रविवार, 30 सितंबर 2012

कर्नाटक ने तमिलनाडू के लिए छोड़ा पानी


कर्नाटक ने तमिलनाडू के लिए छोड़ा पानी

(श्वेता यादव)

बंग्लुरू (साई)। कर्नाटक ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए आज तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोघ्ना शुरू कर दिया है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया है कि इसके विरोध में मांडिया ज़िले में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं और यातायात बाधित हुआ है।
कावेरी की संरचना समिति के अध्यक्ष जी मादेगोघ ने आज राज्य सरकार के खिलाफ कठिन शब्दों से आलोचना की। उन्होंने आज मुख्यमंत्री और राज्य के सांसदों का इस्तीफा मांगा। विधानसभा में विरोध पार्टी के नेता सिद्धारमैया ने भी राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वे सुप्रीम कोर्ट में राज्य के हित में मुकदमा लघ्ने में विफल सिद्ध हुई है। राज्य के जलाश्य से पानी छोने की वजह से राज्य के किसान और कन्नघ रक्षा संगठन क्रोधित हो चुके हैं और अपनी हताशा नाराजगी का प्रदर्शन दे रहे हैं।
ईरीगेशन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिंचाई विभाग ने बताया कि बीती रात से कृष्णराज सागर बांध और काबिनी जलाशय से लगभग पांच हजार क्यूसिक पानी छोघ जा रहा है। सूत्रों के अनुसार कर्नाटक, तमिलनाडु के लिए नौ हजार क्यूसिक पानी छोघ्ना सुनिश्चित करेगा। यह फैसला कल कर्नाटक विधानसभा में विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक के बाद किया गया है।
बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि प्रधानमंत्री से आग्रह किया जाएगा कि वे प्राधिकारण के निर्देश पर फिर से विचार करें। प्रधानमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं। शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक सरकार को कावेरी नदी प्राधिकरण के फैसले का पालन करने का निर्देश दिया था।  न्यायालय ने प्राधिकरण के निर्देश का पालन नहीं करने के लिए कर्नाटक सरकार को फटकार लगाई थी। न्यायालय ने यह भी चेतावनी दी थी कि अगर कर्नाटक ऐसा नहीं करता तो उसे इस बारे में समुचित आदेश जारी करना पघ्ेगा।

तमिलनाडू में जलसंरक्षण को प्राथमिकता


तमिलनाडू में जलसंरक्षण को प्राथमिकता

(प्रीति सक्सेना)

चेन्नई (साई)। तमिलनाडु में जल संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी संवाददाता ने बताया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना-मनरेगा के तहत तिरूचिरापल्ली में जल संरक्षण योजना सफलता से चलाई जा रही है। त्रिची में महात्मा गांधी नरेगाा पानी के भंडारण और ग्रामीण इलाकें में सकों के लिए सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है।
कावेरी से ४० किलोमीटर दूर कल्लिपट्टी को पानी के लिए टैंकों और कुओं का ही सहारा है। कन्नुदयामवहटी गांव के सरपंच का कहना है कि मनरेगा से करीब ५०० परिवारों को फायदा पहुॅंचा है। इससे पहले उन्हें केवल ३० रूपए प्रति दिन की मजदूरी मिलती थी। लेकिन अब वो सौ रूपये प्रतिदिन से ज्यादा की मजदूरी पा रहे हैं। वुंगानूर, एव्वूर और गुणासीलम सहित सभी गांवों में सघ्कों की मरम्मत का काम भी किया जा रहा है। अब तक ३ लाख २२ हजार रोजगार कार्ड जारी किए गए हैं। इसमें से लगभग ८५ प्रतिशत महिलाओं के लिए हैं।

एसी में यात्रा हो जाएगी कल से मंहगी


एसी में यात्रा हो जाएगी कल से मंहगी

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। सभी रेलगाडियों में वातानूकुलित श्रेणियों के रेल किराये में कल से तीन प्रतिशत की बढोतरी लागू हो जाएगी। सरकारी अधिसूचना के अनुसार ए सी प्रथम श्रेणी, एग्जिक्यूटिव क्लास, ए सी टू टीयर, ए सी थ्री टीयर और एसी चेयर कार के भाघ्े के साथ नया सेवा कर लगाया जाएगा।
ए सी टू और ए सी वन में यात्रा करने वाले रेलयात्रियों को सेवा कर का अतिरिक्त भार वहन करना होगा क्योंकि इस वर्ष अप्रैल में इन श्रेणियों के किराये में २० प्रतिशत की बघेतरी की जा चुकी है। इसके अलावा केटरिंग और स्टेशनों पर पार्किंग के लिए भी सेवा कर वसूला जाएगा। इस नए फैसले से सरकार को करीब तीन हजार करोघ् रूपये का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।

हिन्दी सिनेमा के बायकाट पर नेपाल सरकार ने दिया आश्वासन


हिन्दी सिनेमा के बायकाट पर नेपाल सरकार ने दिया आश्वासन

(वैभव वर्मा)

काठमांडू (साई)। नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-सीपीएन माओवादियों द्वारा भारतीय रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों और हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन पर पाबंदी लगाने की मांग की खबरों के मद्देनजर नेपाल सरकार ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह ऐसी किसी भी कार्रवाई का समर्थन नहीं करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसी कोई पाबंदी लागू न हो।
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने नेपाल के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ के साथ न्यूयॉर्क में कल बैठक के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की। बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि श्री कृष्णा ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच इस बारे में आपसी सहमति है कि वे अपने यहां से एक दूसरे के खिलाफ किसी भी दुष्प्रचार की अनुमति नहीं देंगे। श्री श्रेष्ठा ने श्री कृष्णा को आश्वासन दिया कि नेपाल में भारत विरोधी कोई गतिविधि नहीं चलने दी जाएगी।

फिर लुटे 51 लाख!


