ब्रजेश मिश्रा नहीं
रहे
(महेश रावलानी)
नई दिल्ली (साई)।
भारत गणराज्य के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र का कल रात नई दिल्ली
में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे ८४ वर्ष के थे। देश के पहले राष्ट्रीय
सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने विदेश नीति से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई। उन्होंने अमरीका के साथ संबंध और मजबूत बनाने पर बल दिया।
वह पूर्व
प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के काफी करीबी माने जाते थे। उनके परिवार में
उनकी पत्नी, एक बेटा और
एक बेटी है। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार की रात करीब नौ बजकर 50 मिनट पर दक्षिणी
दिल्ली के वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्तपाल में अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ समय
से दिल की बीमारी से पीड़ित थे। उन्होंने अपने नौकर से खाना लाने को कहा लेकिन जब
वह खाना लेकर आया तब वह बेहोश मिले।
मिश्रा के करीबी
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सुरक्षा गार्डों को बुलाया गया और
उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किए जाने से
पहले मिश्र पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधान सचिव थे। वह उससे पहले
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में अपनी सेवा देने के बाद
विदेश मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए थे।
मिश्र ने 1999 में करगिल लड़ाई के
दौरान वाजपेयी का सहयोग करने में अहम भूमिका निभाई थी। साल 2004 में एनडीए सरकार
के चले जाने और वाजपेयी के राजनीतिक परिदृश्य से हटने के बाद मिश्र ने बीजेपी से
दूरी बना ली और विदेश नीति के कई मुद्दों पर उसके रुख की आलोचना की। जब
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमेरिका के साथ भारत अमेरिका परमाणु करार के लिए बातचीत
कर रहे थे तब उन्होंने इस करार का समर्थन किया और उसका विरोध करने पर बीजेपी को
निशाने पर लिया।
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