मंगलवार, 12 मार्च 2013

सीएम का साथ देने में सांसे फूल रही जनसंपर्क की!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 71

सीएम का साथ देने में सांसे फूल रही जनसंपर्क की!

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। भारतीय जनता पार्टी के दो मुख्यमंत्रियों के बीच इन दिनों उपलब्धियां जताने की जंग जारी है। दोनो ही मुख्यमंत्री अपने अपने कार्यकाल में लागू योजनाओं के बखान के साथ ही साथ कांग्रेस के आलानेताओं से अपनी पीठ थपथपाने का जतन करते नजर आ रहे हैं। भाजपा के नेताओं में इस बात को लेकर आश्चर्य प्रकट किया जा रहा है कि जब दोनों ही मुख्यमंत्री पांच साल से ज्यादा समय से सत्ता पर काबिज हैं तो उन दोनों ही के राज्य में सरकारी जनसंपर्क विभाग आखिर इस मामले में उनका साथ क्यों नहीं दे रहा है।
पिछले काफी दिनों से जबसे भाजपा के शीर्ष नेता एल.के.आड़वाणी को हाशिए पर लाने का प्रयास किया गया है तबसे नेतृत्व में आई रिक्तता को भरने के लिए नरेंद्र मोदी तेजी से आगे आने लगे हैं। नरेंद्र मोदी का पीआर संभालने वालों ने उन्हें देश में नंबर वन साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मोदी के विरोधियो का भी वही एजेंसी शमन करती नजर आ रही है।
वहीं दूसरी ओर मोदी के मुकाबले सहज, सुलभ और विकास पुरूष की छवि बनाई जा रही है एमपी के निजाम शिवराज सिंह चौहान की। शिवराज सिंह चौहान की इमेज बिल्डिंग में मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा पूरी तरह से असफल ही साबित हो रहा है। इसका कारण जनसंपर्क विभाग में सारे अधिकारों का केंद्रीयकरण ही बताया जा रहा है।
बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान राजनाथ सिंह के हाथ आने के बाद पार्टी के संसदीय बोर्ड में जगह पाने को लेकर अंदर ही अंदर चल रहा संघर्ष किसी से छुपा नहीं है। बीजेपी की मजबूरी यह है कि वह कुछ बड़े नेताओं के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की इच्छा की उपेक्षा नहीं कर सकती।
बीते दिनों शहडोल में तो पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय स्तर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के काल में हुए विकास कार्यों की चर्चा करते हुए मोदी के साथ चौहान को विकास का मॉडल बताया। इसके उपरांत देश के प्रधानमंत्री ने भी शिवराज की पीठ थपथपा दी।
शिवराज सिंह चौहान के पास सारे गुण और गण मौजूद रहने के बावजूद भी उनकी छवि राष्ट्रीय स्तर की ना बन पाने से भाजपाई अचंभित हैं। सुषमा स्वराज, प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, राकेश सिंह, गणेश सिंह, सुमित्रा महाजन आदि जैसे राष्ट्रीय स्तर के क्षत्रपों के एमपी में होने के बाद भी मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा शिवराज सिंह चौहान की ग्लोबल इमेज नहीं बना पा रहा है। बताते हैं कि इसके पहले कांग्रेस के शासनकाल में इसी जनसंपर्क ने राजा दिग्विजय सिंह की देश मेें ही नहीं वरन विदेशों में भी गजब की छवि बनाई थी।

