सोमवार, 7 अप्रैल 2014

कांग्रेस में कामकाज ले चापलूसी की जगह: जयराम रमेश

कांग्रेस में कामकाज ले चापलूसी की जगह: जयराम रमेश

(मोदस्सिर कादरी)

नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से युवा टीम बनाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी में कामकाज को परिक्रमा (चापलूसी) की जगह लेनी चाहिए।
70 साल की उम्र में सभी कांग्रेसी नेताओं को संन्यास लेने का सुझाव देने वाले रमेश ने राहुल गांधी को लंबी रेस का घोड़ा (मैराथन मैन) बताया है। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने रमेश के 70 साल की उम्र मंभ संन्यास वाले बयान से खुद को दूर कर लिया था।
जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी के पास पार्टी को फिर से संगठित करने की योजना है और उनके पास युवा टीम होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘कामकाज को परिक्रमा की जगह लेनी चाहिए। हमने परिक्रमा की राजनीति काफी देखी है। अब कामकाज की राजनीति होनी चाहिए।राजनीतिक भाषा में परिक्रमा का मतलब चापलूसी होता है।
पार्टी के सीनियर लीडर रमेश ने कहा कि राहुल के पास पार्टी के लिए योजना और नजरिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष कैंडिडेट्स के सिलेक्शन की प्रक्रिया बदलना चाहते हैं। राहुल का प्राइमरीकॉन्सेप्ट पार्टी के कार्यकर्ता को शक्ति देने की प्रक्रिया की शुरुआत है।
70 साल की उम्र में संन्यास के नजरिये पर रमेश ने कहा कि वह यह बात रखना चाहते थे कि अलग-अलग पृष्ठभूमि से पार्टी में और युवा चेहरे आने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘राजनीति में, सभी स्तरों पर हमें नई पृष्ठभूमियों से नये लोगों को लाना चाहिए। यह कुछ लोगों का एकाधिकार नहीं होना चाहिए। हमें निरंतर रूप से संगठन को नया बनाना चाहिए।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले रमेश ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि वह अपवाद नहीं हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस ने विपक्ष में बैठने का मन बना लिया है और अब नरेंद्र मोदी को रेस कोर्स रोड तक पहुंचने से रोकने का प्रयास कर रही है, रमेश ने कहा कि ऐसा नहीं है।

रमेश ने कहा, ‘यह काल्पनिक प्रश्न है। अगर जनता जनादेश देती है, हम सरकार बनाते हैं। अगर वे बीजेपी को जनादेश देते हैं तो हम विपक्ष में बैठेंगे।जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, ‘हम 1998 से 2004 तक विपक्ष में बैठे और अगर आप विपक्ष में कांग्रेस और विपक्ष में बीजेपी को देखें तो हमारा रेकॉर्ड ज्यादा रचनात्मक रहा है।

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