गुरुवार, 27 सितंबर 2012

सुरक्षित स्थान की तलाश में गड़करी


सुरक्षित स्थान की तलाश में गड़करी

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। 2014 या उससे पहले होने वाले आम चुनावों में भाजपा अपने सहयोगी राजद के भरोसे सत्ता में वापसी का स्वप्न देखने लगी है। भापजा को उम्मीद है कि कांग्रेसनीत संप्रग के घपले, घोटाले, मंहगाई, भ्रष्टाचार, एफडीआई आदि के अस्त्रों से वह रसातल में चली जाएगी और राजग की सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता है। इसी के मद्देनजर भाजपा निजाम नितिन गड़करी द्वारा अब सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र खोजा जा रहा है ताकि वे अगले वजीरे आजम बन सकें।
नितिन गड़करी के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि संप्रग सरकार के कारानामों और भाजपा की स्थिति पर जो सर्वेक्षण भाजपा द्वारा करवाया गया है, वह गड़करी के लिए उत्साहवर्धक है। कहा जा रहा है कि मनमोहन सिंह को बिना रीढ़ का प्रधानमंत्री इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि उन्होंने एक भी चुनाव नहीं जीता है। इसी बात को आधार बनाकर नितिन गड़करी अब सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र की तलाश में जुट गए हैं।
देखा जाए तो महाराष्ट्र की संस्कारधानी नागपुर गड़करी का गृह नगर है, बावजूद इसके नागपुर पर भरोसा करने का साहस गड़करी नहीं जुटा पा रहे हैं। इस सीट पर 1996 में कांग्रेस से भाजपा में आए भंवर लाल पुरोहित के अलावा कभी भाजपा का परचम नहीं लहरा पाना सबसे बड़ा कारक माना जा रहा है। संघ का गढ़ होने के बाद नागपुर में भाजपा की हालत सदा ही पतली रही है।
सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि गड़करी का दिल अब नागपुर से लगे चंद्रपुर और बालाघाट संसदीय क्षेत्र पर आ रहा है। बालाघाट मध्य प्रदेश का हिस्सा है, जिसमें बालाघाट और सिवनी जिले दोनों का समावेश है। बालाघाट और सिवनी नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण गड़करी इस संसदीय क्षेत्र में ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहे हैं, क्योंकि बालाघाट के नक्सल गतिविधियों के केंद्र अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में वे भारी भरकम सुरक्षा कवच के साथ जाएंगे जो उनकी छवि को प्रभावित करेगा।
इसके अलावा चंद्रपुर संसदीय क्षेत्र गड़करी के लिए मुफीद बैठ रहा है। वैसे भी चंद्रपुर जिला संघ प्रमुख मोहन भागवत का गृह नगर है। संघ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को संकेत दिए कि गड़करी और मोहन भागवत के बीच संबंध काफी प्रगाढ़ हैं। संघ प्रमुख के इशारों पर चंद्रपुर में उनके लिए उपजाउ माहौल प्रशस्त करना आरंभ कर दिया है। संघ के जमीनी कार्यकर्ताओं ने चंद्रपुर में आमद दे दी है, और वे गड़करी के लिए राजनैतिक बिसात बिछा रहे हैं।
चंद्रपुर से चार बार विधायक रहे प्रदेश भाजपा के निजाम सुधीर भी गड़करी के यस मेन ही माने जाते हैं। सुधीर को भी गड़करी की कृपा दृष्टि से ही महत्वपूर्ण जवाबदेही मिली है। चंद्रपुर के भाजपा सांसद हंसराज अहीर ही गड़करी की राह का रोड़ा हैं। बताते हैं कि उन्हें भी राज्य सभा का लालीपाप देकर मना लिया गया है। इस तरह गड़करी ने 7, रेसकोर्स रोड़ (भारत गणराज्य के वजीरे आजम का सरकारी आवास) पहुंचने के अपने सारे पुख्ता इंतजामात कर लिए हैं।

जनसंपर्क का प्रभार बिसेन को!


जनसंपर्क का प्रभार बिसेन को!

(नंद किशोर)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश में मीडिया बिरादरी में आजकल यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर प्रदेश का जनसंपर्क मंत्री कौन है? सरकारी सूची के अनुसार तो जनसंपर्क का दायित्व लक्ष्मीकांत शर्मा के पास है पर अगर किसी अखबारनवीस को विज्ञापन चाहिए तो उसे सहकारिता मंत्री गोरी शंकर बिसेन की चिरौरी करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
जनसंपर्क महकमे के आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए पाबंद इस महकमे के एक आला अधिकारी द्वारा किए गए काम से साफ जाहिर हो रहा है कि मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा अपने विभागीय मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा से ज्यादा तवज्जो सहकारिता मंत्री गोरी शंकर बिसेन को दे रहा है।
जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि प्रदेश के एक समाचार पत्र को विज्ञापन रोक दिए गए। इस पर उक्त समाचार पत्र के मालिक संपादक द्वारा जनसंपर्क के आला अधिकारियों से इस बारे में गुहार लगाई। काफी दिनों तक जब इसका निकाल नहीं निकला तो वह हताश हो गया, और एक अधिकारी से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क करने जा पहुंचा। चर्चा में आश्वासनों के अलावा और कुछ भी उस मालिक संपादक को नही मिला।
उक्त अधिकारी ने कहा कि उक्त मालिक संपादक उस वक्त हैरान रह गया जब उसके मोबाईल पर जनसंपर्क विभाग के एक उच्चाधिकारी का एसएमएस गया। बताते हैं कि उक्त एसएमएस की इबारत थी कि वी केन नाट इग्नोर ओनरेबल मिनिस्टर, प्लीज कांटेक्ट श्री गोरी शंकर बिसेन एण्ड . . .। कहा जा रहा है कि उक्त संपादक मालिक के समाचार पत्र से गौरी शंकर बिसेन बुरी तरह खफा चल रहे हैं।
जैसे जैसे यह बात मीडिया के बंदों के पास पहुंची सभी हत्प्रभ रह गए कि जनसंपर्क मिनिस्टर तो लक्ष्मी कांत शर्मा हैं, फिर जनसंपर्क विभाग के आला अधिकारी आखिर विज्ञापन के लिए शर्मा को छोड़कर गौरी शंकर बिसेन की नाराजगी दूर करने की बात क्यों कर रहे हैं। पत्रकारों को अचानक लगा कि कहीं हाल ही के मंत्रीमण्डल विस्तार में लक्ष्मीकांश शर्मा की जगह गौरी शंकर बिसेन को तो जनसंपर्क की जवाबदारी नहीं सौंप दी गई?

