गुरुवार, 21 मार्च 2013

शिव के राज में कराह रही शिव की नगरी!


शिव के राज में कराह रही शिव की नगरी!

(लिमटी खरे)

20 मार्च को दिल्ली में हुई वाईल्ड लाईफ बोर्ड की बैठक के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के समय की महात्वाकांक्षी स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के अंग उत्तर दक्षिण गलियारे में 2008 से लगातार आ रहे मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के हिस्से में व्यवधान अब चर्चाओं में एक बार फिर आ गया है। इस संबंध में अलग अलग स्त्रोतों से अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं और समाचार आ रहे हैं जिससे स्थिति स्पष्ट होने के बजाए उलझती ही दिख रही है।
ज्ञातव्य है कि एक दर्जन से अधिक राज्यों के पांच दर्जन से अधिक शहरों से प्रकाशित होने वाले एक समाचार पत्र ने 21 मार्च को अपने एक संस्करण में इस आशय का समाचार प्रकाशित किया है कि पेंच के हिस्से में फंसा वन और पर्यावरण का फच्चर हट गया है। जैसे ही यह समाचार सोशल नेटवर्किंग वेब साईट के माध्यम से आम हुआ वैसे ही इस मामले में वास्तविकता का पता लगाने के लिए मोबाईल घनघनाने लगे। इस समाचार में वन्य जीव मामलों के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ.पी.के.शुक्ला के हवाले से कहा गया है कि एनबीडब्ल्यूएल ने सशर्त मंजूरी दी है कि एनटीसीए के दिशा-निर्देशों का एनएचएआई पालन करने को तैयार है तो कॉरिडोर का निर्माण शुरू हो सकता है।
इस संबंध में जब डॉ.शुक्ला से संपर्क साधने का प्रयास किया गया तो इन पंक्तियों के लिखे जाने तक उनके कार्यालय के दूरभाष नंबर 07552674206 पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को लगातार यही बताया गया कि वे दिल्ली की बैठक से लौटकर कार्यालय अवश्य ही आए थे, पर दिल्ली में हुई कार्यवाही की जानकारी देने डॉ.शुक्ला सुबह ही राज्य सचिवालय वल्लभभ्ज्ञावन मेें प्रमुख सचिव के पास गए हैं।
वहीं जब साई न्यूज द्वारा वल्लभभ्ज्ञावन में वन विभाग के प्रमुख सचिव बी.के.सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनके दूरभाष नंबर 07552554909 पर पीएस फारेस्ट के निज सचिव द्वारा समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यही बताया गया कि साहब पीसीसीएफ वाईल्ड लाईफ के साथ चर्चा में व्यस्त हैं और दोपहर एक बजे के बाद ही चर्चा हो पाएगी।
अपरान्ह लगभग एक बजकर पंद्रह मिनिट पर जब समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ने प्रमुख सचिव वन से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। 20 मार्च को दिल्ली में हुई मीटिंग के बारे में उन्होंने कहा कि वे खुद प्रधान मुख्य वन संरक्षण वन्य प्राणी डॉ.शुक्ला का इंतजार कर रहे हैं, जबकि उनके निज सचिव द्वारा पूर्व में पीसीसीएफ वाईल्ड लाईफ के साथ बैठक में होने की बात कही गई थी।
जब उनके संज्ञान में इस बात को लाया गया तो उन्होंने कहा कि वे पीसीसीएफ श्री नेगी के साथ बैठक में थे अतः हो सकता है कोई कंफयूजन हो गया हो। जब उनसे इस बैठक के एजेंडे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मीटिंग के एजेंडे के बारे में तो डॉ.शुक्ला ही बता सकते हैं रही बात मिनिट्स की तो मिनिट्स के आते आते छः महीने का समय लग जाता है।
ज्ञातव्य है कि एक समाचार पत्र द्वाराभ्ज्ञाोपाल डेट लाईन से समाचार प्रकाशित किया था कि नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर की अड़चन  दूर होने के आसार बन गए हैं। मप्र के पेंच टाइगर रिजर्व से होकर गुजर रहे इस कॉरिडोर के 8.7 किमी हिस्से पर फोरलेन बनाने के लिए राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) ने बुधवार को सशर्त मंजूरी दे दी है।
 गत पांच साल से इस हिस्से पर सड़क निर्माण को लेकर विवाद था। बोर्ड के इस निर्णय से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ के उस प्रयास को झटका लगा है, जिसमें उन्होंने यह विकल्प दिया था कि कॉरिडोर सिवनी की बजाए छिंदवाड़ा से होकर ले जाया जाए।
बोर्ड ने कहा है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) पेंच-कान्हा टाइगर रिजर्व के बीच से होकर गुजर रहे इस हिस्से का अध्ययन करे और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को बताए कि कहां-कहां अंडर पास और कहां फ्लाई ओवर की जरूरत है।
एनएचएआई यदि एनटीसीए के निर्देश पर कार्य करने के लिए तैयार हो तो ही काम प्रारंभ किया जाए। गौरतलब है कि जब इस कॉरिडोर के पेंच टाइगर रिजर्व से होकर गुजर रहे हिस्से को लेकर विवाद उठा और कमलनाथ ने इसे छिंदवाड़ा से होकर बनाने की सलाह दी तब सिवनी की जनमंच संस्था ने इसका विरोध किया था। संस्था के संजय तिवारी सुप्रीम कोर्ट तक गए।

