मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

ब्राडगेज आ गई सिवनी जिले में!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  58

ब्राडगेज आ गई सिवनी जिले में!

जिले के घंसौर तहसील में जारी है अमान परिवर्तन का काम



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा देश के हृदय प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में लगाए जा रहे 1200 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट के चलते सिवनी जिले को ब्राडगेज का तोहफा अवश्य मिल गया है, यह अलहदा बात है कि जिला मुख्यालय में अमान परिवर्तन का काम कब होगा यह बात भविष्य के गर्भ में ही है।
रेल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी पर एक केंद्रीय मंत्री का जबर्दस्त दबाव था कि जबलपुर से बालाघाट के अमान परिवर्तन में भले ही नैनपुर से बालाघाट के बीच वन विभाग के फच्चर को न सुलटाया जा सके, किन्तु जबलपुर से बिनेकी तक रेल मार्ग का अमान परिवर्तन जल्द से जल्द करा दिया जाए। गौरतलब है कि सिवनी जिले के बिनेकी ग्राम के समीप गौतम थापर का कोल आधारित पावर प्लांट प्रस्तावित है, जहां कोयले की आपूर्ति रेल मार्ग से होना प्रस्तावित है।
सूत्रों ने आगे कहा कि जबलपुर से बिनेकी तक के अमान परिवर्तन का काम युद्ध स्तर पर जारी है। स्वाभाविक है कि जबलपुर से बिनेकी मार्ग के अमान परिवर्तन होने से गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के 1200 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट में कोयले की आपूर्ति निर्बाध तौर पर की जा सकेगी। पूर्व में कयास लगाए जा रहे थे कि जबलपुर के उपरांत नेरोगेज होने से कोयले की आपूर्ति सड़क मार्ग से की जाएगी।
सूत्रों ने आगे कहा कि सिवनी से होकर गुजरने वाले एक शताब्दी पुराने छिंदवाड़ा नैनपुर रेल खण्ड के अमान परिवर्तन का काम एक केंद्रीय मंत्री की विशेष दिलचस्पी के चलते ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया गया है। वहीं दूसरी ओर मण्डला से नैनपुर के अमान परिवर्तन का काम इसलिए प्राथमिकता पर हो रहा है, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी ने इस रेल खण्ड के लिए अपनी सैद्धांतिक सहमति प्रदाय की थी।
रेल मंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि सिवनी के लोग अब यह बात नहीं कह पाएंगे कि उन्हें ब्राडगेज से नहीं जोड़ा गया है। देखा जाए तो सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड में ब्राडगेज आने से सिवनी जिला ब्राडगेज के नक्शे में अवश्य आ जाएगा। सूत्रों ने कहा कि सिवनी जिले के साथ सौतेला व्यवहार करने वाले कांग्रेस के नेताओं ने बड़ी ही चतुराई से सिवनी को ब्राडगेज के नक्शे पर अवश्य ही ला दिया है, पर जिला मुख्यालय अभी भी ब्राडगेज से जुड़ने से वंचित ही है। इसका कारण भले ही गौतम थापर हों जिनका इकबाल राजनैतिक तौर पर बुलंद हैं, हों, किन्तु जिले का (जिला मुख्यालय नहीं) ब्राडगेज से जुडने का सालों पुराना सपना सच होता दिख रहा है।

(क्रमशः जारी)

सोनिया की मुखालफत कर रहे थे हरीश खरे


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 80

सोनिया की मुखालफत कर रहे थे हरीश खरे

आईबी ने पकड़ी थी आपत्तिजनक मेल



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मीडिया के मसले में प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के आंख नाक कान समझे जाने वाले हरीश खरे को अंततः दूध में से मख्खी की तरह निकालकर बाहर कर दिया गया। सियासी गलियारों में इस बात की पतासाजी जारी है कि आखिर क्या वजह थी कि मनमोहन सिंह ने अपने विश्वस्त हरीश खरे के साथ इतनी बेरूखी अख्तियार की? हिन्दी और भाषाई पत्रकारों और समाचार पत्रों की उपेक्षा का कारण इसमें प्रमुखता से सामने आया था किन्तु यह तो महज एक निमित्त था, दरअसल, कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी की नजरें हरीश खरे के लिए तिरछी हो गईं थीं, जो उनकी बिदाई का कारण बनीं।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के अति विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि 10, जनपथ बनाम 7, रेसकोर्स (प्रधानमंत्री आवास) में हरीश खरे एक इंस्टूमेंट के मानिंद काम कर रहे थे, जिसकी जानकारी सोनिया गांधी को दी गई। इसके बाद ही प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार हरीश खरे को बाहर का रास्ता दिखाने का ताना बाना बुना गया।
सूत्रों ने बताया कि मूलतः अंग्रेजी भाषा के प्रेमी हरीश खरे के कुछ आपत्तिजनक ईमेल इंटेलीजेंस ब्यूरो ने पकड़े थे। सूत्रों ने आगे कहा कि इन ईमेल की भाषा, विचार, भावार्थ, भाव भंगिमाएं, निहितार्थ कुछ इस तरह के थे जो सीधे सीधे 10, जनपथ के खिलाफ थे। इन ईमेल को जब सोनिया गांधी के संज्ञान में लाया गया तब सोनिया गांधी को मशविरा दिया गया कि प्रधानमंत्री बनाम कांग्रेस अध्यक्ष के अघोषित शीत युद्ध को हवा देने का काम कोई ओर नहीं हरीश खरे ही कर रहे हैं।
सूत्रों ने साफ तौर पर कहा कि डॉ.मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाईजर हरीश खरे ने उक्त ईमेल उस वक्त भेजी थी जब मीडिया में प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह और कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के बीच अनबन की खबरें मीडिया की सुर्खियां बन रहीं थीं। वज़ीरे आज़म डॉ.सिंह के मीडिया सलाहकार हरीश खरे ने उक्त ईमेल आंग्ल भाष के सोनिया विरोधी वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों को भेजी थी। इसके बाद ही सोनिया की भवें तनीं और हरीश खरे को निकालने के अलावा प्रधानमंत्री के पास कोई और मार्ग नहीं बचा।

(क्रमशः जारी)

मादक पदार्थों की नीति घोषित


मादक पदार्थों की नीति घोषित

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। केंद्र सरकार ने मादक पदार्थों और नशीली दवाओं के बारे में एक राष्ट्रीय नीति की घोषणा की है। इसका उद्देश्य इन पदार्थों की तस्करी पर रोकथाम लगाना और प्रबंधन में सुधार लाना है। मादक पदार्थों और नशीली दवाओं की की तस्करी की खबरें तेजी से बढ़ने से सरकार चिंतित नजर आ रही थी।
वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने कल नई दिल्ली में एक समारोह में यह नीति जारी की। नीति के तहत नशीली दवाओं के दुरूपयोग की चुनौती पर नियंत्रण लगाने की व्यवस्था की गई है और इसमें मादक पदार्थों के शिकार लोगों के इलाज, पुनर्वास और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रावधान शामिल हैं।
सरकारी सूत्रों का दावा है कि इसके लागू हो जाने से अपराधों में कमी आएगी और जनस्वास्थ्य में सुधार आएगा। इलाज के लिए जरूरी मॉर्फीन और इस तरह के अन्य पदार्थों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया जाएगा। नीति में कहा गया है कि पोस्त और भांग की अवैध खेती के बारे में उपग्रह के जरिए पता लगाकर रोक लगाई जाएगी। इसके बाद अवैध खेती से जुड़े लोगों को आजीविका के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराए जाएंगे।

यूपी में मतदान कल


यूपी में मतदान कल

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश विधानसभा के पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार कल शाम समाप्त हो गया। मतदान कल होगा। इसके लिए मतदानकर्मियों को मतदान केन्द्रों पर आज भेजा जा रहा है। इस चरण में अवध और पूर्वी क्षेत्र के १० जिलों में ५५ विधानसभा सीटों पर होने वाले मतदान के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा प्रबंध किए गये हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोगों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए कई स्थानों पर केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों ने फ्लैगमार्च किया। स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की ६८० कंपनियां तैनात की गई हैं।


