सोमवार, 3 जून 2013

रजनीश नहीं रामजियन होंगे दादा ठाकुर के उत्तराधिकारी

रजनीश नहीं रामजियन होंगे दादा ठाकुर के उत्तराधिकारी

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। चार दशकों तक सिवनी में कांग्रेस के आसमान पर धूमकेतू की तरह छा जाने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर के अवसान के बाद अब यह चर्चा तेज हो चुकी है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा।
ज्ञातव्य है कि हरवंश सिंह ठाकुर ने सिवनी विधानसभा से पराजय के उपरांत केवलारी विधानसभा में अपना सिक्का जमाया। चार बार से वे केवलारी विधानसभा के विधायक हैं और मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहते उनका निधन हुआ है। इसके पूर्व वे प्रदेश के गृह मंत्री जैसे जिम्मेदार ओहदों पर भी रहे हैं।
हरवंश सिंह के पारिवारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि हरवंश सिंह ठाकुर की जमी जमाई विरासत अब किसके नाम हो इस बारे मेें चर्चाएं तेज हो गई हैं। रजनीश सिंह स्वाभाविक तौर पर उस विरासत के सबसे बड़े दावेदार बनकर सामने आ रहे हैं। वहीं चर्चा है कि इस बार केवलारी विधानसभा से हरवंश सिंह की अर्धांग्नी पवन सिंह को मैदान में उतारा जाएगा।
इसी बीच, हरवंश सिंह ठाकुर के एक करीबी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि हरवंश सिंह ठाकुर की केवलारी विरासत अब उनके अनुज रामजियन सिंह ही संभालेंगे। इस हेतु कांग्रेस के आला दर्जे के क्षत्रपों और रामजियन सिंह के बीच प्राथमिक चर्चाएं भी पूरी हो चुकी हैं।
सूत्रों ने बताया कि कृषि उपज मंडी में उपसंचालक के पद पर पदस्थ रामजियन सिंह ने अब नौकरी से त्यागपत्र देने का मन भी बना लिया है। सूत्रों ने दावे के साथ कहा कि हरवंश सिंह की राजनैतिक विरासत अब दादा ठाकुर के पुत्र रजनीश के बजाए रामजियन सिंह ही संभालने वाले हैं।

वहीं, पारिवारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि आज रात रामजियन सिंह बर्रा पहुंचने वाले हैं। उनके लिए हरवंश सिंह के कक्ष से लगे कक्ष को तैयार करवाया जा रहा है। संभवतः सोमवार से बर्रा में समूची कमान रामजियन ंिसह के हाथों में आ जाए।

