शनिवार, 17 अगस्त 2013

अस्पताल में हैं खून के दलाल सक्रिय: डेहरिया

अस्पताल में हैं खून के दलाल सक्रिय: डेहरिया

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। जिला चिकित्सालय में खून के दलाल सक्रिय हैं, हमारे पास न सुरक्षा कर्मी हैं न ही पर्याप्त कर्मचारी, हम कैसे रोकें खून के दलालों को।यह बात जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में तैनात एक कर्मचारी श्री डेहरिया ने आज इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ.सत्य नारायण सोनी से फोन पर चर्चा के दौरान कही।
दरअसल, एक मरीज के परिजन आज अपरान्ह समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के कार्यालय पहुंचे और उन्होंने बताया कि उनके मरीज को खून लग रहा है इसलिए वे रक्त दाता के लिए यत्र तत्र भटक रहे थे। इसी बीच खून के गंदे धंधे के कुछ दलालों ने उन्हें घेर लिया और उनसे 1800 रूपए में सौदा तय किया।
इसी बीच मरीज के परिजनों कोे एक रक्त दाता मिल गया, उसे लेकर वे ब्लड बैंक पहुंचे तो वहां उपस्थित कर्मचारी श्री डेहरिया ने उनका रक्त लेने से इंकार कर दिया। इस पर वे निराश हो गए, पर बाद में अपने ही एक रिश्तेदार को उन्होंने खून देने पर राजी कर लिया।
जब इस संबंध में साई न्यूज ने श्री डेहरिया से पूछा तो छूटते ही श्री डेहरिया ने कहा कि अस्पताल में विशेषकर ब्लड बैंक के आसपास खून के दलाल घूमते ही रहते हैं जो परिजनों को ब्लड बैंक आने के पहले ही रोक लिया करते हैं। जब इसकी शिकायत साई न्यूज ने डॉ.सत्य नारायण सोनी (9425174767) से चर्चा कर की, तो उन्होंने कहा कि यह बात गलत है कि उनके प्रशासन में खून के दलाल अस्पताल में सक्रिय हैं।
जब उनकी मोबाईल पर ब्लड बैंक में पदस्थ श्री डेहरिया से बात करवाई गई तो श्री डेहरिया ने साफ तौर पर सिविल सर्जन डॉ.सत्य नारायण सोनी को बताया कि खून के दलाल ब्लड बैंक के आसपास ही घूमते रहते हैं। ब्लड बैंक में स्टाफ नहीं होने के कारण वे कुछ नहीं कर सकते हैं।

खून का गंदा धंधा चल रहा है पर ब्लड बैंक के कर्मचारी कथित तौर परनिरीह हैं। वहीं ब्लड बैंक के सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि खून के गंदे धंधे में ब्लड बैंक के कर्मचारियों का भी कमीशन शामिल होता है। बताया जाता है कि जिसका खून लेने से श्री डेहरिया ने मना कर दिया था, बाद में किसी अन्य मरीज के खून के लिए, दलालों ने उसका खून दिलवा दिया।

दिखा ठेकेदार का असली रूप!

दिखा ठेकेदार का असली रूप!

(पीयूष भार्गव)

सिवनी (साई)। लखनादौन में स्वाधीनता दिवस समारोह के प्रोग्राम में विधायक बनने की चाहत मन में लिए पानी की तरह पैसा बहाने वाले जिले के ठेकेदार का असली रौद्र रूप देखने को मिला, जिससे लखनादौन की जनता सिहर गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लखनादौन में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक शशि ठाकुर, जनपद अध्यक्ष राजेश्वरी ठाकुर, नगर परिषद् अध्यक्ष श्रीमति सुधा राय आदि मंचासीन थीं। मंच पर एक कुर्सी रिक्त थी, जिस पर पूर्व जनपद सदस्य द्रोपदी पटेल जाकर बैठ गईं।
द्रोपदी पटेल जिस कुर्सी पर बैठीं, वह कुर्सी नगर परिषद् अध्यक्ष श्रीमती सुधा राय के एन बाजू वाली कुर्सी थी। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार सियासी बियावान में तेजी से उतराते डूबते समीकरणों के चलते, एक अलग लेकिन जिसे अच्छी नहीं कहा जा सकता है वाली छवि बना चुके ठेकेदार ने भाजपा के एक पदाधिकारी को देखते ही विधायक श्रीमती शशि ठाकुर को भद्दी भद्दी गालियां बकना आरंभ कर दिया।
वहां मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि उक्त नेतानुमा ठेकेदार ने वहां यह तक कह डाला कि अब वह श्रीमती शशि ठाकुर का विरोध करेंगे। जैसे ही यह बात हुई वैसे ही भाजपा पदाधिकारी ने छूटते ही कहा कि न तो पार्टी को शशि ठाकुर की जरूरत है और न ही उस ठेकेदार की। पार्टी अपने आप में काफी बलवान होती है और पार्टी की जरूरत सभी को पड़ती है चाहे वह सांसद हो, विधायक हो, या फिर वह ठेकेदार।