नेपाल की सीमा सील


नेपाल की सीमा सील

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। अंतर्राज्यीय और पड़ोसी देश नेपाल से लगने वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा सील कर दी गई है। चुनाव वाले क्षेत्रों में अराजक तत्वों की आवाजाही को रोकने के लिए जगह-जगह बैरियर लगाए गए हैं। कुल आठ सौ ६२ उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला एक करोड़ सत्तर लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे।
इनके वोट डालने के लिए १७ हजार से अधिक मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें से छह हजार आठ सौ ५५ की पहचान संवेदनशील के रूप में की गई है। तीन सौ ५१ मतदान केन्द्रों पर वोट डालने संबंधित सभी गतिविधियों पर निगाह रखने के लिए वेब कैमरे लगाए गए हैं। प्रथम चरण में लखनऊ, फैजाबाद, देवी पाटन और बस्ती मंडलों के दस जिलों में वोट डाले जाएंगे। इस बीच, पांचवे चरण के चुनाव के लिए कुल एक हजार एक सौ ८५ नामांकन पत्रों में से २८२ उम्मीदवारों के नामांकन पत्र जांच के दौरान रद्द कर दिए गये।




विदेश मंत्री चीन यात्रा पर


विदेश मंत्री चीन यात्रा पर

(यशवंत श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा, आज से तीन दिन की यात्रा पर चीन जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच जारी उच्चस्तरीय वार्ता में कुछ समय तक गतिरोध रहने के बाद दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों ने पिछले महीने नई दिल्ली में सीमा मुद्दे पर फिर बातचीत शुरू की थी।
श्री कृष्णा, अगले महीने के अंत में चीन के राष्ट्रपति हू चिंताओ की भारत यात्रा से पहले आधार बनाने के उद्देश्य से चीन जा रहे हैं। श्री कृष्णा पेइचिंग में चीन के विदेश मंत्री यांगजीएची ;ल्ंदह श्रपमबीपद्ध से मुलाकात करेंगे और नए चांसरी भवन का उद्घाटन करेंगे। वे आपसी, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक बातचीत करेंगे। पूर्व राजनयिक जी पार्थसार्थी का कहना है कि यह वार्ता कई मायनों में महत्वपूर्ण है।
पार्थसारथी ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि इस दौरे के दौरान द्विपक्षिय विषयों और खासतौर पर सीमा समस्या पर जरूर बातचीत होगी। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री का यही इरादा रहेगा कि इसको आगे ले जाएं। इसके अलावा कई अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं पर जरूर बातचीत होगी। क्योंकि फिलहाल अमरीका ने ईरान के तेल के आयाता पर कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। ईरान से तेल का आयात चीन के लिए और भारत के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने यकीन जताया कि ऐसे कुछ रास्ते ढूंढेंगे हम सम्मिलित होकर ताकि अमरीकन प्रतिबंध जो लगाए गए हैं इसका हम सामना कर सकें, क्योंकि हमारी जो ऊजा सुरक्षा है इसके लिए हमारे संबंध ईरान के साथ महत्वपूर्ण हैं।

