शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012

भट्टा परसौला न बन जाए घंसौर


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  61

भट्टा परसौला न बन जाए घंसौर

जनसेवकों का मौन संदिग्ध



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। जिस तरह जमीन के मुआवजे को लेकर उत्तर प्रदेश के भट्टा परसौला में किसानों का आदोलन छेड़ा था, उसी तर्ज पर अब मध्य प्रदेश के सिवनी जिले का केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील जाते दिख रहा है। आदिवासियों की जमीनों पर जबरिया कब्जे के आरोप देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड पर लगने लगे हैं।
आदिवासियों के नाम पर सत्ता का सुख भोगने वाले राजनैतिक दलों के जनसेवकों द्वारा भी इस मामले में मौन साधे रहना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है। चर्चा है कि मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा सिवनी जिले के सांसद विधायकों को भी जमकर उपकृत किया गया है, संभवतः यही कारण है कि सांसद विधायकों द्वारा भी इस संबंध में मौन ही साधे रखा गया है। किसी ने भी इस मसले में लोकसभा या विधानसभा में प्रश्न पूछने की जहमत नहीं उठाई है।
बताया जाता है कि घंसौर क्षेत्र के आदिवासियों की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि बिचौलियों के हाथों जमीन बेचने के बाद अब आदिवासी रोजगार की तलाश में पलायन को मजबूर हो रहे हैं। जमीन का अधिग्रहण करते वक्त मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा आदिवासियों को जो सब्ज बाग दिखाए गए थे, वे अब तार तार हो रहे हैं। आलम यह है कि भोजन पानी के जुगाड़ में आदिवासी अब यत्र तत्र मेहनत मजदूरी को विवश हैं।
आदिवासियों के वोट बैंक पर राजनीति करने वाली कांग्रेस और भाजपा की नकारात्मक दृष्टि का खामियाजा क्षेत्र के आदिवासी भुगत रहे हैं। क्षेत्र के आदिवासियों को उनकी जमीन का वाजिब हक और मूल्य न मिल पाने एवं मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के कोल आधारित पावर प्लांट के डलने से उतपन्न होने वाले प्रदूषण से आदिवासी भयाक्रांत नजर आ रहे हैं। आदिवासियों में उपजे रोष और असंतोष को देखकर लगने लगा है कि कहीं आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील भी यूपी के भट्टा परसौला में तब्दील न हो जाए।
कुल मिलाकर सिवनी जिले की आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर में पर्यावरण बिगड़े, प्रदूषण फैले, क्षेत्र झुलसे या आदिवासियों के साथ अन्याय हो इस बात से मध्य प्रदेश सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कुछ लेना देना नहीं है। यह सब देखने सुनने के बाद भी केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के।डी।देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।
कुल मिलाकर सिवनी जिले की आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर में पर्यावरण बिगड़े, प्रदूषण फैले, क्षेत्र झुलसे या आदिवासियों के साथ अन्याय हो इस बात से मध्य प्रदेश सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कुछ लेना देना नहीं है। यह सब देखने सुनने के बाद भी केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के।डी।देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