पत्रकार लिमटी खरे अय्याश और बेवड़ा: दिनेश राय

पत्रकार लिमटी खरे अय्याश और बेवड़ा: दिनेश राय

30 साल के पत्रकारिता जीवन में आज तक कोई लड़ाई झगड़ा या दुर्घटना नहीं: खरे

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। ‘‘पत्रकार लिमटी खरे आदतन नशा और अय्याशी के कार्यों में संलग्न हैं, अगर ये खुद की गल्ति से कहीं दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं तो इसमें मेरी कोई जवाबदारी नहीं होगी।‘‘ उक्ताशय की बात शराब व्यवसाई रहे और वर्तमान में लखनादौन र्मिस्जद के सरपरस्त दिनेश राय उर्फ मुममुन ने जिला पुलिस अधीक्षक को दिए एक आवेदन में कही गई है। ला ग्रेजुएट दिनेश राय द्वारा दिए गए आवेदन में ओर छोर तथा भाषा देखकर यह कहना मुश्किल ही है कि वह आवेदन किसी पढ़े लिखे व्यक्ति ने बनाया है।
जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 22 मई को नगर पंचायत लखनादौन के पूर्व अध्यक्ष और सिवनी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके दिनेश राय उर्फ मुममुन ने एक आवेदन पुलिस अधीक्षक को दिया है। इस आवेदन में कहा गया है कि हिन्द गजट पेपर लगातार उनके खिलाफ पेपर में न्यूज का प्रसारण कर रहा है।
सूत्रों ने आगे बताया कि दिनेश राय उर्फ मुममुन ने अपने आवेदन में कहा है कि वे इस तरह के प्रसारण से कतई विचलित नहीं हैं। किन्तु दुर्घटना के संदेह को देखते हुए लिमटी खरे आदतन नशा एवं अय्याशी के कार्यों मं संलग्न हैं, अतः इनकी स्वयं की गल्ति से कोई दुर्घटना घट जाए तब जानबूझकर श्री खरे द्वारा दिनेश राय उर्फ मुममुन के नाम को उन घटनाओं से जोड़ेंगे क्योंकि इसी तरह का वाक्या पूर्व में घट चुका है।
सूत्रों ने आगे बताया कि दिनेश राय उर्फ मुममुन ने अपने आवेदन में कहा है कि इस तरह का एक वाक्या उनके नगर पंचायत अध्यक्ष रहते हुए उनके खिलाफ सीरिज चलाई जा रही थी, जिसमें एक लखनादौन के एक पत्रकार रेस्ट हाउस के बाजू में किसी के घर में घुसकर लड़की के साथ छेड़छाड़ के मामले में आसपास के लोगों द्वारा मारपीट हुई।
सूत्रों की मानें तो इस आवेदन में राय पेट्रोलियम के संचालक और लखनादौन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश राय उर्फ मुनमुन ने आगे कहा है कि इस घटना को रेस्ट हाउस के सामने की घटना बताकर उनके द्वारा इसे घटित करवाकर मारा जाना इस प्रकार की झूठी कहानी बनाकर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई, किन्तु जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के द्वारा तत्काल उक्त घटना की सूक्ष्म जांच कराई गई, जिसमें इन आरोपों को झूठा पाया गया एवं केस खत्म किया गया।
सूत्रों ने आगे बताया कि दिनेश राय उर्फ मुममुन द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक को दिए आवेदन में कहा है कि इसी प्रकार अय्याश और नशैला पत्रकार लिमटी खरे आर्थिक पूर्ति एवं राजनैतिक षणयंत्र के तहत लगातार उनके खिलाफ झूठा एवं निराधार प्रकाशित कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि अपने आवेदन में अंत में दिनेश राय उर्फ मुममुन ने कहा है कि अगर लिमटी खरे स्वयं की गल्ति से दुर्घटना के शिकार हो जाएं या किसी से झगड़ लें या किसी अनैतिक कार्यों के कारण किसी दुर्घटना के शिकार हो जाएं तो उस घटना को दिनेश राय उर्फ मुममुन के द्वारा की गई बताकर उनके खिलाफ मामला बनाने का प्रयास कर सकते हैं।