एमपी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गडकरी ने

एमपी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गडकरी ने

(यशवंत)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी ने सूरजकुंड में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर में वृद्धि की सराहना की है। उन्होंने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि यू.पी.ए. के अड़ंगेबाजी के बावजूद मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने कृषि विकास दर को बढ़ाने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि जब देश की प्रगति का इंजन राज्य बन रहे हैं तब यह अफसोस है कि केन्द्र रोड़े अटका रहा है। श्री गडकरी ने कहा कि भाजपा-एन.डी.ए. सरकारों द्वारा विधानमंडलों में पारित बिल अटकाये रखने के लिए राज्यपाल जैसी संवैधानिक संस्था का दुरूपयोग और निधि उपलब्ध कराने में देरी से लेकर गेहूं की बोरियां देने में अडं़गेबाजी तक कितने सारे हथकंडे केन्द्र ने अपनाये है।
श्री गडकरी ने कहा कि विकास के लिए भाजपा की सरकारें बेहतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना करते हुए ऐतिहासिक कदम उठाया है।
श्री गडकरी ने मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर के साथ ही मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षमता में हुई वृद्धि का विशेष तौर पर उल्लेख करते हुए प्रशंसा की। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003 से 2011 तक 8.20 लाख हैक्टेयर की नयी सिंचाई क्षमता विकसित की गई। वर्ष 99 से 2003 तक यह वृद्धि 2.80 लाख हेक्टेयर थी। जो सिंचाई वर्ष 2002-03 तक 7.5 लाख हैक्टेयर में होती थी, वहीं वर्ष 2011-12 में बेहतर प्रबंधन से 22 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है। पिछले 2 वर्षों में 723 लघु सिंचाई योजनाएं पूरी की है। अगले दो वर्षों में 500 नई लघु सिंचाई योजनाएं पूरी की जाएंगी। इस वर्ष रबी की खेती के लिए 16.5 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की गई हैं।
खेती को लाभ का काम बनाने के के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में कृषि कैबिनेट का गठन किया गया है जिसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन और डेयरी, मत्स्य, सहकारिता, जल संसाधन जैसे विभागों को शामिल किया गया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा रु. 100 का बोनस देकर 85 लाख टन से अधिक गेहूं का रिकार्ड उपार्जन किया गया है। प्रदेश देश में गेहूं उत्पादक वाले राज्यों में हरियाणा के साथ दूसरे नम्बर पर है।

गुजरात आतंकवाद के 11 दोषी बरी


गुजरात आतंकवाद के 11 दोषी बरी

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि धर्म के आधार पर किसी व्यक्ति को परेशान करने के लिए कानून का दुरूपयोग नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने गुजरात में आतंकवाद के दोषी ठहराए गये ११ लोगों को इसी आधार पर बरी कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने एक फैसले में कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक और कानून लागू करने वाले अन्य सभी अधिकारियों को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे कानून का दुरूपयोग हो। न्यायालय ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसी भी निर्दाेष व्यक्ति को ऐसा महसूस न हो कि उसे अपने धर्म के कारण परेशान किया जा रहा है। न्यायमूर्ति एच. एल. दत्तू और न्यायमूर्ति सी. के. प्रसाद की पीठ ने १९९४ में गुजरात के अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कथित साजिश रचने के दोषी ११ व्यक्तियों को बरी करते हुए यह बात कही।

राकांपा में गतिरोध बरकरार

राकांपा में गतिरोध बरकरार

(प्रतुल बनर्जी)