अमान परिवर्तन में भी सिवनी के साथ हुआ सौतेला व्यवहार


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 15

अमान परिवर्तन में भी सिवनी के साथ हुआ सौतेला व्यवहार

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। पता नहीं पर लगता है कि सिवनी को किसी की नजर लग गई है। जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी की जन्मस्थली होने के बाद भी कांग्रेस द्वारा सिवनी के साथ पिछले दो दशकों से दोयम दर्जे का व्यवहार ही किया जा रहा है। सालों पुरानी बहुप्रतिक्षित छिंदवाड़ा सिवनी नैनपुर मण्डला रेलखण्ड के अमान परिवर्तन की मांग रेल्वे के वर्ष 2010 - 2011 में पूरी तो कर दी गई किन्तु इसका काम मण्डला वाले सिरे से आरंभ किया गया है वह भी औपचारिकता के बतौर।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो से मणिका सोनल ने रेल्वे बोर्ड के सूत्रों के हवाले से बताया कि वर्ष 2010 - 2011 में छिंदवाड़ा नैनपुर रेलखण्ड के अमान परिवर्तन के लिए चार करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया गया था। बाद में 2011 - 2012 के बजट में इस रेलखण्ड के लिए महज 72 लाख रूपए की राशि का ही प्रावधान किया गया था। इस तरह यह राशि बढ़ाकर चार करोड़ 72 लाख कर दी गई थी। इस परियोजना में काम को चालू कराने के निर्देश मण्डला की ओर से दिए गए थे।
इसके साथ ही साथ वर्ष 2012 - 2013 के बजट में इस रेलखण्ड के लिए 25 करोड़ रूपए का प्रावधान किया जाना रेल्वे बोर्ड के सूत्रों ने स्वीकार किया है, किन्तु यह राशि कब रिलीज की जाएगी इस बारे में रेल्वे बोर्ड के सूत्र मौन हैं। सूत्रों ने कहा कि छिंदवाड़ा सिवनी नैनपुर मण्डला फोर्ट रेल्वे खण्ड के अमान परिवर्तन में पहली प्राथमिकता मण्डला फोर्ट से नैनपुर रेलखण्ड की है।
इसके पीछे के कारणों को स्पष्ट करते हुए रेल्वे बोर्ड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मण्डला से नैनपुर अमान परिवर्तन के उपरांत नैनुपर से जबलपुर के हिस्से को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। सिवनी वैसे भी रेल्वे बोर्ड की प्रथमिकता की सूची में शामिल नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि 2005 - 2006 में रेल्वे बजट में स्वीकृत छिंदवाड़ा नागपुर के अमान परिवर्तन के लिए अब तक 202.95 करोड़ रूपए दिए जा चुके हैं और चालू माली साल के लिए इसके लिए चालीस करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान भी किया गया है। वहीं जबलपुर गोंदिया और बालाघाट कटंगी के लिए 598.36 करोड़ रूपए का अवंटन दिया जा चुका है और वर्तमान में इसके लिए 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
(क्रमशः जारी)

पीसीबी सरकार का या गौतम थापर का!


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 15

पीसीबी सरकार का या गौतम थापर का!

(सुरेंद्र जायस्वाल)

जबलपुर (साई)। मध्य प्रदेश में प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए गठित किए गए प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के आला अधिकारी आखिर प्रदूषण नियंत्रित करने का काम कर रहे हैं या देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर की देहरी पर कत्थक कर रहे हैं? जी हां, संचार क्रांति के इस युग में एमपीपीसीबी की आधिकारिक वेबसाईट कुछ यही बयां करती नजर आ रही है।
एमपीपीसीबी की वेब साईट पर देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश की संस्कारधानी से महज सौ किलोमीटर दूर सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य ग्राम बरेला में लगाए जा रहे पावर प्लांट की संस्थापना लगभग आधी हो चुकी है और संयंत्र के पहले और दूसरे चरण की लोकसुनवाई के बारे में वेब साईट का नजरिया अस्पष्ट ही नजर आ रहा है।
ज्ञातव्य है कि 22 अगस्त 2009 को संपन्न पहली लोकसुनवाई की ना तो मुनादी पीटी गई और ना ही कहीं प्रचारित किया गया। मजे की बात तो यह है कि इस लोकसुनवाई में पीसीबी की वेब साईट मौन रही। बाद में हो हल्ला होने पर 17 अगस्त 2009 को इसकी कार्यवाही का विवरण डाला गया। इस लोकसुनवाई का विवरण आज भी पीसीबी की वेब साईट पर अस्पष्ट और अपठनीय ही प्रस्तुत किया गया है।
इस लोकसुनवाई में 600 मेगावाट के दो पावर प्लांट यानी कुल 1200 मेगावाट के पावर प्लांट को डालने की बात कही गई थी। इसके उपरांत दूसरी जनसुनवाई 22 नवंबर 2011 को संपन्न हुई। यह लोकसुनवाई संपन्न होने तक पीसीबी की वेब साईट पर डले कार्यकारी सारांश में 1200 मेगावाट की ही लोकसुनवाई बताया जा रहा था। बाद में इसे बदलकर 1260 मेगावाट कर दिया गया।
आज लगभग 16 माह बीत जाने के बाद भी एमपीपीसीबी की वेब साईट पर 22 नवंबर 2011 को संपन्न लोकसुनवाई में उठाए गए मामले, मुद्दे, आपत्तियां आदि क्या आईं और क्या एवं किस रूप में सरकार को प्रेषित की गईं हैं इस बारे में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेब साईट मौन है, जिससे लगने लगा है मानो एमपीपीसीबी सरकार के अधीन ना होकर गौतम थापर की मिल्कियत बन गया है।
(क्रमशः जारी)