फिर लुटे 51 लाख!

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। डिफेंस कॉलोनी में सवा पांच करोड़ रुपये की लूट के करीब पांच घंटे बाद ही राजधानी में एक और कैशवैन से 51 लाख रुपये लूटे गए थे। फर्क सिर्फ इतना था उस कैशवैन से रुपये उसी का ड्राइवर लूटकर भागा। आरोपी ड्राइवर का अभी तक कुछ सुराग नहीं लग सका है। वारदात को लेकर नॉर्थ और नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के पुलिस अधिकारियों में शनिवार दोपहर तक संशय की स्थिति रही कि यह वारदात किसके इलाके में आती है। बाद में नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के महेंद्र पार्क पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
इन दोनों वारदातों के अलावा शुक्रवार रात करीब 1 बजे इंद्रलोक में भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में चोरी की कोशिश की गई। यानी करीब 12 घंटे में ही इस तरह की तीन वारदातें हुई। डीसीपी पी. करुणाकरण के मुताबिक, झंडेवालान में लॉजिक कैश कंपनी है। यह कंपनी चार बैंकों के एटीएम में रुपये लोड करने का काम करती है। शुक्रवार शाम करीब 4 बजे एक सामान्य कैशवैन में 81 लाख रुपये भरकर उन्हें एटीएम में लोड करने के लिए ले जाया गया। कैशवेन को ओमपाल सिंह चला रहा था। उसमें गनमैन ब्रिजेश के अलावा हेमंत और मुकेश भी बैठे थे।
इसी बीच पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कैशवैन से सब्जी मंडी, कमला नगर, किशनगंज और किरोड़ीमल कॉलेज के एटीएम में 30 लाख रुपये लोड किए गए। किरोड़ीमल कॉलेज के पास ही ड्राइवर ओमपाल ने अन्य तीनों को खाने और पीने के लिए कोल्ड ड्रिंक और कुछ सामान दिया।
आरोप है कि उसमें कुछ नशीला पदार्थ मिलाया गया था। तुरंत तो वह तीनों बेहोश नहीं हुए, मगर कुछ देर बाद तीनों वैन में ही बेहोश हो गए। इसके बाद ओमपाल पर आरोप है कि उसने तीनों में से एक की जेब से उस बख्शे की चाबी निकाली जिसमें कैश रखा था। इसके बाद उसे खोलकर उसमें रखे 51 लाख रुपये लूटे लिए। गार्ड की गन भी ले ली गई थी, मगर बाद में वह मिल गई। इस मामले में शुक्रवार रात करीब 1रू30 बजे एक्सिडेंट की कॉल हुई थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि यह सड़क दुर्घटना नहीं बल्कि कैश लूट का मामला है।

पंप मालिक नहीं करेंगे हड़ताल का समर्थन


पंप मालिक नहीं करेंगे हड़ताल का समर्थन

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स (एफएआईपीटी) ने कहा है कि उसका हड़ताल पर जाने का इरादा नहीं है, क्योंकि सरकार डीलरों का कमिशन बढ़ाने पर विचार कर रही है। फेडरेशन का दावा है कि देश भर में 42,000 पेट्रोल पंप ऑपरेटर उसके सदस्य हैं।
एफएआईपीटी ने कहा कि इस बात में कोई सचाई नहीं है कि 1 और 2 अक्टूबर को पेट्रोल पंप ईंधन नहीं खरीदेंगे। फेडरेशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 1 और 2 अक्टूबर को सभी पेट्रोल पंप सामान्य तरीके से कामकाज करेंगे। इसमें कहा गया है कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पहले ही सभी तेल मार्केटिंग कंपनियों को लिखा है कि वे 15 दिन के भीतर इस मुद्दे को सुलझाएं और डीलरों की मांग को पूरा करें। ऐसे में एफएआईपीटी के सदस्यों का किसी प्रकार का आंदोलनकारी रुख अपनाने का इरादा नहीं है।
कुछ माह पहले कनफेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम डीलर्स ने अशोक बधवार की अध्यक्षता वाले एफएआईपीटी से नाता तोड़ने की घोषणा की थी। कनफेडरेशन ने पिछले सप्ताह कहा था कि डीलर गंभीर वित्तीय संकट में हैं और परिचालन की लागत बढ़ने की वजह से उनके पास अपने परिचालन में कटौती करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
एफएआईपीटी ने कहा है कि अखिल भारतीय स्तर पर किए गए विश्लेषण के हिसाब से डीलरों का कमिशन पेट्रोल पर मौजूदा 1.49 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 2.16 और डीजल पर 91 पैसे प्रति लीटर से 1.32 रुपये प्रति लीटर करने की जरूरत है।