अमरबेल: गंजेपन का उपाय


हर्बल खजाना ----------------- 17

अमरबेल: गंजेपन का उपाय



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। जंगलों, सडक, खेत खलिहानों के किनारे लगे वृक्षों पर परजीवी अमरबेल का जाल अक्सर देखा जा सकता है, वास्तव में जिस पेड पर यह लग जाती है, वह पेड धीरे धीरे सूखने लगता है। खैर, इसकी पत्तियों मे पर्णहरिम का अभाव होता है जिस वजह से यह पीले रंग की दिखाई देती है। इसके अनेक औषधिय गुण भी है।
अमरबेल का वानस्पतिक नाम कस्कूटा रिफ़्लेक्सा है। पूरे पौधे का काढा घाव धोने के लिए बेहतर है और यह टिंक्चर की तरह काम करता है। डाग गुजरात के आदिवासी हर्बल जानकार इसके बीजों और पूरे पौधे को कुचलकर आर्थराईटिस के रोगी को दर्द वाले हिस्सों पर पट्टी लगाकर बाँध दिया जाए तो काफ़ी फ़ायदा होता है।
गंजेपन को दूर करने के लिए पातालकोट के आदिवासी मानते है कि यदि आम के पेड पर लगी अमरबेल को पानी में उबाल लिया जाए और उस पानी से स्नान किया जाए तो बाल पुनःः उगने लगते है हलाँकि डाँग के आदिवासी अमरबेल को कूटकर उसे तिल के तेल में २० मिनट तक उबालते है और इस तेल को कम बाल या गंजे सर पर लगाने की सलाह देते है।
अमरबेल को कुचलकर इसमें शहद और घी मिलाकर पुराने घावों पर लगाया जाए तो घाव जल्दी भरने लगता है। आधुनिक अध्ययनों से पता चलता है कि इस पौधे का अर्क पेट के कैंसर से लड़ने में मदद कर सकता है। कई ग्रामीण अंचलों मे इसका काढा गर्भपात कराने के लिये दाईयों द्वारा दिया जाता है।

www.abhumka.com
deepak@abhumka.com

नए अवतार में ताई!


ये है दिल्ली मेरी जान



(लिमटी खरे)

नए अवतार में ताई!
देश की पहली महिला महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल इन दिनों अलग ही रूप में नजर आ रहीं हैं। कल तक शांत रहने वाली प्रतिभा ताई ने अब अपनी भाव भंगिमाएं बदल लीं हैं। इस साल जुलाई में वे सेवानिवृत होने वाली हैं। इस साल गणतंत्र दिवस परेड पर प्रतिभा पाटिल ने पूर्व राष्ट्रपति कलाम के मानिंद ही बच्चों के साथ खूब समय बिताया। कहा तो यह भी जा रहा है कि कलाम की तरह लोकप्रिय होने की जुगत में प्रतिभा ताई ने यह कदम उठाया है, ताकि वे अगली मर्तबा इस पद पर अपनी दावेदारी पुख्ता कर सकें। रायसीना हिल्स से रूखसती के पहले प्रतिभा ताई ने अपनी प्राथमिकताएं भी तय कर लीं हैं। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों का दावा है कि प्रतिभा ताई मई माह में देश के हर सूबे में जाकर विधायकों से रूबरू होंगी। वे सर्वोच्च न्यायायल के न्यायधीशों, मीडिया कर्मियों कुछ गैर सरकारी संगठनों से मिलने वाली हैं। जुलाई के पहले सप्ताह में वे केंद्रीय मंत्रीमण्डल के सदस्यों से रूबरू होंगीं।

पचौरी ने आरंभ किया अपना काम
भारत गणराज्य के वज़ीरे आज़म डॉ.मनमोहन सिंह के नए मीडिया सलाहकार पंकज पचौरी ने अपनी जवाबदारी लेने के बाद काम युद्ध स्तर पर आरंभ कर दिया है। एक तरफ तो मनमोहन के गण (मंत्री) कपिल सिब्बल द्वारा फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर नकेल कसने की मंशा जाहिर की जाती है वहीं दूसरी ओर पीएम के मीडिया एडवाईजर पचौरी ने प्रधानमंत्री का ट्विटर पर एकाउंट बनवा दिया है। पीएमओ इंडियानामक यह एकाउंट चर्चा में आ चुका है। इसकी खासियत यह है कि इस एकाउंट से किसी को फालो नहीं किया गया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि कपिल सिब्बल अब मनमोहन के मनमाफिक नहीं रहे, तभी तो सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स के उनके घोर विरोध के बावजूद भी पीएम ने अपना एकाउंट इस वेब साईट पर बनाने की सहमति दे दी। गौरतलब है कि इसके पहले पूर्व मंत्री शशि थरूर ने ट्विटर को सरकारी कामकाज का जरिया बनवा दिया था।

