बुधवार, 28 अगस्त 2013

स्वास्थ्य विभाग में मची है अंधेरगर्दी

स्वास्थ्य विभाग में मची है अंधेरगर्दी

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों कर्मचारी अधिकारी बुरी तरह बेलगाम हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्वाचन कक्ष लिपिक द्वारा अधिकारी को अंधेरे में रखते हुए निर्दाेष कर्मचारियों के खिलाफ मनगढंत एवं झूठे आरोप लगाया जाकर कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, तथा निर्वाचन संबंधी नियमों को ढाल बनाकर बिना वजह कार्यवाही किये जाने हेतु डराया धमकाया जा रहा है।
शासन द्वारा निर्वाचन पूर्व व्यवस्था बनाये जाने के उद्देश्य से कर्मचारियों की सेवा संबंधी जानकारी जिला स्तर पर विभागवार संकलित की जा रही है। इसी संदर्भ में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी के कार्यालय द्वारा जिला क्षय केंद्र सिवनी में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी  चाही गई थी तथा संबंधित सभी कर्मचारियों की जानकारी चाही गई थी तथा संबंधित कर्मचारियों के द्वारा भी निर्धारित समय सीमा के पूर्व ही चाही गई जानकारी शाखा प्रमुख को प्रस्तुत किये जाने के प्रलस्वरूप उक्त जानकारी भी विभागीय प्रक्रिया के अनुरूप कार्यालय सीएमएचओ को भेजी जाकर पावती प्राप्त कर ली गई है।

इस संबंध में मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष टीकाराम बघेल, सचिव संजय दुबे, प्रांतीय संगठन सचिव प्रदुम्र चतुर्वेदी के द्वारा आशा व्यक्त की जाकर ऐसे कर्मचारी के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही किये जाने की मांग की गई है। वहीं कार्यालय निर्वाचन अधिकारी सिवनी से भी अपेक्षा की गई है कि निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्याे का दुरूपयोग कर स्वार्थ सिद्धि करने वाले कर्मचारी/ अधिकारी के प्रति तत्काल कठोर कार्यवाही की मांग की है। 

सिवनी आ सकते हैं अनिल माधव दुबे

सिवनी आ सकते हैं अनिल माधव दुबे

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। विधानसभा चुनावों में सिवनी जिले के चारों विधानसभा चुनावों में कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ रायशुमारी के लिए राज्य सभा सदस्य अनिल माधव दुबे सितम्बर के पहले सप्ताह में सिवनी आ सकते हैं। सिवनी भाजपा में मची सर फुटव्वल के लिए हाईकमान ने अनिल माधव दुबे को मामला निपटाने के लिए पाबंद किया है।
भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी में दो बार नाराज कार्यकर्ताओं द्वारा की गई जबर्दस्त नारेबाजी की गूंज भोपाल और दिल्ली तक सुनाई दी है। सोशल मीडिया सहित कुछ न्यूज वेब साईट्स पर इन खबरों के चलन से शीर्ष नेतृत्व के कान खड़े हो गए हैं। सूत्रों का कहना है कि आज भी रायशुमारी के दौरान कुछ नेताओं के खिलाफ लगे नारों ने शीर्ष नेताओं की नींद में खलल डाला है।

सूत्रों की मानें तो भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सदस्य अनिल माधव दुबे सितम्बर के पहले सप्ताह संभवतः अगले सप्ताहांत तक सिवनी पहुंचकर कार्यकर्ताओं से रूबरू हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार अनिल माधव दुबे को सिवनी में कार्यकर्ताओं के प्याले में उठे तूफान को थामने की जवाबदेही सौंपी गई है।

रायशुमारी: भाजपा में प्रजातंत्र का अभाव झालका!

रायशुमारी: भाजपा में प्रजातंत्र का अभाव झालका!