बंग्लादेश विवाद खा गया हरीश खरे को


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 83

बंग्लादेश विवाद खा गया हरीश खरे को



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। तीक्ष्ण बुद्धि के धनी प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाईजर हरीश खरे को पीएमओ से रूखसत कराने में बंग्लादेश का विवाद भी प्रमुख भूमिका निभा गया। हरीश खरे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के बीच की खटापटी भी हरीश खरे की बिदाई में अहम भूमिका निभा गई। मध्य प्रदेश काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी उदय कुमार वर्मा की टीप अंततः खरे को पीएमओ से निकलवाने में सहायक साबित हुई।
गौरतलब है कि जब संपादकों की टोली से चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने ऑफ द रिकार्ड बंग्लादेश पर बयान दिया और वह पीएमओ के माध्यम से पत्र सूचना कार्यालय की वेब साईट पर आ गया तब जमकर हंगामा हुआ। इसी बीच इस विवाद के लिए जिम्मेदार शख्स को खोजने के लिए एक समीति का गठन किया गया। इसके लिए गठित औपचारिक आंतरिक जांच समिति के गठन के साथ ही शिवशंकर मेनन और हरीश खरे में मनमुटाव आरंभ हुआ।
पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि हरीश खरे और मेनन दोनों ही एक दूसरे पर यह आरोप मढ़ रहे थे कि पीआईबी की वेब साईट पर यह अपलोड उन्हीं के कारण हुआ है। इस विवाद में मेनन भारी पड़े क्योंकि उन्होंने कहा कि पीआईबी की वेब साईट पर अपलोड करने के पहले हरीश खरे ने टांसस्क्रिप्ट नहीं देखी। हरीश खरे को इसकी कीमत अंततः चुकाना ही पड़ा। सूत्रों के अनुसार चूंकि शिवशंकर मेनन प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, रक्षा मंत्री ए.के.अंटोनी के नवरत्नों में से हैं इसलिए उनकी जान बच गई और हरीश खरे को पीएमओ से रूखसत होना पड़ा।
सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी के करीबी सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी के नयनों के तारे पुलक चटर्जी के पीएमओ में प्रधान सचिव के पद पर आसीन होने के उपरांत चटर्जी ने सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी को बुलवाकर पीएम के मीडिया एडवाईजर की खोज करने को कहा। अंबिका सोनी ने तत्काल अपने सबसे विश्वस्त और मध्य प्रदेश काडर के आईएएस एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव उदय कुमार वर्मा को इस काम के लिए पाबंद कर दिया।
सूत्रों की मानें तो उदय कुमार वर्मा ने अपने मध्य प्रदेश के संबंधों का इस्तेमाल करते हुए तीन नाम सुझाए जिसमें पंकज पचौरी के अलावा मध्य प्रदेश कोटे से केंद्रीय मंत्री का पीआर देखने वाले एक पत्रकार का नाम भी शामिल था। अंत में हरीश खरे को विश्वास में लिए बिना ही पीएमओ में पंकज पचौरी की तैनाती का फरमान आ गया। फिर क्या था हरीश खरे को मजबूरन त्यागपत्र देना पड़ा। सूत्रों ने कहा है कि पंकज पचौरी पीएम के मीडिया एडवाईजर का काम अवश्य देख रहे हैं पर अभी भी पुलक चटर्जी पीएम के सटीक मीडिया एडवाईजर की खोज में लगे ही हैं।

(क्रमशः जारी)

माल गडियों को प्राथमिकता मिलेगी


माल गडियों को प्राथमिकता मिलेगी

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने केन्द्रीय मंत्रालयों को रेलवे की माल गलियारा परियोजना को उच्च प्राथमिकता देने को कहा है। इस परियोजना पर लगभग एक लाख करोड़ रूपये की लागत आएगी। कल नई दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में राज्यों के प्रतिनिधियों और मुख्य सचिवों ने इस परियोजना के लिए पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
बैठक में फैसला किया गया कि इस परियोजना के लिए तेजी से जमीन लेने और इससे जुड़े अन्य मुद्दे सुलझाने के लिए राज्य सरकारें निगरानी समितियां बनाएंगी। प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस पर पूरी नजर रखेगा जिससे हर कार्रवाई समयबद्ध तरीके से की जा सके। ये परियोजना तीन हजार तीन सौ किलोमीटर से अधिक के दायरे में देश के विभिन्न स्थानों को जोड़ेगी।
ी � e � � `� � �� आदेश दिए गए हैं। नेपाल से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा और बिहार से लगने वाली अंतरराज्यीय सीमा सील कर दी गई है। गंगा, सरयू और घाघरा नदियों में सशस्त्र सुरक्षा दस्ता तैनात किए गए हैं। निर्वाचन आयोग ने मतदान में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर सहायता केंद्र बनाया है और मतदाता स्लिप का भी वितरण कराया है। कांग्रेस, बहुुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने सभी ५९ क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने चार सीटें अपने सहयोगी दल जनवादी पार्टी के लिए छोड़ दी हैं।
इस बीच, चुनाव आयोग ने पांच फरवरी को चंदौली में चुनाव सभा के दौरान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को नोटिस जारी किया है। आयोग ने उनसे १२ फरवरी तक नोटिस का जवाब देने को कहा है। श्री मिश्र पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव सभा के दौरान जाति के नाम पर वोट मांगे। इस बीच, छठे चरण के लिए नामांकन पत्रों की आज जांच होगी। इस चरण में २८ फरवरी को वोट डाले जाएंगे।