कुलकर्णी ने थामा गड़करी का हाथ
एक समय एल.के.आड़वाणी के खसुलखास रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने अब नया आशियाना ढूंढ लिया है। कुलकर्णी अब भाजपा के निजाम नितिन गड़करी के सलाहकार के रूप में सामने आए हैं। नोट फॉर वोटमामले में जेल की हवा खा चुके कुलकर्णी के दिमाग की दाद देते हुए भाजपा ने उनका पुनर्वास किया है। 2009 में आड़वाणी के विजन दस्तावेज को तैयार करने वाले कुलकर्णी को भाजपा मुख्यालय 11, अशोक रोड़ में एक कमरा भी आवंटित हो गया है। बताते हैं कि कुलकर्णी इस समय गड़करी के लिए उत्तर प्रदेश में सत्ता वापसी का रोड़ मेप तैयार कर रहे हैं। जानकार इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि वेस्ट बंगाल की निज़ाम ममता बनर्जी के कथित तौर पर करीबी रहे कुलकर्णी जो रेल्वे की विशेषज्ञ समिति में भी थे को भाजपा इतनी महती जवाबदारी कैसे दे सकती है। ममता के रायटर बिल्डिंग पर कब्जे में भी कुलकर्णी की महती भूमिका बताई जा रही है।

पुर्ननियुक्ति की चाहत में द्विवेदी!
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के दिल्ली स्थित सूचना केंद्र के अपर संचालक पद से 31 जनवरी को सेवानिवृत हुए सुरेंद्र कुमार द्विवेदी पर भाजपा संगठन मेहरबान दिख रहा है। चर्चा है कि मध्य प्रदेश भाजपाध्यक्ष प्रभात झा के करीबी रहे द्विवेदी को पहले भोपाल स्थित माखन लाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पुर्ननियुक्ति देने की कवायद की गई थी। जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में यह बात लाई गई कि द्विवेदी द्वारा सरकार के बजाए संगठन की छवि बनाने पर ज्यादा ध्यान दिया गया तो मामला खटाई में पड़ गया था। भाजपा मानसिकता वाले पत्रकारों पर मेहरबान रहने के आरोप द्विवेदी पर अनेक बार लगे। बताते हैं कि अब द्विवेदी की पुर्ननियुक्ति के लिए एमपी गर्वमेंट द्वारा दिल्ली में एक संसदीय सेल का गठन किया जा रहा है, जो सांसदों का सहयोग करेगा, और इस सेल के प्रभारी के बतौर सुरेंद्र द्विवेदी का नाम चलाया जा रहा है।

राजमाता से मिलने बैचेन खरे
देश के मीडिया को सरकार के लिए मैनेज करने वाले पीएम के मीडिया एडवाईजर रहे हरीश खरे का शनी लगता है काफी भारी चल रहा है। पीएमओ से हटने के बाद अब हरीश खरे के साथ सबसे बड़ा संकट उनकी पीठ पर लगा पीएम के मीडिया एडवाईजर का है। अब उन्हें इस पद पर रहने के बाद इसके समकक्ष या इससे उपर का ओहदा ही चाहिए होगा। अगर वे कहीं ज्वाईन करते हैं और वह पद इससे नीचे का हुआ तो यह उनकी अवनति माना जाएगा। कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के सूत्रों का कहना है कि हरीश खरे इस वक्त कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी से मिलने को बेहद बेताब हैं। इसलिए उन्होंने सोनिया गांधी के पारिवारिक मित्र और पत्रकारी सुमन दुबे से मदद की गुहार लगाई है। उधर, खरे के घुर विरोधी पुलक चटर्जी ने अपना पूरा जोर लगा दिया है कि खरे और सोनिया गांधी की मुलाकात न हो पाए।
पगार सरकारी, गुणगान थापर के!
मध्य प्रदेश सरकार के अधीन काम करने वाले प्रदूषण नियंत्रण मण्डल का एक नया कारनामा सामने आया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि एमपीपीसीबी के जबलपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय और भोपल स्थित मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा पगार तो शिवराज सिंह चौहान सरकार से ली जा रही है, किन्तु गुणगान हो रहा है मशहूर उद्योगपति गौतम थापर का। दरअसल, थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा सिवनी जिले के छटवीं अनुसूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर में कोल आधारित पावर प्लांट लगाया जा रहा है। पर्यावरण संतुलन हेतु इसे 2008 से वृक्षारोपण कराना था। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि उसने दिसंबर 2011 से वृक्षारोपण कराया है। उधर, पीसीबी के अधिकारियों ने कागजों पर ही वृक्षारोपण कर उनकी तसदीक भी कर ली। कहते हैं कि कंपनी ने इन पंक्तियों के लिखे जाने तक वृक्षारोपण किया ही नहीं। पता नहीं क्यों एमपीपीसीबी द्वारा थापर की जुबान बोली जा रही है?

