शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

एमपी महाराष्ट्र बार्डर खवासा पर लगता जाम!


एमपी महाराष्ट्र बार्डर खवासा पर लगता जाम!

 (लिमटी खरे)

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित है खवासा ग्राम, जहां मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व और अफसरों के निजी खाते में जाने वाले राजस्व की प्राप्ति करोड़ों अरबों खरबों रूपयों में होती है। खवासा बार्डर सदा से ही चर्चा का केंद्र रही है। खवासा के इस बार्डर का सबसे दुखदाई पहलू यहां लगने वाला यातायात का जाम है। ट्रकों की लंबी कतारों को देखकर निजी वाहन वालों के पसीने आ जाते हैं। इस जाम के लगने के पीछे के कारणों पर अब तक ना तो किसी जिलाधिकारी ने ध्यान ही दिया है और ना ही ध्यान देने की जरूरत ही समझी है। वर्तमान जिला कलेक्टर भरत यादव ने एक साक्षात्कार में खवासा की सीमा चौकी पर छापे मारने की बात कही है जो प्रशंसनीय है।
देखा जाए तो खवासा में मुख्यतः परिवहन विभाग की जांच चौकी है जहां करोड़ों रूपयों के वारे न्यारे होते हैं। इस जांच चौकी के बारे में कहा जाता है कि यहां दक्षिण भारत सहित मध्य प्रदेश सहित देश के अनेक हिस्सों की कई ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा बाकायदा अपने माल वाहक वाहनों की सूची दी हुई है जिनसे निर्धारित से कम मात्रा में चौथ वसूली की जाती है। बाकी माल और यात्री वाहक वाहनों से हर माह चौथ वसूली के साथ ही साथ शासन द्वारा दिए गए लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उनका चालान भी काटा जाता है।
इस जांच चौकी के बारे में बताया जाता है कि यह जांच चौकी रिमोट कंट्रोल से संचालित होती है। अर्थात यहां तैनात परिवहन विभाग और पुलिस विभाग के प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारियों के अलावा निजी गुंडा नुमा लोगों के द्वारा यहां सरकारी काम को अंजाम दिया जाता है। वैसे तो निजी गुर्गे जिला कलेक्टर की नाक के नीचे पंजीयक लेण्ड रिकार्ड अर्थात जहां जमीनों की खरीदी बिक्री होती है वहां भी काम करते दिख जाते हैं।
सूत्रों की बातों पर गर यकीन किया जाए तो इन निजी कर्मचारियों के हाथों में एक रिमोट घंटी का बटन होता है। सड़क पर लाल या पीली बत्ती देखते ही ये बटन दबा देते हैं और चौकी के अंदर सभी काम नियमानुसार संचालित होना आरंभ हो जाता है। बताते हैं यहां समिष और निरामिष भोजन बहत ही लजीज बनता है। यहां एक कैंटीन का संचालन भी होता है जहां शाकाहारी और मांसाहारी भोजन की माकूल व्यवस्था है। यहां यह सब कुछ निशुल्क ही है। कहा जाता है कि हर माह की चढ़ोत्री के हिसाब में इसे भी जोड़ दिया जाता है।