बुधवार को कार्यभार ग्रहण करेंगे कलेक्टर सिवनी


बुधवार को कार्यभार ग्रहण करेंगे कलेक्टर सिवनी

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। सिवनी जिले के नवागत जिलाधिकारी भरत यादव बुधवार 13 मार्च को कार्यभार ग्रहण करेंगे। उक्ताशय की बात उन्होंने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही। 20 जून 1981 को जन्मे यादव भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1 सितम्बर 2008 को आए हैं। वे वर्तमान में उपसचिव स्थानीय शासन विभाग के साथ ही साथ प्रोजेक्ट उदय के प्रभारी भी हैं। मूलतः मध्य प्रदेश के निवासी यादव ने अंग्रेजी लिटरेचर से बीए और पालीटिकल सांईस विषय से एमए किया है। बतौर कलेक्टर यह उनकी पहली तैनाती है।
वहीं दूसरी ओर जबलपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी मिथलेश शुक्ला ने साई न्यूज से चर्चा के दौरान कहा कि जब उच्चाधिकारियों का आदेश होगा तभी वे पदभार ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही साथ सिवनी में जिला पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ रहे संजय झा जो अब पुलिस महानिरीक्षक बनकर जबलपुर रेंज आ रहे हैं ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि वे जल्द ही अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। उन्होंने लंबे समय के उपरांत महाकौशल वापसी पर प्रसन्नता भी व्यक्त की।

इटली ने किया भारत के साथ विश्वासघात!


इटली ने किया भारत के साथ विश्वासघात!

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। केरल तट पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या के लिए भारत में मुकदमे का सामना कर रहे इटली के दो नौसैनिक भारत नहीं लौटेंगे। उन्हें हाल ही में स्वदेश जाने की अनुमति दी गई थी। नई दिल्ली में इटली के राजदूत डैनियल मैन्चिनी ने इस बारे में एक पत्र विदेश मंत्रालय को सौंपा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसे कल देर रात यह पत्र मिला है और वह इसका सावधानीपूर्वक अध्ययन करेगा।
ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष फरवरी में केरल तट पर दो भारतीय मछुआरों को गलती से समुद्री लुटेरे समझकर मार देने के आरोपी इटली के नौसैनिकों मैसीमिलियानों लातोर और सल्वातोर गिरोन को उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने चुनाव में मतदान के वास्ते चार सप्ताह के लिए इटली जाने की अनुमति दी थी। पिछली बार उन्हें क्रिसमस के दौरान स्वदेश जाने की इजाजत दी गई थी और अवधि पूरी होने पर वे भारत लौट आए थे।

जालंधर : विजेंद्र से की पुलिस ने पूछताछ


विजेंद्र से की पुलिस ने पूछताछ

(शंटी आनंद)

जालंधर (साई)। पंजाब में मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में कल ओलिम्पिक मुक्केबाज विजेन्द्र सिंह से पूछताछ की गई। उसके मित्र मुक्केबाज रामसिंह ने नशीले पदार्थों के सेवन के सिलसिले में कथित तौर पर विजेन्द्र का नाम लिया था। विजेन्द्र ने पुलिस को अपने खून और बाल के नमूने देने से इंकार कर दिया है। पंजाब पुलिस द्वारा एक सौ तीस करोड़ रूपये के मादक पदार्थ बरामद किये जाने के बाद जांच के सिलसिले में इन नमूनों की जरूरत थी।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि ऑलंपियन विजेन्द्र की कल शाम साढ़े तीन घंटे तक पंचकूला में पूछताछ की गई है। विजेन्द्र द्वारा खून व बालों के सैंपल देने से मना करने से अब पुलिस इन्हें लेने के लिए अदालत का सहारा लेगी। इस दौरान कल इस केस में तिहाड़ जेल से पंजाब लाए गए एक हिस्ट्री शीटर परमजीत सिंह से भी पूछताछ चल रही है। परमजीत को इस अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट के सरगना माने जा रहे अर्जुना अवॉडी जगदीश वोहरा तक पहुंचने की एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है। भगौड़ा हुए जगदीश वोहरा को पकड़ने के लिए लुक आउट सर्कुलर पहले ही जारी किया जा चुका है।

ग्वालियर संभाग की 49 पेयजल योजनाएं पूरी


ग्वालियर संभाग की 49 पेयजल योजनाएं पूरी

(राजीव सक्सेना)