परेशान हैं दिनेश त्रिवेदी!
देश के रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की पेशानी पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई पड़ रही हैं। वे काफी टेंशन में दिखाई पड़ रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि त्रणमूल कोटे से मंत्री बने दिनेश त्रिवेदी और त्रणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के बीच सब कुछ सामान्य नहीं हैं। उधर, पश्चिम बंगाल की निजाम ममता बनर्जी द्वारा कांग्रेस की कालर पकड़कर उसे हड़काना आरंभ कर दिया है। त्रिवेदी के करीबी सूत्रों का कहना है कि मंत्री महोदय को लग रहा है कि पता नहीं वे अपने जीवन का पहला रेल बजट पेश भी कर पाएंगे अथवा नहीं। वैसे उनकी मुश्किल यह भी है कि ममता रेल किराया नहीं बढ़ाने की पक्षधर हैं, पर अगर रेल भाड़ा नहीं बढ़ा तो घाटे में चलने वाली भारतीय रेल के हालात इंडियन एयरलाईंस और एयर इंडिया के महराजाकी तरह ही हो जाएंगे, जो दर दर भटककर मदद की गुहार लगा रहे हैं।

कांग्रेसियों के रडारपर मीनाक्षी
टीम राहुल की सदस्य और हृदय प्रदेश के मंदसौर की युवा सांसद मीनाक्षी नटराजन इन दिनों कांग्रेस के आला नेताओं के निशाने पर हैं। मीनाक्षी पर आरोप है कि उन्होंने आखिल भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) में राहुल गांधी के द्वारा तय किए गए नियम चुनाव के कायदों का सरेआम माखौल उड़ाया है। मीनाक्षी अपने पसंदीदा उम्मीदवार को एनएसयूआई का अध्यक्ष मनोनीत करवा दिया है। रोहित चौधरी पर आरोप है कि वे संगठन के लिए निर्धारित 30 वर्ष की आयु सीमा को पार कर चुके हैं। एक तरफ तो देश भर में एनएसयूआई क चुनाव चल रहे हैं, इन चुने हुए प्रतिनिधियों को नया अध्यक्ष चुनना है, पर कांग्रेस की बोरा बंद संस्कृति के चलते चौधरी को पद पर बिठा दिया गया है। इस बात को लेकर एनएसयूआई सहित कांग्रेस के आला नेताओं में रोष और असंतोष पनप रहा है। मीनाक्षी की शिकायत अनेक आला नेताओं ने सोनिया और राहुल से भी कर दी है।

चम्बल में होगा भाजपा का प्रभात!
सिंधिया घराने के वर्चस्व वाले ग्वालियर चंबल संभाग पर इन दिनों मध्य प्रदेश भाजपा संगठन काफी मेहरबान दिख रहा है। मध्य प्रदेश में सत्ता और संगठन का समन्वय बन चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं तो संगठन के प्रदेश प्रमुख प्रभात झा को काम करने फ्री हेण्ड मिला हुआ है। प्रभात झा अभी राज्य सभा से सांसद हैं। वे बरास्ता लोकसभा संसदीय सौंध में जाने के इच्छुक बताए जा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के एक पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि प्रभात झा की इच्छा है कि वे ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ें। इस बात की भनक वहां की सांसद यशोधरा राजे सिंधिया को लग चुकी है। यशोधरा की रातों की नींद उड़ना स्वाभाविक ही है। यशोधरा के करीबी अब प्रभात झा के बिहार मूल के होने की बात को जोर शोर से उठा रही है। पार्टी नेताओं को डर है कि कहीं प्रभात यशोधरा के इस शीत युद्ध में चंबल में भाजपा का खिलता सूर्य अस्ताचल की ओर न अग्रसर हो जाए।