इस संबंध में श्री खरे का कहना था कि दिनेश राय उर्फ मुममुन पता नहीं किस आधार पर उनके खिलाफ समाचार प्रकाशन की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिन्द गजट समाचार पत्र उन्होंने भी देखा है एवं 5 मई, 29 मई एवं 30 मई को प्रकाशित समाचार दिनेश राय के अच्छे कामों से संबंधित हैं। दिनेश राय द्वारा हरवंश सिंह ठाकुर को श्रृद्धांजली दी गई जिस संबंध में फोटो युक्त समाचार भी प्रकाशित किया गया था।
श्री खरे ने आगे कहा कि उनके तीस साल के पत्रकारिता के जीवन में अब तक ना तो किसी से कोई विवाद हुआ है और ना ही किसी से झगड़ा हुआ है। उन्होने कहा कि दिनेश राय उर्फ मुममुन को पता नहीं यह आशंका क्यों है कि लिमटी खरे के साथ मारपीट हो सकती है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि दिनेश राय उर्फ मुममुन द्वारा ही इस तरह का माहौल तैयार किया जा रहा है कि कहीं कोई विवाद हो और बात बढ़े।
श्री खरे ने कहा है कि उनकी शालीनता, चुप्पी, सहनशीलता को नपुंसकता कतई ना समझा जाए। उन्होंने कहा कि सिवनी की जनता अभी यह बात भूली नहीं है कि पिछले विधान सभा चुनावों के दौरान सहारा समय द्वारा आहूत मिशन उच्चतर माध्यमिक शाला में हुए कार्यक्रम में दिनेश राय उर्फ मुममुन द्वारा नेता बाबूलाल श्रीवास्तव के एक प्रश्न पर किस तरह बांहे चढ़ाकर उनकी और दौड़े थे।
उन्होंने कहा कि सिवनी की जनता ने उनके तीस साल के पत्रकारिता जीवन को देखा है एवं सिवनी की जनता इस बात को भली भांति जानती है कि दिनेश राय उर्फ मुममुन के इशारों पर कौन से पत्रकारों द्वारा पत्रकारिता धर्म को तिलांजली देकर शराब व्यवसाईयों, आदिवासी विरोधी ठेकेदारों के चरण चूमे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इस तरह के तत्वों को भी बेनकाब करने से नहीं चूकेंगे।
उन्होंने कहा कि वे पिछले एक दशक से राज्य शासन की ओर से अधिमान्य पत्रकार हैं एवं अधिमान्यता के लिए पुलिस द्वारा चारित्रिक और व्यक्गित सत्यापन किया जाता है। उनका चारित्रिक और व्यक्तिगत सत्यापन भोपाल एवं दिल्ली पुलिस द्वारा किया गया है, फिर किस आधार पर दिनेश राय उर्फ मुममुन ने उन्हें अय्याश बताने की जहमत उठाई है इसकी जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एक शराब व्यवसाई द्वारा उन्हें बेवड़ा बताया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी शराब व्यवसाई के किसी भी तरह के प्रमाण पत्र की आवश्यक्ता नहीं है।
श्री खरे ने कहा कि सोमवार को जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय से इस शिकायत की प्रमाणिक प्रति प्राप्त करेंगे और उसके बाद इसके अध्ययन के साथ ही वे दिनेश राय उर्फ मुममुन के खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे। श्री खरे ने कहा कि वे नशैले हैं और अय्याश हैं इस बात को दिनेश राय साबित अवश्य करें।
इतना ही नहीं श्री खरे ने कहा है कि उनके तीस साल के पत्रकारिता के जीवन में यह पहली बार उनके उपर आरोप लगा है, इस आरोप से बुरी तरह आहत हैं और इसकी शिकायत वे प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया में अवश्य ही करेंगे ताकि दिनेश राय उर्फ मुममुन को इसका करारा जवाब दिया जा सके।

