अस्सी प्रतिशत कर्मचारी रहे मतदान से वंचित
चुनाव में रहा जमकर अव्यवस्थाओं का बोलबाला!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। लोकसभा चुनाव में भले ही स्वीप प्लान के चलते मतदान का प्रतिशत कुछ हद तक बढ़ा हो पर चुनाव अव्यवस्था के साए में ही संपन्न हुए हैं। आलम यह रहा कि लगभग अस्सी प्रतिशत कर्मचारियों को ईडीसी (इलेक्शन ड्यूटी सर्टिफिकेट) ही प्राप्त नहीं हुआ। इन कर्मचारियों द्वारा मतदान में हिस्सा नहीं लिया जा सका। अब विकल्प के तौर पर कर्मचारियों को डाक मतपत्र दिया जाकर इनका मत लिया जा सकता है।
एक ओर तो जिला प्रशासन सिवनी द्वारा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्वीप प्लान जोर-शोर से चलाया गया, जिसके अच्छे प्रतिसाद सामने आए हैं। चुनाव में पिछले बार की तुलना में मतदान का प्रतिशत बढ़ा ही है। विडम्बना यही कही जाएगी कि हजारों की तादाद में कर्मचारियों को ईडीसी ही नहीं मिल पाया जिससे वे अपने मताधिकार का उपयोग नहीं कर पाए।
भरवाए अनेक प्रपत्र
चुनाव में संलग्न कर्मचारियों को पहले प्रशिक्षण में प्रपत्र 12 एवं 12 ‘क‘ भरवाया गया था। कर्मचारियों द्वारा इसे भरकर प्रशिक्षण स्थल पर जमा कर दिए गए थे। इस प्रपत्र में सरकारी कर्मचारी का मतदान केंद्र आदि का पूरा ब्यौरा भरा जाना था। दूसरे प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारियों को ईडीसी का प्रपत्र भरवाया गया।
सामग्री के साथ मिलेगा ईडीसी
चुनाव कार्य में संलग्न एक कर्मचारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि द्वितीय प्रशिक्षण के दौरान ही कर्मचारियों के सामने यह उद्घोषणा कर दी गई थी कि उन्हें ईडीसी, सामग्री वितरण के समय ही पॉलीटेक्निक कॉलेज प्रांगण में प्रथक बनाए गए काउंटर से मिल जाएगा।
हुआ हंगामा!
कर्मचारी जब पॉलीटेक्निक कॉलेज में सामग्री लेने पहुंचे तो उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए ईडीसी की मांग की। बताया जाता है कि कर्मचारियों को ईडीसी न मिलने पर उन्होंने हंगामा करना आरंभ कर दिया। हंगामा बढ़ते देख वहां उपस्थित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा यह समझाईश दी गई कि कर्मचारियों को उनका ईडीसी उनके सेक्टर मजिस्ट्रेट के मार्फत बूथ पर ही भिजवा दिया जाएगा।
नहीं पहुंचा ईडीसी
अनेक कर्मचारियों के अनुसार सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा भी उन्हें बूथ पर उनके ईडीसी लाकर नहीं दिए गए जिससे लगभग अस्सी प्रतिशत कर्मचारी मतदान से वंचित रह गए। ईवीएम लेकर वापस लौटे कर्मचारियों में इस बात को लेकर भारी रोष है कि वे मतदान करवाने गए थे और उन्हें स्वयं ही वोट डालने नहीं मिल पाया।
किन्हें मिलना था ईडीसी
निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिन सरकारी कर्मचारियों को उनकी लोकसभा से अन्यत्र दूसरी लोकसभा में संलग्न किया गया था, उन्हें डाक मतपत्र दिए गए। वहीं, जिन कर्मचारियों की ड्यूटी उन्हीं की लोकसभा क्षेत्र में लगी थी, उन्हें ईडीसी दी जाकर उनके मतदान केंद्र में ही मत देने के लिए अधिकृत किया गया था।
यह बचा है विकल्प!
जानकारों का कहना है कि जिन सरकारी कर्मचारियों को ईडीसी नहीं मिला है और वे मतदान से वंचित रहे हैं, उन्हें अब डाक मतपत्र दिया जाकर मतदान कराया जा सकता है। वैसे भी उन डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी जो मतगणना के एक घंटे पहले तक मतगणना स्थल पर पहुंचे। ऐसे मतपत्रों को मतगणना में शामिल कर लिया जाएगा।