0 पांच सालों तक का सफर
वर्ष 2007-08 के दौरान कॉरिडोर का निर्माण पेंच टाइगर रिजर्व का हिस्सा आने के कारण रुक गया। वर्ष 2008 में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया नामक संस्था न्यायालय चली गई। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तब सितंबर 2009 में जनमंचभ्ज्ञाी इसमें शामिल हो गया।
 सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय व एनएचएआई मिलकर कंपोजिट प्लान बनाएं। बाद में कोर्ट ने एनएचएआई और राज्य वन्य प्राणी बोर्ड को रिवाइज प्लान तैयार करने के लिए कहा। कुछ माह पूर्व राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की मीटिंग हुई, जिसमें तय हुआ कि प्रकरण एनबीडब्ल्यूएल कोभ्ज्ञोजा जाए।

 एनबीडब्ल्यूएल ने सशर्त मंजूरी दी है कि एनटीसीए के दिशा-निर्देशों का एनएचएआई पालन करने को तैयार है तो कॉरिडोर का निर्माण शुरू हो सकता है।
0 डॉ. पीके शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), मप्र

वहीं दूसरी ओर अब केंद्र की कांग्रेसनीत संप्रग सरकार और मध्य प्रदेश कीभ्ज्ञााजपा सरकार की नूरा कुश्तीभ्ज्ञाी उजागर होती नजर आ रही है। इस बैठक के मामले मेंभ्ज्ञााजपा सरकार के अफसरभ्ज्ञाी आधिकारिक तौर पर कहने से बचने लगे हैं। मध्य प्रदेश में शिव का राज है और सिवनी जिले कोभ्ज्ञागवान शिव की नगरी कहा जाता है। विडम्बना ही कही जाएगी कि शिव के राज में शिव की नगरी ही कराह रही है।
इस संबंध में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि दरअसल पिछली बैठक में यह मामला काफी नीचे के नंबरों पर था अतः इस पर चर्चा नहीं हो सकी थी, इस बार इस मामले में आरंभ में ही चर्चा होना चाहिए था। वहीं बैठक में उपस्थित एक अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर संकेत दिए कि इस मसले पर बैठक में चर्चा तो हुई है पर ‘‘भारी उपरी दबाव‘‘ के चलते कोईभ्ज्ञाी मुंह खोलने का साहस नहीं कर पा रहा है।
उक्त अधिकारी ने कहा कि चूंकि अनजाने में पत्ते उल्टे पड़ चुके हैं अतः अब इसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। यही कारण है कि बैठक में उपस्थित कोईभ्ज्ञाी अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछभ्ज्ञाी कहने से बच रहा है। मामला चूंकि केंद्रीय शहरी विकास के साथ साथ ही साथ संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा और उनके प्रभाव वाले महाकौशल अंचल से जुड़ा है इसलिए अति संवेदनशील की श्रेणी में अपने आप ही आ जाता है।
उक्त अधिकारी ने यहभ्ज्ञाी कहा कि हर विभाग के मंत्री को सदन के चलते किसीभ्ज्ञाी तरह के संकट के समय फ्लोर प्रबंधन के लिए संसदीय कार्य मंत्री पर ही पूरी तरह निर्भर रहना पड़ता है अतः कोईभ्ज्ञाी उनके खिलाफ नहीं जा सकता है। कहा तो यहां तकभ्ज्ञाी जा रहा है कि गत दिवस हुई बैठक के मिनिट्स की इबारत को मिटाकर नई पटकथाभ्ज्ञाी लिखी जा चुकी है। (साई फीचर्स)

क्या पीआरओ का काम अखबार गिनना है!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 75