भारतीय राजनीति को कोसा अण्णा ने


भारतीय राजनीति को कोसा अण्णा ने

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने राजनीति में नहीं आने के अपने पुराने रुख को रविवार को फिर दोहराते हुए कहा कि यह राजनीति गंदगी से भरपूर है। अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा- राजनीति से नहीं बल्कि बड़े आंदोलन के जरिए देश को भविष्य मिलेगा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने राजनीतिक विकल्प के बारे में जो सवाल उठाए थे, उसके बारे में अरविन्द केजरीवाल गुट की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। अन्ना रविवार सुबह ही राजधानी पहुंचे, जहां उन्हें गैर-राजनीतिक भ्रष्टाचार विरोध आंदोलन के आगे के कदम के बारे में कार्यकर्ताओं के साथ विचार विमर्श करना है। उन्होंने कहा, श्राजनीति पवित्र नहीं है और गंदगी से भरपूर है।श् उन्होंने कहा कि आंदोलन का मार्ग पवित्र है।
उन्होंने कहा, श्मैंने कोई विकल्प नहीं दिया। जब मुझे यह बताया गया कि कोई विकल्प देना होगा, तो मैंने कहा कि यह एक अच्छा विचार है लेकिन मैंने उनसे कहा कि वे मेरे 5-6 सवालों के जवाब दें। लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला।श् हजारे विकल्प से जुड़े सवालों के बारे में चर्चा कर रहे थे। इनमें नये राजनीतिक दल के लिए सदस्यों के चयन, धन कहां से आएगा, चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन कैसे किया जायेगा, जैसे सवाल शामिल थे।

शनिवार, 29 सितंबर 2012

मोदी नहीं शिवराज हैं विकास के पुरोधा!


मोदी नहीं शिवराज हैं विकास के पुरोधा!

(लिमटी खरे)

सूरजकुण्ड (साई)। भारतीय जनता पार्टी के भविष्य को लेकर अब कुहासा धीरे धीरे साफ होने लगा है। भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी जो कल तक गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी के सामने बौने नजर आने लगे थे, ने मोदी की लाईन छोटी करना आरंभ कर दिया है। हाल ही में नेशनल कार्यकारिणी में नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में गड़करी ने मोदी के बजाए देश के हृदय प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान को विकास पुरूष निरूपित कर सभी को चौंका दिया है।
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक वैसे भी सभी की निगाहों में इसलिए भी थी क्योंकि इसमें गड़करी को दूसरा टर्म मिलने के साथ ही साथ इसमें अगले आम चुनावों का रोड़मैप तैयार किया जाना था। भाजपा के छः मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति को भी एक अच्छा संकेत माना जा रहा था। माना जा रहा था कि इन छः में से कम से कम शिवराज और नरेंद्र मोदी तो कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन में नई दिशा देंगे, वस्तुतः एसा हुआ नहीं।
एक मुख्यमंत्री के करीबी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में बुलाकर शोभा की सुपारी बनाने का ओचित्य समझ से परे है। मुख्यमंत्रियों के संबोधन के बिना यह बैठक अधूरी ही लग रही है और इसके चलते कार्यकर्ताओं में तरह तरह की शंकाएं कुशंकाएं घुमड़ रही हैं। किसी भी सीएम ने एक भी प्रस्ताव नही रखा।
उधर, गड़करी के करीबी सूत्रों का कहना है कि अगर एक भी सीएम को माईक दिया जाता तो फिर आधा दर्जन सीएम बोलते तो कार्यकर्ताओं को उब होने लगती। इसके साथ ही साथ चालाक चतुर सुजान नरेंद्र मोदी तो मंच ही लूट ले जाते। वे अपने एजेंडे को कुछ इस तरह रखते कि परिषद का एजेंडा ही चुरा लिया जाता। गड़करी को शंका थी कि कहीं एक बार फिर कार्यकर्ताओं के सामने मोदी उन्हें बोना साबित ना कर दें। इसी डर के चलते आधा दर्जन मुख्यमंत्रियों को शोभा की सुपारी ही बनाए रखा गया।
इसके साथ ही साथ कल तक जिस तेजी से नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय नेता बनाने की मुहिम चलाई गई थी, उसकी हवा भी धीरे धीरे निकाल दी गई है। हवा में उड़ते मोदी के पर संघ ने भी कुतर दिए थे। अब मोदी को गुजरात तक ही सीमित करने में संघ और भाजपा के आला नेताओं ने कोई कसर नहीं रख छोड़ी है।
आग और पानी का संतुलन बनाते हुए भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी ने एक तीर से कई सारे निशाने साध लिए हैं। राष्ट्रीय परिषद की बैठक मे नितिन गड़करी ने मोदी की उपस्थिति में ही शिवराज सिंह चौहान को विकास पुरूष की उपाधि से नवाजकर ना केवल मोदी को ही झटका दिया है, वरन मध्य प्रदेश में शिवराज के लिए सरदर्द बन चुके भाजपा के सूबाई निजाम प्रभात झा को भी साईज में रहने का संदेश दे डाला है।
शिवराज के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि शिवराज सिंह चौहान पिछले कुछ माहों से सत्ता और सरकार में संगठन के दखल से खासे परेशान थे। इस संबंध में शिवराज ने कई बार संघ और भाजपा के आला नेताओं से चर्चा भी की थी, पर इसका नतीजा कुछ निकल नहीं पाया था।
शिवराज पर दबाव डालकर महत्वपूर्ण विभागों में अपने पसंदीदा अधिकारियों की नियुक्ति करवाकर प्रभात झा ने शिवराज सिंह चौहान की बिदाई का रोड़मैप तय कर लिया था। सूत्रों ने यह भी कहा कि मूलतः बिहार के प्रभात झा वैसे तो पहले एमपी में काम कर चुके हैं पर सत्ता में बिहार मूल के अफसरों को जमकर नवाजे जाने के आरोप भी भाजपा के अंदरखाने में लग ही रहे हैं।
शिवराज सिंह चौहान के सत्ता संभालने के उपरांत मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं को ना केवल भाजपा वरन् कांग्रेस की सरकारों ने भी सराहा है। अनेक योजनाएं तो एसी हैं जिन पर शिवराज सिंह चौहान का ठप्पा लगा होने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा ना केवल उन्हें सराहा गया वरन उसे अमली जामा पहनाने का प्रयास भी किया गया।
मध्य प्रदेश सरकार की लाड़ली लक्ष्मीयोजना का जादू मध्य प्रदेश में सर चढ़कर बोल रहा है। एमपी के अलावा अनेक राज्यों ने इस योजना को अंगीकार किया है। इसके बाद एक के बाद एक सुपर डुपर हिट योजनाएं दी हैं शिवराज सिंह चौहान की भाजपा सरकार ने। हाल ही में मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना भी काफी लुभावनी और आकर्षित लग रही है।
माना जा रहा है कि भाजपा के निजाम नितिन गड़करी ने आधा दर्जन भाजपाई मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में शिवराज सिंह चौहान की तारीफों में करीदे गढ़कर यह संदेश देने का प्रयास किया है कि अपने वक्तव्यों के जरिए लाईम लाईट में आने वालों से ज्यादा तवज्जो पार्टी उसे देगी जो जमीनी स्तर पर मौन रहकर काम करने में विश्वास रखता हो। कहा जाता है कि शिवराज सिंह चौहान द्वारा लास्ट लाईन एण्ड लो प्रोफाईलको अपना मूल मंत्र बनाया हुआ है।