कोलकता (साई)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी के मंत्री महाराष्ट्र सरकार में बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि अजीत पवार का उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना उनका व्यक्तिगत निर्णय है। कल शाम कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत में श्री पवार ने कहा कि एन सी पी देश में अस्थिरता नहीं चाहती इसलिए वह महाराष्ट्र और केंद्र की यूपीए सरकार को अपना समर्थन जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार को समर्थन देने के मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में कोई दो राय नहीं है। हम केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को अपना समर्थन जारी रखेंगे। श्री शरद पवार ने कहा कि पार्टी विधायक दल ने अपनी बैठक में श्री अजीत पवार से उपमुख्यमंत्री पद छोड़ने के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टीे श्री अजीत पवार के साथ है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की बैठक हुई। इसमें उप-मुख्यमंत्री से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया गया। बैठक में इस प्रस्ताव को भी सर्वसम्मति से पारित किया गया कि इस बारे में सभी निर्णय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे और उनका फैसला अंतिम होगा।
उधर, मुंबई से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से निधि गुप्ता ने खबर दी है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिये आज कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने १९९९ से २००९ के बीच सिंचाई मंत्री रहते करोड़ों रूपये की कथित अनियमितताओं के आरोपों के बाद कल इस्तीफा दे दिया था। इस बीच, कल एन सी पी कार्यकताओं ने बड़ी संख्या में विधान भवन के बाहर प्रदर्शन किया और अजीत पवार के इस्तीफे की वापसी की मांग की। एन सी पी विधायक दल ने भी श्री अजीत पवार से अपना इस्तीफा वापस लेने का एक प्रस्ताव पारित किया है।
इस मसले पर दिल्ली से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से विपिन सिंह राजपूत ने बताया कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना से इंकार किया है। कल नई दिल्ली में संवादादाताओं से पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि महाराष्ट्र का मौजूदा संकट गठबंधन की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को बदलने का कोई सवाल नहीं है और इस मामले पर हम कोई टिप्पणी नहीं दे रहे हैं। हमारा महाराष्ट्र का कांग्रेस पार्टी और वहां के मुख्यमंत्री, वो सारी सिच्युएशन उनकी नजर में है उसको ओब्जर्व कर रहे हैं।

असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर


असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर

(पुरबालिका हजारिका)

गोवहाटी (साई)। असम में बाढ़ की स्थिति कुल मिलाकर गम्भीर बनी हुई है। ब्रह्घ्मपुत्र और उसकी कुछ सहायक नदियां लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेसंी ऑफ इंडिया को बताया कि बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में १८ लोग मारे गए हैं और दस लापता हैं।
४ लाख ४४ हजार लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है। गुहावाटी के पांडू, गारीगांव और सुनसाली के कई इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। इस वजह से कामरूप मेट्रो जिले के ३२ हजार लोग भी अस्थाई शिविरों में शरण लिए हुए हैं। सेना और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल हेलीकॉप्टर और मशीन नाव के साथ राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। प्रशासन ने सभी राहत शिविरों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए शौचालय स्थापित किया है।
गंगटोक से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने खबर दी है कि सिक्किम में राज्य के उत्तरी हिस्से में भूस्खलन के शिकार और प्रभावित लोगों की खोज तथा बचाव कार्य के लिए अब भी हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया है कि बाढ़ और जमीन धंसने की घटनाओं में अबतक २० लोगों की जान गई है।
सिक्किम के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में मौसम के हालात में पिछले २४ घंटों में सुधार दर्ज की गयी है। इन इलाकों में राहत बचाव कार्य में लगे आपदा प्रबंधन दल ने अपने अभियान में तेजी लायी है और अपना ध्यान ध्वस्त सड़कों के सुधार के अलावा पानी, बिजली और अन्य आवश्यक आपूर्ति की बहाली में केन्द्रित कर दिया है।
इन सब के बावजूद मोबाइल नेटवर्क ज्यादातर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में अब भी फेल है। सरकारी अधिकारियों सहित सेना और राहत बचाव दल द्वारा उपयोग में लाये जा रहे सेटलाईट फोन ही फिलहाल इन दुर्गम इलाकों में संपर्क का एक अहम साधन है। उधर, अरूणाचल प्रदेश में वर्षा में कमी और ज्यादातर प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों में पानी कम होने से बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है।

सिब्बल की परवाह नहीं पित्रोदा को


सिब्बल की परवाह नहीं पित्रोदा को

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर निशाना बने कपिल सिब्बल को इससे बेहद एलर्जी होने के बावजूद भी सरकार का दिल सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर आ ही गया है। देश के नाम संबोधन के अंश भी एक एक करके पीएम के ट्विटर एकांउट में डाले गए फिर पीएम के सलाहकार सेम पित्रोदा ने भी इसका खुलकर उपयोग किया है।
आर्थिक सुधार के बाद सरकार इमेज मेकओवर की दिशा में कदम उठा रही है। सरकार ने पहली बार सोशल मीडिया पर पब्लिक से संपर्क साधा। प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने ट्विटर पर लोगों से सीधे बात की। बातचीत का विषय था- सूचना का प्रजातंत्र कैसा हो। यह शुरुआत ऐसे वक्त में हुई है, जब सरकार इंटरनेट पर लगाम कसने के आरोपों से जूझ रही है। चंद दिन पहले तक इसी ट्विटर पर सेंसरशिप को लेकर बहस हो रही थी।
हाल के दिनों में सरकार ने सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह फेसबुक और ट्विटर पर सक्रिय हुए हैं। मंत्रालयों और सरकारी दफ्तरों को सोशल मीडिया को बढ़ावा देने की हिदायत दी गई है। सरकारी योजनाओं को यूट्यूब पर प्रमोट करने के लिए स्पेशल विडियो बनाए जा रहे हैं। इन्हें अक्टूबर से दिखाने की तैयारी है। आईटी मिनिस्ट्री में राज्य मंत्री सचिन पायलट का कहना है कि सोशल मीडिया के असर को सरकार समझ रही है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अन्ना के आंदोलन के बाद सरकार युवाओं के बीच साख बचाना चाहती है, जो सोशल मीडिया पर मौजूद है। 2014 के चुनाव में करीब 250 लोकसभा सीटों पर मिडिल क्लास आबादी और यूथ वोटर ही सबसे बडे़ वोट बैंक होंगे। इन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया जरूरी है। दूसरे कई बड़े नेता इस प्लैटफॉर्म का कामयाबी से इस्तेमाल कर रहे हैं। यूपीए से समर्थन वापस लेने के बाद ममता बनर्जी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा फेसबुक पर ही खोल रखा है। नरेंद्र मोदी भी गूगल प्लस पर लोगों से सीधी बात कर चुके हैं।
हालांकि सरकार के लिए सोशल मीडिया पर यह सफर आसान नहीं रहने वाला। मंगलवार को इसकी झलक दिखी। सैम पित्रोदा मुश्किल सवालों के जवाब नहीं दे पाए। आरोप लगा कि क्या सोशल मीडिया का सरकारीकरण होगा? आने वाले दिनों में इस पर बहस तेज होगी।

