मंगलवार, 1 फ़रवरी 2011

धनकुबेरों के सामने घुटने टेकती सरकार


‘गोरों‘ के पास जमा है भ्रष्टाचारियों का ‘काला‘ धन

आखिर सरकार डर क्यों रही है हमारा ही पैसा वापस लाने से

नाम सार्वजनिक कर राष्ट्रदोहियों की सजा हो मुकर्रर

(लिमटी खरे)

भारत गणराज्य की सरकारों के लिए इससे अधिक शर्म की बात और क्या होगी कि देश के हर एक आदमी के गाढ़े पसीने की कमाई पर सरेआम डाका डालकर धनपति बने लोगांे ने अपनी अकूत दौलत को देश से बाहर के बैंकों में जमा कर रखा है, और सरकार उनके सामने बौनी ही नजर आ रही है। स्वयंभू योग गुरू बाबा रामदेव ने पिछले दो सालों से स्विस बैंक में जमा काला धन वापस स्वदेश लाने की हिमायत की जा रही थी। पहले तो लोगों को लगता था कि बाबा रामदेव की मति फिर गई है, बाद में जब बाबा ने गांव गांव में इस अलख को जगाया तब लगा कि वाकई हमारे कर्णधारों ने कितना काला धन विदेशों जमा कर रखा है।

भ्रष्टाचार, अनाचार, योनाचार, घपले घोटाले अब तो किंवदतीं से बनकर रह गए है। चालीस के पेटे में पहुंच चुके लोगों की स्मृति पटल से पराधीनता और आजादी के किस्से विस्मृत नहीं हुए होंगे। उन्हें यकीनन लगता होगा कि सालों साल देश पर राज करने के बाद भी महमूद गजनवी या ब्रितानियों ने देश को इस कदर नहीं लूटा होगा जिस कदर आजादी के उपरांत हमारे अपने ही लोगों द्वारा सतत लूटा जा रहा है। देखा जाए तो सरकार की जवाबदारी होती है हर नागरिक को हर तरीके से सुरक्षा प्रदाय करने की। विडम्बना ही कही जाएगी कि भारत सरकार देश के नागरिकों को आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह अक्षम रही है।

यक्ष प्रश्न तो यह है कि आखिर इन धनपतियों के पास अकूत दौलत आई कहां से? क्या इनके पास कोई टकसाल है? जी नहीं आम भारत वासी सुबह उठकर जो चाय पीता है वहां से लेकर रात को सोने तक चाय, पानी, बिजली, परिवहन, खान पान आदि पर जो कर देता है, उससे ही देश चलता है, उसी से देश के जनसेवकों के एशो आराम की सुविधाएं जुगाड़ी जाती हैं। उसी से देश के विकास के प्रोग्राम का खाका खीचा जाता है, फिर उसमंे भ्रष्टाचार कर पैसा बनाया जाता है, जो काले धन के तौर पर देश और विदेश के बैंकों में जमा होता है।

कितने आश्चर्य की बात है कि देश की शीर्ष अदालत को इस बारे मेें सरकार से जवाब तलब करना पड़ा। देश के जाने माने अधिवक्ता राम जेठमलानी कहते हैं कि वे जानते हैं कि किसका कितना काला धन विदेशों में जमा है। सवाल फिर वही है कि अगर जेठमलानी जानते हैं तो वे किस मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं इन राष्ट्रदोहियों के नाम सार्वजनिक करने में। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि अगर सरकार को पता चलता है कि एक गरीब आदमी ने बेहिसाब पैसा विदेशी बैंकों में जमा करवाया है तो वह उस आदमी का क्या करेगी? क्या सिर्फ उससे टेक्स वसूलकर ही उसे छोड़ दिया जाएग? क्या सरकार इस धन के स्त्रोत को पता करने का प्रयास नहीं करेगी? क्या इस पैसे का उपयोग देश के खिलाफ षणयंत्रों में नहीं हो सकता? और भी न जाने कितने प्रश्न आज भी अनुत्तरित ही हैं।