बदनामी के डर से मीडिया को रखा रायशुमारी से दूर!, नरेश नीता हटाओ के लगे नारे

(पीयूष भार्गव)

सिवनी (साई)। विधानसभा चुनावों में टिकिट वितरण पूर्व भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की औपचारिक रायशुमारी आज संपन्न हो गई। इस रायशुमारी में मीडिया को दूर ही रखा गया। रायशुमारी स्थल पर नरेश नीता हटाओ भाजपा बचाओ के गगन भेदी नारे लगाए जाते रहे।
आज अपरान्ह भाजपा के पर्यवेक्षक डॉ.तेजबहादुर एवं दिलीप परिहार कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए। जबलपुर रोड़ स्थित सांझी साई लॉन में सुबह से ही कार्यकर्ताओं का जमावड़ा जमकर हो रहा था। दोपहर होते होते नेशनल हाईवे पर वाहनों की कतारें देखते ही बन रही थी। इन वाहनों में अधिकांश विलासिता पसंद लोगों के वाहन ही नजर आ रहे थे।

बनाए गए पांच लिफाफे
आज हुई रायशुमारी में सिवनी, बरघाट, केवलारी और लखनादौन विधानसभाओं के लिए अलग अलग रायशुमारी की गई। इस रायशुमारी में पार्टी के वर्तमान और पूर्व कार्यकर्ताओं के अलावा मीसाबंदियों से भी तीन तीन नाम मांगे गए थे। इन सभी की राय को लिफाफे में बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही साथ एक अन्य लिफाफा आम कार्यकर्ताओं की मंशा का भी बनाया गया जिसमें कार्यकर्ताओं ने अपनी पसंद के प्रत्याशी का नाम सुझाया। मीसाबंदियों को लाने ले जाने के लिए सरकारी लाल बत्ती के वाहन का उपयोग चर्चा का केंद्र बना रहा। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार पर्यवेक्षक द्वय एवं उनके साथ आए पार्षद भी महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर के वाहन में बैठकर रायशुमारी स्थल तक पहुंचे।

देशमुख को बोलने से रोका!
जब पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं को संबोधित कर चुके तब भाजपा के राधेश्याम देशमुख ने माईक संभाला और पार्टी की वर्तमान हालत पर प्रकाश डालना आरंभ ही किया था कि पर्यवेक्षक ने उन्हें बोलने से रोक दिया। पर्यवेक्षक का कहना था कि जिसे जो कहना है वह लिखकर दे दे, उनकी बात उपर तक पहुंचाई जाएगी।

दिखा प्रजातंत्र का अभाव!
आज संपन्न हुई रायशुमारी में एक बात उभरकर सामने आई कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर प्रजातंत्र में आस्था कम होती जा रही है। रायशुमारी में आमंत्रितों को तीन तीन नाम लिखकर देने थे। यह मामला पार्टी स्तर का और गोपनीय था। इस काम के आरंभ होते ही मीडिया को वहां से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। मीडिया के लोग मुख्य द्वार के बाहर सड़क के आहते में ही खड़े देखे गए। उपस्थित मीडिया में कुछ इस तरह की सुगबुगाहट भी देखी गई कि लोकसभा, विधानसभा चुनावों में जहां मतदान के वक्त सबसे ज्यादा गोपनीयता बरती जाती है वहां मतदान कक्ष में भी मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी नहीं होती है।

पर्यवेक्षक ने दिया आदेश
वहीं समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ने जब इस बात पर भाजपा के जिलाध्यक्ष नरेश दिवाकर से अपनी आपत्ति दर्ज करवाई गई तो महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर ने कहा कि पर्यवेक्षक की मंशा के अनुरूप मीडिया को रायशुमारी स्थल से बाहर किया गया है।

नरेबाजी संस्कृति का उदय

भारतीय जनता पार्टी को काडर बेस्ड अनुशासित पार्टी माना जाता है, किन्तु पिछले कुछ सालों से भाजपा में भी अनुशासनहीनता चरम पर दिखाई दे रही है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2008 के चुनावों में तत्कालीन विधायक नरेश दिवाकर की टिकिट काटकर तत्कालीन सांसद श्रीमति नीता पटेरिया को दिए जाने पर नरेश दिवाकर समर्थकों ने बाहर से आए बड़े नेताओं को सर पर उठा लिया था। उस वक्त की गई नारेबाजी और अनुशासनहीनता, पोस्टर आदि फाड़े जाने, बी फार्म पर प्रश्न चिन्ह लगाने आदि जैसी कार्यवाहियों से भाजपा के अंदर एक नई परंपरा का आगाज हुआ। उस वक्त भले ही यह सब अनुकूल लग रहा हो, किन्तु कालांतर में अब नीता नरेश हटाओ पार्टी बचाओ के नारे उसी अनुशासनहीनता की परिणति ही माना जा रहा है। सिवनी में भाजपा संगठन को देखकर शीर्ष नेतृत्व यह बात कतई नहीं कह सकता है कि सिवनी में चाल चरित्र और चेहरे आधारित राजनीति करने वाली भाजपा का संगठन अस्तित्व में है।

