रविवार, 16 मार्च 2014

बारापत्थर के मुख्य चौक पर चोरों का तांडव!


बारापत्थर के मुख्य चौक पर चोरों का तांडव!

देर रात सड़कों पर मंडराते हैं आवारा तत्व, पुलिस का हो गया खौफ समाप्त

(अखिलेश दुबे/अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। शहर के पॉश इलाके बारापत्थर का हृदय स्थल कहा जाने वाला बाहुबली चौक, चोरों के निशाने पर आ चुका है। शुक्रवार और शनिवार की दर्मयानी रात में चौक पर ही स्थित श्री मोबाईल वर्ल्ड के शटर का ताला तोड़कर, चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। सुबह चाय, समोसे का ठेला लगाने वालों ने दुकान का खुला शटर देख, इसके मालिक रत्नेश चौधरी को बुलाया तथा इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और कार्यवाही को अंजाम दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती रात बारापत्थर चौक पर ही स्थित श्री मोबाईल वर्ल्ड की छोटी शटर का ताला चोरों द्वारा तोड़ दिया गया। आश्चर्य की बात यह है कि चोरों के द्वारा सेंटर लॉक को भी तोड़ा गया है। चौक पर वैसे भी आवाजाही ज्यादा ही हुआ करती है। देर स्याह रात में दो-तीन मरकरी की रोशनी में चोरों द्वारा पत्थरों से बार-बार दुकान के कांच को भी तोड़ा गया प्रतीत हो रहा है। एक पत्थर लगभग दस बारह फिट अंदर की टेबिल से जाकर टकराया है, जिससे टेबिल भी क्षति ग्रस्त हो गई।
दुकान के संचालक के अनुसार सुबह जब उन्होंने आकर देखा तो उनके कैश काउंटर से लगभग आठ से दस हजार रूपए गायब थे। कुछ सौ और पांच सौ रूपए के नोट वहां नीचे गिरे हुए थे। मोबाईल के मंहगे हेण्ड सेट चोरों द्वारा पार कर दिए गए, किन्तु राहत की बात यही मानी जाएगी कि जो हेण्ड सेट चोरों द्वारा ले जाए गए हैं वे महंगे मोबाईल की नकली प्रतिकृति यानी डेमो पीस ही थे, जो चोरों के किसी काम के नहीं माने जा सकते हैं।
पहले भी घट चुकी हैं घटनाएं

गौरतलब है कि बाहुबली चौक पर इसके पहले भी चोरी की वारदातें घट चुकी हैं। इसके पहले शिवा मोबाईल, लाईफ मेडीकोज, स्मार्ट कंप्यूटर्स आदि में भी चोरी की कोशिश की गई थी। ये सभी दुकानें जिस स्थान पर अवस्थित हैं, वह अस्पताल के करीब है अतः देर रात तक यहां चहल-पहल बनी रहती है और अलह सुब्बह चार बजे से पुनः टहलने वालों का तांता यहां लग जाता है।
शोभा की सुपारी बन चुकी है पुलिस चौकी!

जिला चिकित्सालय परिसर में बनी इस दुकान से महज पचास मीटर दूर ही कोतवाली पुलिस की एक पुलिस चौकी भी कार्यरत है। जिला चिकित्सालय मेें आने वाले मेडीकोलीगल प्रकरणों के लिए इस चौकी को बनाया गया है। इस चौकी के आसपास भी शराब खोरी और अन्य अनैतिक गतिविधियां धड़ल्ले से जारी रहती हैं।
एसपी बंग्ला है करीब

घटना स्थल से पुलिस अधीक्षक का बंग्ला लगभग डेढ़ सौ मीटर, तो कलेक्टर निवास महज दो सौ मीटर के करीब ही होगा। वहीं, इस मार्ग का उपयोग पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, नगर पुलिस अधीक्षक आदि के द्वारा किया जाता है। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि जहां चोरी की घटना को अंजाम दिया गया है वहां रात बारह बजे तक पुलिस का एक प्वाईंट भी रहता है। पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि रात बारह बजे के बाद इस चौराहे को पुलिस के मोटर सायकल वाले उड़न दस्ते ‘ब्रेकर‘ के हवाले कर दिया जाता है।
नगर कोतवाल थे रात्रि गश्त पर

वहीं, पुलिस सूत्रों ने आगे बताया कि शुक्रवार और शनिवार की दर्मयानी रात में कोई और नहीं खुद नगर कोतवाल अमित विलास दाणी ही रात्रि गश्त पर थे। उन्होंने बताया कि पुलिस के ब्रेकर का ध्यान बाहुबली चौक, पुराने आरटीओ और एसीपी बंग्ले के पास वाले क्षेत्र पर ज्यादा और बाकी पूरी बीट पर बराबर रहता है। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि पुलिस अधीक्षक के निवास पर वैसे भी पुलिस के जवान मौजूद रहते हैं, फिर एसपी बंग्ले की बाहर से सुरक्षा के लिए अतिरिक्त में पुलिस बल की आवश्यकता समझ से परे ही है।
निष्क्रिय ही रहती है पुलिस

वहीं बाहुबली चौक के व्यापारियों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि देर रात बाहुबली चौक से सर्किट हाउस वाले चौराहे तक के मार्ग में अण्डों के ठेलों आदि में सरेआम होने वाली शराब खोरी के चलते यहां जरायम पेशा लोगों के एकत्र होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। उनके अनुसार इस मार्ग पर शराबियों के जमघट और आपस में होने वाले विवादों के बारे में अनेक बार पुलिस कंट्रोल रूम एवं कोतवाली पुलिस को सूचना देने के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती है, जिससे जरायम पेशा लोगों के हौसले बुलंदी पर ही होते हैं। कई बार विवाद होने के बाद भी पुलिस को सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंचने से व्यापारियों का मनोबल पस्त हो रहा है।
कल ही बढ़ाई थी गश्त
वहीं, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर शुक्रवार से ही पुलिस जवानों की तादाद में बढ़ोत्तरी कर गश्त तेज कर दी गई थी, बावजूद इसके मुख्य चौराहे पर ही इस तरह की घटना घट गई। कोतवाली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि पीसीआर वेन को रात में गश्त न करने का फरमान रक्षित निरीक्षक बैजनाथ प्रजापति द्वारा दिया गया है। गौरतलब है कि पुलिस के वाहनों में डीज़ल पेट्रोल की व्यवस्था का जिम्मा पुलिस लाईन की एमटी शाखा का होता है। वहीं इस संबंध में बैजनाथ प्रजापति (9425389328) ने कहा कि उनके द्वारा इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया गया है। पुलिस की गश्त जारी है, और कोतवाली पुलिस का काम गश्त करने का है।
शराब खोरी की शिकायत आबकारी विभाग से करें: जोगा
इस संबंध में जब उप पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि लड़ाई-झगड़े के मामले में कार्यवाही करने का काम निश्चित तौर पर पुलिस का है, पर अगर कहीं शराबखोरी हो रही है तो उसकी शिकायत आबकारी विभाग से की जानी चाहिए। अगर आबकारी विभाग बात न सुने तब पुलिस इस तरह के मामले में कार्यवाही करेगी। उन्होंने कहा कि अगर मुख्य चौक पर ही चोरी की वारदात हुई है, तो इस संबंध में जरूर कार्यवाही की जाएगी।

क्यों नहीं हुई अब तक इन नाबालिगों की मुसाफिरी दर्ज!