चुनाव खर्च के नए नियम होंगे लागू


चुनाव खर्च के नए नियम होंगे लागू

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च संबंधी ब्यौरा देने के नियमों में बदलाव किया है। सभी बदले हुए नियम गुजरात विधानसभा चुनाव से प्रभावी हो जाएंगे। बदले हुए नियम के तहत, चुनाव की घोषणा होते ही पार्टियों के खर्चों की निगरानी शुरू हो जाएगी। पहले ऐसा अधिसूचना जारी होने के बाद होता था।
चुनावों में अवैध धन पर रोक लगाने को लेकर आम लोगों को परेशानी नहीं हो इसके लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान व्यापारियों ने इस बारे में आयोग से शिकायत की थी। दूसरी तरफ, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में नवंबर के बीच में चुनाव होने की संभावना है। अगले महीने के दूसरे हफ्ते तक इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

सीबीआई को आड़े हाथों लिया मोदी ने


सीबीआई को आड़े हाथों लिया मोदी ने

(अनेशा वर्मा)

सूरजकुंड (साई)। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर निशाना साधने का सिलसिला जारी है. ताजा मामले में मोदी ने कहा है कि गुजरात के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सहारे लड़ रही है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में मोदी ने कहा, ‘मेरे खिलाफ राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नहीं बल्कि सीबीआई लड़ रही है.
बीजेपी सूत्रों के अनुसार मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों में नौकरशाही के एक वर्ग का प्रयोग उनके खिलाफ किया था और दिसम्बर में होने वाले अगले चुनाव में सीबीआई का प्रयोग कर रही है. सूत्रों के अनुसार मोदी ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय सरकार पर भ्रष्टाचार एवं कुप्रबंधन में लिप्त रहने के आरोप लगाए.
यद्यपि बीजेपी ने प्रधानमंत्री के मजबूत उम्मीदवार बन कर उभरे मोदी की टिप्पणी को सार्वजनिक नहीं किया. इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सीबीआई का विस्तार कार्यालय कांग्रेस के कार्यालय में खुल जाना चाहिए क्योंकि इसका प्रयोग सहयोगी एवं विपक्षी दलों को परेशान करने के लिए किया जाता है.

एफडीआई की मुखालफत की भाजपा ने


एफडीआई की मुखालफत की भाजपा ने

(अमित कौशल)

सूरजकुण्ड (साई)। हरियाणा के सूरजकुंड में भाजपा की नेशनल कार्यकारिणी की बैठक में मल्टि-ब्रैंड रीटेल में एफडीआई का विरोध किया। बीजेपी ने संकेत दिए हैं कि वह सत्ता में आने पर थ्क्प् पर यूपीए की नीति को पलट सकती है। दिल्ली से सटे सूरजकुंड में हुई इस मीटिंग में बीजेपी ने रीटेल सेक्टर में 51 फीसदी एफडीआई लाने का कड़ा विरोध किया।
बीजेपी प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि रीटेल में 51 फीसदी एफडीआई हमारे देश और किसानों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, श्बीजेपी इकनॉमिक सुधारों के खिलाफ नहीं है, लेकिन यहां पर लड़ाई आम आदमी के हितों की है। हम एफडीआई के पर्सेंटेज को लेकर विरोध नहीं कर रहे, हम पूरी तरह इसके खिलाफ हैं।श्
बीजेपी शासित राज्यों ने पहले ही मल्टि-ब्रैंड रीटेल सेक्टर में एफडीआई को रिजेक्ट कर दिया है। रवि शंकर प्रसाद ने कहा, श्अगर पार्टी सत्ता में आती है तो आपको तुरंत नतीजे देखने को मिलेंगे। इस फैसले को बदला जाएगा।श् जब उनसे पूछा गया कि साल 2004 में बीजेपी ने एफडीआई का समर्थन किया था, तो प्रसाद ने कहा, यह 8 साल पुरानी बात है। आप हमारे मेनिफेस्टो का इंतज़ार कीजिए, आपको पता चल जाएगा।
रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल भी इस जन विरोधी फैसले के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार का यह फैसला किसानों के विरोध में है, इसलिए कोई इसका समर्थन नहीं कर सकता। हालांकि इससे पहले पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा था, श्अगर केंद्र सरकार ने तानाशाह की तरह काम नहीं किया होता, तो वह थ्क्प् का स्वागत करते।श्
नैशनल एग्ज़ेक्युटिव मीटिंग में मौजूदा राजनीतिक हालात पर देर तक बोलते हुए गडकरी ने कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार पर जमकर हमला किया। उन्होंने सरकार को श्करप्टश् और श्अक्षमश् करार देते हुए कहा कि सरकार के कुशासन का खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ा है। गडकरी ने कहा कि बीजेपी जनता को फायदा पहुंचाने वाली नीतियों का अनुसरण करेगी। बीजेपी को यूपीए से बेहतर बताते हुए गडकरी ने बीजेपी और एनडीए के शासन वाले राज्यों की खुलकर तारीफ की। गडकरी ने कहा कि खराब आर्थिक हालात वाले इस दौर में इन सरकारों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार विकास की बुलंदियों को छू रहे हैं।
अपने भाषण में गडकरी ने कहा, श्देश बदलाव के मुहाने पर खड़ा है। इलेक्शन कभी भी हो सकते हैं।श् इस भाषण के आधार पर जब प्रसाद से पूछा गया कि क्या बीजेपी जल्दी चुनाव चाहती है, तो उन्होंने कहा, श्पार्टी अध्यक्ष सिर्फ मौजूदा राजनीतिक हालात के आधार पर बात कर रहे थे। लेकिन बीजेपी किसी भी वक्त इलेक्शन के लिए तैयार है।श्
यूपीए को डूबता जहाज करार देते हुए गडकरी ने कहा कि यूपीए के सहयोगी इससे अलग होने के लिए बहाने ढूंढ रहे हैं। कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला करते हुए गडकरी ने कहा कि यूपीए-2 आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार है। कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए गडकरी ने यहां तक कह दिया कि सीबीआई यूपीए के सहयोगियों को मैनेज करने और विपक्ष को परेशान करने में इतनी निष्ठा से लगी हुई है कि उसे कांग्रेस मुख्यालय में ही अपना ऑफिस खोल देना चाहिए।