ग्वालियर (साई)। ग्वालियर संभाग में मुख्यमंत्री पेयजल योजना में इस वर्ष अब तक 49 योजनाएँ पूर्ण की जा चुकी हैं। संभाग में वर्ष 2012-13 में 10 करोड़ 9 लाख रुपये की 102 पेयजल योजना को मंजूरी दी गई थी। संभाग में योजना प्रारंभ से अब तक 197 योजनाएँ पूर्ण की जा चुकी हैं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित इन योजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा की जा रही है। पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्रियों को उनके जिले में इस वर्ष मुख्यमंत्री पेयजल योजना में मंजूर की गई योजनाओं को शीघ्र पूरा किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। जिन योजनाओं में विद्युत कनेक्शन लिया जाना शेष रह गया है, उन पर तत्काल कार्यवाही कर योजना को प्रारंभ करने को कहा गया है। प्रदेश में 500 से अधिक जनसंख्या वाले ग्राम में मुख्यमंत्री पेयजल योजना कार्यक्रम के अंतर्गत, स्पॉट सोर्स जल-प्रदाय योजना के क्रियान्वयन का निर्णय लिया गया है।

मध्‍य प्रदेश : मुआवजा राशि बढ़ी


मुआवजा राशि बढ़ी

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। राज्य शासन ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में संशोधन कर सूखा, ओला, पाला, बाढ़ आदि नैसर्गिक विपत्तियों से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिये किसानों को फसल हानि के मामलों में दी जाने वाली सहायता राशि में पुनः वृद्धि की है। संशोधित दरें 3 फरवरी, 2013 से प्रभावशील मानी जायेंगी। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2002 के मुकाबले कई मामलों में सहायता राशि में 10 गुना तक की वृद्धि हुई है।
राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि राजस्व पुस्तक परिपत्र में इस बार रेशम उत्पादन में लगे हुए किसानों के लिये भी प्रावधान किया गया है। नये प्रावधानों के तहत एरी, शहतूत और टसर फसल के लिये अब 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा मूँगा के लिये 5000 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता राशि दी जायेगी। पहले रेशम पालन में संलग्न किसानों के लिये इस तरह का कोई प्रावधान नहीं था।
श्री वर्मा ने बताया कि राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में संशोधन के बाद जीरो से 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारित करने वाले लघु एवं सीमांत कृषक को अब 25 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर वर्षा से आधारित फसल के लिये साढ़े तीन हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिये 6,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) 6,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) फसल के लिये 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और सब्जी की खेती के लिये 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि दी जायेगी। वर्ष 2002 में यह सहायता अनुदान राशि 1,000 रुपये थी।
इसी तरह 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर इन लघु एवं सीमांत किसान को वर्षा आधारित फसल के लिये 5,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिये 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) 9,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) 13 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर, सब्जी की खेती के लिये 13 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता अनुदान राशि दी जायेगी। वर्ष 2002 में यह राशि 2,000 रुपये प्रति हेक्टेयर थी।
श्री वर्मा ने बताया कि 2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले किसानों को अब संशोधित प्रावधानों के तहत 25 से 50 प्रतिशत फसल क्षति होने पर वर्षा आधारित फसल के लिये 3,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिये 4,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर फसल के लिये 4,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) 8,000 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और सब्जी की खेती के लिये भी 8,000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि निर्धारित की गई है। वर्ष 2002 में इन किसान के लिये कोई प्रावधान नहीं था।
इसी प्रकार 2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि धारित करने वाले किसानों को अब 50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर वर्षा आधारित फसल के लिये 4,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसल के लिये 7,500, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से कम अवधि में क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर फसल के लिये 9,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, बारहमाही (बोवाई/रोपाई से 6 माह से अधिक अवधि के बाद क्षतिग्रस्त या प्रभावित होने पर) 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और सब्जी की खेती के लिये भी 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि निर्धारित की गई है। वर्ष 2002 में इनके लिये 1,000 रुपये सहायता अनुदान राशि का प्रावधान था।
श्री करण सिंह वर्मा ने जानकारी दी कि आरबीसी 6-4 के तहत अब फलदार पेड़, उन पर लगी फसलें, पान बरेजे आदि की हानि के लिये भी आर्थिक अनुदान सहायता में वृद्धि की गई है। नवीन दरों के अनुसार अब फलदार पेड़ या उन पर लगी फसलों (संतरा, नीबू के बगीचे, पपीता, केला, अंगूर, अनार आदि की फसलें छोड़कर) की 25 से 50 प्रतिशत तक फसल हानि होने पर 300 रुपये प्रति पेड़ और 50 प्रतिशत से अधिक हानि होने पर 400 रुपये प्रति पेड़ आर्थिक अनुदान सहायता देय होगी। इसी तरह संतरा, नीबू के बगीचे, पपीता, केला, अंगूर आदि की फसलों के 25 से 50 प्रतिशत तक हानि होने पर 6,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, 50 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर और पान बरेजे आदि की 25 से 50 प्रतिशत फसल हानि पर 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर या 450 रुपये प्रति पारी और 50 प्रतिशत से अधिक फसल हानि होने पर 28 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर या 700 रुपये प्रति पारी की दर से आर्थिक अनुदान सहायता राशि दी जायेगी। राजस्व सचिव अजीत केसरी ने इस संबंध में सभी संभागायुक्त और कलेक्टर को निर्देश जारी कर दिए हैं।