क्यों नहीं हुई अब तक इन नाबालिगों की मुसाफिरी दर्ज!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। जिला मुख्यालय में इन दिनों रेहड़ी (हाथ ठेला लगाकर) जूस बेचने वालों की भारी तादाद, लोगों के कौतुहल का विषय बनी हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर भर के मुख्य चौक चौराहों सहित अनेक स्थानों पर मोसंबी सहित अनेक प्रकार के जूस हाथ ठेलों पर मिल रहे हैं। इन जूस को बेचने वाले बच्चे नाबालिग बताए जा रहे हैं। बताया जाता है कि ये सभी उत्तर प्रदेश से जीविकोपार्जन हेतु सिवनी आए हैं।
भारी तादाद में बाहर से सिवनी आए इन नन्हे व्यापारियोंने क्या कोतवाली सिवनी में आमद दर्ज करवाई है? क्या श्रम विभाग की नजरें इन पर पड़ सकी हैं? क्या ये बच्चे यहां किसी शाला में अध्ययन का कार्य कर रहे हैं? इस तरह के प्रश्न अभी भी अनुत्तरित ही हैं।
लोगों की मानें तो ये जूस बेचने वाले भी शहर में छोटी मोटी चोरी की वारदातों को अंजाम दे सकते हैं, क्योंकि यह भी देखा जा रहा है कि इनमें से अधिकांश चेहरे हर पखवाड़े बदलते दिख रहे हैं। कहा जाता है कि बाहर से जीविकोपार्जन करने आने वालों की मुसाफिरी कोतवाली में अवश्य ही दर्ज करवाई जाना चाहिए। अगर यह नहीं हुआ है तो यह निश्चित तौर पर कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नवाचक चिन्ह ही माना जाएगा। इसके साथ ही साथ बच्चों से काम करवाने के विरोध में बने कानूनों का जिला मुख्यालय में सरेराह मज़ाक उड़ रहा है, पर जिला प्रशासन मौन ही है।

राहुल ने चुनाव सर्वेक्षणों को मजाक बताया


राहुल ने चुनाव सर्वेक्षणों को मजाक बताया

(सोनाली खरे)

नई दिल्ली (साई)। राहुल गांधी ने शनिवार को इन आंकलनों को मजाक बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र सौ सीटें ही मिल पाएंगी। उन्होंने कहा कि ओपिनियन पोल कानून नहीं हैं और नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा के सत्ता में आने का कोई सवाल ही नहीं है।
 गूगल हैंगआउट पर पार्टी कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता ने मोदी सहित वरिष्ठ नेताओं की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा के अंदर मचे घमासान की खबरों को लेकर भी मुख्य विपक्षी दल पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि सौ सीटों की बात मजाक है और आपको इसे समझना होगा। विपक्ष का सारा प्रचार आपको हतोत्सहित करने का है। अगर आप हतोत्साहित नहीं होते हैं तो हम उन्हें जोरदार टक्कर देंगे।
इस सवाल पर कि अगर कांग्रेस को सौ सीटें मिलीं तो चुनाव के बाद कांग्रेस क्या करेगी, उन्होंने कहा कि अगर आपके दिमाग में कोई शंका नहीं है तो हमें दो सौ से ज्यादा सीटें मिल रही हैं। पूरा खेल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निरूत्साहित करने, उनके मन में शक पैदा करने का है।
पहली बार हम 2004 में चुनाव लड़े हर एक ओपिनियन पोल में कहा गया कि हम बुरी तरह पराजित होने जा रहे हैं। कांग्रेस ने वह चुनाव जीता। 2009 में हर एक ओपिनियन पोल ने कहा कि हम पराजित होने जा रहे हैं हमने अपने आंकड़े को दोगुना किया।
राहुल गांधी ने कहा कि हम अब तीसरा चुनाव लड़ रहे हैं। वे हमेशा कहते हैं कि कांग्रेस अच्छा नहीं करेगी। हम इस धारणा के साथ शुरू न न करें कि ओपिनियन पोल कानून हैं। हमें एक मजबूत चुनाव लड़ना है। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों के पार्टीजन से विपक्ष की चाल में न फंसने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो क्रांति में विश्वास करती है जबकि भाजपा रूढ़िवाद और जड़ता की प्रतीक है।
उन्होंने उम्मीदवार चुनने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा शुरू की गई प्राइमरी योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर आप हमारे विरोधियों को देखें, हर एक उम्मीदवार का चुनाव एक व्यक्ति द्वारा होता है। उनके वरिष्ठ नेता कह रहे हैं कि हर एक उम्मीदवार का चयन एक व्यक्ति द्वारा होता है। वह एक दिशा की ओर बढ़ रहे हैं और हम पूरी तरह से अलग दिशा की ओर बढ़ रहे हैं।