मंदी में भी मंत्रियों ने काटी चांदी


मंदी में भी मंत्रियों ने काटी चांदी

(प्रियंका)

नई दिल्ली (साई)। ऐसे वक्त में जब देश आर्थिक मंदी के झटके झेल रहा हो, केंद्र सरकार के मंत्रियों पर इसका खास असर देखने को नहीं मिला। इस दौर में केंद्र के मंत्रियों ने अपने दौरों में रेकॉर्ड खर्च किए। महज एक साल के अंदर इन दौरों पर होने वाला खर्च 12 गुणा तक बढ़ गया। इसका खुलासा आरटीआई ऐक्ट के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ है।
बीते वित्तीय साल में इन दौरों के लिए 47 करोड़ का बजट आवंटित हुआ था। लेकिन खर्च 6 अरब रुपये से भी अधिक हो गया। यह पहला मौका है जब दौरों पर हुए खर्च ने 1 अरब का आंकड़ा पार किया। खबरों के मुताबिक, दौरों पर हो रहे अंधाधुंध खर्च को लेकर तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सवाल खडे़ किए थे और कटौती की दिशा में महंगे होटल में मीटिंग करने से परहेज करने के अलावा दौरों पर भी कम खर्च करने की सलाह दी थी।
इन दौरों पर हो रहे खर्च पर लगातार विवाद के मद्देनजर सरकार ने पिछले दिनों नए कदम भी उठाए हैं। इसके तहत तमाम मंत्रियों और अधिकारियों को हर दौरे से संबंधित सूचना सार्वजनिक करनी होगी। इसमें दौरे के मकसद के अलावा उस पर होने वाले खर्च की जानकारी देना भी शामिल है। आरटीआई दायर करने वाले सुभाष चंद्र अग्रवाल ने कहा कि लोगों को ऐसे खर्चों के बारे में जानकारी हासिल करने का पूरा अधिकार है।
वित्तीय वर्ष 2009-10 किया गया खर्च 81 करोड़ 55 लाख, वित्तीय वर्ष 2010-11 में किया गया खर्च- 56 करोड़ 16 लाख, वित्तीय वर्ष 2011-12 में किया गया खर्च- 6 अरब 78 करोड़ रहा।

कांग्रेस भाजपा से उठा मुस्लिमों का विश्वास


कांग्रेस भाजपा से उठा मुस्लिमों का विश्वास

(हिमांशु कौशल)