अगर, जिला कलेटर भरत यादव बिना सूचना के अचानक ही इस जांच चौकी में पहुंच जांए तो उन्हें सबसे पहले पिछले दरवाजे पर एक रजिस्टर रखा मिलेगा जिसमें नेताओं, पत्रकारों और प्रभावशाली लोगों के नाम और उन्हें दी जाने वाली मासिक चौथ की सूची मिल जाएगी। मेले ठेले, धरना प्रदर्शन आदि के लिए दी जाने वाली राशि का ब्योरा भी इसी पंजी में दर्ज होता है। निश्चित तौर पर यह राशि परिवहन विभाग या यहां पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारी अपनी जेब से तो देते नहीं होंगे। जो भी दिया जाता होगा वह वाहनों के स्वामी से ही वसूला जाता होगा।
इस तरह के भ्रष्टाचार के सागर में आकण्ठ डूबी है खवासा की जांच चौकी। खवासा में इसके अलावा मंडी, विक्रय कर आदि की जांच चौकियां भी हैं। यहां जाम क्यों लगता है इस बारे में कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं होता है। ज्यादा पूछताछ करने पर निजी गुण्डानुमा गुर्गों द्वारा हमला तक बोल दिया जाता है। मजे की बात तो यह है कि यहां पुलिस का एक सहायता केंद्र भी स्थापित है, पर सब कुछ हो रहा है ढके मुंदे नहीं उजागर तौर पर। यहां कभी भी पूरी तैनाती नहीं मिल पाती है। इस तरह की चौकियों में ईमानदारी पूरी पूरी बरती जाती है। एक एक सिपाही या हवलदार पखवाड़े तक घर पर आराम फरमाते हैं पर उनके हिस्से में कोई समझौता नहीं होता है। कहते हैं कि यहां से गुजरने वाले वाहनों से चौथ वसूली के उपरांत उन्हें गेट पास दिया जाता है, गेट पास के पहले उनकी डायरी में चिड़िया कौआ जैसी आकृति बना दी जाती है जो हर माह अलग शक्ल की होती है जिससे यह पता चल जाता है कि उस वाहन की एंट्री उस माह के लिए हो चुकी है।
असली मरण तो आम आदमी की होती है। सिवनी जिले के विधायक और सांसदों की कर्तव्यों के प्रति अनदेखी के चलते सिवनी की स्वास्थ्य सुविधाएं जो एक समय में महाकौशल संभाग में आर्युविज्ञान कालेज जबलपुर के बाद नंबर दो पर आती थी आज खुद आईसीसीयू में पड़ी कराह रही है, नतीजतन मरीजों को छोटी मोटी बीमारी होने पर भी सिवनी के प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय से नागपुर रिफर कर दिया जाता है। इसके पीछे चिकित्सकों को नागपुर के मंहगे अस्पतालों से मिलने वाला कमीशन ही बताया जा रहा है। जब मरीज नागपुर जाते हैं तो वे इस जाम में फंसकर नारकीय पीड़ा को भोगते हैं। स़क्षम लोग तो बरास्ता छिंदवाड़ा सौंसर होकर नागपुर पहुंच जाते हैं पर गरीब तो इसी रास्ते से जाने पर निर्भर हैं।
यहां यक्ष प्रश्न यह खड़ा हुआ है कि आखिर खवासा में एक साथ पचास से लेकर दो सौ ट्रकों की लाईन कैसे लग जाती है। अगर खवासा से महज दस किलोमीटर दूर महाराष्ट्र बार्डर की मानेगांव टेक चौकी से आप गुजरें तो वहां महज एकाध ट्रक ही खड़ा मिलता है। आखिर क्या वजह है कि महाराष्ट्र की जांच चौकी मिस्टर कलीन है और एमपी की जांच चौकी दागदार! मतलब साफ है कि दाल में कुछ काला है।