दुनिया के चौधरी अमेरिका ने इस मामले में बहुत ही सख्त नियम बनाकर रखे हैं। अमेरिका के यूएसएस पेट्रियाट एक्ट के तहत विदेशों में जमा करने वालों का खुलासा करने का प्रावधान है। इसमें अमरिकी नागरिक की संपत्ति तक जप्त करने का प्रावधान भी है। वहां की सरकार बैंकों से अपने नागरिकों के जमा धन का ब्योरा मांग सकती है। यही कारण है कि अमेरिकी नागरिक विदेशों में जमा काले धन के मामले में काफी हद तक निचली पायदान पर हैं।

एक अनुमान के अनुसार भारत का 1400 अरब डालर, चीन का 96 अरब डाल, यूक्रेन का 100 अरब डालर, इंग्लेण्ड का 390 अरब डालर, रूस का 470 अरब डालर स्विस बैंक में जमा है। आंकड़ों पर अगर गौर फरमाया जाए तो भारत गणराज्य का साढ़े बाईस लाख करोड़ रूपया विदेशों में जमा करवाया गया है, जिसका दो तिहाई हिस्सा इक्कीसवीं सदी के पहले दशक में जमा करवाया गया है।

बाबा रामदेव के काले धन को वापस लाने के एजेंडे पर अब कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी भी चल पड़े हैं। राहुल गांधी ने भी काले धन को विदेशों में छुपाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की वकालत की है। उन्होंने कहा है कि हमें सुनिश्चित करना होगा कि देश का पैसा देश में ही रहे विदेश मंे न भेजा जाए। लाख टके का सवाल यही है कि नेहरू गांधी परिवार के इशारे पर ठुमके लगाने वाली केंद्र सरकार को क्या सोनिया और राहुल गांधी कड़े कदम उठाने पर बाध्य कर पाएंगे। हालात देखकर तो यही लगता है कि बाबा रामदेव को विदेश के काले धन एजेंडे में मिलने वाले पालीटिकल माईलेज से घबराकर राहुल गांधी ने भी यही आलाप छेड़ दिया है।

बहरहाल केंद्र सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय संधि का रोना रोकर उच्च न्यायलय में हाथ खड़े कर दिए हैं, जिसकी निंदा की जानी चाहिए। केंद्र ने बेहिसाब संपत्ति की घोषणा के लिए स्वेच्छा के दरवाजे खोलने के संकेत दिए हैं। लगता है सरकार इस मामले की गंभीरता को समझने के बजाए लोगों का ध्यान इससे भटकाना चाह रही है। देश में भ्रष्टाचार चरम पर है। देश का कोई भी सूबा एसा नहीं है जहां कि राजनेताओं, नौकरशाहों, व्यापारियों की तिजोरियों नोट न उगल रही हों। लगता है कि सरकार ने इनकी सहूलियत के लिए ही पांच सौ और एक हजार के नोट प्रचलन में लाए हैं, ताकि अधिक राशि को कम स्थान पर संग्रहित किया जा सके। सरकार की इच्छा शक्ति अगर तगड़ी है तो उसे पांच सौ और एक हजार के नोटों का चलन तत्काल ही बंद कर देना चाहिए वह भी बिना किसी नोटिस के, क्योंकि पांच सौ और एक हजार तक के नोट आम आदमी के काम के हैं ही नहीं। फिर वही स्थिति बनेगी जो पहले बनी थी, जब दस हजार के नोट बंद कर दिए गए थे। कालाबाजारियों ने बेकार हो चुके दस हजार के नोटों को जलाकर आग तापी थी। आज भी कमोबेश वही स्थिति बनी हुई है। सरकार अगर समय रहते कदम उठा ले तो ठीक वरना हालात के विस्फोटक होने में समय नहीं लगने वाला।

भाजपा का तीन दिनी चिंतन शिवर 8 से नागपुर में


भाजपा का तीन दिनी चिंतन शिवर 8 से नागपुर में

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। एक अर्से से सुसुप्तावस्था में पड़ी भारतीय जनता पार्टी में जान फूंकने के लिए तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन आठ फरवरी से महाराष्ट्र की संस्कारधानी नागपुर में किया जाने वाला है, जिसमें देश भर के भाजपा के सांसद, विधायक, प्रदेशाध्यक्ष हिस्सा लेंगे। शिविर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमति सुषमा स्वराज, राज्यसभा के अरूण जेतली और भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद मार्गदर्शक के बतौर उपस्थित रहेंगे।

