माया का गुण्डा राज
(लिमटी खरे)
भारत को आजाद हुए और भारत गणराज्य की स्थापना के छः दशक बीत जाने के बाद भी पुलिस की खाकी वर्दी के आगे गांव का बाशिंदा सिहर ही उठता है। सबसे खराब हालात तो मायावती के राज में उत्तर प्रदेश के हैं। ये गुण्डा पुलिस किसी को थाने में मार सकती है, किसी महिला की आबरू थाने में लूट सकती है, मामूली से विवाद पर पुलिस किसी को थाने में बंद करके नंगा करके पीट सकती है। कुछ ऐसी ही घटना उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के रामदयालगंज के निवासी आशीष और सतीश के साथ घटी। इन दो युवकों आशीष जायसवाल और सतीश जायसवाल को मामूली से जमीन विवाद पर जौनपुर लाइन बाजार के थाना के दो पुलिस कर्मियों ने नंगा करके पीटा। इस मामले को लेकर पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज किया न ही उन दोनों युवकों का मेडिकल टेस्ट कराया। जब वे एसपी के पास गुहार की तो एसपी ने मामले में टालू रवैया ही अपनाया। इसकी शिकायत एक एनजीओ के माध्घ्यम से जौनपुर लाइन बाजार थाना के थानाध्घ्यक्ष, एसपी, डीएम, उत्घ्तर प्रदेश के डीजीपी, उ0प्र0 की मुख्यमंत्री मायावती, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृहमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक को की गयी। मगर करीब 22 दिन तक हो जाने के बाद उन दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हुयी न ही कोई उच्चस्तरीय जांच ही बैठाया गया। उल्टा पीडितों के उपर समझौता के लिये पुलिस दबाव बना रही है।
दिल्ली की एनजीओ रामाधार फाउंडेशन ने 17 अक्टूबर को ही उत्तर प्रदेश के डीजीपी,, जौनपुर के डीएम, एसपी को ईमेल द्वारा सारी शिकायत किया था मगर न तो उस ईमेल का जवाब नही आया। जौनपुर के एसपी के मोबाइल 9454400280 का ये हाल है कि जब उन्हें फोन करें तो कोई दूसरा उठाता है, और कहता है कि शाम को बात करियेगा। शिकायतकर्ता का परिवार जब 21 अक्टूबर को एसपी से मिलने गया तो वहां भी टालू रवैया ही अपनाया गया। फरियादी आशीष और सतीश लगातार अपना मेडीकल परीक्षण करवाने भटकते रहे और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना अपने कारिंदों को बचाता रहा।
उधर रामाधार फाउण्डेशन के संस्थापक, न्यासी रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने रामदयालगंज बाजार, जौनपुर के निवासी हरीश चन्द्र जायसवाल पुत्र श्री स्व0 गौरीशंकर जायसवाल के पुत्र आशीष जायसवाल व सतीश को थाने में नंगाकर पिटायी करने की बर्बर कुकृत्य की घोर निंदा की है। रामाधार फाउण्डेशन ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर थाना लाइन बाजार, जौनपुर के दोषी पुलिस कर्मियों सब इंस्पेक्टर मदन मोहन राय व सिपाही देवेन्द्र यादव को तुरंत बर्खास्त कर देने की मांग की है। ज्ञातव्य है कि 13 अक्टूबर की रात लगभग दो बजे अपने घर में सो रहे हरीशचन्द्र जायसवाल को किसी की आहट महसूस हुई। वो किसी चोर की आशंका से टोह लेने के इरादे से अपने बेटे आशीष और सतीश के साथ घर से बाहर निकले। बाहर निकलने पर तीनों पुत्र-पिता ने वहां पर अपने पड़ोसी महेश जायसवाल और दिनेश जायसवाल को देखा। महेश और दिनेश ने तीनों पिता और पुत्र को देखकर अचानक मार दिया, मार