जीसेट 10 ने भरी उड़ान


जीसेट 10 ने भरी उड़ान

(पूनम अग्रवाल)

फ्रेंच गुयना (साई)। भारत का अत्याधुनिक संचार उपग्रह जी सेट-१० आज तड़के फ्रेंच गुयाना के यूरोपीय अंतरिक्ष केन्द्र से अरियान-५ रॉकेट से सफलतापूर्वक छोड़ा गया। इस उपग्रह के नवम्बर से सक्रिय होने की संभावना है और यह पन्द्रह वर्ष तक काम करता रहेगा। इससे दूरसंचार, डीटीएच और रेडियो नेवीगेशन सेवाओं का विस्तार होगा।
इस उपग्रह की खासियत यह है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा निर्मित तीन हजार चार सौ किलोग्राम वजन का यह अब तक का सबसे भारी उपग्रह है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का १०१ वां रॉकेट प्रक्षेपण था। इनसैट और जी सैट उपग्रहों की श्रृंखला में मई २०११ में छोड़े गए उपग्रह जी सैट-८ के बाद गगन पेलोड प्रणाली वाला यह दूसरा उपग्रह है।
भारत सरकार की ओर से इस महत्वपूर्ण अवसर पर इसरो के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन प्रक्षेपण के समय कर्नाटक में हासन स्थित मुख्य नियंत्रण केन्द्र में मौजूद थे। उपग्रह छोड़े जाने के कुछ मिनट बाद उन्होंने कहा कि मुख्य नियंत्रण केन्द्र का उपग्रह से सम्पर्क स्थापित हो गया है।

पूर्वोत्तर में बाढ़ बरपा ही कहर


पूर्वोत्तर में बाढ़ बरपा ही कहर

(पुरबालिका हजारिका)

गोवहाटी (साई)। असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के बाद पिछले २४ घंटों में करीब ७७ हजार लोग राहत शिविरों से चले गए हैं। ब्रह्घ्मपुत्र सहित सभी प्रमुख नदियों में पानी कम हो गया है। बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में अब तक २७ लोग मारे गए हैं और छह लापता हैं। मुख्यमंत्री तरुण गोगोई आज ऊपरी असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य के कृषि मंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के लिए कुछ उपायों की घोषणा की है। इसके तहत असम सरकार ने चार लाख दस हजार कृषि भूमि पर दो सौ करोड़ रुपये की लागत से विशेष योजना की घोषणा की है।
सूत्रों ने बताया कि इस योजना से बाढ़ प्रभावित बारह लाख लोगों को फायदा होगा। प्रदेश के तीन लाख २८ हजार हैक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में है। इस योजना के तहत किसानों को टैक्टर और पावर टीलर खरीदने के लिए ५० प्रतिशत सब्सिडी भी दिये जाएंगे। साथ ही निचले असम के हिंसाग्रस्त जि$लों के किसानों को भी सरकार की तरफ से सुविधा मुहैया किया जाएगा।
उधर दिल्ली समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रश्मि सिन्हा ने बताया कि सरकार, बाढ़ से होने वाली तबाही को कम करने के लिए बाढ़ पूर्वानुमान तथा चेतावनी प्रणाली के विस्तार और आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है। नई दिल्ली में कल राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में जल संसाधन विकास मंत्री, पवन बंसल ने बताया कि जल प्रबन्धन, विशेष तौर से बाढ़ से निपटने के काम में संबंधित राज्यों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए नदी -थाला संगठनों को शामिल किया जाएगा।
गंगटोक से सिक्किम समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि सिक्किम के उत्तरी हिस्से में बाढ़ और भूस्खलन का असर ११ गांवों के नौ हजार से अधिक लोगों पर पड़ा है। हमारे संवाददाता ने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव करमा ग्यात्सो ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।
 प्राप्त जानकारी के अनुसार आपदा राहत बचाव अभियान में जोरशोर से जुटी सीमा सड़क संगठन ने सिक्किम प्रशासन को आगामी दो हफ्तों में राज्य के उत्तरी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सड़क सुविधा बहाल करने का आश्वासन दिया है। दिगर इन इलाकों में घटना के बाद से पिछले करीब एक सप्ताह से बंद पड़े सभी शिक्षा संस्थानों को फिर से खोल दिया गया है। इस बीच, जि$ला प्रशासन ने कहा है कि उनके भंडारण में पर्याप्त खाद्यान उपलब्ध है।

