शुक्रवार, 27 जनवरी 2012

मायावती का ताज खतरे में!


मायावती का ताज खतरे में!


हृदय प्रदेश की तरह बन रहे हालात



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर प्रदेश की निजाम मायावती की स्थिति विधानसभा चुनावों में गंभीर दिखने लगी है। मायावती के एक इशारे पर तामीली लेकर दौड़ने वाले नौकरशाहों ने अब केंद्र की ओर रूख करना आरंभ कर दिया है, जिससे इस बात के पुख्ता संकेत मिलने लगे हैं कि मेडम माया का राज अब सामाप्ति की ओर ही है।
गौरतलब है कि वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजा दिग्विजय सिंह के शासनकाल के अंतिम समय सूबे के नौकरशाहों ने बड़ी मात्रा में केंद्र में प्रतिनियुक्ति ले ली थी। उस वक्त इन नौकरशाहों को आभास हो चुका था कि आने वाला समय कांग्रेस का नहीं होगा। वस्तुतः एसा हुआ भी था। दिग्विजय सिंह के उपरांत भाजपा थंपिंग मेजारटी में मध्य प्रदेश में काबिज हो गई थी। बड़ी तादाद में आईएएस, आईपीएस अफसरान की केंद्र में तैनाती को देखकर वर्ष 2004 में कहा जाने लगा था कि दिल्ली में भी मध्य प्रदेश सचिवालय ‘‘वल्लभ भवन‘‘ की एक शाखा खुल गई है।
कमोबेश यही आलम इस समय उत्तर प्रदेश का है। उत्तर प्रदेश सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि यूपी के मुख्य सचिव अनूप मिश्र सहित लगभग एक दर्जन आईएएस अफसरों ने केंद्र में जाने का मन बना लिया है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सूबे से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर आने के लिए राज्य सरकार का अनापत्ति प्रमाणपत्र आवश्यक होता है।
राज्य से जिन अफसरों ने केंद्र की ओर रूख करने का मन बनाया है उनमें मुख्य सचिव अनूप मिश्र, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आर.पी.सिंह, सेकेटरी टू सीएम अनिल संत, एग्रीकल्चर सेकेटरी सुशील कुमार, विज्ञान और प्रोद्योगिकी सचिव मोहम्मद मुस्तफा, पर्यावरण सचिव राजेश कुमार सिंह आदि शामिल हैं। इन सभी अफसरान ने राज्य सरकार से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है।
अफसरान को डर सता रहा है कि अगर मेडम माया का राज नहीं आया तो नए निजाम द्वारा वर्तमान में ताकतवर रहे अफसरों पर गाज गिरना तय है, संभवतः यही कारण है कि अफसरों ने राज्य से रूखसती में ही अपनी भलाई समझी हैै। वैसे मेडम माया के राज में शंशांक शेखर सिंह, कुंवर फतेह बहादुर, नेतराम, आर.पी.सिंह, नवनीत सहगल, श्रीकृष्णा, विजय सिंह, शैलेष किसन आदि खासे ताकतवर रहे हैं, और अब सभी उत्तर प्रदेश छोड़कर दिल्ली का रूख करने के इच्छुक बताए जा रहे हैं।