सिवनी (साई)। मुस्लिम सामाजिक संस्था अल-फलाह तंजीम के रिजवान खान और तनवीर अहमद द्वारा जबलपुर हाई कोर्ट में दायर की गयी याचिका का लाभ सिवनी जिले के साथ साथ मंडला और बालाघाट जिले के हज यात्रियों को भी मिला और इन तीनों जिलों के हज यात्रियों का एंबारकेशन पाइंट भोपाल के स्थान पर नागपुर कर दिया गया है. जिसकी औपचारिक सूचना इंटरनेट में डाली जा चुकी है.
ज्ञातव्य है कि सिवनी, छिंदवाड़ा, मंडला, बालाघाट जिले के हज यात्रियों का एंबारकेशन पाइंट पहले नागपुर ही था किन्तु वर्ष 2010 में स्टेट गारमेंट और स्टेट हज कमेटी की एनओसी के बाद इस एंबारकेशन पाइंट को बदलकर भोपाल कर दिया गया जिसकी लड़ाई वर्ष 2010 से ये चारों जिले मिलकर लड़ रहे थे. इसकी सूचना न केवल अनेक मुस्लिम धर्मावलंबियों को थी बल्कि सिवनी और छिंदवाड़ा जिले के प्रमुख जनप्रतिनिधियों को भी थी.
सम्पूर्ण मामले से अवगत होते हुए भी न श्री हरवंश सिंह ने और न ही श्रीमती नीता पटैरिया, श्री नरेश दिवाकर, श्री ढालसिंह बिसेन, श्रीमती शशि ठाकुर या हमारे सांसदों ने इस मामले में कुछ किया. जबकि अगर ये चाहते तो प्रयास करके पहले ही स्टेट गवर्मेंट और स्टेट हज कमेटी से प्रस्ताव भिजवा एंबारकेशन पाइंट नागपुर करवा सकते थे.
इस वर्ष अपने संसदीय क्षेत्र के हज यात्रियों को लाभ पहुँचाने के लिये केन्द्रीय मंत्री श्री कमलनाथ द्वारा छिंदवाड़ा जिले के हज यात्रियों का एंबारकेशन पाइंट नागपुर करवा लिया गया और स्टेट गारमेंट व स्टेट हज कमेटी ने शेष तीन जिलों को छोड़कर अकेले छिंदवाड़ा के लिये एनओसी भी दे दी और स्टेट की एनओसी के बाद यह प्रस्ताव सेंट्रल में पास भी हो गया किन्तु न सिवनी जिले के भाजपाइयों ने इसकी सुध ली न विस उपाध्यक्ष श्री हरवंश सिंह ने जबकि मुस्लिम कांग्रेस का वोट बैंक माने जाते हैं अधिकांश मुस्लिम नेता श्री सिंह का ही गुणगान करते रहते हैं. इसी तरह जिले की 04 में से 03 विधान सभा व एक लोकसभा में जनता ने भाजपा को जिताया है फिर भी इस मामले में भाजपानेताओं ने कुछ नहीं किया.
अब जब अकेले छिंदवाड़ा जिले के हज यात्रियों के लिये एंबारकेशन पाइंट नागपुर कर दिया गया और शेष तीन जिले सिवनी, मंडला और बालाघाट का एंबारकेशन पाइंट भोपाल ही रह गया तो सिवनी, बालाघाट और मंडला जिले के हज यात्री भी अपना एंबारकेशन पाइंट नागपुर कराने के लिये प्रयास करने लगे और मुस्लिमों में इस बात को लेकर तीखा आक्रोश होने लगा कि स्टेट गवर्मेंट व स्टेट हज कमेटी ने अकेले छिंदवाड़ा जिले को एकाएक कैसे एनओसी दे दी जबकि इसकी लड़ाई विगत 02 वर्षों से चारों जिले मिलकर एक साथ लड़ रहे हैं और छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ की तरह विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ने भी सिवनी जिले के लिये कोई प्रयास क्यों नहीं किये जबकि न केवल सिवनी के वरन उनके क्षेत्र केवलारी के भी मुस्लिम हज करने जाते हैं और भविष्य हज पर जाने की इच्छा रखते हैं.
मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर जब जिले के भाजपायी और कांग्रेसी दोनों ही मिलकर राजनीति करने लगे तो एक डेलीगेशन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से इस मामले में मिलने गया और श्री चौहान ने भी आश्वासन दिया. और जैसा कि अमूमन होता है वैसे ही श्री चौहान का आश्वासन कोरा का कोरा रह गया. मुख्यमंत्री के आश्वासन पर कुछ दिन तो मुस्लिमों ने इंतजार किया किन्तु जब इंटरनेट में एंबारकेशन पाइंट नहीं बदला तो जनमंच के बेनर तले जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौपा गया.
इस संबंध में जब श्री हरवंश सिंह पर आरोप लगने शुरू हुए तो उनके प्रवक्ता के माध्यम से एक विज्ञप्ति जारी हुई जिसमें उल्लेखित था कि जितने प्रयास इस मामले में श्री हरवंश सिंह ने किये हैं उतने किसे ने नहीं किये किन्तु मुस्लिमों में यह चर्चा थी कि वे दो वर्ष से इसके लिये लड़ाई लड़ रहे है और हरवंश सिंह या किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनके धर्म से जुडे इस संवेदनशील मामले में कुछ नहीं किया. इन लोगों का श्री सिंह पर आरोप था कि वे व इनके समर्थक केवल कागजी विज्ञप्ति जारी करते हैं और अगर इनके भरोसे बैठे रहें तो इस वर्ष तो कुछ नहीं होगा किन्तु अगले वर्ष जरूर हो जायेगा क्योंकि चुनाव है.
इसके बाद दिनांक 18 सिंतबर को मुस्लिम सामाजिक संस्था अल-फलाह तंजीम के रिजवान खान और तनवीर अहमद ने जबलपुर हाई कोर्ट में एक रिट पिटीशन दायर की जिसका क्रमांक डब्ल्यूपी/16100/2012 है. पिटीशन में इन लोगों ने एंबारकेशन पाइंट भोपाल से नागपुर किये जाने को लेकर अपने तर्क प्रस्तुत किये और इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की निवेदन किया.
उच्च न्यायालय में दायर की गयी याचिका के एक या दो दिन बाद तत्काल सेंट्रल हज कमेटी ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई जिसमें सिवनी, बालाघाट और मंडला जिले के हज यात्रियों का भी एंबारकेशन पाइंट नागपुर करने की बात का निर्णय हुआ एवं कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद आज इंटरनेट पर एंबारकेशन पाइंट नागपुर दिखाने लगा क्योंकि इस मामले में स्टेट गारमेंट और स्टेट कमेटी फँस चुकी थी कि जब दो वर्ष से चारों जिले एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं तो अकेले छिंदवाड़ा का कैसे एंबारकेशन पाइंट बदल दिया गया और शेष तीनों जिलों के साथ भेदभाव किया गया.
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद से ही याचिका कर्ताओं पर इस बात का दबाव आने लगा था कि वे याचिका वापस ले किन्तु इनका यह मत था कि अगर हज यात्रियों का एंबारकेशन पाइंट बदल दिया गया है तो ये जवाब  रिस्पांडेंट कोर्ट में दे हम याचिका क्यों वापस ले.हरवंश सिंह या किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनके धर्म से जुडे इस संवेदनशील मामले में कुछ नहीं किया. इन लोगों का श्री सिंह पर आरोप था कि वे व इनके समर्थक केवल कागजी विज्ञप्ति जारी करते हैं और अगर इनके भरोसे बैठे रहें तो इस वर्ष तो कुछ नहीं होगा किन्तु अगले वर्ष जरूर हो जायेगा क्योंकि चुनाव है.
इसके बाद दिनांक 18 सिंतबर को मुस्लिम सामाजिक संस्था अल-फलाह तंजीम के रिजवान खान और तनवीर अहमद ने जबलपुर हाई कोर्ट में एक रिट पिटीशन दायर की जिसका क्रमांक डब्ल्यूपी/16100/2012 है. पिटीशन में इन लोगों ने एंबारकेशन पाइंट भोपाल से नागपुर किये जाने को लेकर अपने तर्क प्रस्तुत किये और इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की निवेदन किया.
उच्च न्यायालय में दायर की गयी याचिका के एक या दो दिन बाद तत्काल सेंट्रल हज कमेटी ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई जिसमें सिवनी, बालाघाट और मंडला जिले के हज यात्रियों का भी एंबारकेशन पाइंट नागपुर करने की बात का निर्णय हुआ एवं कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद आज इंटरनेट पर एंबारकेशन पाइंट नागपुर दिखाने लगा क्योंकि इस मामले में स्टेट गारमेंट और स्टेट कमेटी फँस चुकी थी कि जब दो वर्ष से चारों जिले एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं तो अकेले छिंदवाड़ा का कैसे एंबारकेशन पाइंट बदल दिया गया और शेष तीनों जिलों के साथ भेदभाव किया गया.