इस वाक्ये की चर्चाएं समूचे लखन कुंवर की नगरी में जोर शोर से हो रही है कि जिसके मन में राजनैतिक सीढ़ियां चढ़ने की महत्वाकांक्षाएं कुलाचें भर रही हों, वह आखिर शार्ट टेंपर्ड होकर इस तरह की छिछोरी हरकत पर कैसे उतर रहा है।

किसकी सुरक्षा कर रही एक तीन की गार्ड!

किसकी सुरक्षा कर रही एक तीन की गार्ड!

(गजेंद्र ठाकुर)

छपारा (साई)। लंबे समय तक सत्ता का केंद्र बना रहा बर्रा अब भी सुर्खियों में है। मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष के 14 मई को अवसान होने के बाद भी विशेष सशस्त्र बल के चार जवान आज भी बाकायदा बर्राकी कोठीमें पहरा दे रहे हैं। तीन माह से अब वे किसकी सुरक्षा में लगे हैं, यह बात शोध का विषय बन चुका है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रतिमाह एक हवलदार और तीन सिपाहियों का वेतन लगभग एक लाख रूपए बैठता है। इस हिसाब से राज्य शासन ने कांग्रेस के एक विधायक के अवसान के उपरांत अब तक तीन लाख रूपए व्यय कर दिए हैं। इतना ही नहीं हरवंश सिंह के सुरक्षा कर्मी की आमद भी वापस बटालियन में नहीं हुई बताई जा रही है।
छपारा थाना प्रभारी (07691 290225) का कहना है कि इनकी तैनाती पुलिस लाईन से होती है, अतः वे पुलिस लाईन में ही पूछकर कुछ बता सकते हैं। वहीं दूसरी ओर जब पुलिस लाईन सिवनी (07692 220508) से संपर्क किया गया तो वहां उपस्थित कर्मी दिलीप ने कहा कि रक्षित निरीक्षक (9425389328) ही इस बारे में पूरी जानकारी दे पाएंगे। जब आरआई से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाईल बंद मिला।
वहीं दूसरी ओर सिवनी में पदस्थ एसएएफ के प्रभारी दुबे (9424990610) का कहना था कि स्व.हरवंश सिंह के निवास पर अभी भी विशेष सशस्त्र बल के चार जवान जिनमें एक मेजर, तीन सिपाही शामिल हैं की तैनाती जारी है। वे किसकी सुरक्षा कर रहे हैं के प्रश्न पर उन्होने कहा कि राज्य शासन, पुलिस मुख्यालय के आदेश पर जवान वहां तैनात थे, अब जब ऊपरसे अथवा एसपी सिवनी का आदेश आएगा, जवान वापस बुला लिए जाएंगे।
चर्चा तो यह भी हो रही है कि स्व.हरवंश सिंह के इशारों पर कदम ताल करने वाली भारतीय जनता पार्टी का संगठन अब उनकी राजनैतिक विरासत संभालने को आतुर उनके पुत्र रजनीश सिंह के लिए रेड कारपेट बिछाने की तैयारी में जुट गया है। अगर इन चर्चाओं पर भरोसा किया जाए तो केवलारी किला फतह करने के लिए एड़ी चोटी एक करने वाले डॉ.ढाल सिंह बिसेन के सामने बहुत ही बड़ी चुनौति खड़ी होने वाली है।

आश्चर्य तो इस बात का है कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा हरवंश सिंह के निवास की सुरक्षा में तीन लाख रूपए व्यय कर दिए गए पर भाजपा के प्रवक्ता अभी भी मौन ही साधे हुए हैं। वहीं, हरवंश ंिसह को आवंटित भोपाल के सरकारी आवास में भी सुरक्षा कर्मी खाली आवास की सुरक्षा कर रहे बताए जा रहे हैं।