दिया का शोर मचाना शुरु कर दिया और पुलिस बुला ली। आनन-फानन में वहां पहुंचे सब इंसपेक्टर मदन मोहन राय और सिपाही देवेन्द्र यादव पांचों को थाना लाइन बाजार ले गये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थानें में दोनों पुलिस कर्मियों ने आशीष और सतीश के दोनों हांथ ऊपर कराकर बांध दिया। सब इंसपेक्टर मदन मोहन राय ने अश्लील गालियां देते हुए कहा कि मारो साले को। सिपाही देवेन्द्र यादव ने कहा कि मेरा चेहरा अच्छी तरह देख लो जीवन में कभी भूलेगा नही। फिर दोनों ने आशीष और सतीश को नंगा कर थाने के अंदर ही बर्बरता पूर्वक पिटाई की। द्विवेदी ने आगे कहा कि दोनों पुलिस कर्मियों ने जो घृणित, बर्बरतापूर्ण व अमानवीय कार्य किया है, उसकी पूरे देश में भर्त्सना की जानी चाहिये। ऐसे पुलिस कर्मियों को सेवा में रहने का कोई हक नही है।
श्री द्विवेदी ने राष्ट्रपति, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के डीजीपी, जौनपुर के डीएम और एसपी को भी ईमेल से सारे घटना की जानकारी दे दी है। उन्होने कहा कि यदि 15 दिन के भीतर कोई कार्रवाई नही की गयी तो रामाधार फाउण्डेशन जिला-जौनपुर थाना-लाईन बाजार के दोषी पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने के लिये जौनपुर पुलिस प्रशासन के खिलाफ आंदोलन चलायेगी। उन्होने आगे कहा कि आशीष और सतीश की निर्ममता से नग्न करके पिटायी करने का पुलिस का कोई औचित्य नही है। यह थर्ड डिग्री की श्रेणी में एकपक्षीय कार्रवाई नजर आती है। थाने के पुलिस ने निर्ममतापूर्वक पिटायी का एफआईआर भी दर्ज नही किया और न ही मेडिकल करवाया। इससे पुलिस के गंदे इरादे स्पष्ट होते हैं।
श्री द्विवेदी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में हरीशचंद्र जायसवाल के पड़ोसी महेश की गिरफ्तारी की मांग की है। ज्ञात रहे कि जमानत मिलने के बाद महेश और दिनेश हरीशचंद्र जायवाल के बेटों आशीष और सतीश को धमकी दे रहे हैं कि उन्होंने पैसे की ताकत पर सब इंसपेक्टर और सिपाही देवेंद्र यादव को अपने साथ मिलाकर उनकी थाने में पिटायी करवायी और आगे भी ऐसा होता रहेगा।हरीशचंद्र जायसवाल का पड़ोसी महेश बार-बार धमका रहा है कि मेरी पहुंच मायावती मुख्यमंत्री व बड़े-बड़े मंत्रियों तक है मैं कुछ भी करवा सकता हूं। पिता हरीशचंद्र जायसवाल का आरोप है कि उनके दोनों बेटों को फिर से पुलिस की मिली भगत से जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
श्री द्विवेदी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह बता दिया है कि उपरोक्त परिस्थितियों से हरीशचंद्र जायसवाल मानसिक रूप से अत्यंत व्यथित है। हालात यहां तक आ गयी है कि वे आत्महत्या के कगार पर पहुंच गये हैं। द्विवेदी ने कहा कि यदि ऐसा होता है तो उसके लिये थाना लाइन बाजार की पुलिस जिम्मेदार होगी। श्री द्विवेदी ने धमकी देने वाले पुलिस को भी बर्खास्त करने की मांग की है। ज्ञात रहे कि पुलिस वाले हरीचंद्र को धमका रहे हैं कि थाने में उनके बेटों की नंगा करके पिटायी के मामले पर यदि कहीं मुंह खोला तो उनको व उनके बेटे को ऐसे फर्जी जुल्म में फंसाया जायेगा कि उनकी व उनके बेटों की जमानत तक नही होगी। पूरी उम्र जेल में ही काटनी पड़ेगी।