4 मई तक ज्यूडिशियल रिमांड पर सर्किल जेल का मेहमान बना फिरोज


4 मई तक ज्यूडिशियल रिमांड पर सर्किल जेल का मेहमान बना फिरोज

(संजीव प्रताप सिंह / नीलेश स्थापक)

लखनादौन / सिवनी (साई)। झाबुआ पावर लिमिटेड के कथित कर्मचारी फिरोज को चार मई तक के लिए ज्यूडिशियल रिमांड पर सर्किल जेल सिवनी भेजा गया है। पुलिस ने आरोपी की पुलिस रिमांड चाही थी किन्तु आरोपी को ज्यूडिशियल रिमांड दी गई है। आरोपी फिरोज आज शाम सात बजे लखनादौन के कोर्ट में पेश किया गया।
मौके पर मौजूद समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से नीलेश स्थापक और सीएनबीसी संवाददाता काबिज खान ने दूरभाष पर बताया कि आरोपी को भारी पुलिस बल के बीच लखनादौन के न्यायालय में ले जाया गया। लखन कुंवर की नगरी लखनादौन के कोर्ट के बाहर लगी भीड़ को देखकर लोगों के आक्रोश का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता था।
जैसे ही आरोपी को लेकर पुलिस कोर्ट के पास पहुंची आक्रोशित भीड़ बेकाबू हो गई और उसने जूतों चप्पल से फिरोज की पिटाई करने का प्रयास किया। महिलाएं बच्चे, नौजवान इस कदर आक्रोश मे ंथे कि पुलिस को स्थिति काबू करने में पसीना आ गया। पुलिस ने हल्के बल प्रयोग से भीड़ को दूर भगाया।
लखनादौन में कोर्ट के आसपास लगी भीड़ को देखकर इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि क्षेत्र के लोगों में इस दुधमुंही के साथ हुए दुष्कर्म से कितना आक्रोश है? वहीं जिले भर में सिवनी की गुडिया के साथ हुए दुष्कर्म की निंदा और भर्तस्ना का दौर जारी है।
ज्ञातव्य है कि देश के मशहूर उद्वद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड में एक पावर प्लांट की आधार शिला रखी जा रही है। इस पावर प्लांट के निर्माण के पूर्व हुई जनसुनवाई के दौरान संयंत्र प्रबंधन ने स्थानीय कुशल और अकुशल मजदूरों को रोजगार देने का वायदा प्रदेश सरकार से किया था।
इस पावर प्लांट में स्थानीय और महाकौशल के कांग्रेस और भाजपा के नेता नुमा ठेकेदारों ने संयंत्र प्रबंधन को बरगलाकर निर्माण कार्यों की धुरी अपने इर्द गिर्द समेट रखी है। पावर प्लांट के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस पावर प्लांट में मजदूरों की भर्ती एक स्थानीय नेतानुमा ठेकेदार की इजाजत के बिना नहीं होती है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी की गुडिया के दुष्कर्म का आरोपी फिरोज इसी पावर प्लांट का कर्मचारी है जबकि पावर प्लांट के रवींद्र सिंह ने गत दिवस चर्चा के दौरान फिरोज का पावर प्लांट का कर्मचारी होने से इंकार किया था। सवाल यह उठता है कि अगर वह पावर प्लांट का कर्मचारी नहीं था तो बिहार का निवासी फिरोज आखिर घंसौर में इतने दिनों तक कर क्या रहा था?
0 स्थति में नहीं हुआ कोई सुधार सिवनी की गुड़िया की
गत 17 अप्रैल को दरिदंगी का शिकार हुई घंसौर की मासूम गुडिय़ा नागपुर के केयर अस्पताल में अब भी बेहोशी की हालत में है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के नागपुर ब्यूरो से आशीष कौशल ने खबर दी है कि मेडिकल बुलेटिन में चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची की हालत में किसी प्रकार का सुधार नहीं है और न ही उसे चेकअप के लिए किसी अन्य अस्पताल में ले जाया जा सकता है। लगभग 08 दिनों से बेहोशी की हालत में पड़ी मासूम गुडिय़ा का ब्रेन और हार्ट ने भी काम करना बंद कर दिया है।

कमल नाथ पर बरसीं सुषमा


कमल नाथ पर बरसीं सुषमा

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। कल तक कमल नाथ की कार्यप्रणाली पर खुशी का इजहार करने वाली लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के तेवर अब कमल नाथ के प्रति तल्ख होते दिख रहे हैं। चाको के इस्तीफे को लेकर शुरू हुई जंग में सुषमा सवराज ने कमल नाथ के उस बयान जिसमें कमल नाथ ने कहा कि चाको इस्तीफा नहीं देंगे पर सुषमा ने तल्ख तेवर अपनाते हुए कहा कि कमल नाथ को कोई अधिकार नहीं है कि इस तरह के बयान देने का कि जेपीसी के अध्यक्ष पी सी चाको इस्तिफा नहीं देंगें।
सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर दिए अपने संदेश में उन्होंने कहा कि पी सी चाको कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे है और कांग्रेस उन्हें बचा रही है मगर विपक्ष चाको का इस्तीफा लिए बगैर चुप नहीं बैठेगा। गौरतलब है कि जेपीसी के अध्यक्ष पीसी चाको का विपक्ष ने इस्तीफा मांगा है। जिसके बाद सुषमा का ये बयान सामने आया है।
वहीं, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो से राहुल अग्रवाल ने बताया कि  2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही जॉइंट पार्लियामेंटरी कमिटी (जेपीसी) के चेयरमैन पीसी चाको को पद से हटाने का दबाव बढ़ गया है। जेपीसी में शामिल विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने लोकसभा स्पीकर मीरा सिंह को ज्ञापन सौंपकर उन्हें पद से हटाने की मांग की। विपक्षी सदस्यों का आरोप है कि चाको निष्पक्ष नहीं हैं।
जेपीसी में चाको समेत 30 सदस्य हैं। कांग्रेस से चेयरमैन चाको को मिलाकर 11, बीजेपी के छह, बीएसपी, जेडीयू और डीएमके के दो व एसपी, एआईडीएमके, एनसीपी, टीएमसी, बीजेडी, सीपीआई व सीआईएम के एक-एक सदस्य हैं। बताया जा रहा है कि चाको को छोड़ने के बाद बचे 29 में से 15 सदस्य उनके विरोध में हैं। विपक्षी सदस्य रिपोर्ट लीक होने और इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री चिदंबरम को क्लीन चिट देने से नाराज हैं।
वहीं भाजपा के सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि बीजेपी की रणनीति है कि कमिटी में विपक्षी दलों के अन्य सदस्यों से तालमेल बिठाकर ऐसी स्थिति बनाई जाए कि जेपीसी पर बनी ड्राफ्ट रिपोर्ट को कमिटी ही खारिज कर दे। इस मामले में बीजेपी को विपक्ष के ज्यादातर विपक्षी सदस्यों का साथ मिलने की संभावना है, लेकिन समाजवादी पार्टी के रुख को लेकर वह आश्वस्त नहीं है।
भाजपा के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आगे बताया कि बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने संकेत दिए हैं कि इस बार बीजेपी किसी भी हालत में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर पीछे हटने के मूड में नहीं है। नकवी ने प्रधानमंत्री को लुटेरों का लाट साहब बताते हुए कहा है कि बीजेपी उनके इस्तीफे से कम पर कुछ भी मानने के लिए तैयार नहीं है।
चुनाव मैनेजमेंट कमिटी की बैठक में उन्होंने कहा कि बजट सत्र, इस सरकार का विदाई सत्र साबित होने जा रहा है। भले ही कांग्रेस घोटालों के घंटाघर पर खड़े होकर दोबारा जनादेश मांग रही हो लेकिन देश की जनता अब इस राष्ट्रीय बोझ को सहने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने कुशासन और लूट के लाट साहबान को बचाने में जुटी है, लेकिन वह कामयाब नहीं होगी।

पांचाली बन गए कांग्रेस के कार्यकर्ता


पांचाली बन गए कांग्रेस के कार्यकर्ता

(सुजीत श्रीवास्तव)

