मंगलवार, 1 जनवरी 2013

हम स्वतंत्र या परातंत्र!


हम स्वतंत्र या परातंत्र!

(लिमटी खरे)

कहने को तो भारत 15 अगस्त को आजाद हुआकहने को तो भारत में लोकतंत्र का राज है। प्रजातंत्र का अर्थ है जनता काजनता द्वाराजनता के लिए शासन। आज आजादी के साढ़े छः दशकों के बाद भी हम सीना ठोककर यह नहीं कह सकते कि भारत में आजादी की सुबह हो चुकी है। देश में नपुंसकनिर्लज्जनिर्ममनिर्मोहीनाकारे हाकिमों का राज जिसे जंगलराज की संज्ञा दी जा सकती है के साए में देश की जनता सांसे लेने पर मजबूर है। आजादी के मायने क्या हैंदेशप्रेम क्या होता हैदेश के प्रति जवाबदेही किस चिडिया का नाम हैइस तरह के प्रश्नों का उत्तर आज की युवा पीढी के पास नहीं है। देश की शिक्षा प्रणाली पर लगातार हमले होते रहे हैं। आज के युवा को देश के प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सैनानियोंकहानीकारों कवियों आदि के बारे में ही जानकारी नहीं है तो बाकी की कौन कहे। भ्रष्टाचार इस कदर हावी हो चुका है कि हर पग पर पैसे की दरकार है। जनता के सेवक होने का दावा करने वाले सांसदविधायक जनता के धन की लूट मचा रहे हैं। जनता अधनंगी भूखी कराह रही है। इस तरह के लोकतंत्र में जीकर क्या आप कह सकते हैं कि हम स्वाधीन हैं?

