किसानों में अशांति से भी देश में आंतरिक सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है
मुख्यमंत्री श्री चौहान की प्रधानमंत्री से किसानों के लिए 2442 करोड़ रूपये के पैकेज की मांग
नई दिल्ली, (ब्यूरो) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आंतरिक सुरक्षा पर आयोजित मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए देश के सभी मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि किसानों को उनकी फसलांे का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिलाया जाए। किसानों की फसलों को नुकसान होने पर उन्हें फसल बीमा योजना और अन्य राहत एवं सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। बीमा योजना को इस प्रकार व्यवहारिक बनाया जाए जिससे किसानों को उनकी फसलों का नुकसान होने पर बीमा का लाभ मिल सके। देश का किसान अगर असंतुष्ट और अशांत रहेगा तो इससे देश में आंतरिक सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। श्री चौहान ने आज मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों का ध्यान आकर्षित किया कि प्रदेश में पाला पड़ने के कारण 34 लाख किसानों की 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल बर्वाद हो गयी है। प्रदेश के 50 में से 46 जिलों में पाला पड़ने से 7500 करोड़ रूपये की फसलों का नुकसान हुआ है। फसलों के खराब होने से किसानों में सदमे की स्थिति है।
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि शीघ्र ही केन्द्रीय अध्ययन दल भेजकर फसलों को हुए नुकसान का आंकलन कराया जाए और किसानों को राहत दी जाए। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन दिया जिसमें 2442 करोड़ रूपये के पैकेज की मांग की। मध्यप्रदेश सरकार ने अपने बजट से 600 करोड़ रूपये की राशि किसानों को राहत देने के लिए स्वीकृत की है। किसानों के सहकारी ऋण माफ कर दिये गये हैं और सहकारी ऋणों का ब्याज सरकार भरेगी। अगले वित्त वर्ष से किसानों को एक प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। राष्ट्रीयकृत बैंकों के किसानों के ऋण माफ करने के लिए केन्द्र सरकार आदेश प्रदान करे। किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ दिलाया जाए। किसानों को समर्थन मूल्य के बजाय लाभकारी मूल्य दिया जाए क्योंकि फसल की लागत बढ़ गयी है।
श्री चौहान ने भ्रष्टाचार को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि इस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जा रहा है जिसमें भ्रष्ट तरीके से एकत्रित की गयी सम्पत्ति को राजसात करने का प्रावधान किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के मामलों में एक साल में न्यायालयों द्वारा निर्णय दिया जायेगा। प्रदेश में आम नागरिकों के काम समय सीमा में हो सकें इसके लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम बनाया गया है। समय सीमा में नागरिकों के काम नहीं होने पर अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जायेगा और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जायेगी। श्री चौहान ने काले धन की रोकथाम के लिए हजार और पांच सौ रूपये के नोटों को बंद करने का भी आग्रह किया। इससे जाली नोटों पर भी अंकुश लग सकेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में बताया कि प्रदेश में पांच हजार सिपाहियों की भर्ती की जा रही है। भूतपूर्व सैनिकों की भी एक बटालियन बनायी जा रही है। इंडियन रिजर्व बटालियन के गठन की केन्द्र सरकार से अभी तक स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। प्रदेश में राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल की एक बटालियन भी शीघ्र गठित की जा रही है। श्री चौहान ने नक्सली प्रभावित प्रदेश के सात जिलों को भी एस.आर.ई. योजना में शामिल करने का आग्रह किया है। अभी केवल बालाघाट जिला इसमें शामिल किया गया है।
श्री चौहान ने कहा कि देश में आतंकवादी घटनाओं से निपटने के लिए कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है। विश्व में अन्य प्रजातांत्रिक देशों ने भी अपनी सुरक्षा एवं आतंकवादी घटनाओं से अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए हैं। प्रदेश में संगठित अपराधों की रोकथाम के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक विधेयक केन्द्र सरकार के पास स्वीकृति के लिए भेजा है जो काफी समय से लंबित है। इस सम्बन्ध में राज्य विधानसभा द्वारा मध्यप्रदेश आतंकवादी एवं उच्छेदक गतिविधि तथा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2010 पारित कर केन्द्र सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा गया है। श्री चौहान ने इसको शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने की आवश्यकता को दोहराया।
श्री चौहान ने पड़ोसी राज्यों से अनधिकृत बंगलादेशी घुसपैठियों की समस्या के बारे में ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में लोग प्रदेश के अनेक स्थानों पर श्रमिकों के रूप में मजदूरी करने के लिए आते हैं जिससे हमारे श्रम बाजार पर विपरीत असर पड़ता है। घुसपैठियों द्वारा पहचान पत्र बनवाकर भारतीय नागरिकों का हक भी प्राप्त कर लेते हैं। श्री चौहान ने आग्रह किया कि यू.आई.डी. कार्ड सघन जांच के बाद ही बनाये जाएं।
इंटेलीजेंस विंग के सुदृढणीकरण के लिए 331 पदों की स्वीकृति दी जा चुकी है। इस शाखा के कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए तीन वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा की है- सर्वश्रेष्ठ टीम वर्क के लिए गनीमी कावा पुरस्कार, पूरे वर्ष में सतत इंटेलीजेंस संबंधी अच्छे कार्य के लिए चाणक्य पुरस्कार और तीसरा किसी सर्वोत्कृष्ट विशेष कार्य के लिए छत्रसाल पुरस्कार दिया जायेगा।
बैठक में प्रदेश के गृहमंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य, पुलिस महानिदेशक श्री एस.के. राउत, अतिरिक्त महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला, गृह सचिव श्री सर्वजीत सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें