हास्पिटल्स को
मिलेगा मंहगा सिलेण्डर
(मणिका सोनल)
नई दिल्ली (साई)।
अस्पताल, कॉलेज, सेना, जेल, एनजीओ और धार्मिक
संस्थाओं समेत विशेष वर्ग में आने वाली सभी संस्थाओं को अब घरेलू सब्सिडाइज्ड दर
पर एलपीजी सिलेंडर मुहैया नहीं होंगे। इन संस्थाओं को सरकार की ओर से घरेलू
ग्राहकों को मिलने वाली रियायतों का लाभ भी नहीं मिल सकेगा, बल्कि उन्हें 14.2 किलो वाले
प्रत्येक सिलेंडर के लिए इससे कहीं ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
इन संस्थाओं को 399 रुपये के एलपीजी
सिलेंडर के लिए नए नॉन डोमेस्टिक रेट पर 990 रुपये से अधिक का भुगतान करना होगा। इसी
तरह यूपी में घरेलू सब्सिडी प्राप्त सिलेंडर की कीमत 403.50 रुपये है, जबकि विशिष्ट वर्ग
के लिए इसकी कीमत 1001 रुपये
प्रति सिलेंडर तय की गई है। यानी उन्हें पुरानी कीमत से 597 रुपये प्रति
सिलेंडर अधिक चुकाने होंगे।
पेट्रोलियम
मंत्रालय ने विशेष नई दर पर इन्हें सिलेंडर मुहैया कराने का निर्देश तेल कंपनियों
को जारी कर दिया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इंडियन ऑयल के एक
वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि तेल कंपनियां अब चार श्रेणियों
के लिए एलपीजी की दरें तय करेंगी।
यह श्रेणियां घरेलू
सब्सिडाइज्ड, घरेलू नॉन
सब्सिडाइज्ड, विशेष
श्रेणी के लिए नॉन डॉमेस्टिक प्राइस और व्यवसायिक उपयोग के लिए कमर्शियल प्राइस
हैं। इसलिए इन संस्थाओं को अब घरेलू ग्राहकों के बराबर कीमतों में छूट नहीं
मिलेगी। हालांकि उन्हें हर महीने सीमित संख्या में सिलेंडर उपलब्ध नहीं कराया
जाएगा। मगर उन्हें प्रत्येक सिलेंडर के लिए समान कीमत चुकानी होगी।
सरकार के इस निर्णय
से निजी क्षेत्र की संस्थाओं, धार्मिक संस्थाओं समेत तमाम विशिष्ट वर्ग की
रसोई का खर्च अब तेजी से बढ़ेगा। माना जा रहा है कि सरकारी संस्थाओं में भले ही
इसकी भरपाई के लिए कोई प्रावधान हो जाए, लेकिन निजी क्षेत्र की संस्थाओं को महंगाई
की दोहरी मार झेलनी पड़ेगी। गौरतलब है कि दिल्ली में कुल घरेलू एलपीजी सिलेंडर का
करीब दस फीसदी तक स्कूल, कॉलेज, अस्पतालों, सेना, जेल, धार्मिक संस्थाओं, मिड डे मील, एनजीओ आदि में
उपयोग किया जाता है। जबकि उत्तर प्रदेश में ऐसी संस्थाएं करीब 5 फीसदी घरेलू गैस
का इस्तेमाल करती हैं।
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