भारत का इतिहास खंगालने पर आपको पता चलेगा कि इस देश पर बाबर पहला मुगल था जिसने हमला किया था। बाबर के उपरांत भारत देश में मुगल शासकों का शासन लंबे समय तक रहा। मुगल शासकों के साथ देश के शासक भी राज करते रहे। मुगलों के शासन के दौरान कुछ अच्छी तो कुछ कड़वी यादें भी जुड़ी हैं भारत के इतिहास में। मुगलों के उपरांत 1600 ईस्वी में गोरे ब्रितानियों ने व्यापार के लिए भारत को चुना।
हमने छटवीं से लेकर आठवीं कक्षा तक सामाजिक अध्ययन के तहत किताबों में मुगलों और अंग्रेजों के बारे में पढ़ा है। आज की पीढ़ी को यह सब पढ़ने की फुर्सत ही नहीं है। उस वक्त कोर्स की किताबों में भारत का इतिहास दर्ज था। अस्सी के दशक तक देश प्रेम देश भक्ति से ओत प्रोत गानों को सारे साल सुना जा सकता था। फिल्मों में भी एक सार्थकता होती थी। हर फिल्म का एक उद्देश्य होता था। कहानी से एक शिक्षा मिलती थी। पर आज की फिल्मों में ना कहानी है ना गीत संगीत बस कुछ है तो वह है निर्ल्लज्जता।
आज की पीढ़ी यह अवश्य ही जानती है कि भारत गणराज्य को 14 एवं 15 अगस्त 1947 की दरम्यानी रात में आजादी मिली। किन्तु यह आजादी कितने जतन के उपरांत मिली इस बारे में आज की पीढ़ी को ज्यादा जानकारी नहीं है। देश में आंतरिक रूप से अराजकता व्याप्त है। रेत में सर गड़ाकर हाकिमों को लगता है कि उन्हें कोई देख नहीं रहा और उन्हें कुछ दिख नहीं रहा है। किन्तु वास्तविकता के धरातल पर कुछ और ही नजर आता है।
देश में शिक्षा प्रणाली के समान ना होने का खामियाजा अंततः देश की जनता को ही भुगतना पड़ता है। जब भी कोई भी नेता मानव संसाधन विकास मंत्रालय का जिम्मा संभालता है उसकी पहली प्राथमिकता अपनी मनमानी को देश के नौनिहालों पर थोपना ही होती है। याद पड़ता है कि कांग्रेस के शासनकाल में एक नेता ने जब एचआरडी मिनिस्ट्री की कमान संभाली वैसे ही पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि शिक्षा में व्याप्त हिंसा को दूर करना उनकी पहल प्राथमिकता होगी।
भाजपा के शासनकाल में आरोप लगते हैं कि शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर शिक्षा में हिंसा कैसी हैकैसा भगवाकरण है शिक्षा में व्याप्तकहा जाता है कि संस्कार की जननी शिक्षा ही है। अगर शिक्षा को समृद्ध रखा जाएगा तो आने वाली पीढ़ी संस्कारों वाली ही होगीसंस्कारों के साथ वह देश को सही दिशा में भी ले जाएगी। कांग्रेस और भाजपा की शिक्षा प्रणाली पर सबसे बड़ा कटाक्ष लगे रहो मुन्नाभाई में गांधी जयंती अर्थात 2 अक्टूबर को ड्राई डे होना बताया गया।
इससे साबित हो जाता है कि इक्कीसवीं सदी के पहले दशक में देशवासियों के लिए महात्मा गांधी का जन्म दिन याद रखने की किसी को भी फुर्सत नहीं है। नशे की आदी हो चुकी युवा पीढ़ी को यह अवश्य पता है कि किस दिन शराब की दुकानों पर ताला बंद रहेगा। शिक्षा में व्याप्त विसंगतियों को दूर नहीं किया जा सकता है। आज हर प्रांत की अपनी शिक्षा प्रणाली है। ना जाने कितने गरीब गुरबों को आज महंगी शिक्षा के कारण शिक्षा ही नसीब नहीं है।
शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो जाने के बाद भी गरीबों को शिक्षा मुहैया नहीं है। देश में अनेक विद्यालय एसे भी हैं जहां मातृभाषा हिन्दी बोलने पर आर्थिक और शारीरिक दण्ड का प्रावधान है। अब बताईए जिस देश में राष्ट्रभाषा को ही इस तरह से तिरस्कृत किया जाएगा वहां की युवा पीढ़ी भला देश की अधिकृत भाषा का सम्मान कैसे करेगीदेश की कमोबेश हर बड़ी परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी है। उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में अंग्रेजी का ही बोलबाला है।
आज देश में वाहनों के नंबर अंग्रेजी भाषा में लिखे जाते हैं। रेल गाडियों पर उनके नंबर और नाम या तो स्थानीय भाषा या फिर अंग्रेजी में होते हैं। हर जगह स्थानीय भाषा के उपरांत वैकल्पिक भाषा के रूप में अंग्रेजी को ही चुना जाता है। दिल्ली जहां से देश को हांका जाता हैवह दिल्ली भी सिर्फ अंग्रेजी भाषा को ही समझती है। इसका असर देखना है तो फेसबुक ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर जाईए।
इन वेब साईट्स पर सुप्रभातशुभ प्रभात का स्थान गुड मार्निंग ने ले लिया है। वेलंटाईन डेफादर्स डेमदर्स डेन्यू इयर और ना जाने कितने पश्मिी सभ्यता वाले दिन हैं जिन्हें भारतवासी गर्व के साथ मनाते हैं। कांग्रेस के लोग इंदिरा गांधी और राजीव गांाी के फोटो डालकर अपने अपको धन्य समझते हैं। कभी आपको महात्मा गांधीशहीद भगत सिंहचंद्रशेखर आजादसुभद्रा कुमारी चौहानरामधारी सिंह दिनकरकवि प्रदीप आदि की जयंती या फोटो आदि को याद करने का समय किसी के पास नहीं है।
अपने स्वार्थ के लिए सियासी हाकिमों ने देश की जनता को धर्मप्रांतभाषा आदि में बांट दिया है। हालात देखकर यही कहा जा सकता है कि:-

मंदिरमस्जिदचर्चगुरूद्वारे में!
बांट दिया भगवानों को!!
धरती बांटी अंबर बांटे!!!
मत बांटो इंसानों को!!!!
 (साई फीचर्स)

जनसंपर्क में दलाली चरम पर!



लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 34

जनसंपर्क में दलाली चरम पर!