क्या पीआरओ का काम अखबार गिनना है!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश सरकार की जनहितकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए पाबंद जिला जनसंपर्क कार्यालय का काम क्या महज अखबारों को गिनना है? क्या शासन, प्रशासन और मीडिया के बीच सामंजस्य बिठाने का काम उनके कर्तव्यों में शामिल नहीं है? सूचना के अधिकार के तहत निकाली गई जानकारी में उक्ताशय की बात सामने आई है।
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले का जिला जनसंपर्क कार्यालय किस कदर मटरगश्ती के आलम में है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पदस्थ लगभग नब्बे प्रतिशत स्टाफ पच्चीस साल सेभ्ज्ञाी अधिक समय से यहीं पदस्थ है। आरोपित है कि जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा पत्रकारों के साथ मुंहदेखा व्यवहार किया जा रहा है।
बहरहाल, सूचना के अधिकार कानून के तहत निकाली गई जानकारी में सिवनी में अनेक हैरत अंगेज जानकारियां सामने आई हैं। दैनिक समाचार पत्रों में किसी की तीन तो किसी को दो प्रतियां प्रतिदिन प्राप्त होना जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा दर्शाया गया है।
मजे की बात तो यह है कि फरवरी माह में आठ तारीक के कालम में जिला जनसंपर्क कार्यालय में प्राप्त समाचार पत्रों की संख्या शून्य एवं उसके स्थान पर बीच में एक जगह कर्फ्यू दर्शाया गया है। इसका मतलब साफ है कि 7 फरवरी की रात्रि लगाए गए कर्फ्यू के उपरांत 8 फरवरी को सिवनी शहर में प्रेस पर अघोषित सैंसरशिप लगा दी गई थी। इस दिन अखबार बटने परभ्ज्ञाी प्रतिबंध लगा दिया गया था।
देखा जाए तो यह प्रेस की स्वतंत्रता के साथ जिला प्रशासन द्वारा किया गया खिलवाड़ है। यह प्रेस की स्वतंत्रता का हनन है। इस सबके बावजूद जिला जनसंपर्क कार्यालय सिवनी द्वारा ना तो जिला कलेक्टर से इस बावत कोई पत्रव्यवहार किया और ना ही अपने उच्चाधिकारियों को प्रेस के साथ हुई इस नाईंसाफी से आवगत करवाया गया।
हालात देखकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि जिला जनसंपर्क अधिकारी का काम सरकारी समाचारों का ईमेल के माध्यम से बिना जांचे पढ़े संप्रेषण और उनके कार्यालय में आने वाले समाचार पत्रों की गिनती का ही रह गया है। पत्रकार जगत के अधिकार कर्तव्य उन्हें होने वाली असुविधा परेशानी से पीआरओ कार्यालय को कोई सरोकार नहीं बचा है।

रोजगार के नाम पर थापर छल रहे है आदिवासियों को


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 20

रोजगार के नाम पर थापर छल रहे है आदिवासियों को

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। देश के नामी गिरामी उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में अधिसूचित मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर में लगाए जाने वाले कोल आधारित पावर प्लांट में नियम कायदों का सरेआम माखौल उड़ाया जा रहा है। सामाजिक जिम्मेदारी और सामाजिक पहलुओं की जमकर उपेक्षा संयंत्र प्रबंधन द्वारा की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड को निर्माण अवस्था और कार्यकारी अवस्था दोनों ही में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने की व्यवस्था की जानी थी। आरोपित है कि निर्माण अवस्था में ही स्थानीय लोग रोजगार के लिएभ्ज्ञाटक रहे हैं। संयंत्र प्रबंधन ने सरकार से वायदा किया था कि वह स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा और बाहरी लोगों को कम रोजगार मुहैया करवाएगी। वस्तुतः जमीनी हकीकत इससे उलट ही है।
संयंत्र में होने वाले हर काम को सिवनी जिले के निवासियों के बजाए संस्कारधानी जबलपुर, नरसिंहपुर, बिहार एवं उत्तर प्रदेश के लोगों के माध्यम से करवाने के आरोप आरंभ से ही संयंत्र प्रबंधन पर लगने लगे थे। यहां एक बात और उल्लेखनीय है कि अगर घंसौर थाने में दर्ज मर्ग के प्रकरणों में मृतकों के मूल निवास का पता और उनकी अंतिम क्रिया कहां की गई है की जानकारी निकाली जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है।
संयंत्र प्रबंधन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि संयंत्र में अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक लोग असमय ही काल कलवित हो चुके हैं जो सिवनी जिले के थे ही नहीं। इससे साफ हो जाता है कि संयंत्र में बाहर से मजदूरों को बुलवाकर काम करवाया जा रहा है। वैसे संयंत्र प्रबंधन द्वारा सिवनी की उपेक्षा का प्रमाण इससे ही मिल जाता है कि मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा जिला मुख्यालय सिवनी में संयंत्र से संबंधित एकभ्ज्ञाी कार्यालय की स्थापना नहीं की गई है, जबकि जबलपुर में कंपनी ने अपना कार्यालयभ्ज्ञाी बनाया हुआ है।
कंपनी के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा अपने संयंत्र की स्थापना में कराए जाने वाले हर काम को आउटसोर्स कर सिवनी जिले को छोड़कर अन्य जिलों से संपादित करवाया जा रहा है। संयंत्र प्रबंधन पर रोजगार के नाम परभ्ज्ञाोलेभ्ज्ञााले आदिवासियों को छलने के संगीन आरोपभ्ज्ञाी अब सार्वजनिक होने लगे हैं।