नही हो पा रहा बाहरी लोगों का चरित्र सत्यापन!

नही हो पा रहा बाहरी लोगों का चरित्र सत्यापन!

(शरद खरे)

जिलाधिकारी भरत यादव और जिला पुलिस अधीक्षक लगातार इस बात को दुहरा रहे हैं कि बाहर से आकर रहने वालों और बाहरी काम करने वाले लोगों का चरित्र सत्यापन प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। यह बात उस समय से जोर शोर से उठ रही है जबसे घंसौर की गुड़िया के साथ दुष्कर्म के उपरांत उसकी मौत का मामला सामने आया था। विभागीय, समयसीमा, एवं अन्य बैठकों में दोनों ही वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बाहर के लोगों के चरित्र सत्यापन की बात पुरजोर तरीके से की जा रही है। इसमें ठेकेदारों के पास काम करने वालों के साथ ही साथ किराए से मकान लेकर रहने वालों के चरित्र सत्यापन की बात सामने आ रही है।
विडम्बना ही कही जाएगी कि जिला मुख्यालय में ही अब तक किराएदारी, मुसाफिरी आदि जैसी बातों के लिए ना तो पुलिस ने कोई फार्मेट ही तय किया है और ना ही इसके बारे में वह संजीदा ही नजर आ रही है। माना कि पुलिस के पास कानून और व्यवस्था के साथ ही साथ व्हीव्हीआईपी मूवमेंट का जबर्दस्त दबाव है।
पिछले दिनों जिला सतर्कता एवं मानीटरिंग समिति की बैठक में लखनादौन विधायक श्रीमति शशि ठाकुर के प्रतिनिधि प्रदीप पटेल ने जिले में चल रहे निर्माण कार्यों, मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड में कार्यरत कर्मचारियों, शराब व्यवसाईयों के पास कार्यरत कर्मियों के साथ ही साथ सड़कों के किनारे बैठकर पंचर सुधारने वाले कर्मियों के चरित्र सत्यापन की मांग की गई। प्रदीप पटेल की इस मांग का स्वागत किया जाना चाहिए। इस बैठक में अन्य सदस्य तेई सिंह उईके एवं बिसन सिंह परतेती ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि केवलारी, घंसौर, धनोरा, लखनादौन, छपारा आदि क्षेत्रों में शराब वाहनों में रखकर बेची जा रही है।
देखा जाए तो इन प्रतिनिधियों की बात में दम नजर आता है। वस्तुतः शराब को ठेके पर से ही बेचा जाना चाहिए, पर ठेकेदार के आदमी गांव गांव फेरीवालों की तरह शराब बेच रहे हैं। यह शराब वाणिज्यिक कर अदा की हुई है या अवैध, कोई नहीं जानता है। पिछले दिनों लखनादौन क्षेत्र में गोवा एवं दमन से आई, कर मुक्त शराब बिकने की खबरें भी आई थीं। इस तरह कर मुक्त शराब बेचकर ठेकेदार शासन को सीधे सीधे चपत तो लगा ही रहे हैं, इसके अलावा ठेकेदारों द्वारा आबकारी महकमा जिसका काम अवैध शराब पकड़ना है के साथ सांठगांठ करने के दो नंबर की अवैध, नकली शराब को भी बेचा जा रहा है जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिला कलेक्टर के कड़े निर्देशोंके बाद भी अवैध शराब बिक ही रही है।