मुजफ्फरनगर : अनिश्चितकालीन धरना जारी


अनिश्चितकालीन धरना जारी

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के तत्वाधान में मेरठ कमीशनरी के मैदान में अदालत के आदेशोनुसार किसानों को उसका हक न दिलाये जाने से 26 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। जहां रात्रि में भी हजारों किसान खुले आसमान के नीचे बैठे हुए है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मंडल संयोजक विकास बालियान ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच के माननीय जज प्रदीपकांत एवं रितू राज अवस्थी ने 29.08.2011के अपने फैंसले में स्पष्ट किया है कि एक सोशायटी में दो रेट नहीं हो सकते और प्रदेश का किसान चीनी मिल और गन्ना सोसायटी के मध्य फार्म सी के तहत हुए समझौते के बाद सुरक्सन के आधार पर मिलों को गन्ना डालते है। किसानों को मिले सोसायटी के माध्यम से पर्चियां देती है ताकि व मिल की सुविधानुसार दी गयी तारीख को गन्ना डाल सके। इस सबके बीच गन्ना आयुक्त का दायित्व रहता है कि वह सभी गन्ना किसानों को मिल द्वारा दिया जाने वाला अधिकतम मूल्य दिलाये या जो अधिकतम मूल्य राज्य सरकार ने तय किया हो। वर्ष 2009-10 में मिल चलने के प्रारम्भ में 185 रूपये प्रति कुंतल और अन्त में 260 रूपये प्रति कुंतल तक गन्नारेट मिला। जिस पर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह अदालत में गये और सभी किसानों को 260 रूपये गन्ना भुगतान कराने का अनुरोध किया जिसे अदालत ने स्वीकार किया और 29.08.2011 को केस संख्या 5287 में फैंसला देते हुए गन्ना आयुक्त को निर्देश दिया कि वह सभी किसानोंको 260 रूपये की दर से अन्तर मूल्य भुगतान दिलाना सुनिश्चित करें। इस कार्य में महीने न लगाये जाये। लखनऊ बैंच का यह फैंसला आये डेढ साल बीत गया मगर गन्ना अंतर मूल्य भुगतान आज तक नहीं कराया गया।
वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच से ही माननीय जज उमानाथ सिंह एवं विरेन्द्र कुमार दीक्षित ने भी वीएम सिंह की याचिका संख्या 6429 पर 6 अगस्त 2012 को आदेश दिया कि किसानों का जो भी भुगतान गन्ना डालने के 15 दिन के भीतर नहीं किया गया उस पर 15 फीसदी ब्याज लगाकर भुगतान कराया जावे। इसी बीच जिस भी गन्ना किसान के जिसका ब्याज या मूलधन बकाया है उस पर अगर कोई भी सरकार या अर्द्धसरकारी देनदारी है तो उसकी कर्ज वसूली तब स्थगित कर दी जाये जब तक उसे उसका पैसा चीनी मिल से नहीं मिल जाता।
अदालत के इन फैंसलों को लागू कराने के लिए वीएम सिंह एवं पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने 29 जनवरी 2013 को प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि अगर अदालत के इन दोनों आदेशों का पालन दो हफ्ते के भीतर नहीं कराया जाता तो गन्ना किसान अपनी इन अधिकार मांगों को लेकर 26 फरवरी से मेरठ कमीशनरी पर धरना देने को मजबूर होंगे। सरकार द्वारा इस मामले में कोई भी रूचि न लेने पर गन्ना किसान 26 फरवरी से आंदोलन करने को मजबूर है और मेरठ कमीशनरी पर धरने पर बैठे हुए है। 