बेनी की बिदाई की शर्त पर देंगे मुलायम साथ


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 76

बेनी की बिदाई की शर्त पर देंगे मुलायम साथ

विधानसभा के बाद भैया जी की बिदाई तय



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बाद केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की बिदाई लगभग तय मानी जा रही है। कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में पश्चिम बंगाल की निजाम ममता बनर्जी के तल्ख तेवरों से आजिज आ चुकी कांग्रेस मुलायम का हाथ थाम सकती है। उधर, मुलायम सिंह का कहना है कि वे तभी केंद्र सरकार में शामिल होंगे जब उत्तर प्रदेश कोटे वाले केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को मंत्रीमण्डल से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए।
पूर्व रेल मंत्री और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रूख कांग्रेस के प्रति सकारात्मक कतई नहीं दिख रहा है। ममता बनर्जी द्वारा कांग्रेस को एक के बाद एक झटके दिए जा रहे हैं। कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि ममता ने त्रणमूल कोटे के सारे मंत्रियों से त्यागपत्र ले लिए हैं और वे किसी भी दिन कांग्रेस को अल्टीमेटम देकर अपने मंत्री सरकार से वापस बुलवा सकतीं हैं। उधर, कांग्रेस के प्रबंधक भी ममता बनर्जी द्वारा बार बार कालर पकड़कर हड़काने से आजिज आते नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (श्रीमति सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सरकार में शामिल होने के लिए अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। मामला अटका है तो केंद्रीय मंत्री बेनी वर्मा पर आकर। मुलायम सिंह ने साफ तौर पर शर्त रखी है कि कांग्रेस अगर बेनी वर्मा को मंत्री मण्डल से बाहर का रास्ता दिखाती है तो सपा सरकार में शामिल होकर संप्रग सरकार को स्थिरता दे सकती है।

(क्रमशः जारी)

कहीं भस्मासुर न बन जाए थापर का पावर प्लांट


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  54

कहीं भस्मासुर न बन जाए थापर का पावर प्लांट

हाड़ गलाने वाली ठण्ड में आसमान तले रात गुजारने मजबूर हैं बेघर आदिवासी



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। ‘‘मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में लगाए जाने वाले कोल आधारित पावर प्लांट ने क्षेत्रीय आदिवासियों का जीना दूभर कर दिया है।‘‘ उक्ताशय के आरोप आदिवासियों के हितों के संरक्षण का दावा करने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा लगाए गए हैं।
गोंगापा के सिवनी जिला मीडिया प्रभारी ने कहा है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा अपने हितों को देखते हुए आदिवासियों को भरमाया जा रहा है कि संयंत्र के लगने से क्षेत्र का विकास होगा। वास्तविकता यह है कि भस्मासुर रूपी झाबुआ पावर लिमिटेड के पावर प्लांट से पीड़ित आदिवासी सुरक्षित भविष्य की तलाश में पलायन पर मजबूर हैं। गोंगपा ने आरोप लगाया है कि इस पावर प्लांट की नीतियों के चलते रक्त जमाने वाली सर्दी में आदिवासी अपना घर द्वार छोड़कर भागने पर मजबूर हो रहे हैं।
गोंगपा ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि नर्मदा नदी जबलपुर सहित अनेक शहरों में बुरी तरह प्रदूषित हो चुकी है, बावजूद इसके मण्डल द्वारा इस संयंत्र से उपजने वाले प्रदूषण को नजर अंदाज आखिर किस कीमत पर किया जा रहा है। गोंगपा ने कहा है कि एमपी पीसीबी के अधिकारी संयंत्र प्रबंधकों के इशारों पर सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील जो कि केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में शामिल है को झुलसाने का ताना बाना बुन रहे हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा गणतंत्र दिवस पर भी करोड़ों रूपयों के विज्ञापन मीडिया में जारी कर मीडिया को भी भ्रमित करने का प्रयास किया गया है। संयंत्र प्रबंधन के विज्ञापनों में संयंत्र के बारे में पूरी तरह खामोशी ओढ़ी गई है। सिवनी जिले में भी विज्ञापनों की बंदरबांट के कारण मीडिया में रोष और असंतोष बना हुआ है।

(क्रमशः जारी)

ठण्ड के बावजूद चुनाव प्रचार जोरों पर


ठण्ड के बावजूद चुनाव प्रचार जोरों पर



(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव प्रचार जोरों पर है। प्रचार कल शाम समाप्त होगा। कांग्रेस और भाजपा सहित सभी प्रमुख पार्टियों के स्टार प्रचारक मतदाताओं को लुभाने में लगे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता एन डी तिवारी और भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी कुमाऊं क्षेत्र में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं।
राज्य में चुनाव के अंतिम चरणों में राज्य की विकास समेत विभिन्न मुद्दों पर एक दूसरे की आलोचना के बीच राज्यविधान सभा की सत्तर सीटों के लिए प्रचार के दौरान आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कुमाऊ मण्डल के भावर में स्थित हलद्वानी और रामनगर विधानसभायी क्षेत्रों में विकास के साथ ही स्थानी मुद्दे हावी हैं।
यहां कुल २८ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। जो मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए उनसे सीधे सम्पर्क साध रहे हैं, लेकिन चुनाव को लेकर कुछ स्थानों पर मतदाताओं में कोई खास उत्साह नहीं दिखाई पड़ रहा है। ठण्ड के बावजूद उम्मीदवार और बड़े नेताओं के सघन दौरों का सिलसिला जारी है।