अक्टूबर में पंजाब आएंगे राहुल

अक्टूबर में पंजाब आएंगे राहुल

(विक्की आनंद)

अमृतसर (साई)। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी अगले महीने पंजाब की दो दिन की यात्रा पर जाएंगे. इस दौरे में वह पार्टी के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, विधायकों और सांसदों समेत कई लोगों से मिलेंगे. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने यह जानकारी दी.
अमरिंदर सिंह ने कहा कि राहुल 10-11 अक्तूबर को अमृतसर, जालंधर और पटियाला की यात्रा करेंगे. उन्होंने कहा कि जनवरी में विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद यह राहुल की पहली यात्रा होगी जिसमें वह पार्टी कार्यकर्ताओं समेत कई लोगों से भेंट करेंगे.
पीसीसी अध्यक्ष ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उन्होंने राहुल गांधी की यात्रा को देखते हुए एक राज्य स्तरीय समिति (जिसकी अध्यक्षता वह स्वंय करेंगे) और तीन अलग समितियों का गठन किया है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि कार्यक्रम इस तरह तैयार किया गया है कि राहुल सभी पदाधिकारियों से मिल सकेंगे.

शिक्षक का गुस्सा फूटा नितीश पर


शिक्षक का गुस्सा फूटा नितीश पर

(हिना उपरेती)

दरभंगा (साई)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अधिकार यात्रा सम्मेलन के दौरान अनुबंध पर काम करने वाले शिक्षकों ने विरोध का सिलसिला जारी रखते हुए दरभंगा में भी सभा के दौरान प्रदर्शन किया और आक्रोश व्यक्त करते हुए चप्पल दिखाई. कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविदयालय दरभंगा मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश की अधिकार सम्मेलन सभा के दौरान अनुबंध पर काम करने वाले शिक्षकों ने समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर नारेबाजी की और हाथ में पोस्टर बैनर लेकर प्रदर्शन किया.
मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान एक शिक्षक ने हाथ में चप्पल लेकर विरोध जताया. करीब पचास आक्रोशित शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की. दरभंगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गरिमा मल्लिक ने चप्पल दिखाने की घटना से इनकार किया है. इस संबंध में टीवी समाचार चौनलों से घटना के वीडियो फुटेज मांगे गये हैं.
शिक्षकों के प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपना आपा खो बैठे और नियोजित शिक्षकों को फटकार लगाई. मुख्यमंत्री बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बीते 19 सितंबर से सभी जिलों की अधिकार यात्रा पर निकले हैं और जन समर्थन जुटाने के लिए सभायें कर रहे हैं. नियोजित शिक्षकों ने अपनी मांग के समर्थन में बीते दिनों पश्चिम चंपारण के बेतिया, पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी, मधुबनी में भी विरोध प्रदर्शन किया था.