इस कार्य में स्थानीय लोगों की संलिप्तता कम ही है। इसमें ज्यादा से ज्यादा तादाद में बाहर से आए गुंडानुमा तत्व ही सक्रिय नजर आ रहे हैं। सिवनी शहर में ही मिशन स्कूल के पीछे एक गली में देशी शराब खुले आम बिकती नजर आती है। शराब के आदियों की मानें तो पेकर्सके जरिए यह शराब ठेके से कम कीमत पर यहां बेची जाती है। पिछले दिनों जिले भर में अबोध बच्चों के साथ दुराचार की खबरें तेजी से बढ़ी हैं। घंसौर में जिस फिरोज द्वारा गुड़िया के साथ दुराचार किया था वह मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड का वेल्डर था और बिहार का रहने वाला था। इस संबंध में घंसौर पुलिस ने ही कहा था कि फिरोज का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं हुआ था। इन परिस्थितियों में पुलिस ने मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के खिलाफ कोई कदम शायद ही उठाया हो। उसके बाद झाबुआ पावर के एक अन्य कर्मचारी ने भी एक बालिका के सामने अश्लील हरकतें कीं।
जिले भर में प्रदेश और केंद्र सरकार पोषित निर्माण कार्यों की बड़ी तादाद है। इन कार्यों को करने के लिए देश भर से मजदूर और अन्य विशेषज्ञों ने सिवनी में डेरा डाला हुआ है। किसके मन में क्या है यह जानना बहुत मुश्किल है। कोई भी कहीं भी वारदात करके भाग सकता है। इसीलिए पहले के समय में बाहर से आने वाले की मुसाफिरी दर्ज करवाई जाती थी। सिवनी जिला अतिसंवेदनशील जिलों की फेहरिस्त में है। सिवनी में पिछले दिनों बड़ी मात्रा में बम गोले और असलहा बरामद हुआ था। इस लिहाज से सिवनी के लॉज होटलों की सतत निगरानी भी आवश्यक है। आज यह काम होता है पर महज रस्म अदायगी के लिए।
सिवनी में दुपहिया और चौपहिया वाहनों की तादाद तेजी से बढ़ी है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसी के मद्देनजर जिले भर में सड़कों के किनारे टायर के पंचर बनाने वालों की भी तादाद बढ़ी है। ये कहां से आए हैं?, इनका मूल नाम पता क्या है? अगर ये कोई वारदात करके फरार होते हैं तो इन्हें कहां ढूंढा जाएगा? यह तो राहत की ही बात मानी जा सकती है कि कम से कम सालों बाद, जिले के दो प्रमुख अधिकारी किराएदारी, बाहर से आए लोगों के चरित्र सत्यापन और मुसाफिरी के मामले में संजीदा दिख रहे हैं। सिवनी में कौन आता है कौन चला जाता है यह बात किसी को पता नहीं होती है। भागमभाग में आज लोग भी अपने आस पड़ोस में कौन आया कौन गया से ज्यादा मतलब नहीं रख रहे हैं।
इन परिस्थितियों में सिवनी अपराधियों के लिए शरण स्थली बन जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पहले भी दक्षिण भारत से आए एक अपराधी ने अभिषेक कालोनी में निवास किया और अपना राशन कार्ड तक बनवा लिया था। इसके बाद बुधवारी में दरोगा मोहल्ला में बारूद फटने से एक व्यक्ति के चीथड़े उड़े, और एकता कालोनी में एक संदिग्ध आरोपी को पुलिस ने धर दबोचा था।

जिले के मुखिया संवदेनशील कलेक्टर भरत यादव एवं युवा एवं उर्जवान जिला पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला के द्वारा अनेकानेक बार कड़े और स्पष्ट निर्देश दिए किन्तु उनके मातहतों ने इन निर्देशों को हवा में ही उड़ा दिया है। अब जिले के निवासी जिले के शीर्ष अधिकारियों से स्पष्ट और कड़ेनिर्देशों के बजाए उनके कड़े कदमों की अपेक्षा रख रहे हैं। जिले के मुखिया अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे चरित्र सत्यापन के मामले में अधीनस्थों को टाईम फ्रेम में बांधकर काम करने के लिए ताकीद करें, ताकि जिले का अमन चैन कायम रह सके।