ब्रजेश मिश्रा नहीं रहे


ब्रजेश मिश्रा नहीं रहे

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। भारत गणराज्य के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र का कल रात नई दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे ८४ वर्ष के थे। देश के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने विदेश नीति से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अमरीका के साथ संबंध और मजबूत बनाने पर बल दिया।
वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के काफी करीबी माने जाते थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार की रात करीब नौ बजकर 50 मिनट पर दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्तपाल में अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ समय से दिल की बीमारी से पीड़ित थे। उन्होंने अपने नौकर से खाना लाने को कहा लेकिन जब वह खाना लेकर आया तब वह बेहोश मिले।
मिश्रा के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सुरक्षा गार्डों को बुलाया गया और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किए जाने से पहले मिश्र पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधान सचिव थे। वह उससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में अपनी सेवा देने के बाद विदेश मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए थे।
मिश्र ने 1999 में करगिल लड़ाई के दौरान वाजपेयी का सहयोग करने में अहम भूमिका निभाई थी। साल 2004 में एनडीए सरकार के चले जाने और वाजपेयी के राजनीतिक परिदृश्य से हटने के बाद मिश्र ने बीजेपी से दूरी बना ली और विदेश नीति के कई मुद्दों पर उसके रुख की आलोचना की। जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमेरिका के साथ भारत अमेरिका परमाणु करार के लिए बातचीत कर रहे थे तब उन्होंने इस करार का समर्थन किया और उसका विरोध करने पर बीजेपी को निशाने पर लिया।

इमेल बिल्डिंग के प्रति सजग है अंडर वर्ल्ड


इमेल बिल्डिंग के प्रति सजग है अंडर वर्ल्ड

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। अपनी स्वच्छ, उजली, धवल छवि के लिए हर व्यक्ति या संस्था द्वारा जनसंपर्क अधिकारी (पब्लिक रिलेशन ऑफीसर) रखने की परंपरा अब हर क्षेत्र में दिखने लगी है। इस परंपरा का जादू इस कदर सर चढ़कर बोल रहा है कि अब तो गुण्डे बदमाश, उठाईगीरे भी पीआरओ रखने लगे हैं।
मुंबई से प्रकाशित एक समाचार पत्र मे क्राइम बांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि अंडरवर्ल्ड के पीआरओ मूलतः व्हाइट कॉलर लोग होते हैं। अंडरवर्ल्ड सरगनाओं ने उन्हें आदेश रखा है कि वे हर पुलिस स्टेशन , क्राइम ब्रांच यूनिट्स , पुलिस मुख्यालय , एटीएस , सीबीआई , बीएमएसी हेडक्वॉर्टर , मंत्रालय जाएं और वहां बड़े - बड़े अधिकारियों के साथ रोज बैठकर उनके साथ रिश्ते बढ़ाएं।
इस रिश्तों को बनाने और बढ़ाने के पीछे की मूल वजह यह है कि अंडरवर्ल्ड के सभी अवैध कामों को पूरा होेने में कोई दिक्कत न आए। इस अधिकारी के अनुसार , पुलिस सहित हर बड़े सरकारी विभाग में विजिर्ट्स के नाम रजिस्टर में या कंप्यूटर में फीड़ होते हैं। यदि पिछले छह महीने या साल भर की पूरी लिस्ट निकाली जाए , तो इसमें कई नाम संदेहास्पद चरित्र वाले मिलेंगे। काफी अधिकारी ऐसे लोगों को इंटरटेन नहीं करते , पर कई शायद इनके ट्रैप में फंस भी गए हैं , तभी तो अंडरवर्ल्ड के ये पीआरओ लगातार सक्रिय हैं।
अखबार ने आगे लिखा है कि क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि इस वक्त छोटा राजन के मुंबई में सबसे ज्यादा पीआरओ सक्रिय हैं , क्योंकि राजन को अपने कई बेनामी प्रोजेक्ट पास कराने हैं। राजन का कभी चीफ पीआरओ भी हुआ करता था - पॉल्सन जोसेफ , पर जे . डे मर्डर में क्राइम ब्रांच ने डेढ़ साल पहले उसे गिरफ्तार कर लिया। यह पॉल्सन ही था , जिसने तीन साल पहले चेंबूर के एक नामी क्लब में र्क्रिसमस पार्टी आयोजित की थी। इस पार्टी में फरीद तनाशा सहित अंडरवर्ल्ड के कई लोग तो आए ही थे , पॉल्सन की पीआरओशिप की वजह से इसमें कई पुलिसवाले भी शामिल हुए थे। जेे . डे मर्डर में क्राइम ब्रांच ने जिस विनोद चेंबूर को गिऱफ्तार किया है , उसके बारे में भी कहा जाता है कि वह राजन का पीआरओ था। विनोद एक क्रिकेट बुकी भी था। ऐसे कहा जाता है कि विनोद ने कुछ पुलिस वालों को मैनेज कर रखा था , ताकि सट्टे के राजन के कारोबार में कोई खलल न पड़े।
अखबार के अनुसार क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार , एक और डॉन रवि पुजारी ने भी रवि पंजाबी नाम का पीआरओ रखा था। वह भी अलग - अलग पुलिस अधिकारियों के पास रोजाना बैठा करता था। उसे तीन साल पहले मकोका ऐक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। कमलाकर जामसांडेकर मर्डर केस में पिछले महीने आजीवन कारावास पाए अरुण गवली ने कई साल पहले अखिल भारतीय सेना नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी। इस पार्टी के लिए उसने अपने कुख्यात शूटर जितेंद्र दाभोलकर को पीआरओ बनाया था। दाभोलकर का अब मर्डर हो चुका है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार , गवली की पार्टी में दाभोलकर के नाम से ही प्रेस नोट जारी होता था। दाऊद का भी एक पीआरओ था , नाम था उसका सतीश राजे। पापा गवली के मर्डर के बाद आरोप है कि अरुण गवली ने उसका मर्डर करवा दिया था।
इसी तरह दाऊद की तरह उसके भाई अनीस इब्राहिम को भी बॉलिवुड की अभिनेत्रियों से दोस्ती का बहुत शौक है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार , अनीस ने बॉलिवुड की एक अभिनेत्री को बोलकर रखा था कि दिल्ली में बड़े राजनेताओं से अपने संपर्क बढ़ाएं। इस पीआरओशिप के लिए अनीस ने अपने एक आदमी के जरिए दस लाख रुपये भिजवाए थे। 26/11 में शहीद हुए विजय सालसकर ने अनीस के इस आदमी को पकड़ा भी था। बॉलिवुड की इस अभिनेत्री ने कई चुनावों में प्रचार भी किया है। उसने टिकट पाने की भी बहुत कोशिश की , पर वह उसमें सफल नहीं हुई।

