बिना घोषणा पत्र चल रहे
प्रत्याशी!
कांग्रेस, भाजपा का घोषणा पत्र नदारत!
(अखिलेश दुबे)
नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस और
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बिना घोषणा पत्र के ही चुनावी समर में उतरे हुए
हैं। घोषणा पत्र के अभाव में प्रत्याशी अपनी पार्टी की रीति-नीति ही स्पष्ट नहीं
कर पा रहे हैं। बालाघाट और सिवनी लोकसभा क्षेत्रों में भी दोनों ही प्रमुख दलों के
प्रत्याशियों द्वारा कार्यकर्ताओं से घोषणापत्र के बारे में मुंह ही चुराया जा रहा
है।
भाजपा के नेशनल हेडक्वार्टर 11, अशोक रोड में चल रही चर्चाओं के अनुसार भाजपा का घोषणापत्र वैसे तो
तैयार है पर भाजपा के नए चेहरे नरेंद्र मोदी के ग्रीन सिग्नल के अभाव में इसे जारी
नहीं किया जा पा रहा है। अगर भाजपा द्वारा इसे सात अप्रैल को जारी नहीं किया जाता
है तो यह चुनाव आयोग के हंटर के दायरे में आ सकता है। गौरतलब है कि बालाघाट और
मण्डला संसदीय क्षेत्र में 10 अप्रैल को मतदान होना है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का घोषणा
पत्र जारी तो हो गया है किन्तु यह प्रिंट होकर अभी तक पर्याप्त मात्रा में कांग्रेस
मुख्यालय नहीं पहुंच सका है। अब जब यह मुद्रित होकर आएगा उसके बाद इसे राज्यों की
इकाई को भेजा जाएगा, जहां से इसे लोकसभा क्षेत्रों
में भेजा जाएगा।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के
सिवनी ब्यूरो से महेश रावलानी ने बताया कि भाजपा में कार्यकर्ताओं द्वारा घोषणा पत्र
का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा जब भी अपने
प्रत्याशी से घोषणा पत्र की बात की जाती है तो प्रत्याशी द्वारा बात बदल दी जाती
है।
वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार घोषणा पत्र के बारे में सीना तानकर कहते हैं
कि उनकी पार्टी का घोषणा पत्र जारी हो गया है। पर जब उनसे यह पूछा जाता है कि
कार्यकर्ताओं को घोषणा पत्र कब मिलेगा? के जवाब में ये कहते हैं कि आज
का युग हाईटेक है, इंटरनेट पर घोषणा पत्र है।
कार्यकर्ता निकालें और पढ़ लें। सवाल यह उठता है कि कार्यकर्ता तो पढ़ लेगा पर जनता
को क्या दिखाएगा?
वहीं, कांग्रेस मुख्यालय 24, अकबर रोड पर कांग्रेस के एक नेता
का कहना था कि प्रत्याशियों को चाहिए था कि अगर उन्हें घोषणा पत्र नहीं मिला तो वे
इंटरनेट से उसकी पीडीएफ फाईल निकलवाकर उसे मुद्रित करवा लेते। कम से कम
कार्यकर्ताओं और जनता के सामने उनकी भद्द पिटने से तो बच जाती।