भाजपा के आला दर्जे के सूत्रों ने उक्ताशय की जानकारी देते हुए बताया कि चिंतन शिविर का उद्घाटन 8 फरवरी को भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी द्वारा नागपुर के रेशम बाग मैदान में तो 9 और दस फरवरी का शिविर देशपांडे सभागार में होगा, जिसका समापन राजग के पीएम इन वेटिंग लाल कृष्ण आड़वाणी करेंगे।

सूत्रों ने संकेत दिए कि इस शिविर में मंहगाई, भ्रष्टाचार, घोटालों, काले धन आदि मामलों में भाजपा की धार पैनी करने पर विमर्श किया जाएगा, साथ ही साथ राजग गठबंधन को छोड़कर गए दलों को वापस लाने के लिए भी कोर कमेटी का गठन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश चुनावों के मद्देनजर संगठन की मजबूती के मसले पर भी विमर्श होने की उम्मीद है। इसमें सबसे अहम मसला यह होगा कि जिन सूबों में भाजपा के विवादस्पद मंत्री हैं, उनकी मश्कें कैसे कसी जाएं।

नर्मदा कुंभ पर पड़ेगा शिविर का साया

मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की छत्रछाया में पुण्य सलिला मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में मां नर्मदा सामाजिक कुंभ पर इस चिंतन शिवर की परछाईं पड़ने की आशंका जताई जा रही है। गौरतलब होगा कि यह कुंभ 10 से 12 फरवरी तक प्रस्तावित है, साथ ही नागपुर का चिंतन शिविर 8 से 10 फरवरी तक संपन्न होगा।

केंद्र पर भेदभाव के आरोप लगाए शिवराज ने


दिग्विजय का नाम आते ही असहज हो जाते हैं शिवराज


नई दिल्ली (ब्यूरो)। आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। मध्य प्रदेश भवन में मीडिया से रूबरू शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेसनीत केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मध्य प्रदेश के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करने का आरोप लगाया। जैसे ही कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के आरोपों का जिक्र आया, वैसे ही शिवराज सिंह बिदक गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एमपी में 34 लाख किसानों की 35 लाख हेक्टेयर खड़ी फसल पाले ने चौपट कर दी है, जिससे लगभग साढ़े सात हजार करोड़ रूपए का नुकसान होने का अनुमान है। राज्य ने इसके लिए केंद्र से चोबीस सौ करोड़ रूपए की मांग की है। श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने इसके लिए तत्काल 600 करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं।

संवाददाताओं द्वारा जब मुख्यमंत्री से धार्मिक आतंकवाद के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम के बयान के बारे में पूछा गया तो शिवराज सिंह चौहान सहज नहीं थे। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह केवल राजनीति करते हैं। मध्य प्रदेश धार्मिक आतंकवाद की जद में नहीं है। उन्होंने कहा कि वे दिग्विजय सिंह की बातों पर टिप्पणी करना मुनासिब नहीं समझते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसानों की फसलें जिस तरह से तबाह हुई हैं, उसे देखकर उनकी मदद करना अत्यावश्यक है, वरना आने वाले समय में खाने पीने के लाले के चलते ये किसान ही कानून व्यवस्था बिगाड़ सकते हैं। श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में बंग्लादेशी घुसपेठिए एक बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं। लूट, डकैती, राहजनी आदि की अनेक वारदातों में बंग्लादेश के नागरिकों को भी पकड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश आतंकवादी एवं उच्छेदक गतिविधि तथा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2010 भी केंद्र के पास भेजा गया है, जिस पर केंद्र अपनी मुहर लगाकर वापस भेज दे ताकि सूबे में इसे कारगर तरीके से लागू किया जा सके। इसके अलावा भोपाल के समीप डीएसपी स्तर के अधिकारियों के प्रशिक्षण स्कूल के लिए सरकारी भूमि उपलब्ध कराई जा चुकी है और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के लिए बालाघाट जिले में भूमि की खोज जारी है। केंद्र सरकार अन्य सुरक्षा इकाईयों को मध्य प्रदेश में स्थापित करना चाहे तो सूबा उसका स्वागत करेगा।