पंजाब में 32 करोड़ जप्त


पंजाब में 32 करोड़ जप्त

(विक्की आनंद)

चंडीगढ़ (साई)। पंजाब में निगरानी दल ने विभिन्न स्थानों से ३२ करोड़ रूपये से ज्यादा धनराशि जब्त की है। इसके अलावा भारी मात्रा में अवैध शराब, अफीम, हेरोइन, स्मैक और अन्य नशीले पदार्थ भी पकड़े गए हैं। नौ सौ निन्यानवें संवेदनशील इलाकों सहित राज्य भर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मतदाताओं में सुरक्षा के प्रति विश्वास पैदा करने के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों में पंजाब पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान लैग मार्च कर रहे हैं। राज्य में चुनाव प्रचार जोरों पर है।
चुनाव प्रचार के केवल दो दिन हैं। कल शाम खुला चुनाव प्रचार बदं हो जाएगा। सभी पार्टियों के बड़े चुनाव प्रचार जिनमें राष्ट्रीय नेता फिल्म व टीवी स्टार शामिल हैं। राज्य में विभिन्न स्थानों पर चुनाव रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। राज्य में सत्ताधारी श्रीरोमणि अकाली दल भारतीय जनता पार्टी गठबंधन मतदाताओं से अपनी पिछले पांच वर्षों की काजदारी पर वोट मांग रहा है।
गठबंधन के नेताओं का कहना है कि उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों पर उन्हों समर्थन मिलेगा। वहीं कांग्रेस का कहना है कि केवल केन्द्र से मिली ग्रांड से विकास हुआ है। तीसरा मोर्चा दोनों ही प्रमुख पार्टियों की विफलताओं को बताकर नये वादे कर रहा है। एक बात खुलकर सभी दलों के नेता मान रहे हैं कि अब मतदाता जागरूक हैं।

उत्तर प्रदेश में नामांकन गतिविधियां चरम पर


उत्तर प्रदेश में नामांकन गतिविधियां चरम पर

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नाम वापस लेने की आज आखिरी तारीख है। इस चरण में पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौ जिलों के ५९ निर्वाचन क्षेत्रों में ११ फरवरी को मतदान होगा। पांचवे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया कल शुरू होगी। इसमें आगरा, अलीगढ, कानपुर, झांसी और चित्रकूट धाम डिवीजनों के १३ जिलों के ४९ निर्वाचन क्षेत्रों में २३ फरवरी को मतदान होगा।

तीसरे चरण के नामांकन भरने के काम में तेजी आई है। तीसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन की गतिविधियां चरम पर हैं। इस चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अवधि समाप्त हो रही है। अभी तक दस जिलों के छप्पन विधानसभा क्षेत्रों के लिए चार सौ ३८ उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।

चौथे चरण के लिए समाजवादी पार्टी और भारतीय जनतापार्टी के दो-दो उम्मीदवारों सहित कुल १४ नामांकन पत्र भरे गए हैं। निर्वाचन आयोग ने दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव वाले जिलों में भी विभिन्न राज्यों के पन्द्रह वर्ष पुलिस अधिकारियों को प्रेक्षक के रूप में तैनात किया है।

संवेदनशीलता को देखते हुए गोरखपुर, आजमगढ़, देवरिया, इलाहाबाद, वाराणसी, जौनपुन, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र और संत रविदास नगर भदौई के लिए एक-एक पुलिस दस्तों की तैनाती की है। राज्य में पहली बार चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था पर निगाह रखने के लिए पुलिस प्रेक्षक तैनात किए गए हैं।

जयललिता ने किया पांचवां फेरबदल


जयललिता ने किया पांचवां फेरबदल

(प्रीति सक्सेना)