मोहनखेड़ा (साई)। मध्य प्रदेश के कांग्रेस के कार्यकर्ता महाभारत काल की पांचाली बनकर रह गए हैं। जी हां, यह बात आज कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के द्वारा कार्यकर्ताओं से पूछने पर सामने आई। दरअसल, राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से पूछा कि कांग्रेस में कितने गुट हैं, कार्यकर्ता कुछ देर तो खामोश रहे फिर बोले पांच हैं महाराज। इसके बाद उनके बीच कानाफूसी होने लगी कि पांच नेताओं के बीच कार्यकर्ता पांचाली की तरह ही बंट रहे हैं।
आज संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने उनसे पार्टी के मामलों में बड़ी भूमिका निभाने को कहा। मध्य प्रदेश में कांग्रेस गुटबाजी से जूझ रही है और यही हाल रहा तो अगले विधानसभा चुनाव के बाद भी कांग्रेस को सत्ता नहीं मिल पाएगी। इस सच्चाई से पार्टी के प्रतिनिधियों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अवगत करा दिया है। विभिन्न प्रतिनिधियों ने गांधी को बताया है कि राज्य में कांग्रेस पांच गुटों में बंटी हुई है।
राहुल गांधी बुधवार को मध्य प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर धार जिले के मोहनखेड़ा पहुंचे। गांधी ने इस दौरान युवक कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लिया और पार्टी प्रतिनिधियों, सांसद, विधायक, चुनाव में हारे उम्मीदवारों और पंचायत व नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों से चर्चा की। प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा कि वे केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करें। पार्टी में किसी तरह की गुटबाजी नहीं होनी चाहिए।
राहुल ने प्रतिनिधियों से पूछा कि राज्य में कांग्रेस का क्या हाल है। इस पर कार्यकर्ता कुछ देर तो खामोश रहे, फिर कहा कि राज्य में गुटबाजी है। नेताओं का नाम लेने से प्रतिनिधि सकुचाए। प्रतिनिधियों को लगा कि नेताओं का नाम लेना ठीक नहीं होगा। इतने में राहुल ने कहा कि खुलकर बताएं कि राज्य में किस तरह की गुटबाजी है। फिर क्या था मौजूद प्रतिनिधियों ने खुलकर कहा कि राज्य में पांच गुट हैं। यहां कांग्रेस दिग्विजय, सिंधिया, कमलनाथ, भूरिया व पचौरी गुटों में बंटी है। राहुल ने प्रतिनिधियों से ही पूछ डाला कि इसे कैसे खत्म किया जा सकता है, तो प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि संभागीय स्तर पर पार्टी के कार्यक्रम हों और उन कार्यक्रमों में सभी नेताओं को एक मंच पर लाया जाए।
राहुल गांधी ने विभिन्न चरणों में पार्टी के तमाम जिम्मेदार लोगों से अलग-अलग चर्चा की और सभी से कहा कि वे गुटबाजी से अपने को दूर रखें। राहुल को कई प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि वे संगठन से जुड़े लोगों को निर्देशित करें कि वे पार्टी की मजबूती के लिए काम करें।
राहुल गांधी के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन पार्टी के कई प्रमुख नेता भी मौजूद थे। इनमें प्रदेश प्रभारी बी. के. हरिप्रसाद, राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह, प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी, सज्जन सिंह वर्मा, मीनाक्षी नटराजन शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने कई नेताओं से अलग-अलग व बंद कमरे में भी चर्चा की। साथ ही उन्हें अपनी मंशा से भी अवगत करा दिया है।

