नही हो पा रहा बाहरी लोगों का चरित्र
सत्यापन!
(शरद खरे)
जिलाधिकारी भरत यादव और जिला पुलिस
अधीक्षक लगातार इस बात को दुहरा रहे हैं कि बाहर से आकर रहने वालों और बाहरी काम
करने वाले लोगों का चरित्र सत्यापन प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। यह बात उस समय
से जोर शोर से उठ रही है जबसे घंसौर की गुड़िया के साथ दुष्कर्म के उपरांत उसकी मौत
का मामला सामने आया था। विभागीय, समयसीमा, एवं अन्य बैठकों में दोनों ही वरिष्ठ
अधिकारियों द्वारा बाहर के लोगों के चरित्र सत्यापन की बात पुरजोर तरीके से की जा
रही है। इसमें ठेकेदारों के पास काम करने वालों के साथ ही साथ किराए से मकान लेकर
रहने वालों के चरित्र सत्यापन की बात सामने आ रही है।
विडम्बना ही कही जाएगी कि जिला मुख्यालय
में ही अब तक किराएदारी, मुसाफिरी आदि जैसी बातों के लिए ना तो पुलिस ने कोई फार्मेट ही तय किया
है और ना ही इसके बारे में वह संजीदा ही नजर आ रही है। माना कि पुलिस के पास कानून
और व्यवस्था के साथ ही साथ व्हीव्हीआईपी मूवमेंट का जबर्दस्त दबाव है।
पिछले दिनों जिला सतर्कता एवं मानीटरिंग
समिति की बैठक में लखनादौन विधायक श्रीमति शशि ठाकुर के प्रतिनिधि प्रदीप पटेल ने
जिले में चल रहे निर्माण कार्यों, मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड में कार्यरत
कर्मचारियों, शराब व्यवसाईयों के पास कार्यरत कर्मियों के साथ ही साथ सड़कों के किनारे
बैठकर पंचर सुधारने वाले कर्मियों के चरित्र सत्यापन की मांग की गई। प्रदीप पटेल
की इस मांग का स्वागत किया जाना चाहिए। इस बैठक में अन्य सदस्य तेई सिंह उईके एवं
बिसन सिंह परतेती ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि केवलारी, घंसौर, धनोरा, लखनादौन, छपारा आदि क्षेत्रों में शराब वाहनों
में रखकर बेची जा रही है।
देखा जाए तो इन प्रतिनिधियों की बात में
दम नजर आता है। वस्तुतः शराब को ठेके पर से ही बेचा जाना चाहिए, पर ठेकेदार के आदमी गांव गांव फेरीवालों
की तरह शराब बेच रहे हैं। यह शराब वाणिज्यिक कर अदा की हुई है या अवैध, कोई नहीं जानता है। पिछले दिनों लखनादौन
क्षेत्र में गोवा एवं दमन से आई, कर मुक्त शराब बिकने की खबरें भी आई
थीं। इस तरह कर मुक्त शराब बेचकर ठेकेदार शासन को सीधे सीधे चपत तो लगा ही रहे हैं, इसके अलावा ठेकेदारों द्वारा आबकारी
महकमा जिसका काम अवैध शराब पकड़ना है के साथ सांठगांठ करने के दो नंबर की अवैध, नकली शराब को भी बेचा जा रहा है जिससे
लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिला कलेक्टर के ‘कड़े निर्देशों‘ के बाद भी अवैध शराब बिक ही रही है।
इस कार्य में स्थानीय लोगों की
संलिप्तता कम ही है। इसमें ज्यादा से ज्यादा तादाद में बाहर से आए गुंडानुमा तत्व
ही सक्रिय नजर आ रहे हैं। सिवनी शहर में ही मिशन स्कूल के पीछे एक गली में देशी
शराब खुले आम बिकती नजर आती है। शराब के आदियों की मानें तो ‘पेकर्स‘ के जरिए यह शराब ठेके से कम कीमत पर
यहां बेची जाती है। पिछले दिनों जिले भर में अबोध बच्चों के साथ दुराचार की खबरें