चेन्नई (साई)। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने सात महीने में मंत्रिमण्डल में कल पांचवां फेरबदल किया। जयललिता ने दो मंत्रियों को हटाकर, दो नये मंत्रियों को शामिल किया है। स्कूली शिक्षा मंत्री एस एस कृष्णामूर्ति और राजस्व मंत्री एस पी वेलूमणि को बाहर कर एन आर शिवपति और एन सुब्रहमण्यम को मंत्रिमण्डल में शामिल किया गया है। दोनों आज शपथ लेंगे।

आज दफनाया जाएगा फारूख को


आज दफनाया जाएगा फारूख को

(महिमा नायर)

पुद्दूचेरी (साई)। केरल के राज्यपाल एम ओ एच फारूक का कल रात चेन्नई में निधन हो गया। वे ७५ वर्ष के थे। उन्होंने पिछले वर्ष अगस्त में केरल के राज्यपाल का पदभार संभाला था। श्री फारूक केन्द्रीय मंत्री, लोकसभा सांसद और सउदी अरब में भारतीय राजदूत रहे। श्री फारूक का पार्थिव शरीर कल रात पुद्दुचेरी लाया गया। उन्हें आज शाम दफनाया जाएगा। केरल सरकार ने उनके निधन पर सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील ने श्री फारूक के निधन पर संवेदना व्यक्त की है।

दुग्गल का निधन


दुग्गल का निधन

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। प्रख्यात पंजाबी लेखक करतार सिंह दुग्गल का कल शाम नई दिल्ली में निधन हो गया। वे ९४ वर्ष के थे। वे आकाशवाणी के निदेशक भी रहे। श्री दुग्गल ने पंजाबी, उर्दू, हिन्दी और अंग्रेजी में उपन्यास, लघु कथाएं और नाटक लिखे हैं। उन्हें साहित्य अकादमी और पद्मभूषण पुरस्कारों से भी सम्मानित गया। प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने श्री दुग्गल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व ने एक प्रतिष्ठित और बहुमुखी प्रतिभा का धनी व्यक्तित्व खो दिया है।

अमलतास: विरेचक प्रवत्ति वाली औषधि


अमलतास: विरेचक प्रवत्ति वाली औषधि



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। झूमर की तरह लटकते पीले फ़ूल वाले इस पेड को सुंदरता के लिये अक्सर बाग-बगीचों में लगाया जाता है हलाँकि जंगलों में भी इसे अक्सर उगता हुआ देखा जा सकता है। अमलतास का वानस्पतिक नाम केस्सिया फ़िस्टुला है। अमलतास के पत्तों और फूलों में ग्लाइकोसाइड, तने की छाल टैनिन, जड़ की छाल में टैनिन के अलावा ऐन्थ्राक्विनीन, फ्लोवेफिन तथा फल के गूदे में शर्करा, पेक्टीन, ग्लूटीन जैसे रसायन पाए जाते है।
इस पेड की छाल का काढा पीलिया, सिफ़लिस और हृदय रोगों में दिया जाता है। पघ्ट दर्द में इसके तने की छाल को कच्चा चबाया जाए तो दर्द में काफ़ी राहत मिलती है। इसकी फ़ल्लियों के गूदे का सेवन दस्तकारक होता है और गर्भवती स्त्रियों को विरेचक औषधि के रूप में यह दिया जाता है।
वैसे संतुलित मात्रा में यह मधुमेह में भी हितकर है। फ़ल्लियों के गूदे का काढा आवाज की खरखराहट, गला बैठना जैसी शिकायत आदि में गुणकारी है। पातालकोट के आदिवासी बुखार और कमजोरी से राहत दिलाने के लिए कुटकी के दाने, हर्रा, आँवला और अमलतास के फ़लों की समान मात्रा लेकर कुचलते है और इसे पानी में उबालते है, इसमें लगभग ५ मिली शहद भी डाल दिया जाता है और ठंडा होने पर रोगी को दिया जाता है। डाँग गुजरात के आदिवासी कहते है कि इसके पत्ते मल को ढीला और कफ को दूर करते हैं। फूल भी कफ और पित्त को नष्ट करते हैं।

(साई फीचर्स)

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