(क्रमशः जारी)

समेट रहे हैं नेरोगेज का बोरिया बिस्तर


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 19

समेट रहे हैं नेरोगेज का बोरिया बिस्तर

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। लगभग सौ साल पुरानी नेरोगेज रेल लाईन ब्राडगेज में तब्दील होगी या नहीं यह बात तोभ्ज्ञाविष्य के गर्भ में ही है पर एक एक कर अब नेरोगेज में संसाधनों के अभाव में सामान समिटता दिख रहा है। नेरोगजे के लिए नए डब्बों का निर्माण सालों से बंद हो चुका है इसलिए अब छिंदवाड़ा से सिवनी होकर नैनपुर जाने वाली नेरोगेज रेल के डब्बे कम करना आरंभ कर दिया गया है।
नागपुर स्थित डीआरएम कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नेरोगेज रेल के लिए तैयार होने वाले नवीन डब्बों का निर्माण कई साल पहले ही बंद कर दिया गया है। मौजूदा डब्बों की मरम्मत एवं रखरखाव का कामभ्ज्ञाी लगभग डेढ़ साल से बंद है, क्योंकि इनका रखरखाव नागपुर में किया जाता था, और अब छिंदवाड़ा से नागपुर रेल खण्ड का अमान परिवर्तन आरंभ हो चुका है इसलिए इस रेल खण्ड से नेरोगेज रेल अब नहीं गुजरती है।
अब अगर छोटी लाईन का इंजन और डब्बे ही नागपुर नहीं पहुंच रहे हैं तो उनका रखरखाव किस तरह किया जाएगा। सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि यह रेल प्रशासन की मजबूरी है कि वे चाहकरभ्ज्ञाी इस मामले में कुछ नहीं कर पा रहे हैं, मजबूरी में रेल प्रशासन को यात्रियों की बढ़तीभ्ज्ञाीड़ के बादभ्ज्ञाी अप्रिय कदम उठाना पड़ा है।
रेल प्रशासन ने अब सिवनी से होकर गुजरने वाली रेल में दस डब्बों की संख्या घटाकर आठ कर दी है। यह डिब्बों निर्णय डिब्बों की कमी को देखते हुए मजबूरी में लिया गया है। सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि आने वाले समय में डब्बों की संख्या घटकर छः हो जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
उधर, रेल्वे प्रशासन ने गर्मी को देखकर बड़े शहरों में इंतजामात पुख्ता किए हैं।भ्ज्ञाारतीय रेलवे ने होली के अवसर पर यात्रियों कीभ्ज्ञाीड़ को देखते हुए व्यापक इंतजाम किए हैं। इस अवसर पर विशेष रेलगाड़ियों के ३६० से ज्यादा फेरे होंगे। यात्रियों की अतिरिक्तभ्ज्ञाीड़ से निपटने के लिए विशेष रेलगाड़ियां १७ प्रचलित मार्गों पर चलाई जाएंगी। इनमें से ४ रेलगाड़ियां अनारक्षित होंगी, ३ पूरी तरह वातानुकूलित होंगी तथा ८ को सुपर फास्ट का दर्जा दिया गया है। होली के अवसर पर नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलौर, जम्मू-तवी, जयपुर, गुवाहाटी, लखनऊ, पुणे, गोरखपुर, पटना, डिब्रूगढ़, बनारस, दरभंगा, बरौनी, बरेली, सिकंदराबाद जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों को जोड़ने वाली विशेष रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी।