सड़क निर्माण का एग्रीमेंट 14 को हो चुका है: सीएमओ चौधरी

सड़क निर्माण का एग्रीमेंट 14 को हो चुका है: सीएमओ चौधरी

पता कर जांच करवाता हूं: आयुक्त, एग्रीमेंट 14 को पर काम 10 से ही हो गया था चालू, काम तो चल रहा है पर मेरे संज्ञान में नहीं है: एसडीएम लता पाठक, काम की गुणवत्ता देखो एग्र्रीमेंट पर मत जाओ: चौधरी

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

सिवनी (साई)। लखनादौन नगर परिषद् में नियम विरूद्ध काम तेजी से हो रहे हैं और नियम कायदों को पालन करवाने के लिए पाबंद लखनादौन एसडीएम लता पाठक के संज्ञानमें कुछ भी नहीं है। सब्जी मण्डी के मसले पर एसडीएम ने ही स्थगन् दिया है और स्थगन् के बाद भी मण्डी का न केवल काम चलता रहा वरन मण्डी का लोकार्पण भी कर दिया गया। आज लखनादौन की मुख्य सड़क को दोनों ओर से बंद कर इसका काम आरंभ करवा दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लखनादौन शहर में रोटा नाला से पेट्रोल पंप चौराहे तक के सड़क निर्माण का ठेका दो करोड़ रूपयों की लागत से दमोह जिले के बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। इसके रेट सेंक्शन की कार्यवाही पिछले दिनों संचालनालय स्तर पर लंबित होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण का प्राथमिक कार्य आरंभ करवा दिया गया था।

पता कर जांच करवाते हैं: खाण्डेकर
जब इस संबंध में जबलपुर संभागायुक्त दीपक खाण्डेकर से उनके मोबाईल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वे मण्डला दौरे पर हैं। अगर बिना एग्रीमेंट, किसी ठेकेदार द्वारा काम आरंभ करवाया गया है तो वे इसकी जांच के लिए निर्देशित करेंगे। संभागायुक्त ने इस काम के बारे में विसंगतियों को विस्तार से सुना।

मीटिंग में व्यस्त जिला कलेक्टर
जब इस संबंध में जिला कलेक्टर भरत यादव से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो ज्ञात हुआ कि वे संवेदनशील अपराधों की एक बैठक में शिरकत कर रहे थे। पुलिस अधीक्षक के भी इसी बैठक में होने के चलते उनसे भी संपर्क नहीं हो सका।

चल तो रहा है कुछ दिनों से काम: एसडीएम
इस संबंध में जब लखनादौन अनुविभागीय दण्डाधिकारी लता पाठक से (07690 40122) से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उनका आवास भी इसी मार्ग पर पड़ता है एवं चार पांच दिनों से यहां काम तो चल रहा है। यह बात उनके संज्ञान में नहीं है कि बिना एग्रीमेंट यहां काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में सीएमओ को बुलाकर जानकारी लेंगी कि इसका काम कब आरंभ हुआ और कब इसका टेंडर व एग्रीमेंट हुआ।

मण्डी में चल रहा था काम: एसडीएम
अनुविभागीय दण्डाधिकारी लता पाठक से जब यह पूछा गया कि उनके स्थगन् के उपरांत मण्डी के काम चलने की शिकायतें मिली हैं और स्थगन के बाद भी मण्डी का लोकार्पण कर दिया गया है। इस पर उन्होंने कहा कि पता करते हैं कि क्या वास्तविकता है। अगर ऐसा हुआ है तो यह गलत है। साथ ही साथ एसडीएम लता पाठक ने कहा कि उनके संज्ञान में यह बात आई है कि इस मामले को सिविल कोर्ट में भी पेश किया गया है।

14 को हो गया एग्रीमेंट
नगर परिषद् लखनादौन के सीएमओ राधेश्याम चौधरी (9424380458) ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस काम का एग्रीमेंट 14 अगस्त को हो गया है, एवं ठेकेदार द्वारा पांच परसेंट परफामेंस गारंटी लगभग दस लाख रूपए भी 14 अगस्त को ही जमा करवा दी गई है। जब उनसे यह पूछा गया कि 10 अगस्त से ही ठेकेदार इस सड़क का काम कर रहा है, इस पर वे बिफर गए और बोले ठेकेदार सड़क की साफ सफाई कर रहा था। अब साफ सफाई होगी तब ही काम आरंभ होगा ना। इतना कहकर उन्होंने फोन काट दिया।

