सोमवार, 7 अप्रैल 2014

चुनाव में सिवनी को अछूता रखा प्रत्याशियों ने

चुनाव में सिवनी को अछूता रखा प्रत्याशियों ने

वोट देने का मन नहीं हो रहा: अधिवक्ता शर्मा

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। बालाघाट और मण्डला संसदीय क्षेत्र में दस अप्रैल को मतदान होना है। कांग्रेस भाजपा सहित अन्य दलों के उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी जमावट चुनाव हेतु लगभग जमा ही ली है पर कोई भी प्रत्याशी सिवनी के लिए क्या करेगा? इस मामले में वे मौन ही साधे हुए हैं। हर कोई राष्ट्रीय स्तर पर ही बहस जारी रखे हुए है।
गौरतलब है कि नब्बे के दशक के उपरांत सिवनी का पिछड़ापन किसी से छिपा नहीं है। नब्बे के दशक तक सिवनी के कलश में जो भी उपलब्धियां आईं उसके बाद सिवनी को जो कुछ भी मिला वह ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित हो रहा है। सिवनी न तो संभाग बन पाया, न ही यहां ब्रॉडगेज की सीटी बज पाई और फोरलेन आई भी तो वह आई जैसी लग ही नहीं रही है।
प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा द्वारा सिवनी के संदर्भ में न तो भविष्य की कोई योजनाएं ही बताई जा रही हैं, और न ही उनकी पार्टी के पूर्व सांसदों द्वारा किए गए कार्यों को ही रेखांकित किया जा रहा है। सियासी दलों के इस तरह के क्रियाकलापों के कारण मतदाता का मन अगर पार्टियों से ऊब जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
वहीं, अनेक लोगों का मन मतदान से उचाट होता दिख रहा है, तो अनेक लोग नोटा पर ही अपनी आस लगा रहे हैं। मतदान 10 अप्रैल को है, मीडिया में भी बार-बार चीख पुकार करने के बाद ही प्रत्याशियों के नामांकन आदि की सूचनाएं मिलीं जो जनता तक पहुंची। कहां कितने प्रत्याशियों ने कौन-कौन से शपथ पत्र भरे हैं, इस बारे में भी सिवनी का मीडिया अनजान ही है।

सिवनी लोकसभा सीट नहीं है, फोर लेन की संभावना दूर-दूर तक नहीं दिख रही है, ब्रॉड गेज को शायद मै अपने जीवन काल में देख नहीं सकता। अधिकारियों का कहर जनता पर टूट रहा है। कहने को तो जिले मे दो सांसद हैं, पर पिछले पांच साल उन्होंने पलट कर नहीं देखा। कई साल से कोई मंत्री नहीं है। जब हमारी आवाज सुनने वाला ही कोई नहीं है तो इस बार वोट देने का मन नहीं हो रहा है।
पंकज शर्मा,

वरिष्ठ अधिवक्ता.

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