26 फरवरी को प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए किसानों को परेशान किया। उनके वाहन टैªक्टर ट्रालियां धरने से कई किमी पहले रूकवाये। उन्हें डराया धमकाया गया। मगर किसानों की भारी संख्या और उग्र तेवर देखकर प्रशासन सख्ती करने में कामयाब नहीं हो पाया। अदालत के आदेशों की तामिल को लेकर धरने पर बैठ गये किसानों को प्रशासन इस आंदोलन को रूकवा देने की उम्मीद में सफल नहीं हो पाया। वीएम सिंह के नेतृत्व में किसानों ने अनुशासित होकर आंदोलन को आगे बढाया है। सभी किसान अपनी रहने व खाने की व्यवस्था को लेकर निश्चित है। किसानों के इस धरने में गांव देहात से बडी संख्या में जहां महिलाएं बच्चे वृद्ध लगातार आ रहे है वहीं दूध, खीर हलवा, दाल रोटी चावल, पुरी सब्जि, मगर चाट, केले आदि को भी किसान लेकर आ रहे है।
धरने को जहां विभिन्न राजनैतिक, गैर राजनैतिक संगठन अपना समर्थन प्रदान कर रहे है वहीं देश की जानी मानी विभिन्न क्षेत्रों से जुडी बडी हस्तियंा भी धरना स्थल पर पहुंच रही है। प्रख्यात कवि, फिल्मी कलाकार, सुप्रीम कोर्ट बार संघ के अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता, सेवानिवृत्त न्यायाधीश से लेकर महाराणा प्रताप के वंशज तक आंदोलन में पहुंच रहे है। खाप चौधरियों के साथ साथ जल और प्रदूषण को लेकर मेघासेसे जैसे प्रतिष्ठित पुरूस्कार प्राप्त वरिष्ठ चितंत, सेना में उच्चा स्तरीय पदों पर रहे विभिन्न अधिकारी तक मेरठ में आकर किसानों को समर्थन दे रहे है।
लोकसभा और उत्तर प्रदेश की विधानसभा में किसानों के ये मुद्दे और आंदोलन की चर्चाएं तक हो चुकी है परंतु राज्य सरकार अभी तक चीनी मिल मालिकों के किसानों का हक दिलवाने को तैयार नजर नहीं आ रही हैं बल्कि सहकारी और सरकारी चीनी मिले जो सरकार के ही आधीन है उनसे भी पैसा नहीं दिला रही।
प्रदेश के 55 लाख गन्ना किसानों का यह बकाया लगभग 5 हजार करोड से अधिक है। प्रदेश सरकार 55 लाख  गन्ना किसानों के मुकाबले 55 चीनी मिल मालिकों को अधिक तवज्जों दे रही है जो बहुत शर्मनाक है। जहां प्रदेश में उच्चतम न्यायालय के आदेश की बात कर ग्रामीण क्षेत्रों के आवागम हेतु सबसे सफल वाहन जुगाड को तत्काल रोक चुकी है और न्याय प्रणाली के प्रति विश्वास जमाने की बात करकर वाह वाही लूटने का प्रयास करती है वहीं दूसरी ओर 55 लाख गन्ना किसानों के हिस में आये अदालती आदेश का पालन कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाती।
धरने पर आये सुप्रीम कोर्ट बार संघ अध्यक्ष एम.एन. कृष्णामणी ने सख्त शब्दों में किसानों के सामने स्पष्ट किया कि कोई भी राज्य सरकार अगर उच्चतम या उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन कराने में असफल दिखाई पडती है तो केन्द्र सरकार उस राज्य सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन भी लगा सकती है। उन्होंने कहा कि यह कार्य संविधान के आरटीकल 142 व 143 के तहत कर केन्द्र सरकार कर सकती है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि किसानों का केस बहुत मजबूत है और राज्य सरकार अगर इसका पालन नहीं कराती तो कोई भी किसान आर्टिकल 32 के तहत सीधे ही सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है।
प्रदेश की राज्य सरकार जो खुद को किसान हितैषी होने का दावा करती है अगर निजी चीनी मिल मालिकों से भुगतान कराने में असफल है तो वह सहकारी और निगम की सरकारी चीनी मिलों से गन्ना किसानों का बकाया अन्तर मूल्य भुगतान व ब्याज दिलाने की पहल कर अपने किसान हितैषी होने के दावे को पुख्ता कर सकती है।

मुजफ्फरनगर : नकली मावे व रसगुल्लों सहित आरोपी दबोचा


नकली मावे व रसगुल्लों सहित आरोपी दबोचा

(ब्यूरो कार्यालय)