विकास काम नियमों के प्रतिकूल न हो
भाजपा नगर मण्डल अध्यक्ष नरेश सेन से जब इस बारे में जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने कहा कि नगर विकास एक बहुत बड़ा और अच्छा मुद्दा है। इसमें सभी को पार्टीगत भावनाएं भुलाकर मदद के लिए आगे आना चाहिए। किन्तु विकास का काम नियम कायदों की बलि चढ़ाकर किया जाए तो यह किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं माना जा सकता है।

पता नहीं कब हुई मुसाफिरी दर्ज
दमोह जिले के तहसील मुख्यालय हटा के ठेकेदार द्वारा इस काम को कराया जा रहा है। इस काम के लिए ठेकेदार के साथ कर्मचारियों की फौज का आना लाजिमी है। जिला कलेक्टर भरत यादव एवं जिला पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला के निर्देशानुसार इनकी मुसाफिरी कोतवाली लखनादौन में दर्ज होना जरूरी है। इस संबंध में जब लखनादौन कोतवाली (07690 240123) से संपर्क किया गया तो वहां तैनात दीवान जीने कहा कि मुसाफिरी के बारे में तभी पता चल पाएगा जब उनका मददगार सिपाही कोर्ट के काम निपटा कर लौट आएगा। उन्होंने बताया कि नगर निरीक्षक लखनादौन जबलपुर गए हुए हैं।

एसडीओपी, टीआई हैं बाहर

इसके उपरांत जब मुसाफिरी के संबंध में लखनादौन एसडीओपी (07690 240157) से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो वहां तैनात सिपाही का कहना था कि एसडीओपी पेशी पर रायसेन गए हुए हैं। वहीं टीआई जबलपुर की ओर कूच कर चुके थे। वहीं, पुलिस सूत्रों ने यह भी कहा कि अब तक तो हटा के ठेकेदार की मुसाफिरी दर्ज नहीं हुई है पर अब पुलिस के संज्ञान में आने से आनन्-फानन पिछली तारीख में मुसाफिरी दर्ज करवाई जा सकती है, क्योंकि एक शराब माफिया के सामने पुलिस भी अपने आप को निरीह ही महसूस करती है।

जागिए कमल मर्सकोले जी, खवासा आपकी विधानसभा में है

जागिए कमल मर्सकोले जी, खवासा आपकी विधानसभा में है

(लिमटी खरे)