रेल में मिलेंगे डिस्पोजेबल बिस्तर


अब गंदे बेडरोल को बाय कहिए

यूज एण्ड थ्रो स्कीम का सफल परीक्षण

नई दिल्ली (ब्यूरो)। भारतीय रेल में वातानुकूलिए श्रेणी में यात्रा करने वालों के लिए एक खुशखबरी है, कि आने वाले समय में उन्हें बदबूदार गंदे तौलिए, तकिए, चादर आदि से निजात मिलने वाली है। रेल विभाग ने यात्रियों को डिस्पोजेबल बेड रोल देने की योजना का आगाज किया है।

बताया जाता है कि रेल्वे द्वारा यात्रियों को टिश्यू पेपर से निर्मित तकिया और तोलिया प्रदाय किया जाना प्रस्तावित किया जा रहा है। इस योजना के परीक्षण के परिणाम बेहद ही सफल और उत्साहजनक आने के उपरांत रेल्वे ने इस माह के अंत में इसे गुवहाटी राजधानी में लागू करने का मन बनाया है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में यात्रियों को डिस्पोजेबल बेड रोल समस्त राजधानी एक्सप्रेस, गरीब रथ, दुरंतो, सुपर फास्ट और चुनिंदा मेल एक्सप्रेस में भी प्रदाय किए जाएंगे। वर्तमान में यात्रियों को कपड़े की चादर, कंबल, के साथ ही साथ टिश्यू पेपर से निर्मित तकिया का गिलाफ और तौलिया प्रदाय किया जाएगा। भविष्य में इसी का चादर भी यात्रियों को मिल सकेगा।

आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन


किसानों में अशांति से भी देश में आंतरिक सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है

मुख्यमंत्री श्री चौहान की प्रधानमंत्री से किसानों के लिए 2442 करोड़ रूपये के पैकेज की मांग

नई दिल्ली, (ब्यूरो) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आंतरिक सुरक्षा पर आयोजित मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए देश के सभी मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि किसानों को उनकी फसलांे का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिलाया जाए। किसानों की फसलों को नुकसान होने पर उन्हें फसल बीमा योजना और अन्य राहत एवं सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। बीमा योजना को इस प्रकार व्यवहारिक बनाया जाए जिससे किसानों को उनकी फसलों का नुकसान होने पर बीमा का लाभ मिल सके। देश का किसान अगर असंतुष्ट और अशांत रहेगा तो इससे देश में आंतरिक सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। श्री चौहान ने आज मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया कि प्रदेश में पाला पड़ने के कारण 34 लाख किसानों की 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल बर्वाद हो गयी है। प्रदेश के 50 में से 46 जिलों में पाला पड़ने से 7500 करोड़ रूपये की फसलों का नुकसान हुआ है। फसलों के खराब होने से किसानों में सदमे की स्थिति है।

श्री चौहान ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि शीघ्र ही केन्द्रीय अध्ययन दल भेजकर फसलों को हुए नुकसान का आंकलन कराया जाए और किसानों को राहत दी जाए। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन दिया जिसमें 2442 करोड़ रूपये के पैकेज की मांग की। मध्यप्रदेश सरकार ने अपने बजट से 600 करोड़ रूपये की राशि किसानों को राहत देने के लिए स्वीकृत की है। किसानों के सहकारी ऋण माफ कर दिये गये हैं और सहकारी ऋणों का ब्याज सरकार भरेगी। अगले वित्त वर्ष से किसानों को एक प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। राष्ट्रीयकृत बैंकों के किसानों के ऋण माफ करने के लिए केन्द्र सरकार आदेश प्रदान करे। किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ दिलाया जाए। किसानों को समर्थन मूल्य के बजाय लाभकारी मूल्य दिया जाए क्योंकि फसल की लागत बढ़ गयी है।