केजरीवाल से जमकर खफा हैं अण्णा


केजरीवाल से जमकर खफा हैं अण्णा

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। एक समय अण्णा हजारे की जान बने अरविंद केजरीवाल से इस समय अण्णा हजारे जमकर खफा हैं। केजरीवाल द्वारा पार्टी बनाए जाने के निर्णय ने अण्णा हजारे को जमकर आहत किया है। अण्णा का मानना है कि केजरीवाल दरअसल, सियासी नेताओं के हाथों की कठपुतली बने रहे जिसके चलते अण्णा का आंदोलन जमकर प्रभावित हुआ है। अपने ब्लाग के माध्यम से अण्णा ने केजरीवाल को जमकर कोसा है।
अन्ना हजारे ने अप्रत्यक्ष रूप से अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन पार्टी बनाने के निर्णय से विभाजित हुआ है। पार्टी के समर्थन में आने से आंदोलन के तेवर पर असर पड़ा। अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल से मतभेद के बाद बाबा रामदेव से नजदीकी का हवाला देकर आरएसएस और सांप्रदायिक ताकतों से जोड़ने की कड़ी निंदा की।
अन्ना हजारे ने कहा कि जो पार्टी बनाने के पक्ष में थे उनसे मेरी असहमति साफ थी। इसके बावजूद मेरे निर्णय के खिलाफ पार्टी बनाने की योजना पर अमल किया गया। अन्ना ने कहा, श्कई लोग कहते हैं कि मैंने पार्टी बनाने पर सहमति दे दी थी लेकिन यह सही नहीं है।
75 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने ताजा ब्लॉग में लिखा है कि पिछले दो सालों में यूपीए सरकार की लाख कोशिश के बावजूद आंदोलन विभाजित नहीं हुआ। वही मजबूत आंदोलन बिना सरकार की कोशिश के विभाजित हो गया। इसकी प्रमुख वजह एक ग्रुप के चुनावी राजनीति में जाने के फैसले रही। अन्ना हजारे ने कहा कि दुर्भाग्य से आंदोलन विभाजित नहीं हुआ होता तो लोकपाल बिल 2014 के आम चुनाव से पहले ही पास हो गया होता। एक ग्रुप ने चुनावी राजनीति में जाने का निर्णय लिया और दूसरा आंदोलन के साथ खड़ा है।
अन्ना हजारे ने इस बात पर दुख जताया कि उन्हें सांप्रदायिक संगठनों के साथ जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक जीवन में मेरा किसी भी संगठन से कोई रिश्ता नहीं रहा। अन्ना हजारे ने कहा कि मैं जीवन के अंतिम सांस तक किसी पार्टी या संगठन का हिस्सा नहीं बनूंगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन राजनीति की वजह से विभाजित हुआ। हजारे ने कहा कि चुनाव करीब आ रहा है। कुछ पार्टी मेरा नाम चुनाव में अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन केवल आंदोलन रहेगा क्योंकि यह पवित्र है।

