गुरुवार, 21 मार्च 2013

रायपुर : साक्षरता को बढ़ावा देने सीएम ने की घोषणा


साक्षरता को बढ़ावा देने सीएम ने की घोषणा

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य के शतप्रतिशत साक्षर ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी। डॉ. सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे साक्षरभ्ज्ञाारत कार्यक्रम को राज्य सरकार के संसाधनों से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की झुग्गी बस्तियों मेंभ्ज्ञाी संचालित करने की घोषणा की है और अधिकारियों को इसके लिए कार्य-योजना बनाने के  निर्देश दिए हैं।
डॉ. रमन सिंह दोपहर यहां विधानसभा परिसर के मुख्य समिति कक्ष में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की सामान्य सभा की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. सिंह ने यहभ्ज्ञाी कहा कि साक्षरता के महत्व के बारे में जन-जन तक संदेश पहुंचाने के लिए आकाशवाणी और दूरदर्शन सहित सामुदायिक रेडियो काभ्ज्ञाी उपयोग किया जाना चाहिए। राज्य में सामुदायिक रेडियो केन्द्रों की स्थापना के लिए विभिन्न संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न अंचलों में साक्षरता के प्रसार के लिए लोगों को स्थानीय बोलियों में अक्षर ज्ञान देने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने  इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा छत्तीसगढ़ीभ्ज्ञााषा सहित हल्बी, गोंड़ी, कुडूख, सादरी और सरगुजिया बोलियों में प्रकाशित श्आखर झांपीश् नामक पुस्तिका को काफी उपयोगी बताया। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने के लिए चल रहे साक्षरभ्ज्ञाारत कार्यक्रम के तहत आगामी वर्ष 2013-14 तक कम से कम 80 प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करने के लक्ष्य का उल्लेख किया और कहा कि व्यापक जनभागीदारी से ही इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत सभी विभागों के बीच और ज्यादा परस्पर समन्वय की जरूरत है। वर्तमान में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में कुल साक्षरता 71.04 प्रतिशत तक पहुंच गयी है, जिसमें पुरूषों की साक्षरता 81.45 प्रतिशत और महिलाओं की साक्षरता दर 60.59 प्रतिशत है। डॉ. रमन सिंह ने महिला साक्षरता के लिए और ज्यादा मेहनत की जरूरत बतायी और कहा कि राज्य के बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बस्तर और कवर्धा जिलों में महिला साक्षरता की दर 50 प्रतिशत से कम होने के कारण वहां इसके लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है। साक्षरता संयुक्त राष्ट्रसंघ के सहस्त्राब्दि विकास के लक्ष्यों मेंभ्ज्ञाी शामिल हैं।
डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने के अभियान में प्रदेशवासियों के सक्रिय सहयोग की अपील की है और कहा है कि हम सबको ऐसा प्रयास करना होगा कि राज्य में कोईभ्ज्ञाी व्यक्ति निरक्षर न रहे और शासकीय योजनाओं में राशि काभ्ज्ञाुगतान प्राप्त करने के लिए किसी कोभ्ज्ञाी सरकारी कागजों में अपना श्अंगूठा छापश् न लगाना पड़े। हर व्यक्ति अपने जरूरत के कागजों में स्वाभिमान के साथ अपने हस्ताक्षर करे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. रमन सिंह ने प्राधिकरण के अधिकारियों से कहा कि राज्य के स्कूलभ्ज्ञावनों और आंगनबाड़ीभ्ज्ञावनों को लोक शिक्षा केन्द्रों और साक्षरता केन्द्रों के रूप में चिन्हांकित कर उनमें शाम को खाली समय में साक्षरता की कक्षाएं संचालित की जानी चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश के लगभग सभी गांवों में राज्य शासन की अनुदान राशि से विभिन्न समाजों द्वारा सामुदायिकभ्ज्ञावन बनवाए गए हैं। उन समाजों के प्रतिनिधियों से चर्चा करके उनके सहयोग से उनके सामुदायिकभ्ज्ञावनों कोभ्ज्ञाी लोक शिक्षा केन्द्र के रूप में प्रतिदिन एक निर्धारित समय पर विशेष रूप से शाम के समय साक्षरता कक्षाओं के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। आम तौर पर ऐसे सामुदायिकभ्ज्ञावनों का उपयोग किन्ही अवसर विशेष पर ही किया जाता है और येभ्ज्ञावन वर्ष के बाकी दिनों में खाली रहते हैं। संबंधित समाजों के लोग अगर चाहे तो अपने-अपने गांव को साक्षर बनाने के लिए इनभ्ज्ञावनों के उपयोग की सहमति देकर साक्षरभ्ज्ञाारत कार्यक्रम में सहयोगी बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए साक्षरता प्राधिकरण के अधिकारियों को पंचायतों से समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने अगले एक वर्ष में लगभग 30 हजार स्कूलभ्ज्ञावनों के विद्युतीकरण काभ्ज्ञाी लक्ष्य निर्धारित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षरभ्ज्ञाारत कार्यक्रम को राज्य सरकार द्वारा अपनी विकास योजनाओं की समीक्षा के एजेंडे में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। मैं स्वयं निकटभ्ज्ञाविष्य में होने वाले कलेक्टर्स कान्फ्रेंस में इस कार्यक्रम कोभ्ज्ञाी कार्य सूची में शामिल करूंगा। अधिकारियों ने बताया कि साक्षरभ्ज्ञाारत कार्यक्रम में 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को साक्षरता के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में साक्षरता की परिभाषा को मात्र हस्ताक्षर करने या अपना नाम लिखने तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि साक्षर बनने वालों के लिए पढ़ने-लिखने और अंक ज्ञान में आत्मनिर्भरता हासिल करने के साथ-साथ उन्हें कौशल विकास सेभ्ज्ञाी जोड़ने का लक्ष्य है।
बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल और उच्च शिक्षा मंत्री श्री रामविचार नेताम सहित विधायकगण सर्वश्री सेवकराम नेताम, फूलचंद सिंह और श्रीमती लक्ष्मी बघेल, राज्यभ्ज्ञांडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज, अध्यक्ष जिला पंचायत जांजगी-चाम्पा श्रीमती सूरज व्यास कश्यप, अंबिकापुर नगर निगम के महापौर श्री प्रबोध मिंजमहापौर जगदलपुर श्री किरण देव, सभापति रायपुर नगर निगम श्री संजय श्रीवास्तव, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद धमतरी डॉ. एन.पी. गुप्ताप्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री डी.एस. मिश्रा, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन श्री अजय सिंह, सचिव स्कूल शिक्षा श्री के.आर. पिस्दा, सदस्य सचिव राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण सुश्री रीता शांडिल्य, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की प्रबंध संचालक श्रीमती रीना कंगाले और श्री द्वारिकेश पाण्डेय सहित अन्य संबंधित अधिकारी तथा अशासकीय सदस्य उपस्थित थे।

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