बेनतीजा रही सर्वदलीय बैठक


बेनतीजा रही सर्वदलीय बैठक

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। श्रीलंका में तमिलों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में संसद में लाये जाने वाले प्रस्ताव पर आम सहमति बनाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कल रात नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि यह बैठक संसद में श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर आये गतिरोध को दूर करने के लिए बुलाई गई थी। लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकल सका।
बैठक में केन्द्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, कमलनाथ और राजीव शुक्ला,भ्ज्ञााजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज, डीएमके के तिरूचि शिवा, एआईएडीएमके के वी मैत्रेयन, समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह तथा जनता दल युनाइटेड के शरद यादवभ्ज्ञाी शामिल हुए।
डी एम के पार्टी सरकार से आग्रह करती रही है कि इस विषय में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में लाये जाने वाले प्रस्ताव के अंतिम मसौदे में संशोधन करने के वास्ते संसद में प्रस्ताव पारित किया जाए। पार्टी के यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उसके पांचों मंत्रियों ने केन्द्र सरकार से इस्तीफा दे दिया था। प्रधानमंत्री ने कल देर रात ये इस्तीफे मंजूर कर लिये। सरकार ने घोषणा की थी कि वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पेश किये जाने वाले मसौदा प्रस्ताव में संशोधन के लिए प्रस्ताव पेश करेगी।
इसके बाद शीर्ष अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अमरीकी मसौदा प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी। जिनेवा स्थित परिषद में इस प्रस्ताव पर आज मतदान होना है। श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे और इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को हटाने की समाजवादी पार्टी की मांग को लेकर कल संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही में बाधा पड़ी।

एफडीआई पर मंत्रियों की समिति


एफडीआई पर मंत्रियों की समिति

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-एफडीआई के प्रभाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अन्य मसलों पर चर्चा के लिए मंत्रियों की समिति का गठन किया है। ये कदम राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों की चिंताएं दूर करने के लिए उठाया गया है।
कृषि मंत्री शरद पवार ने समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई, मुक्त व्यापार समझौता और न्यूनतम समर्थन मूल्य के मामले पर और चर्चा होनी चाहिए। श्री पवार ने कहा कि अधिकारियों और किसानों के प्रतिनिधियों वाली एक अलग समिति बनाई जाएगी जो इन तीनों मामलों पर चर्चा करेगी।
इस बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश, खाद्य मंत्री के वी थॉमस, उर्वरक राज्यमंत्री श्रीकांत जेना, वित्त राज्यमंत्री नमोनारायण मीणा और वाणिज्य राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरीभ्ज्ञाी उपस्थित थीं। श्री पवार ने कहा कि किसानभ्ज्ञाूमि अधिग्रहण के मसले पर ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के साथ अलग से चर्चा करेंगे। किसानों के संगठनभ्ज्ञाूमि अधिग्रहण, जी एम फसलों, किसान आय आयोग, किसानों की खुदकुशी जैसे कई मसलों से जुड़ी मांगे उठा रहे हैं।

पांच मई को कर्नाटक में विस चुनाव


पांच मई को कर्नाटक में विस चुनाव

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव एक ही चरण में पांच मई को होगा। कल नई दिल्ली में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी एस संपत ने बताया कि राज्य में तत्काल प्रभाव से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। उन्होंने बताया कि चुनाव की अधिसूचना दस अप्रैल को जारी होने के साथ ही नामांकन पत्रभ्ज्ञारने का काम शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि १७ अप्रैल तक नामांकन पत्रभ्ज्ञारे जाएंगे और उनकी जांच १८ अप्रैल को होगी। २० अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। मतगणना आठ मई को होगी। कर्नाटक में विधानसभा की २२४ सीटें हैं। श्री संपत ने कहा कि निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी तैयारियां की जाएंगी।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि इस बार स्वतंत्र, निष्पक्ष और सुचारू रूप से चुनाव कराने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रेक्षक तैनात किए जाएंगे। पेड न्यूज के पहलू परभ्ज्ञाी आयोग नजदीकी से ध्यान देगा और उस पर कड़ी नजर रखेगा। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति पर निगरानी रखने के लिए वरिष्ठ नेता श्री ए के एंटनी के नेतृत्व में पांच सदस्यों की समन्वय समिति गठित की है। इस ग्रुप में अंबिका सोनी, वायलार रवि, लुईजीनो फलेरो और जितेन्द्र सिंह शामिल है।

नवरोज हर्षोल्लास से मना


नवरोज हर्षोल्लास से मना

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। पारसी नववर्ष, नवरोज आज दुनियाभर में हर्षाेल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आज के दिन लोग अगियारी में प्रार्थना करके नए साल का स्वागत करते हैं। आज मुंबई में जमकर उत्साह देखने को मिल रहा है। मुंबई में पारसी समुदाय नवरोज को पारंपरिक हर्षाेल्लास के साथ मना रहा है।
मुंबई से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से निधि गुप्ता ने बताया कि नवरोज यानी पारसी नववर्ष मुम्बई में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। नवरोज मनाने का इनका एक अनोखा रिवाज है जिसमें एक मेज पर सात अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थ पेश किए जाते हैं। यह नव वर्ष की नई शुरूआत को दर्शाता है। मुम्बई के पारसी समुदाय के लोगों ने आज शहर के पारसी जिमखाने में एक पारम्परिक समारोह का आयोजन किया है। इस समारोह से जमा हुए पैसों को जरूरतमंदों को दान किया जाता है।