निशुल्क फोन काल की हिमायत की सिब्बल ने


निशुल्क फोन काल की हिमायत की सिब्बल ने

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। टेलिकॉम कंपनियां भले ही कॉल रेट बढ़ाने की बात कर रही हों लेकिन टेलिकॉम मिनिस्टर कपिल सिब्बल ने कहा है कि आने वाले समय में कंपनियों को ऐसे इंतजाम करने चाहिए कि फोन पर बात करने के लिए लोगों को पैसे न चुकाने पड़ें।
सीआईआई की ब्रॉडबैंड समिट में सिब्बल ने कहा कि मोबाइल कंपनियों को कमाई के लिए वॉइस कॉल के बजाय डेटा सर्विस पर ध्यान देना चाहिए। आने वाले समय में कंपनियों को डेटा सर्विस से इतना रेवेन्यू मिल जाएगा कि वे फ्री कॉल की सुविधा देने पर विचार कर सकें।
जानकारों का मानना है कि फोन पर डेटा का इस्तेमाल बढ़ने पर कॉल दरें सस्ती होने की संभावना बन सकती है लेकिन मोबाइल पर बातचीत पूरी तरह फ्री करने के बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। सेल्युलर ऑपरेटर असोसिएशन के प्रेजिडेंट राजन मैथ्यूज से जब पूछा गया तो उनका कहना था कि मुफ्त कॉल तभी संभव है, जब सरकार इसमें मदद करे। अगर सरकार स्पेक्ट्रम की कीमत कम या फ्री कर दे तो रेवेन्यू के इस मॉडल पर सोचा जा सकता है लेकिन तुरंत ऐसा होना मुमकिन नहीं है।
दूरसंचार विभाग ने मोबाइल कंपनियों को कहा है कि वे अपने लाइसेंसी सर्कल के बाहर 3जी सर्विस देना तुरंत बंद कर दें। अगर कंपनियों ने इस पर अमल किया तो तमाम ग्राहकों को रोमिंग के दौरान 3जी सर्विस एक्सेस करने में मुश्किल आ सकती है। हालांकि 2जी सर्विस जारी रहेगी। दरअसल, दूरसंचार विभाग कह चुका है कि कंपनी को जिस जोन या सर्कल के लिए लाइसेंस मिला है, उससे बाहर 3जी सर्विस मुहैया कराना गैरकानूनी है। तमाम कंपनियां आपस में समझौता करके ऐसी सर्विस उपलब्ध करा रही हैं।

वॉटसन और वॉर्नर के तूफान में उड़े धोनी के धुरंधर

वॉटसन और वॉर्नर के तूफान में उड़े धोनी के धुरंधर

(टी.विश्वनाथन)

कोलंबो (साई)। टी 20 वर्ल्ड कप के सुपर 8 मुकाबले में भारत को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया ने 15वें ओवर में ही टारगेट हासिल करके भारत को 9 विकेट से हरा दिया। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 141 रन का टारगेट दिया था। इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने 2 पॉइंट्स हासिल कर लिए हैं।
सुपर 8 स्टेज के इस अहम मैच में भारत ने टॉस जीतकर बैटिंग का फैसला लिया, लेकिन टॉप ऑर्डर बुरी तरह से लड़खड़ा गया। भारत को पहला झटका उस वक्त लगा, जब तीसरे ही ओवर में गौतम गंभीर 17 रन के स्कोर पर रन आउट हो गए। इसके बाद क्रीज़ पर आए विराट कोहली ने कुछ अच्छे शॉट लगाए, लेकिन 15 रन बनाकर उन्होंने भी पविलियन का रास्ता पकड़ लिया। भारत का कोई भी बैट्समैन रंग में नहीं लग रहा था। तीसरा विकेट युवराज सिंह के रूप में गिरा, जो 8 रन के स्कोर पर वॉटसन की बॉल पर खराब शॉट खेलकर मैक्सवेल को कैच थमा बैठे।
एक छोर संभालकर खेल रहे इरफान पठान अच्छी लय में दिख रहे थे, लेकिन वह भी 31 रन के स्कोर पर वॉटसन का शिकार बन बैठे। इरफान के पविलियन लौटने के तुरंत बाद रोहित शर्मा भी महज 1 रन के स्कोर पर बोल्ड हो गए। अब तक भारत की हालत बेहद खराब थी। 11 ओवर्स में 74 रन के स्कोर पर 5 खिलाड़ी आउट हो चुके थे। महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना ने पारी को संभालने की कोशिश की और स्कोर को 100 के पार पहुंचाया। लेकिन 16वें ओवर की आखिरी बॉल पर धोनी भी कमिंस की बॉल पर खराब शॉट खेलकर बेली को कैच थमा बैठे। वहीं रैना ने कुछ शॉट लगाने की कोशिश की और अश्विन के साथ मिलकर स्कोर को आगे बढ़ाया। लेकिन वह भी आखिरी ओवर में 26 के स्कोर पर आउट हो गए। 20 ओवर खत्म होने तक टीम इंडिया 7 विकेट के नुकसान पर 140 रन ही बनाई पाई। इस स्कोर में आर अश्विन ने भी 16 रन का योगदान दिया।
वहीं 141 रन के टारगेट का पीछा करने उतरे वॉटसन और वार्नर ने ऑस्ट्रेलिया को तूफानी शुरूआत दिलाई। मैच की 3 बॉल्स ही फेंकी गई थीं, कि बारिश की वजह से मैच रोकना पड़ा। कुछ देर बाद बारिश तो थम गई, लेकिन रनों की बरसात जारी रही। दोनों ओपनर्स ने पहले विकेट के लिए ऑस्ट्रेलिया की ओर से 133 रन की साझेदारी की, जो एक रेकॉर्ड है।
शेन वॉटसन और वॉर्नर ने टीम इंडिया के बोलरों की जमकर खबर ली। कोई भी बोलर ऐसा नहीं था, जिसे खेलने में इन दोनों ओपनर्स को समस्या हुई हो। वॉटसन ने 42 बॉल्स में 2 चौकों और 7 छक्कों की मदद से 72 रन बनाए, वहीं डेविड वॉर्नर ने नॉट आउट रहते हुए 41 बॉल्स में 63 रन जोड़े। इन दोनों की शानदार इनिंग्स की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 15वें ओवर में ही टारगेट हासिल कर लिया।