यूपी में दूसरे चरण का मतदान कल


यूपी में दूसरे चरण का मतदान कल

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार कल समाप्त हो गया। इस चरण में कल वोट डाले जाएंगे। मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा और पांच बजे तक चलेगा। मतदान कर्मचारी आज मतदान केंद्रों पर पहुचेंगे, जबकि सुरक्षाबल पहले से ही तैनात हैं। इस चरण में राज्य के पूर्वी क्षेत्र के नौ जिलों में ५९ निर्वाचन क्षेत्रों में ७६ महिलाओं सहित एक हजार ५८ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
 निर्वाचन आयोग ने बाहरी लोगों से उन इलाकों को छोड़ देने को कहा है जहां कल वोट डाले जाएंगे। अधिकारियों को इसके लिए होटल, लॉज और अन्य सार्वजनिक आवासीय स्थलों की जांच के आदेश दिए गए हैं। नेपाल से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा और बिहार से लगने वाली अंतरराज्यीय सीमा सील कर दी गई है। गंगा, सरयू और घाघरा नदियों में सशस्त्र सुरक्षा दस्ता तैनात किए गए हैं। निर्वाचन आयोग ने मतदान में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर सहायता केंद्र बनाया है और मतदाता स्लिप का भी वितरण कराया है। कांग्रेस, बहुुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने सभी ५९ क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने चार सीटें अपने सहयोगी दल जनवादी पार्टी के लिए छोड़ दी हैं।
इस बीच, चुनाव आयोग ने पांच फरवरी को चंदौली में चुनाव सभा के दौरान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को नोटिस जारी किया है। आयोग ने उनसे १२ फरवरी तक नोटिस का जवाब देने को कहा है। श्री मिश्र पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव सभा के दौरान जाति के नाम पर वोट मांगे। इस बीच, छठे चरण के लिए नामांकन पत्रों की आज जांच होगी। इस चरण में २८ फरवरी को वोट डाले जाएंगे।

आग से नो मरे


आग से नो मरे

(दिशा कुमारी)

हरिद्वार (साई)। हरिद्वार में मंगलोर इलाके के मंडावली में इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाले एक कारखाने में भीषण आग लगने से नौ लोगों की मृत्यु हो गई। पुलिस के अनुसार बुधवार शाम को लगी आग बुझा दी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस का कहना है कि तलाशी और बचाव कार्य जारी है।
पुलिस प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के बीच बुरी तरह जले हुए नौ शव बरामद किए हैं जिनके पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की भी व्यवस्था की जा रही है। पुलिस के अनुसार आग लगने की असली वजह तो जांच के बाद ही पता चलेगी। लेकिन जानकारों का मानना है कि कारखाने के ऊपर के हिस्से में वेल्डिंग के काम के दौरान निकलने वाली चिंगारी से भड़की आग ने पूरी फैक्ट्री को खाक कर दिया। मुख्यमंत्री बी सी खंडूरी ने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रूपए की सहायता की घोषणा करते हुए हादसे के मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।

जहरीली शराब से मरने वाले 35 हुए


जहरीली शराब से मरने वाले 35 हुए

(शिल्प)

भुवनेश्वर(साई)। ओड़ीशा में जहरीली शराब से हुई त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर ३५ हो गई है। जहरीली शराब पीकर बीमार हुए ११० से अधिक लोगों को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि कई लोगों का इलाज भुवनेश्वर के विभिन्न निजी अस्पतालों में चल रहा है।
इस बीच, पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी समूचे राज्य में शराब कारखानों, दुकानों और दवा कारखानों पर छापे मार रहे हैं। खबर है कि इन छापों के दौरान बड़ी संख्या में ईपीकार्म और सिनामोन दवाइयों की बोतलें बरामद की गई हैं। माना जा रहा है कि जानलेवा शराब की घोल में इन्हीं दावाइयों को मिलाया गया था जिन्हें पीकर लोग बीमार हुए। विपक्षी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने मांग की है कि जहरीली शराब की त्रासदी की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को इस्तीफा देना चाहिए।

शिखर सम्मेलन आज से


शिखर सम्मेलन आज से

(प्रियंका श्रीवास्वत)

नई दिल्ली। १२वां भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन आज नई दिल्ली में हो रहा है। यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष हरमन वेन रोम्पी और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जॉर्ज मैन्युअल बरोसो करेंगे, जबकि भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे। २००९ में यूरोपीय संघ की लिस्बन संधि लागू होने के बाद भारत में होने वाला यह पहला भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन है। यह शिखर सम्मेलन हर साल बारी-बारी से भारत और यूरोप में होता है।
भारत और यूरोपीय संघ के देश द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को व्यापक बनाने के लिए कई वर्षों से बातचीत कर रहे हैं। भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत ने कहा है कि हालांकि इस शिखर सम्मेलन के दौरान कोई व्यापार संधि नहीं होगी, फिर भी उम्मीद की जाती है कि ऐसा माहौल तैयार हो पाएगा जिससे वर्ष के मध्य में व्यापार संधि पर सहमति बन  सके। यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापार सहभागी है और दोनों के बीच ७५ करोड़ अमरीकी डॉलर से ज्यादा का कारोबार होता है। इसके अलावा आतंकवाद और अन्य मुद्दों पर भी बातचीत होगी।