श्री चौहान ने भ्रष्टाचार को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि इस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जा रहा है जिसमें भ्रष्ट तरीके से एकत्रित की गयी सम्पत्ति को राजसात करने का प्रावधान किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के मामलों में एक साल में न्यायालयों द्वारा निर्णय दिया जायेगा। प्रदेश में आम नागरिकों के काम समय सीमा में हो सकें इसके लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम बनाया गया है। समय सीमा में नागरिकों के काम नहीं होने पर अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जायेगा और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जायेगी। श्री चौहान ने काले धन की रोकथाम के लिए हजार और पांच सौ रूपये के नोटों को बंद करने का भी आग्रह किया। इससे जाली नोटों पर भी अंकुश लग सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में बताया कि प्रदेश में पांच हजार सिपाहियों की भर्ती की जा रही है। भूतपूर्व सैनिकों की भी एक बटालियन बनायी जा रही है। इंडियन रिजर्व बटालियन के गठन की केन्द्र सरकार से अभी तक स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। प्रदेश में राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल की एक बटालियन भी शीघ्र गठित की जा रही है। श्री चौहान ने नक्सली प्रभावित प्रदेश के सात जिलों को भी एस.आर.ई. योजना में शामिल करने का आग्रह किया है। अभी केवल बालाघाट जिला इसमें शामिल किया गया है।

श्री चौहान ने कहा कि देश में आतंकवादी घटनाओं से निपटने के लिए कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है। विश्व में अन्य प्रजातांत्रिक देशों ने भी अपनी सुरक्षा एवं आतंकवादी घटनाओं से अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए हैं। प्रदेश में संगठित अपराधों की रोकथाम के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक विधेयक केन्द्र सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा है जो काफी समय से लंबित है। इस सम्बन्ध में राज्य विधानसभा द्वारा मध्यप्रदेश आतंकवादी एवं उच्छेदक गतिविधि तथा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2010 पारित कर केन्द्र सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा गया है। श्री चौहान ने इसको शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने की आवश्यकता को दोहराया।

श्री चौहान ने पड़ोसी राज्यों से अनधिकृत बंगलादेशी घुसपैठियों की समस्या के बारे में ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में लोग प्रदेश के अनेक स्थानों पर श्रमिकों के रूप में मजदूरी करने के लिए आते हैं जिससे हमारे श्रम बाजार पर विपरीत असर पड़ता है। घुसपैठियों द्वारा पहचान पत्र बनवाकर भारतीय नागरिकों का हक भी प्राप्त कर लेते हैं। श्री चौहान ने आग्रह किया कि यू.आई.डी. कार्ड सघन जांच के बाद ही बनाये जाएं।

इंटेलीजेंस विंग के सुदृढणीकरण के लिए 331 पदों की स्वीकृति दी जा चुकी है। इस शाखा के कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए तीन वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा की है- सर्वश्रेष्ठ टीम वर्क के लिए गनीमी कावा पुरस्कार, पूरे वर्ष में सतत इंटेलीजेंस संबंधी अच्छे कार्य के लिए चाणक्य पुरस्कार और तीसरा किसी सर्वोत्कृष्ट विशेष कार्य के लिए छत्रसाल पुरस्कार दिया जायेगा।

बैठक में प्रदेश के गृहमंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य, पुलिस महानिदेशक श्री एस.के. राउत, अतिरिक्त महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला, गृह सचिव श्री सर्वजीत सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Chief Ministers Conference on Internal Security

Dissatisfaction among Farmers will threaten Internal Security



Relief Package to the tune of Rs. 2442 crore for Farmers



New Delhi, February 1, 2011. Shri Chouhan called upon the centre to immediately provide relief to the state to the tune of Rs. 2442 crore as relief package for the 34 lakhs farmers whose crops have been damaged by severe cold wave and frost. Almost 46 of the 50 districts of the state has been affected. The effect of recent tragedy of loss of crops coupled with the rising prices has doubled their sufferings and their economic conditions have become very alarming. If adequate and immediate aid to such farmers is not provided, it will breed dissatisfaction in the people and will threaten internal security of the country. Shri Chouhan was speaking at the conference of Chief Minister on Internal Security called by Union Home Minister Shri P. Chidamberam and chaired by the Prime Minister Dr. Manmohan Singh. The conference was attended by Chief Minister of other states. Shri Chouhan was acompanied by State Home Minister Shri Uma Shankar Gupta, Chief Secetary Shri Avani Vaish, DGP Shri S.K. Rout and other senior officials.