श्री खरे ने कहा कि उनके द्वारा 15 मई को जिला पुलिस अधीक्षक को उन्हें फोन पर लखनादौन नगर पंचायत के पार्षद प्रमोद झारिया के नाम से मिली धमकी के बाद जिला पुलिस अधीक्षक को इसकी लिखित शिकायत कर सुरक्षा की मांग की थी, जो उन्हें अब तक नहीं मिल पाई है।

जिन्दा बम पर बैठा सिवनी शहर!

जिन्दा बम पर बैठा सिवनी शहर!

(लिमटी खरे)

सिवनी शहर में कभी भी किसी भी दुर्घटना के घटने से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसका कारण शहर में जहां तहां एक्सप्लोसिव एक्ट का उल्लंघन ही प्रमुख वजह माना जाएगा। शहर के अंदर फटाखों के अलावा बारूद का ढेर लगा हुआ है। हाल ही में महावीर मढिया के सामने अनुग्रह गैस एजेंसी के बाजू में एक गोदाम में बड़ी तादाद में माचिस के खोके उतारे गए। राहगीरों की आपत्ति के बाद पुलिस ने लारी के कागज बुलवा लिए किन्तु इसके बाद क्या कार्यवाही हुई इस बारे में सिवनी पुलिस मौन ही है।
ज्ञातव्य है कि पूर्व में जब सिवनी में मीनाक्षी शर्मा जिला पुलिस अधीक्षक थीं, उस वक्त एन बुधवारी बाजार से लगे दारोगा मोहल्ले में बारूद फटने से एक व्यक्ति के चिथड़े उड़ गए थे। वह घर पर बारूद क्यों रखा हुआ था? घर पर वह बारूद के साथ खेल रहा था या फिर बम बना रहा था, डेटोनेटर बना रहा था, इस बारे में सिवनी पुलिस ने मौन ही साधे रखा था।
पिछले दिनों सिवनी में हड्डी गोदाम से बड़ी तादाद में बम गोले असलाह बरामद हुआ था। इसके तार दारोगा मोहल्ला के हादसे से जुड़ सकते हैं। हो सकता है दारोगा मोहल्ला में भी बन बनाने का काम चल रहा हो। सिवनी में बड़ी संख्या में बम मिलना वाकई चिंताजनक ही माना जाएगा।
सिवनी शहर में घनी आबादी में अगर इस तरह के हादसे हो रहे हों तो यह निश्चित तौर पर पुलिस की असफलता ही मानी जाएगी। बार बार चेताने के बाद भी किराएदारी या मुसाफिरी दर्ज कराना आवश्यक ना बनाया जाना और इसको कड़ाई से लागू ना किया जाना वाकई आश्चर्यजनक ही कहा जाएगा।
हाल ही में पुलिस महानिरीक्षक ने जिले में किराएदारी की सूचना देना और मुसाफिरी दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया है। दो वर्ष पूर्व भाजपा के युवा नेता नरेंद्र ठाकुर ने मुसाफिरी और किराएदारी अनिवार्य कराने की मांग की थी। विडम्बना ही कही जाएगी कि पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान देने की जहमत नहीं उठाई है।
पुलिस महानिरीक्षक संजय झा के आदेश के उपरांत भी सिवनी में किराएदारी के सत्यापन का काम अभी तक आरंभ नहीं हो सका है, जो वाकई अपने आप में आश्चर्यजनक के साथ ही साथ अनेक संदेहों को जन्म देने के लिए पर्याप्त माना जा सकता है। दक्षिण भारत का एक कातिल हत्यारा सिवनी की अभिषेक कालोनी में ना केवल रहकर चला गया वरन् नगर पालिका परिषद ने सारी सीमाएं पार कर उसका राशन कार्ड तक बना दिया था।
सिवनी शहर में माचिस का बल्क में स्टोरेज भी किसी दिन किसी अनहोनी को जन्म दे सकता है। इसका सबसे खतरनाक पहलु यह है कि यह आबादी वाला क्षेत्र है। साथ ही साथ महज दस कदम पर ही अनुग्रह गैस एजेंसी है। सिवनी में फटाखा व्यवसाई भी अपना माल कहां रखते हैं यह बात भी शोध का ही विषय है।
क्या कभी जिला प्रशासन ने कभी फटाखा व्यवसाईयों से यह पूछने की जहमत उठाई है कि वे अपना स्टोरेज कहां रखते हैं। दीपावली के पहले फटाखा व्यवसाईयों को ज्वलनशील फटाखे बेचने के लिए लाईसेंस दिया जाता है। दीप पर्व और ग्यारस के उपरांत जिन फटाखा व्यवसाईयों को लाईसेंस दिया जाता है उनसे यह पूछने की जहमत भी प्रशासन नहीं उठाता कि उनके पास कितना माल बचा है और वह उन्होंने कहां खुर्द बुर्द किया है।
सिवनी शहर के हड्डी गोदाम और बारापत्थर की एकता कालोनी में बम मिले और आरोपी भी। इसका मतलब साफ है कि अब शहर का कोई भी क्षेत्र सुरक्षित नहीं बचा है। हर ओर डर ही डर है कि पुलिस की मुखबिर सूचना तंत्र के पंगु होने के चलते और नेताओं तथा मीडिया पर्सन्स की अनावश्यक तांक झांक और दबाव के कारण ही शहर के हालात बद से बदतर हो चुके हैं।

जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से एक ही अपेक्षा है कि वह अपना गोपनीय सूचना तंत्र मजबूत करे, एवं साथ ही साथ किराएदारी तथा मुसाफिरी दर्ज करवाने के काम को प्राथमिकता के आधार पर संपन्न करवाया जाए, ताकि शहर में अमन चैन वापस लौट सके और नागरिक एक बार फिर चैन की सांस ले सकें।