तेजी से बढ़ी हैं। घंसौर में जिस फिरोज द्वारा गुड़िया के साथ दुराचार किया था वह
मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड का वेल्डर था और बिहार का रहने वाला था। इस संबंध में
घंसौर पुलिस ने ही कहा था कि फिरोज का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं हुआ था। इन
परिस्थितियों में पुलिस ने मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के खिलाफ कोई कदम शायद ही
उठाया हो। उसके बाद झाबुआ पावर के एक अन्य कर्मचारी ने भी एक बालिका के सामने
अश्लील हरकतें कीं।
जिले भर में प्रदेश और केंद्र सरकार
पोषित निर्माण कार्यों की बड़ी तादाद है। इन कार्यों को करने के लिए देश भर से
मजदूर और अन्य विशेषज्ञों ने सिवनी में डेरा डाला हुआ है। किसके मन में क्या है यह
जानना बहुत मुश्किल है। कोई भी कहीं भी वारदात करके भाग सकता है। इसीलिए पहले के
समय में बाहर से आने वाले की मुसाफिरी दर्ज करवाई जाती थी। सिवनी जिला
अतिसंवेदनशील जिलों की फेहरिस्त में है। सिवनी में पिछले दिनों बड़ी मात्रा में बम
गोले और असलहा बरामद हुआ था। इस लिहाज से सिवनी के लॉज होटलों की सतत निगरानी भी
आवश्यक है। आज यह काम होता है पर महज रस्म अदायगी के लिए।
सिवनी में दुपहिया और चौपहिया वाहनों की
तादाद तेजी से बढ़ी है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसी के मद्देनजर जिले
भर में सड़कों के किनारे टायर के पंचर बनाने वालों की भी तादाद बढ़ी है। ये कहां से
आए हैं?, इनका मूल नाम पता क्या है? अगर ये कोई वारदात करके फरार होते हैं
तो इन्हें कहां ढूंढा जाएगा? यह तो राहत की ही बात मानी जा सकती है
कि कम से कम सालों बाद, जिले के दो प्रमुख अधिकारी किराएदारी, बाहर से आए लोगों के चरित्र सत्यापन और
मुसाफिरी के मामले में संजीदा दिख रहे हैं। सिवनी में कौन आता है कौन चला जाता है
यह बात किसी को पता नहीं होती है। भागमभाग में आज लोग भी अपने आस पड़ोस में कौन आया
कौन गया से ज्यादा मतलब नहीं रख रहे हैं।
इन परिस्थितियों में सिवनी अपराधियों के
लिए शरण स्थली बन जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पहले भी दक्षिण भारत से
आए एक अपराधी ने अभिषेक कालोनी में निवास किया और अपना राशन कार्ड तक बनवा लिया
था। इसके बाद बुधवारी में दरोगा मोहल्ला में बारूद फटने से एक व्यक्ति के चीथड़े
उड़े, और एकता कालोनी में एक संदिग्ध आरोपी को पुलिस ने धर दबोचा था।
जिले के मुखिया संवदेनशील कलेक्टर भरत
यादव एवं युवा एवं उर्जवान जिला पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला के द्वारा अनेकानेक
बार ‘कड़े और स्पष्ट निर्देश दिए किन्तु उनके मातहतों ने इन निर्देशों को हवा
में ही उड़ा दिया है। अब जिले के निवासी जिले के शीर्ष अधिकारियों से ‘स्पष्ट और कड़े‘ निर्देशों के बजाए उनके कड़े कदमों की
अपेक्षा रख रहे हैं। जिले के मुखिया अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे चरित्र
सत्यापन के मामले में अधीनस्थों को टाईम फ्रेम में बांधकर काम करने के लिए ताकीद
करें, ताकि जिले का अमन चैन कायम रह सके।