अमृतसर को छोड़ कहीं और से नहीं लड़ूंगा चुनाव: सिद्धू


अमृतसर को छोड़ कहीं और से नहीं लड़ूंगा चुनाव: सिद्धू

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। लगातार तीन बार से अमृतसर लोकसभा चुनाव सीट जीतते आ रहे नवजोत सिंह सिद्धू संभवतः इस बार यहां से उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से सख्त नाराज है और उन्होंने भाजपा आलाकमान से कह दिया है कि वह इसके अलावा कहीं और से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली को अमृतसर से उम्मीदवार बनाने के बारे में पार्टी विचार कर रही है। भाजपा संसदीय बोर्ड की शनिवार को हुई बैठक में सिद्धू ने कहा कि जेटली को अमृतसर से उम्मीदवार बनाने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह कहीं और से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
सिद्धू ने कहा, ‘अमृतसर मेरी कर्मभूमि है और मेरे गुरु का स्थल है। मैंने जनता से वायदा किया है कि मैं या तो अमृतसर से लडूंगा या फिर लड़ूंगा ही नहीं। मैं अपने इस प्रण पर आज भी कायम हूं।सूत्रों ने बताया कि भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में आज सिद्धू को उनके विचार रखने के लिए बुलाया गया था। उनके सामने दिल्ली की एक सीट, चंडीगढ़ या कुरूक्षेत्र से इस बार चुनाव लड़ने की पेशकश की गई।
उन्होंने हालांकि कहा कि अगर पार्टी जेटली को अमृतसर से उतारना चाहती है तो वह इसका स्वागत करते हैं लेकिन उनका कहीं और से चुनाव लड़ने का इरादा नहीं है। पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘भाजपा और जेटली से मेरे रिश्ते पवित्र हैं। वह मेरे परामर्शदाता हैं। त्याग का एक पवित्र रिश्ता है। पार्टी जो भी निर्णय करेगी, मैं स्वागत करूंगा। लेकिन सिद्धू इस त्याग के बदले में कुछ मांगेगा नहीं।बार बार यह पूछे जाने पर कि अमृतसर की सीट अगर उन्हें नहीं दी जाती है तो वह उसके बदले में क्या लेंगे, उन्होंने कहा कि वह सौदेबाजी में यकीन नहीं करते हैं और पार्टी से उन्होंने कभी कुछ नहीं मांगा।

प्रदेश के नौ संसदीय क्षेत्र में पहले दिन कोई नामांकन नहीं


प्रदेश के नौ संसदीय क्षेत्र में पहले दिन कोई नामांकन नहीं

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिये पहले चरण के नौ संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में आज पहले दिन उम्मीदवारों द्वारा कोई भी नाम-निर्देशन-पत्र जमा नहीं करवाया गया। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पहले चरण के नामांकन के लिये आज सुबह अधिसूचना जारी की गई थी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही लोकसभा निर्वाचन के लिये चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। पहले चरण के लिये 10 अप्रैल को मतदान होना है।