ट्विटर पर कमल नाथ के चर्चे जोरों पर


ट्विटर पर कमल नाथ के चर्चे जोरों पर

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। शहरी विकास और संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ बुधवार को ट्विटर पर छाए रहे। उन्होंने सरकार के बारे में बयान देते हुए कहा कि सरकार न ही सुस्त है और न ही किसी खतरे में है। इस बयान के बाद ही ट्विटर पर कमल नाथ को लेकर चटखारे लिए जाने लगे। कमल नाथ दिनभ्ज्ञार ट्विटर ट्रेंड्स में छाए रहे।
सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर कमल नाथ को लेकर किए गए ट्विटस में प्रमुख रहे ट्विट निम्न हैं।
0भ्ज्ञाूपेंद्र चौबे
बेचारे बेनी प्रसाद वर्मा, कमलनाथ उनके साथ ऐसे आ रहे हैं जैसे बेनी कोई स्कूली छात्र हों। एक बार फिर मुलायम सिंह कामयाब हुए।
0 प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया
कमलनाथ ने कहा- किसी नेभ्ज्ञाी संसद के बाहर याभ्ज्ञाीतर सरकार की संख्या को चुनौती नहीं दी है।
0 दिबांग
कमलनाथ ने कहा- मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि हम एक सुस्त (लेम डक) सरकार हैं...हम न ही लेम हैं और न ही डक. सरकार एकदम स्थिर है।
0 सौरभ एस.
अब वह सरकारी खर्च पर स्विट्जरलैंड की सैर का मजा ले सकेंगे।
0 हेमंत चौधरी
कमलनाथ- 15 प्रतिशत रिश्वत की कसम, यूपीए खतरे में नहीं है। प्रिय कमलनाथ जी, हम जानते हैं कि यूपीए खतरे में नहीं है, देश खतरे में है।
0 सीएस प्रवीण जैन
खतरा तो जनता को है आपसे!!... सरकार स्थिर, कोई खतरा नहीं है - कमलनाथ
0 शिव
कमलनाथ जी का कहना है की यूपीए सरकार ष्स्टेबल ष्है ....जी हाँ स्टेबल तो है ही , जब तक सीबीआई नाम का चाबुक है , सारे घोड़े काबू में ही हैं
0 अनिल वाधवा
लोकतंत्र में दरवाजे खिड़कियाँ सब खुली रहती हैं -कमलनाथभ्ज्ञााई साहब सरकार बचानी है तो सीधे-सीधे बोलिये श्तिजोरीश्, कहीं अज्ञानतावश कुछ छूट न जाये
0 राम आर्य
सरकार पूरी तरह से स्थिर, कोई खतरा नहींरू कमलनाथ!!! स्थिर ही तो है, करेभ्ज्ञाी तो कुछ रू)
0 आर ए
कल तक मैं सोचता था कि कमल नाथभ्ज्ञााजपा के सांसद हैं, कम से कम उनके नाम से तो यही लगता है।
0 हेमंत एम डोंगरे
जोड़ तोड़ की राजनीति के लिए कमलनाथ उचित व्यक्ति हैं...प्रमोद महाजन की तरह। लेकिन उन्हेंभ्ज्ञाी अपने बेटे पर नजर रखनी चाहिए, कहीं वहभ्ज्ञाी किसी का आदी न हो।
0 श्रुति
यह दिन वाकई में बहुत ही पिटा हुआ है....हद है...कमलनाथ लेम डक बयान के लिए ट्रेंड कर रहे हैं।
0 फेकजुर्नाे
क्या कमलनाथ को अपने नाम में कमल होने के कारण किसी ने अभी तक सांप्रदायिक कहा है?