Madhya Pradesh Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan called for making a strict anti-terrorism law for the country like other democracies of the world, who have enacted strict laws to protect their citizens from terrorist activities and to ensure their securities. He said that there is a need to have tough effective laws and political will to deal with.



Pointing at the large and illegal infiltration from bordering states to M.P., Shri Chouhan said that this has adversely affected the labour market and provided fertile grounds for anti national activities. He called for an urgent need to check infiltration as this can pose a grave danger for the future if some how they are able to get UID cards Shri Chouhan called for a strict monitoring before issuing census UID cards. He informed that at state level, strict instructions have been issued to identify and extradite such infiltrations. ...........2



-2-



Shri Chouhan said that control over the activities of various organised crime cartels is essential to ensure internal security. For effective action against terrorist activities and organised crime, Shri Chouhan said that the state Vidhan Sabha has passed the "M.P. Terrorist and Disruptive Activities and Organised Crime Control Act 2010" and is pending with Government of India for its approval. Shri Chouhan urged for its early approval.

Reiterating the State Government's commitment on Internal Security & law and order, he said that an atmosphere of security coupled with an effective delivery system lends impetus to development. Informing about the steps taken by State Government in this direction he said that strict laws are enacted to check corruption in Public Services. The "M.P. Special Court Act" is slated to be placed in the coming Vidhan Sabha Session, increasing the strength of police force, till now about 4500 post have been sanctioned and in next 3 years 6500 additional post will be created as per the ratio of population, formation of ex-service man battalion and State Industrial Security Force (SISF) and formation of a new I.R. Battalion has been sent to the centre for approval, sanctioned 331 posts for strengthening of Intelligence wing. 3 annual award has been announced for best team work Ganimi Kava continuous good works- Chanakya award and special achievement awards for motivating the staff, a subsidiary Multi Agency Centre (SMAC) has been established, the system needs to be improved for better and effective co-ordination between agencies of various states and central agencies formulating as Establishment Board and police complaint Authority in compliance to the Supreme Court directions on Police Reforms, the drafting of a new Police Act is also underway. The Police modernisation plan has been in place for the last 10 years.

विधानसभा उपाध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्र और महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष के गृह जिले में महिलाओं पर ऐसे होते हैं अत्याचार

सिवनी जिले में चल रही ऐसी गुण्डागर्दी

 दबंगों ने विधवा महिला को दौड़ा-दौड़कर बीच बाजार में पीटा

 पुलिस ने रिपोर्ट भी दबंगों से पूछकर लिखी

(मनोज मर्दन त्रिवेदी)