(विनय डेविड)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को जन जन तक पहुंचाने के लिए पाबंद मध्य प्रदेश के जनसंकर्प विभाग में दलाली की चर्चाएं अब आम होने लगी हैं। चर्चाएं हैं कि मध्य प्रदेश से इतर दिल्ली एवं अन्य प्रदेशों से प्रकाशित होने वाले ईद के चांद मानिंद अखबारों, पत्रिकाओं आदि को विज्ञापन दिलवाने की आड़ में कमीशन का गंदा खेल खेला जा रहा है। गंदा है पर धंधा है की तर्ज पर जनसंपर्क विभाग से सेवानिवृत हुए आला अफसरान ही इस काम को अंजाम देने में लगे हुए हैं।
दिल्ली से आए एक पत्रिका के प्रतिनिधि ने नाम और पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग में सेवानिवृत अधिकारियों द्वारा बाहर की पत्रिकाओं और अखबारों को यह प्रलोभन दिया जा रहा है कि अगर वे उन सेवा निवृत अफसरों या उनके परिजनों को अपना मध्य प्रदेश प्रतिनिधि बना दें तो वे अफसर उनके लिए विज्ञापनों की झडी लगा सकते हैं।
उक्त प्रतिनिधि ने साई न्यूज को बताया कि अगर आपकी जान पहचान जनसंपर्क विभाग में नहीं है तो आपको जनसंपर्क से विज्ञापन लेने के लिए ना जाने कितने पापड़ बेलने पड़ सकते हैं। उन्होने आगे कहा कि अगस्त सितम्बर माह में जनसंपर्क मंत्री की अनुशंसा को जनसंपर्क के विज्ञापन विभाग द्वारा कचरे की टोकरी में डाल दिया गया है, पर जहां कमीशन का खेल है वहां बिना जनसंपर्क मंत्री की अनुशंसा के ही विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं।
चर्चा तो यहां तक भी है कि दिल्ली में पदस्थ रहे एक चर्चित अधिकारी ने भी सेवानिवृति के उपरांत अपने दिल्ली के पुराने संपर्कों को जीवंत कर उन अखबारों और पत्रिकाओ जो यदा कदा ही प्रकाशित होते हैं को साधकर उनका अपने नाते रिश्तेदारों या परिचितों को उसका प्रतिनिधि बनाकर उनके लिए खासे विज्ञापन बटोर लिए गए हैं। तथा कुछ को अभी प्रलोभन इसी तरह का दिया गया है। इन चर्चाओं में सच्चाई कितनी है यह बात या तो सेवानिवृत अधिाकारी जाने या जनसंपर्क का विज्ञापन विभाग किन्तु कुछ लोगों द्वारा सूचना के अधिकार कानून में विज्ञापनों के बारे में पतासाजी करने का काम आरंभ किया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि किसको, कितना अैर किसकी सिफारिश पर दिया गया है विज्ञापन!



रेप पर मौन चिदम्बरम, तिवारी आए प्रेस के सामने

सब्सीडी का सीधा हस्तांतरण 20 जिलों में

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। सरकार, विभिन्न कल्याण कार्यक्रमों के लाभार्थियों के खाते में सीधे नकदी हस्तांतरण की योजना आज से बीस जिलों में शुरू कर रही है। ग्यारह और जिलों में पहली फरवरी से और १२ जिलों में पहली मार्च से यह योजना लागू की जायेगी। वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम  ने कल नई दिल्ली में सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के साथ संवाददाता सम्मेलन में बताया कि शुरू में सात योजनाओं के लिए राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में डाली जायेगी।
उन्होंने बताया कि पहली जनवरी से सात योजनाओं की राशि लाभार्थियों के खातों में डाली जाएगी। इसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति, इंदिरा गांधी मातृत्व सहायता योजना, धनलक्ष्मी योजना तथा अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए परीक्षा तैयारी और मार्गदर्शन के वास्ते स्टाइपैंड राशि शामिल है।
एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी खातों में राशि जमा करने और निकालने की सुविधा होगी, चाहे वे खाते आधार कार्ड से जुड़े हों या नहीं। उन्होंने बताया कि पहले कुछ जि$लों में सुचारू रुप से लागू करने के बाद इस योजना को इसी वर्ष देश के अन्य भागों में भी लागू कर दिया जायेगा।  एक और प्रश्न के उत्तर में श्री चिदम्बरम ने स्पष्ट किया कि अनाज, खाद, डीजल और केरोसीन की सब्सिडी इस योजना में शामिल नहीं है। श्री मनीष तिवारी ने कहा कि इस योजना से लगभग दो लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा।
पहले चरण में ४३ जिलों को नामजद किया गया है। ये ४३ जिले १६ प्रदेशों में हैं और एक जनवरी २०१३ से लेकर १ मार्च २०१३ तक, जो इस कार्यक्रम का पहला चरण है, कोशिश यह है कि जो २६ स्कीमें निर्धारित की गई हैं जैसे-जैसे उनकी तिथि आती जाएगी, वैसे-वैसे उनका जो लाभ है वो बेनिफिशरीज तक पहुंचाया जाए। इस योजना का उद्देश्य नकद राशि के भुगतान में देरी और हेराफेरी पर रोक लगाना है।
ज्ञातव्य है कि आधी-अधूरी तैयारियों के बावजूद सरकार ने आज 1 जनवरी से देश के केवल 20 जिलों में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) स्कीम लॉन्च कर दिया है। पहले इसे 51 जिलों में इसे शुरू करने का प्लान था। स्कीम के पहले फेज़ में देश के 20 जिलों में 2 लाख लोगों के बैंक खाते में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद 1 फरवरी से 11 और जिलों को इस स्कीम के दायरे में लाया जाएगा। बाकी के 12 जिले 1 मार्च से कवर किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा, कि सभी 26 स्कीम रोलआउट के लिए तैयार हैं। 1 जनवरी को जिन सात स्कीम्स में भुगतान (सेलेक्टेड 20 जिलों के) करना बाकी है, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर सिस्टम के जरिए वहां पेमेंट कर दिया जाएगा। इसके लिए यूआईडीएआई प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल होगा। 1 जनवरी से जिन सात स्कीम्स को भुगतान के तैयार किया गया है, उनमें एससी, एसटी और ओबीसी के लिए प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप, इंदिरा गांधी मातृत्व सहायता योजना, धनलक्ष्मी स्कीम और एससी-एसटी बेरोजगारों के लिए स्टाइपेंड शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि लाभार्थियों के पास आधार नंबर न होने पर भी उनके बैंक खातों में सब्सिडी भेज दी जाएगी। उन्होंने कहा, श्अगले कुछ दिनों या हफ्तों में हमारा मकसद 100 फीसदी आधार लाभार्थियों तक पहुंचना है।श् सरकार विदड्रॉल अरेंजमेंट को मजबूत बनाने के लिए बैंकिंग सिस्टम को भी तैयार कर रही है। चिदंबरम ने बताया कि इन 43 जिलों की 7,900 बैंक ब्रांचेज़ में ऑनसाइट एटीएम होंगे। बैंकों ने 20 लाख इंटर-ऑपरेबल माइक्रो-एटीएम के टेंडर भी मंगाए हैं। इनमें बायोमीट्रिक स्कैनिंग और आधार अथॉन्टिकेशन के लिए फसिलिटीज़ होंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि शुरुआत में इस स्कीम को चलाने में कुछ तकनीक दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन जो अधिकारी इसकी देख-रेख में लगे हुए हैं, वे धीरे-धीरे इन्हें दुरुस्त कर लेंगे।

