शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

कमल नाथ पर बरसीं सुषमा


कमल नाथ पर बरसीं सुषमा

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। कल तक कमल नाथ की कार्यप्रणाली पर खुशी का इजहार करने वाली लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के तेवर अब कमल नाथ के प्रति तल्ख होते दिख रहे हैं। चाको के इस्तीफे को लेकर शुरू हुई जंग में सुषमा सवराज ने कमल नाथ के उस बयान जिसमें कमल नाथ ने कहा कि चाको इस्तीफा नहीं देंगे पर सुषमा ने तल्ख तेवर अपनाते हुए कहा कि कमल नाथ को कोई अधिकार नहीं है कि इस तरह के बयान देने का कि जेपीसी के अध्यक्ष पी सी चाको इस्तिफा नहीं देंगें।
सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर दिए अपने संदेश में उन्होंने कहा कि पी सी चाको कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे है और कांग्रेस उन्हें बचा रही है मगर विपक्ष चाको का इस्तीफा लिए बगैर चुप नहीं बैठेगा। गौरतलब है कि जेपीसी के अध्यक्ष पीसी चाको का विपक्ष ने इस्तीफा मांगा है। जिसके बाद सुषमा का ये बयान सामने आया है।
वहीं, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो से राहुल अग्रवाल ने बताया कि  2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही जॉइंट पार्लियामेंटरी कमिटी (जेपीसी) के चेयरमैन पीसी चाको को पद से हटाने का दबाव बढ़ गया है। जेपीसी में शामिल विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने लोकसभा स्पीकर मीरा सिंह को ज्ञापन सौंपकर उन्हें पद से हटाने की मांग की। विपक्षी सदस्यों का आरोप है कि चाको निष्पक्ष नहीं हैं।
जेपीसी में चाको समेत 30 सदस्य हैं। कांग्रेस से चेयरमैन चाको को मिलाकर 11, बीजेपी के छह, बीएसपी, जेडीयू और डीएमके के दो व एसपी, एआईडीएमके, एनसीपी, टीएमसी, बीजेडी, सीपीआई व सीआईएम के एक-एक सदस्य हैं। बताया जा रहा है कि चाको को छोड़ने के बाद बचे 29 में से 15 सदस्य उनके विरोध में हैं। विपक्षी सदस्य रिपोर्ट लीक होने और इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री चिदंबरम को क्लीन चिट देने से नाराज हैं।
वहीं भाजपा के सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि बीजेपी की रणनीति है कि कमिटी में विपक्षी दलों के अन्य सदस्यों से तालमेल बिठाकर ऐसी स्थिति बनाई जाए कि जेपीसी पर बनी ड्राफ्ट रिपोर्ट को कमिटी ही खारिज कर दे। इस मामले में बीजेपी को विपक्ष के ज्यादातर विपक्षी सदस्यों का साथ मिलने की संभावना है, लेकिन समाजवादी पार्टी के रुख को लेकर वह आश्वस्त नहीं है।
भाजपा के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आगे बताया कि बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने संकेत दिए हैं कि इस बार बीजेपी किसी भी हालत में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर पीछे हटने के मूड में नहीं है। नकवी ने प्रधानमंत्री को लुटेरों का लाट साहब बताते हुए कहा है कि बीजेपी उनके इस्तीफे से कम पर कुछ भी मानने के लिए तैयार नहीं है।
चुनाव मैनेजमेंट कमिटी की बैठक में उन्होंने कहा कि बजट सत्र, इस सरकार का विदाई सत्र साबित होने जा रहा है। भले ही कांग्रेस घोटालों के घंटाघर पर खड़े होकर दोबारा जनादेश मांग रही हो लेकिन देश की जनता अब इस राष्ट्रीय बोझ को सहने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने कुशासन और लूट के लाट साहबान को बचाने में जुटी है, लेकिन वह कामयाब नहीं होगी।

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