सिवनी कान्हीवाड़ा थाना मुख्यालय के ग्राम में एक महिला को एक साहू परिवार एवं अन्य सहयोगी सदस्यों द्वारा दिन दहाड़े दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। कान्हीवाड़ा का एक भी व्यक्ति उस महिला के बचाव में खड़ा नहीं हुआ महिला को जहां-तहां पूरे शरीर में चोट के निशान हैं और सिर पर गंभीर चोट आयी है १४ टॉके सिर में लगे होने की बताई गई। जिस निर्ममता से उक्त महिला की पिटाई की गई है वैसा यू.पी. बिहार जैसे क्षेत्रों में भले ही आम बात हो परंतुु म.प्र. के अंदर महिलाओं के साथ इस प्रकार का दुव्र्यवहार  नहीं होता  परंतु थाना कान्हीवाड़ा के अंतर्गत इस प्रकार की घटना घटित हुई और पुलिस ने महिला की रिपोर्ट को लिखने में भी  कंजूसी दिखाई महिला का सरे बाजार  अपमान किया गया। सार्वजनिक रूप से जूते, चप्पलों से साहू परिवार के व्यक्तियों द्वारा पीटा गया यहां तक कि पुलिस विभाग के कर्मचारी के घर में वह घूसकर अपने प्राणों की रक्षा की गुहार लगा रही थी उसे लग रहा था कि वह पुलिसवाले के घर में सुरक्षित हो जायेगी परंतु गुण्डागर्दी पर आमदा दबंगों ने उक्त महिला की पुलिस वाले के घर के अंदर घुस कर लात, जूतों से पिटाई की।
महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती नीता पटेरिया के गृह जिले और म.प्र. विधानसभा के उपाध्यक्ष ठाकुर हरवंश सिंह के विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं की इस प्रकार की दुर्दशा क्या स्वर्णिम म.प्र. की कल्पना के अनुरूप कही जा सकती है। मिली जानकारी के अनुसार जब पूरे म.प्र. में गणतंत्र दिवस का जयघोष किया जा रहा था, उसी समय कान्हीवाड़ा थाना मुख्यालय में एक विधवा महिला अनीता सोनी के बच्चों के आपसी विवाद को दबंग साहू परिवार के व्यक्तियों द्वारा इतना तूल दिया गया कि वे उक्त विधवा महिला को कान्हीवाड़ा छोड़कर जाने का दबाव देने लगे, विरोध करने पर अनीता सोनी के साथ साहू परिवार के लड़कों ने जमकर मार-पीट की इसकी पुलिस रिपोर्ट लिखाने जब वह थाने पहुंची तो रिपोर्ट दजर््ा नहीं की गई। अलबत्ता थाने से लौटते वक्त उक्त महिला को बीच बाजार में साहू परिवार के लड़कों द्वारा मारा जाने लगा। वह ऐसी अपमान जनक स्थिति से बचने के लिए भागी और एक पुलिस वाले के  घर में शरण ली वहंा भी साहू परिवार के लड़को  ने उसकी लात जूतो से पिटाई की और उसके सिर में जान लेवा हमला किया, बुरी तरह लहूलुहान महिला बेहोश हो गई, और उसके पश्चात से वह अपने आप को जिला चिकित्सालय में पा रही है। थाना कान्हीवाड़ा से जानकारी लेने पर पहले तो कोई जानकारी नहीं दी गई। बमुश्किल एक आरक्षक द्वारा बताया गया है कि साहू परिवार एवं उक्त महिला के बच्चों का कोई झगड़ा था, जिसको लेकर कोई विवाद हुआ है, दोनो पर कांउटर केस दर्ज किया गया है। महिला ने एक साहू लड़के को बुरी तरह हाथ में काटा है आरक्षक द्वारा यह भी बताया गया है कि उक्त महिला विक्षिप्त प्रकृति की है। जबकि महिला जो जिला चिकित्सालय में ईलाज करा रही है, कहीं से कहीं तक विक्षिप्त नजर नहीं आती। विक्षिप्त महिला के साथ भी इस प्रकार का अत्याचार किया जाये तो यह महिला क्रूरता  के दायरे में आता है और इतने घिनोने कृत्य पर थाना कान्हीवाड़ा द्वारा मात्र धारा ३२४ का अपराध पंजीबद्ध किया गया है। वह भी दोनो के ऊपर। इस प्रकार की कार्यवाही पुलिस की छवि को कैसे निष्पक्ष रख पायेगी यह विचारर्णीय प्रश्र है? म.प्र. विधानसभा के उपाध्यक्ष ठाकुर हरवंशसिंह के विधानसभा क्षेत्र में दबंग व्यक्तियों द्वारा एक विधवा महिला के साथ सार्वजनिक रूप से मार पिटाई की जाये। सिर पर जान लेवा वार किया जाये और आरोपियों पर मात्र धारा ३२४ का अपराध पंजीबद्ध होना, दबंगों को खुला संरक्षण ही समझ आता है। महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष के  गृह जिले में ही महिलाओं की दुर्दशा  पर इस प्रकार की कार्यवाही निंदनीय और दुखद है। जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से अपेक्षा है कि सारे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर विधवा महिला को न्याय प्रदान किया जाये।