सर्कस के बाजीगर ही निकल सकते हैं नेहरू रोड़ से


सर्कस के बाजीगर ही निकल सकते हैं नेहरू रोड़ से

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। एक समय में शहर को दो हिस्सों में बांटने वाली नेहरू रोड़ आज बदहाली के कगार पर पहुंच चुकी है। इस सड़क से चौपहिया क्या दो पहिया वाहनों का गुजरना भी अब दुष्कर हो गया है। पैदल चलते राहगीरों को भी स्थान तलाशते हुए ही यहां से गुजरने पर मजबूर होना पड़ता है।
नगर के अति व्यस्ततम क्षेत्र नेहरू रोड में यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन सक्रिय नहीं है, जिसके चलते नेहरू रोड में स्थित दुकानों के सामने वाहनों की लंबी- लंबी लाईन लगे रहती है, जिसके चलते वहां से गुजरने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन दिनों सोने की कीमत में आई कमी को देखते हुए ज्वेलरी की दुकानो में अच्छी- खासी भीड़ इकत्र हो रही है। ज्वेलरी खरीदने जाने के लिए जाने वाले ग्राहक अपने वाहनों को सड़क के किनारे अव्यवस्थित खड़े कर देते हैं, जिसके चलते नेहरू रोड से गुजरने वाले अन्य लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
अस्सी के दशक में जिला कोतवाली का पिकप वाहन जब इस सड़क पर निकलता था तब दुकानदार भय के चलते सायकलों को हटवा देते थे, जो नहीं हटवा पाते थे उनकी साईकल जप्त कर थाने ले जाई जाती थीं, जो बाद में चालान के उपरांत ही छोड़ी जाती थीं। अस्सी के दशक के उपरांत पुलिस ने भी इस ओर दिलचस्पी लेना बंद ही कर दिया।
अमूमन देखा गया है कि दुकानदार अपनी दुकान का सामान नेहरू रोड़ के एक डेढ़ फिट के फुटपाथ पर सजा देते हैं, इसके बाद बची जगहों पर उनकी दुकानों में खरीददारी के लिए आए ग्राहकों के वाहन खड़े हो जाते हैं। कई बार तो यहां सड़क पर खड़े चौपाया वाहन आवागमन को अवरूद्ध कर देते हैं।
प्रोढ़ हो चुकी पीढ़ी को याद होगा कि वर्तमान में जहां आनंद होटल संचालित हो रहा है वहां पर नेशनल बस सर्विस का गैराज हुआ करता था, इस गैराज में इस बस कंपनी की यात्री बसों की आवाजाही हुआ करती थी। महावीर व्यायामशाला वाली गली में ये यात्री बस कुछ मुश्किल के साथ पर घुस जाया करती थीं।
इस प्रसंग का उल्लेख करने का कारण यह है कि एक समय था जब इस मार्ग पर यात्री बस तक चल जाया करती थी, आज इस मार्ग में अतिक्रमण का जो आलम है उससे यहां पैदल चलना भी दुष्कर है। इससे साबित हो जाता है कि अगर नगर पालिका और यातायात पुलिस ने इस मार्ग पर अतिक्रमण से निपटने कोई कार्यवाही नहीं की है, नतीजतन आज सालों साल में अतिक्रमण स्थाई हो चुके हैं।
नेहरू रोड में अव्यवस्थित खड़े वाहनों को लेकर यातायात महकमा कभी भी गंभीर नहीं हुआ। यातायात महकमे की कार्यवाही छिंदवाड़ा चौक से शुरू होती है और बाहुबली चौक में जाकर खत्म हो जाती है, लेकिन आज तक जो भी यातायात प्रभारी रहे हैं, उन्होंने नेहरू रोड को नजरअंदाज ही किया है। यातायात को अवरूद्ध करने का कारनामा सिर्फ नेहरू रोड में ही किया जाता  है, ऐसा नहीं है।
सिवनी की अधिकांश बैंकों के सामने भी वाहन बेतरतीब खड़े कर दिये जाते हैं, जिस ओर बैंक प्रबंधन भी ध्यान नहीं देता। शुक्रवारी स्थित महाराष्ट्र बैंक, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कचहरी चौक की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा आदि ऐसी बैंक है, जिनके सामने वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है और न ही इन बैंकों और दुकानदारों ने कोई ऐसी व्यवस्था भी नहीं की है कि इन वाहनों को सुव्यवस्थित खड़े कर सके।
ऐसे में सिवनी की यातायात व्यवस्था को सुधारने की बात सिर्फ और सिर्फ बेईमानी ही लगती है। देखना यह है कि नवागत कलेक्टर भरत यादव और पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए कृत संकल्पित दिख रहे हैं, अब देखना है कि उनकी मुहिम किस स्तर तक परवान चढ़ पाती है।