रेल का खाना हुआ मंहगा!


रेल का खाना हुआ मंहगा!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय रेल भले ही यात्रियों को सुविधाएं मुहैया करवाने में असफल साबित रही हो पर जब बारी आती है वित्तीय प्रबंधन की तो सदा की ही तरह वह वित्त पोषण का रोना रोती रहती है। एक बार फिर महंगाई की मार झेल रहे लोगों को रेलवे ने नए साल पर झटका दिया है। रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों में ब्रेकफास्ट महंगा कर दिया गया है। ट्रेनों में बिकने वाले ब्रेकफास्ट आइटमों के रेट भी रिवाइज किए गए हैं। रेलवे बोर्ड की ओर से नई रेट लिस्ट जारी कर दी गई है। रेलवे बोर्ड ने इसे तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है।
कई ट्रेनों में नई रेट लिस्ट के अनुसार ही पैसे लिए जा रहे हैं। हालांकि, रेलवे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नई रेट लिस्ट धीरे-धीरे सर्कुलेट की जा रही है। आखिरी बार रेलवे ने 2006 में खाद्य पदार्थों के रेट बढ़ाए थे। 6 साल बाद फिर रेट में इजाफा किया गया है। याद हो कि दो महीने पहले रेलवे फूड प्लाजा पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों के रेट बढ़ाए गए थे। ऐसे में ब्रेकफास्ट आइटमों व जनता खाना पर रेट बढ़ जाने से यात्रियों पर बोझ बढ़ गया है। नई रेट लिस्ट के अनुसार, प्रत्येक आइटम पर 1 से 5 रुपए की वृद्धि की गई है। कॉफी का रेट 5 से बढ़ाकर 7 रुपए कर दिया गया है।

नया साल, कहीं खुशी कहीं गम!


नया साल, कहीं खुशी कहीं गम!