स्पिटल्स को मिलेगा मंहगा सिलेण्डर


हास्पिटल्स को मिलेगा मंहगा सिलेण्डर

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। अस्पताल, कॉलेज, सेना, जेल, एनजीओ और धार्मिक संस्थाओं समेत विशेष वर्ग में आने वाली सभी संस्थाओं को अब घरेलू सब्सिडाइज्ड दर पर एलपीजी सिलेंडर मुहैया नहीं होंगे। इन संस्थाओं को सरकार की ओर से घरेलू ग्राहकों को मिलने वाली रियायतों का लाभ भी नहीं मिल सकेगा, बल्कि उन्हें 14.2 किलो वाले प्रत्येक सिलेंडर के लिए इससे कहीं ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
इन संस्थाओं को 399 रुपये के एलपीजी सिलेंडर के लिए नए नॉन डोमेस्टिक रेट पर 990 रुपये से अधिक का भुगतान करना होगा। इसी तरह यूपी में घरेलू सब्सिडी प्राप्त सिलेंडर की कीमत 403.50 रुपये है, जबकि विशिष्ट वर्ग के लिए इसकी कीमत 1001 रुपये प्रति सिलेंडर तय की गई है। यानी उन्हें पुरानी कीमत से 597 रुपये प्रति सिलेंडर अधिक चुकाने होंगे।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने विशेष नई दर पर इन्हें सिलेंडर मुहैया कराने का निर्देश तेल कंपनियों को जारी कर दिया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इंडियन ऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि तेल कंपनियां अब चार श्रेणियों के लिए एलपीजी की दरें तय करेंगी।
यह श्रेणियां घरेलू सब्सिडाइज्ड, घरेलू नॉन सब्सिडाइज्ड, विशेष श्रेणी के लिए नॉन डॉमेस्टिक प्राइस और व्यवसायिक उपयोग के लिए कमर्शियल प्राइस हैं। इसलिए इन संस्थाओं को अब घरेलू ग्राहकों के बराबर कीमतों में छूट नहीं मिलेगी। हालांकि उन्हें हर महीने सीमित संख्या में सिलेंडर उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। मगर उन्हें प्रत्येक सिलेंडर के लिए समान कीमत चुकानी होगी।
सरकार के इस निर्णय से निजी क्षेत्र की संस्थाओं, धार्मिक संस्थाओं समेत तमाम विशिष्ट वर्ग की रसोई का खर्च अब तेजी से बढ़ेगा। माना जा रहा है कि सरकारी संस्थाओं में भले ही इसकी भरपाई के लिए कोई प्रावधान हो जाए, लेकिन निजी क्षेत्र की संस्थाओं को महंगाई की दोहरी मार झेलनी पड़ेगी। गौरतलब है कि दिल्ली में कुल घरेलू एलपीजी सिलेंडर का करीब दस फीसदी तक स्कूल, कॉलेज, अस्पतालों, सेना, जेल, धार्मिक संस्थाओं, मिड डे मील, एनजीओ आदि में उपयोग किया जाता है। जबकि उत्तर प्रदेश में ऐसी संस्थाएं करीब 5 फीसदी घरेलू गैस का इस्तेमाल करती हैं।

दो रूपए तक घट सकती हैं पेट्रोल की दरें


दो रूपए तक घट सकती हैं पेट्रोल की दरें

(अमित कौशल)

नई दिल्ली (साई)। डीजल के दाम में पांच रुपये प्रति लीटर का इजाफा कर चौतरफा सियासी दबाव झेल रही केंद्र सरकार अगले हफ्ते पेट्रोल के दाम दो रुपये तक कम कर इसकी भरपाई कर सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटने और डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होने के कारण तेल कंपनियां पेट्रोल के दाम कम करने पर विचार करेंगी।
कंपनियों के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत अगले दो दिनों में भी अगर 110 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहती है, तो सरकार राजनीतिक दबाव को कम करने के लिए पेट्रोल की कीमत में दो रुपये प्रति लीटर तक कटौती की घोषणा कर सकती है।
शुक्रवार को एक डॉलर की कीमत 52 रुपये 85 पैसे थी, जबकि बृहस्पतिवार को कच्चा तेल 108 डॉलर प्रति बैरल था। दरअसल सरकार के आर्थिक सुधारों के फैसले से रुपये में आई मजबूती तेल कंपनियों के घाटे की भरपाई में मददगार होगी। तेल कंपनियों के अनुमान के मुताबिक रुपये के मुकाबले एक डॉलर की कीमत घटने से पेट्रोल 33 पैसा प्रति लीटर सस्ता होता है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अगर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट बनी रहती है तो इसका लाभ सरकार के साथ आम आदमी को भी होगा। एक ओर तेल कंपनियों के लिए पेट्रोल की खरीदारी सस्ती हो जाएगी। वहीं इसकी कीमत कम होने से सरकार पर से सब्सिडी का बोझ भी कम हो सकेगा। ऐसे में आम आदमी के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास जताने के लिए कीमतों में कटौती का निर्णय लिया जा सकता है। तेल क्षेत्र के विशेषज्ञों की माने तो कच्चे तेल की कीमत में कमी का यह ट्रेंड आगे भी जारी रह सकता है।