आखिरकार चीनी मिल और सरकार के बीच हुए समझौते की खुली कलई


आखिरकार चीनी मिल और सरकार के बीच हुए समझौते की खुली कलई

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। आज चीनी मिल मालिको और सरकार के बीच हो रहे आपसी समझौते की क्लई उस वक्त खुल गयी जब वीएम सिंह की किसान हितैषी जनहित याचिका को खारिज कराने के लिए प्रदेश सरकार के सोलीसिटर ही खडे नजर आये।
चालू पेरोई सत्र 2012-13 का चीनी मिलों ने गन्ना किसानों का लगभग साढे सात हजार करोड रूपये से अधिक भुगतान रोक रखा है। जिस पर वीएम सिंह ने एक जनहित याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बैंच में दायर करते हुए अपील की थी कि चालू पेराई सत्र में गन्ना किसानों का चीनी मिलों ने साढे सात हजार करोड रूपये से अधिक पैसा रोक रखा है। जिसे तत्काल 15 फीसदी ब्याज सहित दिलवाया जावे। ऐसा न करने पर मिलों की आरसी काट दी जाये। इसके साथ ही जब तक गन्ना किसान का भुगतान नहीं हो जाता। तब तक गन्ना किसान से किसी भी प्रकार के कृषि ऋण की वसूली स्थगित रखी जाये। साथ ही दलील देते हुए जनहित याचिका में यह भी कहा गया कि जहां मिलों की आरसी कटते ही मिले तत्काल गन्ना किसानों का भुगतान करेंगी वहीं प्रदेश सरकार को भी आरसी काटने के बाद 800 करोड का राजस्व प्राप्त होगा।
आज इस जनहित याचिका का विरोध करने के लिए कई दर्जन अधिवक्ता न्यायधीश उमानाथ की बैंच में उपस्थित थे। इस मामले में उस वक्त अजीब स्थिति देखने को मिली जब प्रदेश सरकार की ओर से ए.ए.जी. (एडिशनल सोलीसिटर) श्रीमति बुलबुल गुलियाल ने ही अजीब तर्क देते हुए वीएम सिंह के हल्फनामे में तकनीकी त्रुटि बताकर उसे खारिज करने तक की अपील कर डाली। सरकार वकील का यह कृत्य निश्चित तौर पर मिल मालिकांे के पक्ष में जाता दिखाई दिया। वीएम सिंह ने इस पर दलील देते हुए कहा कि माननीय उच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि जनहित याचिका में तकनीकी त्रुटि नहीं देखी जाती। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ओर गन्ना आयुक्त का यह दायित्व है कि वह गन्ना किसानों का भुगतान ब्याज सहित तत्काल दिलाये। ऐसा न कर पाने पर मिलों की आरसी काटने का निर्देश गन्ना आयुक्त जारी करें। परंतु ऐसा करने के स्थान पर ये याचिका निरस्त कराने का काम किया जा रहा है।
अदालत में उस समय सनसनी फैल गयी जब न्यायमूर्ति उमानाथ ने ऑफ दि रिकार्ड यह तक कह डाला कि ये लोग तब तक गन्ना किसानों का भुगतान ब्याज सहित नहीं करेंगे और न ही तब तक आरसी काटेंगे जब तक दो-चार अधिकारी जेल नहीं चले जाते। सारी दलील सुनने के बाद उमानाथ की नेतृत्व वाली बैंच ने 2 मई को अगली सुनवाई का आदेश दिया। वीएम सिंह ने कहा कि मालिक ने चाहा तो गन्ना किसानों का बकाया भुगतान ब्याज सहित शीघ्र ही मिल जायेगा ओर उनकी आरसी भी रूकेंगी। अदालत ने वीएम सिंह के साथ विकास बालियान भी उपस्थित थे। 