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। दुनिया भर में लोगों ने गीत-संगीत, आतिशबाजी और पार्टियों के साथ नव वर्ष-२०१३ का स्वागत किया, लेकिन भारत में दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म कांड की पीड़िता के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में नए साल के कार्यक्रमों में इस बार परम्परागत उत्साह नहीं देखा गया। सेना के तीनों अंगों, कुछ राज्य सरकारों और कई राजनीतिक दलों ने अपने नए साल के कार्यक्रम रद्द कर दिए। नई दिल्ली में क्लबों और होटलों में भी नए साल के कार्यक्रम या तो रद्द कर दिए गए या बहुत ही छोटे पैमाने पर आयोजित किए गए।
भारत गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने लोगों को नव वर्ष की शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में श्री मुखर्जी ने लोगों का आह्घ्वान किया कि देश में महिलाओं की सुरक्षा में सुधार और उनके उत्थान के लिए कार्य करें। उन्होंने लोगों से यह भी अनुरोध किया कि उस मानसिकता को बदलने के तरीकों पर गौर करें जो दिल्ली में २३ वर्षीय छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म जैसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष दो हजार तेरह महिलाओं की सुरक्षा के लिए समर्पित होना चाहिए। श्री हामिद अंसारी ने अपने संदेश में कहा है  कि सभी लोगों को शांतिपूर्ण, सद्भावपूर्ण और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए।
न्यूजीलैंड में ऑकलैंड में आतिशबाजी के साथ नए साल का स्वागत किया गया। ऑस्ट्रेलिया में सिडनी तट पर १५ लाख से अधिक लोगों ने रंगीन रोशनियों और आतिशबाजी के साथ शहर में नए साल का यह सबसे बड़ा जश्न मनाया। चीन के पेइचिंग और शंघाई शहरों में भी आतिशबाज$ी हुईं। म्यामां की राजधानी यंगून में भी जोर-शोर से नया साल मनाया गया। दुबई और मॉस्को में लोगों ने सड़कों पर गीत-संगीत और जश्न के साथ नए साल का स्वागत किया।

रेप मामले में संजीदगी का दिखावा हुआ आरंभ


रेप मामले में संजीदगी का दिखावा हुआ आरंभ

(प्रदीप चोहान)

नई दिल्ली (साई)। राजधानी दिल्ली में २३ वर्षीया लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मद्देनजर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे सभी राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर बलात्कार से संबंधित कानून में परिवर्तन करने के मुद्दे पर उनके सुझाव मांग रहे है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि श्री शिंदे राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर अपने विचार न्यायाधीश जे. एस. वर्मा समिति को भेजने के लिए कहेंगे। इस समिति का गठन मौजूदा कानून की समीक्षा के लिए किया गया है ताकि बर्बर यौन शोषण मामले में शीघ्र न्याय मिल सके और दोषियों को कड़ी सजा दी जा सके।
वहीं दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पुलिस ने दुष्कर्म पीड़िता के मामले में करीब एक हजार पृष्ठ के आरोप पत्र को अंतिम रूप दे दिया है। अदालत में बृहस्पतिवार को रिपोर्ट दर्ज की जायेगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसे कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है और इसमें तीस गवाहों की सूची है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह मामले में आरोपियों को मृत्युदंड देने की मांग करेगी।

डॉ.दीपक खरे विभागाध्यक्ष बने


डॉ.दीपक खरे विभागाध्यक्ष बने

(विशेष प्रतिनिधि)

रूड़की (साई)। आईआईटी रूड़की के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.दीपक खरे को संस्थान द्वारा जल संसाधन विपणन और प्रबंधन विभाग का विभाग प्रमुख बनाया है। मूलतः मध्य प्रदेश के दमोह जिला निवासी डॉ.दीपक खरे ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई गोविंद राम सक्सेनिया इंजीनियरिंग कालेज इंदौर से पूरी की है।
डॉ.खरे लंबे समय तक जीएसआईटीएस इंदौर में अध्यापन का कार्य करते रहे हैं। बाद में वे विश्व प्रसिद्ध रूड़की के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाजी में अध्यापन का कार्य कर रहे थे। सदा प्रसन्न चित्त रहने वाले बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. दीपक खरे ने 01 जनवरी को आईआईटी रूड़की में जल संसाधन विपणन और प्रबंधन विभाग के प्रमुख के बतौर कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

समीर वर्मा आकाशवाणी के समाचार संपादक बने


समीर वर्मा आकाशवाणी के समाचार संपादक बने

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। भारतीय सूचना सेवा के वरिष्ठ अधिकारी समीर वर्मा ने आकाशवाणी भोपाल में बतौर समाचार संपादक कामकाज संभाल लिया है। समीर वर्मा पूर्व में मण्डला में बतौर फील्ड पब्लिसिटी ऑफीसर कार्यरत थे। मूलतः पत्रकारिता पृष्ठभूमि वाले श्री वर्मा ने लंबे समय तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम किया। इसके उपरांत उन्होंने भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय में भारतीय सूचना सेवा की नौकरी ज्वाईन की। श्री वर्मा सूचना प्रसारण मंत्रालय के विभिन्न अनुभागों में उन्हें सौंपे गए दायित्वों का निर्वहन बखूबी कर चुके हैं।