीह और बेबस बताकर गठबंधन धर्म को राष्ट्र धर्म के उपर रखने की अपनी मजबूरी को जाहिर कर परोक्ष तौर पर सोनिया को कटघरे में खड़ा कर दिया था।

सूत्रों का कहना है कि वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह को मशविरा दिया गया है कि वे अब मीडिया के सामने प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर जाएं या खबर प्लांट करवाएं कि वे शरद पंवार को पड़े इस कनकनाते थप्पड़ के बाद भ्रष्टों की मश्कें कसने के लिए सोनिया गांधी से फ्री हेण्ड चाह रहे हैं। अगर उन्हें आजादी मिल गई तब वे अपनी छवि सुधार लेंगे और अगर नहीं मिली तो भद्द तो सोनिया की ही पिटनी है।

(क्रमशः जारी)

खुदा तेरा शुक्रिया रिलीज


खुदा तेरा शुक्रिया रिलीज

(अतुल खरे)

मुंबई। पार्शव गायक संतोषका नया म्यूजिक एलबम खुदा तेरा शुक्रियारिलीज हो चुकी हैं और एक उपलब्ध आंकड़े के मुताबिक इस वक्त भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में संतोष का नया गाना हर लम्हा हर वक्तकाफी लोकप्रिय हो चुका है। संतोष ने इस एलबम के अलावा कई हिंदी, साउथ इंडियन और दूसरी भाषाओं में भी बहुत सारे गाने गाये हैं।

जिन फिल्मो में संतोष ने अपनी आवाज़ दी है उनमे प्रमुख है एक और विजयपथ‘, ‘जय माँ लक्ष्मी‘, ‘द स्कूल फॉर परेंट्स‘, ‘कोक विथ स्मोक‘, और कुछ ही समय में ये कलाकार संगीत की दुनिया में अपने पैर मजबूती से जमा चुका है। संतोष का एक देशभक्ति गाना रग रग में जूनून बहाकेजल्दी ही मार्केट में आ रहा है और साथ ही एक हिंदी म्यूजिक एलबम कैसा नशा हैजल्दी ही मार्केट में आने वाला है। उम्मीद है की दर्शको को बेहद पसंद आएगी।