बेनतीजा रही सर्वदलीय बैठक
(शरद)
नई दिल्ली (साई)। श्रीलंका में तमिलों
के मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में संसद में लाये जाने वाले प्रस्ताव पर आम
सहमति बनाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही।
संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कल रात नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि यह
बैठक संसद में श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर आये गतिरोध को दूर करने के लिए बुलाई
गई थी। लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकल सका।
बैठक में केन्द्रीय मंत्री सुशील कुमार
शिंदे, कमलनाथ और राजीव शुक्ला,भ्ज्ञााजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और
सुषमा स्वराज, डीएमके के तिरूचि शिवा, एआईएडीएमके के वी मैत्रेयन, समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह तथा
जनता दल युनाइटेड के शरद यादवभ्ज्ञाी शामिल हुए।
डी एम के पार्टी सरकार से आग्रह करती
रही है कि इस विषय में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में लाये जाने वाले
प्रस्ताव के अंतिम मसौदे में संशोधन करने के वास्ते संसद में प्रस्ताव पारित किया
जाए। पार्टी के यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उसके पांचों मंत्रियों ने
केन्द्र सरकार से इस्तीफा दे दिया था। प्रधानमंत्री ने कल देर रात ये इस्तीफे
मंजूर कर लिये। सरकार ने घोषणा की थी कि वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में
पेश किये जाने वाले मसौदा प्रस्ताव में संशोधन के लिए प्रस्ताव पेश करेगी।
इसके बाद शीर्ष अधिकारियों ने
प्रधानमंत्री को अमरीकी मसौदा प्रस्ताव के बारे में जानकारी दी। जिनेवा स्थित
परिषद में इस प्रस्ताव पर आज मतदान होना है। श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे और इस्पात
मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को हटाने की समाजवादी पार्टी की मांग को लेकर कल संसद के
दोनों सदनों की कार्यवाही में बाधा पड़ी।
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