गोंडवाना, बसपा और सपा ही
बचती हैं दिनेश के लिए
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। वर्ष 2008 के विधानसभा
चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी प्रसन्न चंद मालू की जमानत जप्त करवाकर दूसरी
पायदान पर रहने वाले दिनेश राय उर्फ मुनमुन अब भाजपा में नहीं जा पाएंगे। संभवतः
यही कारण है कि दिनेश राय उर्फ मुनमुन अब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बहुजन समाज
पार्टी और समाजवादी पार्टी में संभावनाएं टटोल रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि
वर्ष 2008 में दिनेश
राय उर्फ मुनमुन ने नगर पंचायत लखनादौन के अध्यक्ष रहते हुए सिवनी विधानसभा से
चुनाव लड़ा था। इस समय लखनादौन में यह चर्चा आम होने लगी थी कि आखिर क्या वजह थी कि
लखनादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष रहने के बाद भी वे लखनादौन से पलायन कर सिवनी से
विधानसभा चुनाव लड़ने आए थे।
उस समय सिवनी में
यह चर्चा भी आम थी कि चूंकि दिनेश राय उर्फ मुनमुन का इंवालवमेंट शराब के व्यापार
में था अतः उनका साथ ना दिया जाए। वैसे भी हर समाज हर वर्ग में शराब को सामाजिक
बुराई माना जाता है। इसके चलते दिनेश राय उर्फ मुनमुन को अपेक्षित जनसमर्थन नहीं
मिल पाया।
बताया जाता है कि 2008 के उपरांत लगातार
सिवनी से दूरी बनाए रखने वाले दिनेश राय उर्फ मुनमुन ने कांग्रेस और भाजपा पर भी
डोरे डाले पर दोनों ही सियासी दलों में शराब के कारोबार से जुड़े रहने के चलते इनका
भारी विरोध हुआ और दिनेश राय उर्फ मुनमुन को मुंह की खानी पड़ी।
दिनेश राय उर्फ
मुनमुन के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उन्हें सलाह दी
गई है कि इस बार उनके पक्ष में सिवनी विधानसभा विशेषकर सिवनी शहर में वैसा अंडर
करेंट नहीं है। इसलिए संभव हो तो किसी राजनैतिक पार्टी का सिंबाल ले आया जाए।
इसके पीछे यह धारणा
बताई जा रही है कि निर्दलीय की गिनती शून्य से आरंभ होती है पर राजनैतिक दलों के
लिए प्रतिबद्ध मतदाताओं की कुछ तो संख्या होती है। यही कारण है कि बार बार दिनेश
राय उर्फ मुनमुन के कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा में जाने की खबरें सियासी फिजां में
तैरने लगती हैं।
चर्चा तो यहां तक
है कि अब समाजवादी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, या बहुतन समाज
पार्टी की टिकिट पाने की जुगत दिनेश राय उर्फ मुनमुन द्वारा लगाई जा सकती है ताकि
वे सिवनी में उस पार्टी के कुछ परंपरागत वोटों से अपना खाता खोल सकें।