राहुल के तौर तरीकों से सूबों में दहशत


राहुल के तौर तरीकों से सूबों में दहशत

(जया श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नए तेवरों से प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों में दहशत छाने लगी है। एआईसीसी के वीसी राहुल गांधी अब उनसे मिलने जाने वालों से बाल की खाल निकालकर राज्यों के बारे में पूछताछ कर रहे हैं, जिससे नेताओं को बगलें झांकते और पसीना पोंछते देखा जा सकता है।
राहुल गांधी के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया, को बताया कि हाल ही कांग्रेस का उपाध्यक्ष बने राहुल गांधी के काम काज के तरीके ने पार्टी के कुछ नेताओं परेशानी बढ़ा दी है। दरअसल इन दिनों राज्यों के कांग्रेस प्रमुख, पार्टी द्वारा अपने क्षेत्र आयोजित सभी कार्यक्रमों और जनसभाओं की सूची बनाने में जुटे हैं और जिन प्रमुखों ने अपने क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम नहीं किया है वो अपनेभ्ज्ञाविष्य के लिए डरे हुए है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रमुखों के कामकाज का आकलन कॉर्पाेरेट शैली में करने का निर्णय लिया है। राहुल ने इस संबंध में चार पन्नों की एक प्रश्नावली बंटवाई है, जिसमें कई तरह के सवाल पूछे गए हैं। जैसे कि आपने राज्य में किन-किन क्षेत्रों की यात्रा की? क्षेत्र में कितनी जनसभाओं का आयोजन किया गया? क्षेत्र के जनता से जुड़े हुए कुछ स्थानीय मुद्दे क्या हैं?
राहुल के करीबी सूत्रों ने साई न्यूज, को बताया कि पार्टी में संगठनात्मक फेरबदल के पहले राहुल के इन सवालों से कई कांग्रेस नेता परेशान हैं। क्योंकि उनकाभ्ज्ञाविष्य उनके जवाब पर निर्भर करेगा। राहुल के सवालों के जवाब पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के अलावा, पार्टी के विधायक दल के नेता, राज्य के प्रभारी महासचिव और अखिलभ्ज्ञाारतीय कांग्रेस कमेटी सचिवों का हस्ताक्षर करवाना अनिवार्य होगा। ऐसे में नेताओं के लिए फर्जी रिपोर्ट बना पाना नामुमकिन हो जाएगा।
एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया है कि कुछ राज्यों में नियमित रूप से बैठकों का आयोजन नहीं हुआ है। ऐसे में इन राज्यों के प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बढ़ा चढ़ाकर जवाब देने के लिए कह सकते है ताकि राहुल की इस परीक्षा में किसी तरह से पास किया जाए।

अमेठी : दिया तले अंधेरा है राहुल का अमेठी


दिया तले अंधेरा है राहुल का अमेठी

(के.प्रीतक)

अमेठी (साई)। एक तरफ तो देश के कांग्रेसी नेता युवा आईकान राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का सपना देख रहे हैं वहीं दूसरी ओर राहुल का संसदीय क्षेत्र ही अशिक्षा की कहानी कह रहा है। केंद्र पोषित योजना में साक्षरभ्ज्ञाारत को अहम स्थान दिया गया हो पर कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की रियाया आजभ्ज्ञाी अशिक्षा के अभिषाप से मुक्त नहीं है।
साक्षरभ्ज्ञाारत का नारा देने वाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी का संबोधन सुनकर और उनके साथ समय गुजार मेधावी उन्हें शिक्षित व दूरदर्शी नेता का नामभ्ज्ञाले ही देते हों, लेकिन हकीकत यह है कि राहुल के संसदीय क्षेत्र अमेठी में ही सबसे ज्यादा अशिक्षा है। राज्य में अति पिछड़ा कहे जाने वाले बुंदेलखंड के अधिकतर जिले शिक्षा के क्षेत्र में गांधी परिवार के इस राजनीतिक घर से काफी आगे हैं।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि जहां अमेठी की साक्षरता दर मात्र 58.1 फीसद है, वहीं बुंदेलखंड के बांदा में साक्षरता दर 89 फीसद से ज्यादा है। देश की राजनीति में अमेठी हमेशा से गांधी परिवार से जुड़ा होने के कारण वीवीआइपी क्षेत्र माना जाता रहा है। कांग्रेस ने ही देश के हर बच्चे को शिक्षित करने के लिए कई योजनाएं चलाई और साक्षरभ्ज्ञाारत का नाराभ्ज्ञाी दिया।
एक कांग्रेस के नेता ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि देश में कंप्यूटर के जरिये संचार क्रांति लाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी यहां से सांसद रहे और वर्तमान में यह सीट उनके बेटे राहुल गांधी के पास है। इसके बादभ्ज्ञाी यहां के लोग शिक्षा के मामले में पूरे प्रदेश में सबसे फिसड्डी हैं।
वहीं, सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र रायबरेली प्रदेश के उन पांच जिलों में है, जहां की साक्षरता सबसे ज्यादा है। प्रदेश के नक्सल प्रभावित चंदौली जिले के लोग पढ़ाई में सबसे अव्वल हैं। यहां की साक्षरता दर 97.8 फीसद है। गौरतलब है कि प्रदेश में साक्षरता दर के मामले में सबसे फिसड्डी रहे अमेठी ने देश को कई ऐसे सांसद दिए हैं, जो राजनीति के अगुआकार व केंद्र की सत्ता में नीति निर्धारक कीभ्ज्ञाूमिका में रहे। इसमें कोई प्रधानमंत्री बना तो कोई केंद्रीय मंत्री, लेकिन राज्य सरकार के आंकड़े इस बात की चुगली करते हैं कि देश-विदेश में क्षेत्र को पहचान देने वाले नेताओं ने यहां कीभ्ज्ञाोली जनता को जागरूक करने की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया। यहां से सांसद बनने वालों में राजीव गांधी और राहुल गांधी के अलावा संजय गांधी और सतीश शर्मा प्रमुख हैं।