बरघाट विधानसभा के विधायक हैं कमल मर्सकोले। कमल मर्सकोले के बारे मेें कहा जाता है कि वे काफी संवदेनशील हैं। पांच साल होने को आए, उनके विधायक बनने के उपरांत सिवनी जिले या बरघाट विधानसभा के हित में कमल मर्सकोले ने विधानसभा में कितने प्रश्न पूछे हैं, इस बारे में वे ही बेहतर बता पाएंगे। अब चूंकि पांच साल का समय पूरा होने को आया है अतः कमल मर्सकोले को जनता की अदालत में खड़ा होना पड़ेगा। उनके विरोधी उनकी टिकिट कटवाने की जुगत में होंगे। कमल मर्सकोले के विरोधी चाह रहे होंगे कि कमल मर्सकोले के खिलाफ मामलों का पुलिंदा उनके हाथ लगे और वे उसे आलाकमान के हाथों सौंप दें।
खवासा अब बरघाट विधानसभा का हिस्सा है। खवासा में आरटीओ, विक्रय कर, मण्डी आदि की जांच चौकियां स्थापित हैं। इन जांच चौकियों में नियम कायदों का कितना पालन होता है यह बात आला अधिकारियों के साथ ही साथ विधायक कमल मर्सकोले को भी अच्छे से पता है। क्या इन पांच सालों में कभी कमल मर्सकोले ने इन जांच चौकियों की सुध ली? अगर नहीं तो क्या रही इसकी वजह? क्या संवेदनशील विधायक कमल मर्सकोले इस बात का जवाब सार्वजनिक रूप से देने का माद्दा रखते हैं?
एक वाक्या याद दिलाना यहां कमल मर्सकोले और जनता को लाजिमी होगा, क्योंकि अमूमन सांसद, विधायक सा सियासी बियावान में विचरण करने वाले नेता मानकर चलते हैं कि पब्लिक मेमोरीयानी लोगों की याद्दाश्त बहुत कम होती है। अधिक समय तक लोग बातों को याद रखने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं। जब वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला हुआ तब हर चौक चौराहों, पान की दुकानों पर इसके चर्चे चटखारे लेेकर हुआ करते थे।
इसके उपरांत संसद पर हमला हुआ देश दहल गया, तब भी लोगों ने इसकी चर्चा की, पर तब तक अमरीका पर हुआ हमला लोगों के जेहन से गायब हो चुका था। इसके बाद छुटपुछ घटनाएं हुईं और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ। इस वक्त तक अमरीका और संसद पर हुए हमले को लोग भूल चुके थे। आज मुंबई हमले पर भी कोई भूले भटके ही चर्चा करता होगा। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पुणे में यूं ही बयान नहीं दिया था कि लोगों की याद्दाश्त कम होती है लोग यह बात भी भूल जाएंगे।
यह कड़वी सच्चाई है कि बीती ताहि बिसार देय, आगे की सुध लेयकी तर्ज पर व्यवस्थाओं का संचालन हो रहा है। किन्तु इन व्यवस्थाओं के बीच मीडिया का यह दायित्व है कि वह हुक्मरानों को समय समय पर चेताने के साथ ही साथ रियाया को भी समय समय पर सच्चाई से अवगत् कराए, वस्तुतः मीडिया के ग्लेमर के चक्कर में मीडिया के मर्म को समझने के बजाए प्रबंधन कौशलके धनी लोग आज पत्रकारों की फेहरिस्त में शामिल हो चुके हैं, जिन्हें मीडिया के गुणधर्म के बारे में माहिती कतई नहीं है। चंद सिक्कों की खनक में हीरो को जीरो और जीरो को हीरो बनाकर अपना दायित्व कथित तौर पर निभा रहे हैं इस तरह के पत्रकार।
मुद्दे की बात पर आएं और वाक्ये का जिकर किया जाए। मोहगांव से खवासा सड़क के निर्माण के लिए विधायक कमल मर्सकोले ने भी अनशन पर बैठने की घोषणा की, यह वाकई एक स्वागत योग्य कदम था कि विधायक पद की गरिमा के अनुरूप कमल मर्सकोले ने लोगों के दुःखदर्द को देखकर ऐसा कदम उठाया। उस वक्त लोगों ने कमल मर्सकोले की विधायकी पर आंच आने तक की बात कह दी थी, जिससे भी कमल मर्सकोले नहीं डिगे।
पर आज जिले की जनता, बरघाट के विधायक कमल मर्सकोले से यह पूछना चाह रही है कि क्या वे स्वयं अपनी मर्जी से अनशन पर बैठने राजी हुए थे, या किसी के दबाव में! अगर किसी के दबाव में उन्होंने धरने पर बैठने का निर्णय लिया था तो पर्दे के पीछे कौन था, चर्चा तो यह भी है कि उन्होंने एनएचएआई के एक अधिकारी के स्थानांतरण की सिफारिश भी की है? अगर की है तो इसका माजरा बता पाएंगे कमल मर्सकोले? पर अगर कमल मर्सकोले ने बिना किसी दबाव के अनशन पर बैठने का मन बनाया था तो उनके विधायक बनने के उपरांत खवासा बार्डर पर लगने वाले जाम के मामले में वे खामोश क्यों हैं? इस बात का जवाब उन्हें देना ही होगा, जनता आज जवाब मांग रही है।
कमल मर्सकोले के विधानसभा क्षेत्र की दुधारू गाय मानी जाती है खवासा बार्डर। इस बार्डर से हर माह चंदीके रूप मेें लाखों रूपए खवासा से सिवनी, जबलपुर होकर भोपाल ग्वालियर तक जाते हैं। यह बात जिले के कमोबेश हर शख्स की जानकारी में है। कमल मर्सकोले जी बरघाट विधानसभा की जनता ने आपको जनादेश देकर विधानसभा में भेजा है। इस जनादेश का सम्मान करना आपका पहला कर्तव्य है। अपने इशारों पर मीडिया को नचाने का दावा भले ही आप प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर करें, या फिर वकीलों के सामने एक फोन पर कथित मीडिया मुगलोंको अपने पास बुलाने का दंभ भरें, इस बात से जनता को ज्यादा लेना देना नहीं है। जनता को खवासा बार्डर से खासी परेशानी हो रही है। आपका फर्ज है कि तत्काल वहां जाएं और जाम हटाने की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करवाएं, अगर अधिकारी न मानें तो दिखावे और मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए ही सही पर अनशन पर बैठें, वरना चुनाव नजदीक हैं, जिस जनता ने पांच साल पहले आपको सर माथे पर बिठाया वही जनता आपको सत्ता के गलियारे से बाहर करने में नहीं चूकने वाली।