अपनी पीठ ठोंकते वर्मा और जायस्वाल!
उत्तर प्रदेश के आसन्न चुनावों में सूबे के कोटे से केंद्र में मंत्री श्रीप्रकाश जायस्वाल और बेनी वर्मा के बीच ही अनबन जगजाहिर होने लगी है। सूबे में दोनों ही नेताओं ने अपनी पीठ ठोंकते हुए बेनर, पोस्टर, फलेक्स का युद्ध छेड़ दिया है। दरअसल, दोनों ही नेता यूपी में सीएम के दावेदार बताए जा रहे हैं। जायस्वाल ने एक सर्वे कराया कि यूपी में किसका जनाधार सबसे ज्यादा है। इसके पोस्टर चस्पा हुए तो बेनी वर्मा कहां पीछे रहने वाले थे। उन्होंने अपने कामों की फेहरिस्त के साथ कानपुर, बाराबंकी, लखनऊ सहित समूचे सूबे में पोस्टर लगवा दिए। जायस्वाल समर्थकों ने बेनी के पोस्टर हटाकर अपने आका के पोस्टर लगा दिए। फिर क्या था, बेनी समर्थकों ने उन्हें हटाकर अपने पोस्टर लगा दिए। उत्तर प्रदेश की जनता अब कांग्रेस बनाम अन्य राजनैतिक दल के स्थान पर कांग्रेस बनाम कांग्रेस का ही मजा ले रही है।

कांग्रेस को झटका देने ममता का नया पेंतरा
ममता की त्रणमूल और सोनिया की कांग्रेस के बीच खींचतान अब चरम पर पहुंच चुकी है। अपनी बातें मनवाने के लिए ममता बनर्जी द्वारा प्रेशर टेक्टिस का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे कांग्रेस बुरी तरह आहत ही नजर आ रही है। कांग्रेस अब त्रणमूल को छोड़कर सायकल (समाजवादी पार्टी) की सवारी गांठने पर विचार कर ही है। ममता को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली उसने कांग्रेस विरोधी ताकतों से हाथ मिलाना आरंभ कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि ममता को मशविरा दिया गया है कि वे दिल्ली में देश भर की पार्टियों के क्षत्रपों को एकजुट कर उनका एक ‘‘दबाव समूह‘‘ बना लें। ममता वैसे भी नवीन पटनायक, प्रकाश सिंह बादल और नितीश कुमार के जीवंत संपर्क में बताई जाती हैं। ममता अपने विश्वस्त साथियों के साथ जयललिता को साधने की जुगत में भी दिख रही हैं। वैसे ममता बनर्जी के संबंध राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के साथ बेहतरीन ही हैं। यह सब कुछ कांग्रेस का रक्तचाप बढ़ाने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है।

पुच्छल तारा
मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठन कुछ सक्रिय होता दिख रहा है। इसके पीछे राहुल सिंह और माणक अग्रवाल की मेहनत ही सामने आ रही है। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश महाराष्ट्र की संस्कारधानी नागपुर प्रवास पर थे। उन्होंने एमपी के सिवनी जिले का प्रोग्राम बना लिया। वे नेशनल हाईवे नंबर सात से गए। इस मार्ग की जर्जर हालत के लिए वे ही दोषी हैं, क्योंकि रमेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री रहते ही इस सड़क के निर्माण में पेंच का फच्चर फसा था। सिवनी में नेशनल हाईवे के साथ ही साथ शहर के अंदर की सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। इसी बात पर वहां से अखिलेश ने एक एसएमएस भेजा है। अखिलेश लिखते हैं कि इस सड़क को इसलिए नहीं बनाया जा रहा है ताकि लोग इसके बजाए छिंदवाड़ा के रास्ते नागपुर जाएं, पर कांग्रेस के नेताओं से गुजारिश है कि सिवनी शहर के अंदर से गुजरने वाले हाईवे को तो दुरूस्त करवा दो कम से यहां के लोग शहर में तो ठीक तरीके से विचरण कर सकें।