मुजफ्फरनगर (साई)। सिविल लाईन पुलिस ने भारी मात्रा मंे नकली मावे व मिलावटी रसगुल्लों के साथ आरोपी को धर दबोचा जबकि उसका दूसरा साथी भागने मंे सफल रहा। मामले की सूचना मिलते ही सिटी मजिस्टेªट भी मौके पर पहुुंचे।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद के थाना सिविल लाईन पुलिस को सूचना मिली कि एक कार मंे सवार दो युवक भारी मात्रा मंे नकली मावे व मिलावटी रसगुल्ले लेकर कहीं सप्लाई करने के लिए जा रहे हैं। सूचना के आधार पर हरकत में आई सिविल लाईन पुलिस ने छापामार कार्रवाई के दौरान जनपद बागपत के गांव नवादा निवासी इन्तजार नामक युवक को भारी मात्रा में नकली मावे व मिलावटी रसगुल्लों के साथ दबोच लिया जबकि इस दौरान उसका दूसरा साथी भागने मंे कामयाब रहा। मामले की सूचना मिलते ही सिटी मजिस्टेªट इन्द्रमणि त्रिपाठी भी सिविल लाईन थाने पहुंचे। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में पकडे़ गए युवक ने बताया कि वह पिछले काफी समय से मिलावटी खा़़द्य सामग्री की सप्लाई में संलिप्त था। जिस कारण आज भी वह उक्त सामग्री को सप्लाई करने के लिए जा रहा था। पुलिस आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराआंे मंे मामला दर्ज किया है।

कैथल : ऑटो व कैंटर की भिंडत में एक की मौत, छह घायल


ऑटो व कैंटर की भिंडत में एक की मौत, छह घायल

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। ऑटो व कैंटर की आमने-सामने की भिंडत में एक महिला की मौत हो गई, जबकि छह अन्य लोग घायल हो गए। सभी घायलों को कैथल के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उनका इलाज किया गया। दो लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें पी.जी.आई रोहतक रेफर किया गया है। सी.एम.ओ. व नायब तहसीलदार जयभगवान शर्मा ने भी घायलों का हालचाल पूछा। जानकारी के अनुसार गांव पाई-भाना के बीच दोपहर के समय ऑटो व कैंटर की आमने-सामने की भिंड़त हो गई। कैंटर चालक हादसे के बाद मौके से फरार हो गया। भिंडत के कारण ऑटो चालक गांव मलार जिला जींद निवासी राजेश, दुपेड़ी निवासी महिला केलो देवी जिला करनाल, संजु, रेणू, संतरो, राम, राकेश सभी निवासी गांव मलार जिला जींद घायल हो गए। घायल रेणू ने बताया कि वे किसी काम से सुबह मलार से पेहवा गए हुए थे। दोपहर को लौटते समय उनके ऑटो की टक्कर एक कैंटर से हो गई, जिस कारण वे सभी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि आसपास के लोगों ने तुरंत ही उन्हें अस्पताल में पहुंचाया। घायलों का हालचाल पूछने पहुंचने नायाब तहसीलदार जयभगवान ने बताया कि सभी घायलों को ट्रीटमेंट दिया जा चुका है। हादसे में एक महिला केलो देवी की मौत हो गई। दो लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें पी.जी.आई रोहतक रेफर किया गया है। 

