डेढ़ महीने टल गया
मंत्रीमण्डल विस्तार
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
महामहिम राष्ट्रपति चुनावों के एन बाद होने वाला केंद्रीय मंत्री मण्डल विस्तार
सितम्बर तक के लिए टाला जा सकता है। आम चुनावों के पूर्व यह अंतिम और बड़ा फेरबदल
होगा। हालिया फेरबदल को टालने के पीछे बेहद बड़ी सर्जरी बताई जा रही है। अनेक
कद्दावर मंत्रियों के पर कतरे जाने की खबरों से मची अफरातफरी ने यह फेरबदल टाल
दिया है।
कांग्रेस के सत्ता
और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि
बड़े कद के मंत्रियों को आशंका थी कि उनके विभाग बदलकर उन्हें कम महत्व के विभाग
सौंपे जा सकते हैं,
इसी आशंका के मद्देनजर मंत्रियों ने लाबिंग आरंभ कर दी और
मजबूरी में अनिर्णय की स्थिति में फेरबदल टालने की खबरें बाहर आ रही हैं।
माना जा रहा है कि
अगस्त में कभी भी संसद का मानसून सत्र आरंभ हो सकता है। अगर महामहिम राष्ट्रपति के
चुनावों के बाद फेरबदल किया जाता है तो इसके उपरांत उप राष्ट्रपति का चुनाव सर पर
होगा। फिर बहुत ही कम समय बचेगा मानसून सत्र और फेरबदल के बीच। इसमें मंत्रियों को
सदन में प्रश्नों के उत्तर की तैयारी के लिए काफी कम समय मिलेगा।
सूत्रों की मानें
तो इस फेरबदल में एक दर्जन से ज्यादा कैबनेट मंत्रियों के विभागों को बदले जाने की
उम्मीद है। कुछ केंद्रीय मंत्रियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। 2014 में होने वाले आम
चुनावों और अगले साल होने वाले कुछ विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह फेरबदल किया
जाने वाला है।
प्रणव मुखर्जी
द्वारा खाली की गई वित्त मंत्री की कुर्सी पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। वित्त
मंत्रालय पर पलनिअप्पम चिदम्बरम के साथ ही साथ कमल नाथ की नजरें गड़ी हुई हैं। उधर, गृह मंत्रालय जाने
के लिए ए.के.अंटोनी,
गुलाम नबी आजाद का मन मचल रहा है। मराठा क्षत्रप शरद पंवार
रक्षा मंत्रालय पर नजरें बनाए हुए हैं। चर्चा है कि राष्ट्रपति के ममले में यूटर्न
लेने वाले मुलायम सिंह यादव को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपने की बात कह दी
गई है।
राहुल गांधी को
कथित तौर पर कोसकर चर्चा में आए सलमान खुर्शीद की अल्पसंख्यक विभाग से छुट्टी तय
मानी जा रही है। 10,
जनपथ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि
रहमान खान को यह विभाग सौंपा जा सकता है। इसके साथ ही साथ आनंद शर्मा को विदेश
मंत्रालय की कमान सौंपी जा सकती है। इसके पीछे कहा जा रहा है कि शर्मा की
अर्धांग्नी लंदन में निवास करती हैं और उनका ज्यादा समय विदेशों में ही बीतता है।
सदन के नेता के लिए
जिन नामों पर चर्चा चल रही है उनमें गृह मंत्री चिदम्बरम, उर्जा मंत्री सुशील
कुमार शिंदे, शहरी विकास
मंत्री कमल नाथ के नाम सबसे उपर हैं। चिदम्बरम के नाम पर सहमति नहीं ही बनने के
आसार हैं। उधर, पी.ए.संगमा
के लिए राष्ट्रपति पद हेतु मदद मांगने छत्तीसगढ़ और ओडीसा पहुंची अगाथा संगमा की
नौकरी खतरे में दिखाई दे रही है।
विदेश मंत्री सोमन
हल्ली मलैया कृष्णा से सोनिया और राहुल दोनों ही नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों
के अनुसार कृष्णा को एडजस्ट करने के लिए उन्हें राज्यपाल बनाने का ऑफर दिया गया था, जो उन्होंने ठुकरा
दिया। अब केंद्रीय मंत्रीमण्डल से उनकी छुट्टी कर उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस
कमेटी की कमान सौंपी जा सकती है।