नाम-निर्देशन पत्र
अधिसूचना जारी होने की तिथि - 15 मार्च, नाम निर्देशन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि - 22 मार्च, नाम निर्देशन पत्र की स्क्रूटनी - 24 मार्च, नाम-निर्देशन पत्र वापिस लेने की अंतिम तिथि - 26 मार्च रखी गई है। प्रथम चरण 10 अप्रेल को आरंभ होगा जिसमें 9-सतना, 10-रीवा, 11-सीधी, 12-शहडोल (अजजा), 13-जबलपुर, 14-मंडला (अजजा), 15-बालाघाट, 16-छिंदवाडा, 17- होशंगाबाद शामिल हैं।
मध्यप्रदेश के जिन संसदीय क्षेत्रों में नामांकन की प्रक्रिया आज से प्रारंभ हुई, उनमें 9-सतना, 10-रीवा, 11-सीधी, 12-शहडोल (अजजा), 13-जबलपुर, 14 मंडला(अजजा), 15-बालाघाट, 16-छिंदवाड़ा, 17-होशंगाबाद शामिल हैं। इन संसदीय क्षेत्रों में 22 मार्च तक नाम-निर्देशन-पत्र जमा करवाये जा सकेंगे। नाम-निर्देशन-पत्र की संवीक्षा (स्क्रूटनी) का कार्य 24 मार्च को होगा। आगामी 26 मार्च तक उम्मीदवारों द्वारा नाम वापस लिये जा सकेंगे।

चुनाव के दौरान मीडिया समाचार को लेकर संयम बरते


चुनाव के दौरान मीडिया समाचार को लेकर संयम बरते

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। भारत घ्निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया को समाचार को लेकर संयम बरतने का आग्रह किया है।
आयोग ने कहा है कि मीडिया समाचार को इस तरह से जारी करे कि निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाये रखने में मदद मिल सके। आयोग ने कहा है कि किसी चुनाव क्षेत्र मंन चुनाव प्रक्रिया के निर्धारित समय की समाप्ति से 48 घण्टे की अवधि के दौरान ऐसे कार्यक्रम प्रकाशित और प्रसारित नहीं किये जायें, जिससे मतदान प्रक्रिया प्रभावित हो। आयोग ने कहा है कि जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के प्रावधान की अवेहलना पर 2 साल तक की जेल या जुर्माना किया जा सकता है।
आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि टी.वी, रेडियो व केबल नेटवर्क 48 घण्टे की अवधि के दौरान परिचर्चा में शामिल पेनलिस्ट के विचारों सहित कोई ऐसी बात प्रसारित नहीं करेंगे, जिससे यह महसूस हो कि किसी राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार की जीत की संभावना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रतिबंधित 48 घण्टे के पूर्व कार्यक्रम के प्रसारण के पहले टी.वी., रेडियो चौनल एवं केबल नेटवर्क राज्य, जिला और स्थानीय अधिकारियों से संबंधित प्रसारण की अनुमति प्राप्त करेंगे। उनके द्वारा जो कार्यक्रम प्रसारित किये जायेंगे वे केबल नेटवर्क अधिनियम प्रावधान के अंतर्गत शालीनता, साम्प्रिदायिक, सौहार्द आदि के दायरे में होना चाहिये।
आयोग ने मीडिया को पेड न्यूज के लिये बनाये गये प्रावधानों का पालन किये जाने का भी आग्रह किया है। ब्राडकॉस्ट करने वाले समाचार और पेड न्यूज में साफतौर पर फर्क रखा जाना चाहिये। ऐसे समाचार जो प्रायोजित हों उनमें भुगतान प्राप्त सामग्री‘, ‘भुगतान प्राप्त विज्ञापनअनिवार्य रूप से लिखा जाना चाहिये। आयोग ने ओपेनियन पोल के संबंध में भी तैयार किये गये दिशा-निर्देशों का उल्लेख किया है। आयोग ने मीडिया से कहा है कि ओपेनियन पोल को ठीक एवं उचित तरीके से प्रसारित किया जाना चाहिये। मीडिया से कहा गया है कि वे ओपेनियन पोल के प्रसारण के पूर्व जन सामान्य को यह भी बतायें कि उक्त ओपेनियन पोल किसके द्वारा प्रायोजित किया गया है। ओपेनियन पोल प्रसारण के साथ ऐसी जानकारी भी दी जाए जिससे दर्शक उसके महत्व और विश्वसनीयता को जान सकें। दर्शकों को यह भी जानकारी दी जानी चाहिये कि ओपेनियन पोल को तैयार करने में क्या तरीके अपनाये गये है। मतों की संख्या सीटों की संख्या में कैसे परिवर्तित होती है उसके बारे में भी दर्शकों को जानकारी दी जानी चाहिये। आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि चुनाव की घोषणा से लेकर परिणाम घोषित होने तक ब्राडकास्ट किये जाने वाले समाचारों की मॉनीटरिंग की जायेगी। ब्राडकास्टर द्वारा नियमों का उल्लघंन करने पर संबंधित के खिलाफ नेशनल न्यूज ब्राडकास्टिंग स्टेन्डर्ड अथारिटी (एनबीएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
भारत निर्वाचन आयोग ने प्रचार माध्यमों का ध्यान प्रेस कांउसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी दिशा-निर्देश की ओर भी आकर्षित किया है। मीडिया से उम्मीद की गई है कि वे दर्शकों एवं पाठकों को चुनाव के दौरान उम्मीदवारों से संबंधित वस्तुपरक जानकारियाँ दें। मीडिया को अपनी कार्य प्रणाली में यह दिखाना होगा कि उनके द्वारा जारी किये गये समाचार निष्पक्ष हैं। उनके द्वारा जारी किये गये तथ्यों से किसी राजनैतिक दल एवं उम्मीदवार की अनदेखी नहीं हो रही है। निर्वाचन प्रावधानों के अंतर्गत सांप्रदायिक अथवा जाति आधारित चुनावी अभियान पूर्णतरू प्रतिबंधित है। प्रेस को ऐसे समाचार प्रकाशित और प्रसारित करने से बचना चाहिये जिनसे लोगों के मध्य धर्म, जाति, नस्ल, संप्रदाय या भाषा को लेकर वैमनस्य उत्परन्न न हो। प्रेस को किसी उम्मीदवार व राजनैतिक दल के विरूद्ध असत्यापित समाचार प्रकाशित नहीं करना चाहिये। मीडिया को हर प्रकार के राजनैतिक एवं आर्थिक दबाव से खुद को बचाये रखना चाहिये। आयोग ने मीडिया से कहा है कि भूलवश यदि कोई गलत जानकारी प्रकाशित या प्रसारित हो गई है तो उसमें बिना देरी किये हुए भूल सुधार को महत्व के साथ प्रकाशित एवं प्रसारित किया जाना चाहिये।