विश्व मित्रा परिवार करेगा पर्यावरण संरक्षण महायात्रा


विश्व मित्रा परिवार करेगा पर्यावरण संरक्षण महायात्रा

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। विश्व मित्रा परिवार द्वारा 13 मार्च को 3 बजे आयोजित कार्यक्रम ;श्रीराम सेन्टर, मंडी हाउस, नई दिल्लीद्ध में पर्यावरण संरक्षण हेतु सम्पूर्ण  भारत में 11 करोड़ वृक्ष लगवाने, विषमुक्त कृषि प(ति अपनाने का आह्नान किया जायेगा।
संस्था के संस्थापक भू त्यागी भारतीय ने कहा कि आज विश्व की हरियाली नित्यप्रति कम होती जा रही है। समस्त विश्व वैश्विक गर्मी से कराह रहा है। हिमशिखर पिघल रहे हैं। चारों ओर वृक्षों की कटाई प्रतिपल जारी है। जंगलों की कमी, खनन व नाभिकीय विस्पफोटों के कारण पृथ्वी का वातावरण, प्राकृतिक सन्तुलन हर क्षण बिगड़ता जा रहा है। पर्यावरण बिगड़ने का संकट अत्यध्कि गहराता ही जा रहा है।  विश्व भर के पर्यावरणविद् चिंतित है। विश्व में एकमात्रा भारतीय संस्कृति ही है जहां पर्यावरण संरक्षण के उपाय मानव के संस्कारों में भरने का भरपूर सपफल प्रयास किया। लेकिन आज के इस गलाकाट प्रतियोगिता के युग में, अक्षर ज्ञान की शिक्षा प्रणाली ने उन संस्कारों को भुला दिया है। हमारे )षिमुनियों ने हजारों, लाखों वर्ष तपस्या करके कुछ सूत्रा मानव जगत में स्थापित किये, जिस कारण मानव को स्वस्थ, सुखी समृ( रखा जा सके। उन्होंने वृक्ष एवं वनस्पतियों के गुण-दोष बड़े वैज्ञानिक तरीेके से बतायेे तथा प्रकृति के एक-एक कण का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। ज्ञान के उस महासागर से कुछ बूंद निकालकर, उन पर पुनः शोध् कर विश्व के वैज्ञानिकों ने नए कीर्तिमान स्थापित किए। कण से मानव प्रतिरूप तक, शल्यचिकित्सा से अत्याधुनिक किरण-विकिरण ;लेजरद्ध प(ति तक कोई भी वैज्ञानिक शोध् ऐसा नहीं हुआ जिसका विवरण हमारे शास्त्रों में ना हो। लेकिन विडम्बना यह रही कि आज भारतीय स्वयं ही अपने विद्याओं पर विश्वास कम कर रहें हैं जबकि विश्व के लोग हमारी विद्याओं पर अधिक विश्वास करते हुए नितप्रति नये-नये प्रयोग एवं आविष्कार कर रहे हैैं।
पर्यावरण संरक्षण हेतु महायात्रा के संयोजक एवं आरटीआई कार्यकर्त्ता गोपाल प्रसाद ने कहा कि गहन चिन्तन के उपरान्त अपने हिस्से की भागीदारी निभाते हुए विश्व मित्रा परिवारने पर्यावरण संरक्षण हेतु महायात्रा करके 11 करोड़ वृक्ष लगवाने के साथ-साथ विषमुक्त ;रसायन मुक्तद्ध कृषि एवं जल बचाओ अभियान चलाने का संकल्प लिया है। बहुपयोगी पफलदार वृक्ष लगवाना हमारी पहली प्राथमिकता होगी। इसके साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण हेतु कानून एवं नागरिकों को प्राप्त अध्किार के प्रति जन-जागरूकता तथा वन अध्निियम की उपेक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विषयों पर आरटीआई के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रशिक्षण शिविर एवं विचार गोष्ठियां देश के विभिन्न भागों में आयोजित की जायेगी। इस अभियान में किसानों, महिलाओं, मछुआरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, संस्थाओं, आवासीय कल्याण समीतियों एवं विशेषकर भारत का भविष्य अर्थात विद्याथर््िायों की सहभागिता भी अनिवार्य है, ताकि भारत भूमि से चला यह अभियान विश्व के कोने-कोने को हरा भरा बनाकर प्रदूषण मुक्त कर सके।  
संस्था की महासचिव भावना त्यागी ने कहा कि वर्तमान में विश्व मित्रा परिवार सम्पूर्ण पर्यावरण संरक्षण हेतु, मानव के स्वास्थ्य, सुरक्षित भविष्य हेतु जल-जंगल-जमीन-जन-जीव-जड़ी बूटी एवं जनश्रम प्रबन्धन, प्रकृति-पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक चिकित्सा, प्राकृतिक कृषि, वैकल्पिक ऊर्जा, आपदा प्रबन्धन एवं मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा पर विशेष शोध कार्य कर रहे हैं। बहुमूल्य समय से थोड़ा समय निकालकर अथवा अपनी सुविधानुसार आज से ही अपने हर शुभ कार्य, शुभ दिन जैसे जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ, विद्यालय जाने का प्रतिवर्ष का पहला दिन, पितृपक्ष में अपने पितरांे के श्रा( एवं प्रत्येक त्योहार पर एक वृक्ष लगाने का संकल्प लें। आपके द्वारा इस अभियान का शुभारम्भ पूरी पृथ्वी को पुनः हरा-भरा कर देगा। हमारा संकल्प कुछ ही वर्षांे मंे खेल-खेल में ही अतिशीघ्र पूरा हो जाएगा। उन्होंने आहवान् किया कि इस महान पुनीत कार्य से आज ही जुडे, ताकि विश्व को मानवतावादी इस भारत भूमि से मानव रक्षा का एक और नया सन्देश दिया जा सकें। इस महाअभियान को पूरा करने हेतु हमने पर्यावरण संरक्षण महायात्रा का आयोजन किया है।
संस्था द्वारा आयोजित इस नवम् कार्यक्रम में सलाहकार समिति द्वारा अनुशंसित प्रतिभाओं को सम्मानित किए जाने के साथ-साथ सांस्कृतिक  कार्यक्रम भी होगा। जिसमें भारत के विभिन्न भागों से अतिथियों का आगमन सुनिश्चित है।