मेगा लोक अदालत में दर्जनों मामले सुलझाए गए


मेगा लोक अदालत में दर्जनों मामले सुलझाए गए

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। राजस्थान हाईकोर्ट में आयोजित नियमित लोक अदालत में 31 मामलों का राजीनामा के आधार पर निस्तारण किया गया। इसमें 9 व्यक्ति नौकरी पाकर लाभान्वित हुए हैं। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अजय शुक्ला ने बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर बेंच में लंबित मामलों और पक्षकारों के बीच ऐसे विवाद जो अभी कोर्ट में नहीं पहुंचे हैं, उनकी इस लोक अदालत में सुनवाई की गई।
उन्होंने बताया कि लोक अदालत में सुनवाई के लिए 3 बेंचों का गठन कर 250 प्रकरणों को सुनवाई के लिए लगाया गया है। इसमें मोटर दुर्घटना, पारिवारिक, लेबर, बीमा कम्पनी, राजस्थान रोडवेज संबंधी मामले रखे गए थे। प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष दलीप सिंह और हाईकोर्ट जयपुर बेंच की विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह जैन ने मेगा अदालत का उद्घाटन किया।

बाबा रामदेव के ट्रस्ट को भरना पड़ सकता है जुर्माना


बाबा रामदेव के ट्रस्ट को भरना पड़ सकता है जुर्माना

(दिशा कुमारी)

हरिद्वार (साई)। बाबा रामदेव को उत्तराखंड खाद्य विभाग ने दिया है बड़ा झटका. उत्तराखंड खाद्य विभाग ने उनके कनखल आश्रम से लिए पतंजलि फूड प्रॉडक्ट्स के सैपलों में गड़बड़ी पाई थी. माना जा रहा है कि बाबा रामदेव के संस्थान को इस मामले में मोटा जुर्माना देना पड़ सकता है. खाद्य विभाग की ओर से 30 दिन बाद मामला दर्ज कराया जाएगा. तीस दिन का वक्त संबंधित कंपनी को दिया जाता है कि वो चाहे तो इसे कानूनी चुनौती दे सकती है.
उत्तराखंड खाद्य विभाग ने रामदेव के कनखल आश्रम से लिए बेसन, काली मिर्च, नमक, सरसों तेल, पाइन एप्पल जैम और लीची के शहद के सैंपल में गड़बड़ी पाई है. अधिकारियों ने बताया कि सरसों का तेल दूसरी कंपनियों से तैयार कराया जाता था और फिर उस पर हमारा विशेष उत्पादलिख दिया जाता था. इस पर भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 52,53 के तहत मामला बनेगा.
रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण के नाम से रजिस्टर्ड कंपनियों पर प्रवर्तन निदेशालय भी शिकंजा कस रहा है. हालांकि, रामदेव आरोप लगाते रहे हैं कि कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने के बाद सरकार उनके खिलाफ बदले की कार्रवाई कर रही है.

संजीवनी बनी संजीवनी एक्सप्रेस


संजीवनी बनी संजीवनी एक्सप्रेस

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। राज्य सरकार द्वारा सड़क दुर्घटना सहित किसी भी आपात परिस्थिति में मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए शुरू की गई 108 संजीवनी एक्सप्रेसश् मुसीबत में फंसे लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा 25 जनवरी 2011 को रायपुर और बस्तर जिले से शुरू की गई इस योजना का आज सात  जिलों में विस्तार हो चुका है।
इस एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से अब तक 38 हजार 722 लोगों को आपात परिस्थितियों में अस्पताल पहुंचाया गया है। इनमें सर्वाधिक प्रकरण प्रसव से संबंधित हैं। संजीवनी एक्सप्रेस के रायपुर स्थित नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना शुरू होने से लेकर एक अक्टूबर तक कुल दस लाख 15 हजार 227 कॉल प्राप्त हुए हैं।
इनमें से इमरजेंसी कॉल केवल 45 हजार थे। इमरजेंसी कॉल पर संजीवनी एक्सप्रेस द्वारा 38 हजार 722 लोगों को अस्पताल पंहुचाया गया है। इनमें मेडिकल केश 35 हजार 395, पुलिस से संबंधित प्रकरण दो हजार 675 और अग्नि दुर्घटना से संबंधित 652 प्रकरण शामिल हैं।
संजीवनी एक्सप्रेस के अधिकारियों ने बताया कि सर्वाधिक इमरजेंसी कॉल प्रसव से संबंधित होते हैं। अब तक प्रसव पीड़ा से पीड़ित 13 हजार 690 महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को ना केवल अस्पताल पहुंचाया गया, बल्कि अस्पताल ले जाने के दौरान महिला का ब्लड प्रेसर नियंत्रण सहित जरूरी उपचार भी किए गए हैं।
एम्बुलेंस में तैनात तकनीकी सहायकों द्वारा लगभग एक दर्जन महिलाओं का आपात परिस्थिति में एम्बुलेंस में ही प्रसव कराया गया है। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना के पांच हजार एक सौ, आत्महत्या के एक हजार पांच, श्वांस संबधी बीमारियों के 851, हृदयाघात के 726 तथा चौदह हजार 23 अन्य आपात परिस्थितियों से संबंधित है।
उल्लेखनीय है कि श्108 संजीवनी एक्सप्रेसश् रायपुर और बस्तर के अलावा धमतरी, जशपुर, रायगढ़, बिलासपुर और कोरिया जिले में संचालित है। रायपुर जिले में संचालित 25 एम्बुलेंस के माध्यम से 21 हजार 108,बस्तर में 11 एम्बुलेंस के माध्यम से 12 हजार 404, धमतरी में पांच एम्बुलेंस के माध्यम से डेढ़ हजार, जशपुर में सात एम्बुलेंस के माध्यम से एक हजार 520, रायगढ़ में नौ एम्बुलेंस के माध्यम से एक हजार 210, बिलासपुर में 16 एम्बुलेंस के माध्यम से 750 और कोरिया जिले में पांच एम्बुलेंस के माध्यम से 230 मरीजों को आपात परिस्थितियों में अस्पताल पहुंचाया गया है।