नहीं गया केंद्रीय अध्ययन दल सिवनी!


नहीं गया केंद्रीय अध्ययन दल सिवनी!

केन्द्रीय अध्ययन दल का छिंदवाड़ा और अशोकनगर का दौरा

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। केन्द्रीय अध्ययन दल ने आज छिंदवाड़ा एवं अशोकनगर जिले का दौरा कर ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का मौके पर जाकर जायजा लिया। सिवनी में इससे हुए नुकसान की खबरें केंद्रीय स्तर पर उछलने के बाद भी अध्ययन दल ने सिवनी से किनारा ही किया।
केन्द्रीय अध्ययन दल छिंदवाड़ा जिले के ग्राम खापामिट्ठेखां, चारगाँव, झिरलिंगा, जम्होड़ी, पिपरिया वीरसा, बनगाँव एवं सारना का दौरा किया। उन्होंने ओलावृष्टि के कारण गेहूँ, पपीता और सब्जी की फसलों को देखा जिन्हें ओलावृष्टि के कारण गम्भीर क्षति पहुँची है। केन्द्रीय अध्ययन दल ने ओला वृष्टि से मकानों को हुई क्षति का भी अवलोकन किया। अध्ययन दल ने पीड़ित किसानों से भी चर्चा की।
केन्द्रीय अध्ययन दल को कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी ने ओलावृष्टि एवं अति वर्षा से उत्पन्न स्थिति की जानकारी देते हुए राज्य शासन द्वारा लिये गये निर्णयों के बारे में बताया। केन्द्रीय अध्ययन दल ने आज अशोकनगर जिले के विभिन्न गाँवों का दौरा कर क्षतिग्रस्त फसलों को देखा और प्रभावित किसानों से चर्चा की।