सड़क निर्माण का
एग्रीमेंट 14 को हो
चुका है: सीएमओ चौधरी
पता कर जांच करवाता
हूं: आयुक्त, एग्रीमेंट 14 को पर काम 10 से ही हो गया था
चालू, काम तो चल
रहा है पर मेरे संज्ञान में नहीं है: एसडीएम लता पाठक, काम की गुणवत्ता
देखो एग्र्रीमेंट पर मत जाओ: चौधरी
(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)
सिवनी (साई)।
लखनादौन नगर परिषद् में नियम विरूद्ध काम तेजी से हो रहे हैं और नियम कायदों को
पालन करवाने के लिए पाबंद लखनादौन एसडीएम लता पाठक के ‘संज्ञान‘ में कुछ भी नहीं
है। सब्जी मण्डी के मसले पर एसडीएम ने ही स्थगन् दिया है और स्थगन् के बाद भी
मण्डी का न केवल काम चलता रहा वरन मण्डी का लोकार्पण भी कर दिया गया। आज लखनादौन
की मुख्य सड़क को दोनों ओर से बंद कर इसका काम आरंभ करवा दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के
अनुसार लखनादौन शहर में रोटा नाला से पेट्रोल पंप चौराहे तक के सड़क निर्माण का
ठेका दो करोड़ रूपयों की लागत से दमोह जिले के बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया
गया है। इसके रेट सेंक्शन की कार्यवाही पिछले दिनों संचालनालय स्तर पर लंबित होने
के बाद भी ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण का प्राथमिक कार्य आरंभ करवा दिया गया था।
पता कर जांच करवाते
हैं: खाण्डेकर
जब इस संबंध में
जबलपुर संभागायुक्त दीपक खाण्डेकर से उनके मोबाईल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने
बताया कि वे मण्डला दौरे पर हैं। अगर बिना एग्रीमेंट, किसी ठेकेदार
द्वारा काम आरंभ करवाया गया है तो वे इसकी जांच के लिए निर्देशित करेंगे।
संभागायुक्त ने इस काम के बारे में विसंगतियों को विस्तार से सुना।
मीटिंग में व्यस्त
जिला कलेक्टर
जब इस संबंध में
जिला कलेक्टर भरत यादव से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो ज्ञात हुआ कि वे
संवेदनशील अपराधों की एक बैठक में शिरकत कर रहे थे। पुलिस अधीक्षक के भी इसी बैठक
में होने के चलते उनसे भी संपर्क नहीं हो सका।
चल तो रहा है कुछ
दिनों से काम: एसडीएम
इस संबंध में जब
लखनादौन अनुविभागीय दण्डाधिकारी लता पाठक से (07690 40122) से संपर्क
किया गया तो उन्होंने बताया कि उनका आवास भी इसी मार्ग पर पड़ता है एवं चार पांच
दिनों से यहां काम तो चल रहा है। यह बात उनके संज्ञान में नहीं है कि बिना
एग्रीमेंट यहां काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में सीएमओ को बुलाकर
जानकारी लेंगी कि इसका काम कब आरंभ हुआ और कब इसका टेंडर व एग्रीमेंट हुआ।
मण्डी में चल रहा
था काम: एसडीएम
अनुविभागीय
दण्डाधिकारी लता पाठक से जब यह पूछा गया कि उनके स्थगन् के उपरांत मण्डी के काम
चलने की शिकायतें मिली हैं और स्थगन के बाद भी मण्डी का लोकार्पण कर दिया गया है।
इस पर उन्होंने कहा कि पता करते हैं कि क्या वास्तविकता है। अगर ऐसा हुआ है तो यह
गलत है। साथ ही साथ एसडीएम लता पाठक ने कहा कि उनके संज्ञान में यह बात आई है कि
इस मामले को सिविल कोर्ट में भी पेश किया गया है।
14 को हो गया एग्रीमेंट
नगर परिषद् लखनादौन
के सीएमओ राधेश्याम चौधरी (9424380458) ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया
कि इस काम का एग्रीमेंट 14 अगस्त को हो गया है, एवं ठेकेदार द्वारा पांच परसेंट परफामेंस
गारंटी लगभग दस लाख रूपए भी 14 अगस्त को ही जमा करवा दी गई है। जब उनसे यह
पूछा गया कि 10 अगस्त से
ही ठेकेदार इस सड़क का काम कर रहा है, इस पर वे बिफर गए और बोले ठेकेदार सड़क की
साफ सफाई कर रहा था। अब साफ सफाई होगी तब ही काम आरंभ होगा ना। इतना कहकर उन्होंने
फोन काट दिया।
विकास काम नियमों
के प्रतिकूल न हो
भाजपा नगर मण्डल
अध्यक्ष नरेश सेन से जब इस बारे में जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने कहा कि नगर
विकास एक बहुत बड़ा और अच्छा मुद्दा है। इसमें सभी को पार्टीगत भावनाएं भुलाकर मदद
के लिए आगे आना चाहिए। किन्तु विकास का काम नियम कायदों की बलि चढ़ाकर किया जाए तो
यह किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं माना जा सकता है।
पता नहीं कब हुई
मुसाफिरी दर्ज
दमोह जिले के तहसील
मुख्यालय हटा के ठेकेदार द्वारा इस काम को कराया जा रहा है। इस काम के लिए ठेकेदार
के साथ कर्मचारियों की फौज का आना लाजिमी है। जिला कलेक्टर भरत यादव एवं जिला
पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला के निर्देशानुसार इनकी मुसाफिरी कोतवाली लखनादौन में
दर्ज होना जरूरी है। इस संबंध में जब लखनादौन कोतवाली (07690 240123) से संपर्क
किया गया तो वहां तैनात ‘दीवान जी‘ ने कहा कि मुसाफिरी के बारे में तभी पता चल
पाएगा जब उनका मददगार सिपाही कोर्ट के काम निपटा कर लौट आएगा। उन्होंने बताया कि
नगर निरीक्षक लखनादौन जबलपुर गए हुए हैं।
एसडीओपी, टीआई हैं बाहर
इसके उपरांत जब
मुसाफिरी के संबंध में लखनादौन एसडीओपी (07690 240157) से संपर्क करने का
प्रयास किया गया तो वहां तैनात सिपाही का कहना था कि एसडीओपी पेशी पर रायसेन गए
हुए हैं। वहीं टीआई जबलपुर की ओर कूच कर चुके थे। वहीं, पुलिस सूत्रों ने
यह भी कहा कि अब तक तो हटा के ठेकेदार की मुसाफिरी दर्ज नहीं हुई है पर अब पुलिस
के संज्ञान में आने से आनन्-फानन पिछली तारीख में मुसाफिरी दर्ज करवाई जा सकती है, क्योंकि एक शराब
माफिया के सामने पुलिस भी अपने आप को निरीह ही महसूस करती है।