गुजरात आतंकवाद के 11 दोषी बरी
(मणिका सोनल)
नई दिल्ली (साई)।
उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि धर्म के आधार पर किसी व्यक्ति को परेशान करने के लिए
कानून का दुरूपयोग नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने गुजरात में आतंकवाद के दोषी
ठहराए गये ११ लोगों को इसी आधार पर बरी कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने एक फैसले में
कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक और कानून लागू करने वाले
अन्य सभी अधिकारियों को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे कानून का दुरूपयोग
हो। न्यायालय ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसी भी निर्दाेष व्यक्ति
को ऐसा महसूस न हो कि उसे अपने धर्म के कारण परेशान किया जा रहा है। न्यायमूर्ति
एच. एल. दत्तू और न्यायमूर्ति सी. के. प्रसाद की पीठ ने १९९४ में गुजरात के
अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की
कथित साजिश रचने के दोषी ११ व्यक्तियों को बरी करते हुए यह बात कही।
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