सिवनी : कांग्रेस राजनैतिक दल नहीं बटमारों का गिरोह: प्रेम तिवारी


कांग्रेस राजनैतिक दल नहीं बटमारों का गिरोह: प्रेम तिवारी

(अभिषेक दुबे)

सिवनी (साई)। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यो, योजनाओं और घोषणाओं से प्रदेश में विकास की सुखद बयार बह रही है। यह अलग बात है किभ्ज्ञा्रष्टाचार के दलदल में पलने-पालने वालों को यह वातावरण रास नही आ रहा है। प्रदेश सरकार के विकास कार्यो के बीच अपनी नाकामियों की झटपटाहट प्रदेश के निरूत्तर और तर्कहीन कांग्रेसियों में स्पष्ट झलक रही है। यही कारण है कि वे संसद के बजट सत्र में अपनी ही सरकार केे प्रधानमंत्री द्वारा म.प्र. की प्रगति की सराहना कोभ्ज्ञाी वे नही पचा पा रहे है।
उक्ताशय की प्रतिक्रिया जिला कांग्रेस की विज्ञप्ति परभ्ज्ञााजपा नगर अध्यक्ष श्री प्रेम तिवारी द्वारा व्यक्त करते हुये कहा गया कि कांग्रेसियों ने पहले प्रदेश का और अब देश का बंटाधार करने की जो शर्मनाक और अमर्यादित करतूते की है उसके उल्लेख मात्र से जिले के कांग्रेसी बौखला रहे हैं। हैरत की बात है कि अपने काले कारनामों से ना तो इन्हें शर्म आती है और ना ही अपना आचरण अमर्यादित लगता है। किन्तु उसके उल्लेख मात्र से कांग्रेसी सभ्यता और संस्कृति की दुहाई देने लगते है। याने वे कत्लभ्ज्ञाी करे तो उफ नही, हम आहभ्ज्ञाीभ्ज्ञारे तो हो जाते है बदनाम।
भाजपा नगर अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस घपलों और घोटलों का पर्याय बन चुकी है यह राजनैतिक दल नही बल्कि बटमार नेताओं का गिरोह बन गया है। जिसने दोनों हाथों से देश का लूट डाला है खुद कांग्रेस के मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा कह रहे है कि बहुजन समाज पार्टी लुटेरी है और समाजवादी पार्टी लूटेरी, डाकू और आंतकवादियों की संरक्षक है। ऐसे में इन दोनों ही दलों के समर्थन से चल रही केन्द्र सरकार को यदि बटमार नेताओं का गिरोह न माना जाये तो और क्या कहा जाये ? फिरभ्ज्ञाी लूट खसोट में मस्त केन्द्र सरकार के प्रति उपयोग किये गये उचित शब्दभ्ज्ञाी यदि जिले के कांग्रेसियों को अमर्यादित लग रहे है तो वे स्पष्ट करे कि उन्हें कौन-कौन से शब्दों में आपत्ति हैभ्ज्ञााजपा उनके प्रत्येक शब्द का जबाव देने को तैयार है।
भाजपा नगर अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने अपनी विज्ञप्ति में कहा था कि जन समस्याओं को उठाना और जनहित में मांग रखना राजनैतिक कार्यकर्ता का कत्तर्व्य होता है। तब कांग्रेसी इसका विरोध कर बडी बडी विज्ञप्तियां जारी कर रहे थे अब वे अपनी ही इस विज्ञप्ति में लोकतंत्र में जनहित की बात सदन में रखने को न्याय संगत मानभ्ज्ञााजपा की ही बात को स्वीकार कर रहे है। इससे स्पष्ट है कि महाविद्यालयीन छात्रों के रूके हुये परिणामों के घोषित करने के प्रदेश शिक्षा सचिव के आदेश के चलते इंका नेता श्री हरवंश सिंह द्वारा इसका श्रेय लिये जाने के प्रयासों पर पानी फिर जाने से जिले की इंकाई आहत है। अतः उनकी पीडा को समझा जा सकता है।
प्रेम तिवारी ने कहा कि सत्ता कीभ्ज्ञाूख में हुडदंग और हंगामा करना कांग्रेस की फितरत में शामिल हो गया है। पहले प्रदेश का और अब संपूर्ण देश का बंटाधार करके कांग्रेसी पुनः प्रदेश में सत्ता प्राप्त कर प्रदेश के विकास का जनाजा निकालने का सपना संजोये हुये है। जिन्हेंभ्ज्ञााजपा कभी कामयाब नही होने देगी।