सत्य सांई कॉलेज के लेक्चरार पर आईपीएल सट्टे में कार्यवाही


सत्य सांई कॉलेज के लेक्चरार पर आईपीएल सट्टे में कार्यवाही

(ब्यूरो कार्यालय)

सीहोर (साई)। जिला मुख्यालय पर क्रिकेट का सट्टा जोरों पर चलता है इस बात की पुष्टि आज पुलिस द्वारा आइपीएल क्रिकेट पर सट्टा लिखते हुए एक युवक को पकड़ा है। युवक सत्य सांई कॉलेज में लेक्चरार है। सत्य सांई कॉलेज द्वारा उपरोक्त लेक्चरार को निलबिंत कर दिया गया है।
कोतवाली पुलिस से मिली जानकारी अनुसार गुरुवार की सुबह सत्य सांई कॉलेज के बाहर आइपीएल क्रिकेट पर सट्टा लगाते हुए सत्य सांई के लेक्चरार मनीष शर्मा को पकड़ा गया है। मोबाइल पर स्थानीय ब्रोकर को क्रिकेट का सट्टा लगाते हुए मनीष सर को पकड़ा गया है। उनके पास से मोबाइल जब्त किया जाकर करीब आठ हजार दो सौ रुपए नकद जब्त किए गए है।
कोतवाली टीआई सतीश महलवाला द्वारा बताया गया कि सत्य सांई कालेज के बाहर से मनीष को पकड़ा गया है उनसे पूछताछ की जा रही जिसके बाद अन्य क्रिकेट सटोरियों के नामों का खुलासा होने की संभावना है। सत्य सांई कॉलेज के डीन मुकेश तिवारी ने बताया कि मनीष शर्मा को निलबिंत किया गया है। 

सीहोर में मामा की दुधमुही भानजी हुई हैवानियत का शिकार


सीहोर में मामा की दुधमुही भानजी हुई हैवानियत का शिकार

(सरवन मवई)

सीहोर (साई)। दिल्ली के बाद सिवनी में चार साल की अबोध बच्ची के साथ हैवानियत का मामला अभी सुलझा नहीं है और राजधानी भोपाल से लगे सीहोर जिले की आष्टा तहसील के ग्राम मैना की एक छह वर्षीय मासूम को दरिंदे ने अपनी हवस का शिकार बना डाला। मामला सामने आने पर पुलिस ने मासूम का आष्टा अस्पताल मे मेडिकल करवाया। मासूम की हालत खराब होने के कारण उसे सीहोर अस्पताल रैफर किया गया है। अभी तक आरोपी की शिनाख्त नही हो सकी है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम पांच बजे के आसपास ग्राम मैना मे एक पेड़ के नीचे दो बच्चों के साथ खेल रही छह वर्षीय मासूम को अज्ञात आरोपी चाकलेट का लालच देकर सुनसान क्षेत्र मे ले गया। यहां उसके द्वारा मासूम को अपनी वासना का शिकार बनाकर रोता-बिलखता छोड़ दिया गया।
रोती मासूम को देखकर कुछ ग्रामीण उसे वापस गांव तक लाए। मामला सामने आने पर मासूम को आष्टा अस्पताल लाया गया जहां से उसे सीहोर अस्पताल रैफर कर दिया गया। हालत खराब होने के कारण मासूम कुछ बोल नही पा रही है। इधर पुलिस उन दो मासूमों से भी पूछताछ कर रही है जो उस समय इस बच्ची के साथ खेल रहे थे।

कलेक्टर-एसपी पहुंचे अस्पताल

मामले की जानकारी मिलते ही मासूम के जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही कलेक्टर कविन्द्र कियावत व एसपी केबी शर्मा अस्पताल पहुंच गए थे। कलेक्टर कियावत ने पूरी गोपनीयता बरतने व मासूम के पु ता उपचार के निर्देश चिकित्सकों को दिए, इधर एसपी शर्मा ने आरोपी की गिर तारी के लिए कई टीमों को क्षेत्र मे सर्चिग के लिए रवाना किया है।