मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

आखिर क्या हैं बजट के मायने


आखिर क्या हैं बजट के मायने

(लिमटी खरे)

देखा जाए तो बजट का शाब्दिक आय व्यय का लेखा जोखा ही माना जाता है। बजट क्या है केंद्र या राज्यों की सरकार के बजट के मायने क्या हैं। हर घर का बजट निर्धारित किया जाता है खुद के द्वारा। बजट शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई। दरअसल, यह 1733 से प्रचलन में आया है जब ब्रितानी प्रधाानमंत्री अपने वित्त मंत्री के साथ देश के माली हालातों का लेखा जोखा प्रस्तुत करने संबंधी दस्तावेज एक चमड़े के बैग में रखकर लाए थे। इसी चमड़े के बैग को फ्रेंच भाषा में बुजेट बीओयूजीईटीटीई कहते हैं। कालांतर में यही बुजेट का अपभ्रंश बजट के रूप में सामने आया है।

देश का आम बजट आने को है। इस माह या मार्च माह में राज्य सरकारें भी अपना अपना बजट पेश करेंगीं। देश के जनप्रतिनिधियों में कम ही जानते होंगे कि आखिर बजट‘‘ का नामकरण कैसे हुआ? बजट के मायने क्या हैं? बजट पेश किया जाता है या खोला जाता है? आदि न जाने कितनी तरह की भ्रांतियां आज भी अनुत्तरित हैं।
दरअसल ब्रितानी संसद को लगभग सभी देशों की संसद और संसदीय परंपराओं की जननी माना जाता है। इस लिहाज से बजट शब्द का अर्थ खोजने के लिए इंग्लेंड की ओर नज़रें करना अतिश्योक्ति नहीं होगा। सन 1733 मंे जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री (चांसलर ऑफ एक्सचेकर) रॉबर्ट वॉलपोल ब्रितानी संसद में देश मी माली हालत का लेखा जोखा पेश करने पहुंचे तब वे अपना भाषण और उससे संबंधित दस्तावेज एक चमड़े के बैग में रखकर पहुंचे थे।
चमड़े के बैग को फ्रेंच भाषा में बुजेट बीओयूजीईटीटीई कहते है। बस यहीं से देश या प्रदेश के आर्थिक ढांचे का लेखा जोखा पेश करने की प्रक्रिया को बुजेट और कालांतर मंे इसे बजट कहा जाने लगा। यद्यपि इसका कोई प्रमाणिक सबूत मौजूद नहीं है, पर यह तर्क काफी हद तक सही लगता है।
उस काल में जब भी वित्त मंत्री चमड़े के बैग में सालाना लेखा जोखा पेश करने संसद पहुंचते तो सांसदों द्वारा उनसे आग्रह किया जाता कि अपना बजट (बेग) खोलिए देखें इस चमड़े के बैग में क्या है? अथवा अब वित्त मंत्री जी अपना बजट खोलें। साल दर साल बुजेट से बजट का नामांकरण पुख्ता होता गया।
रॉबर्ट वॉलपोल को इस बुजेट के कारण सांसदों के सामने उपहास का पात्र भी बनना पड़ा था। उस दौरान नमक पर लगाए गए कर के प्रस्ताव के चलते सांसदों ने उनकी आलोचना करते हुए यह तक कह डाला था कि - ‘‘वॉलपोल देश की अर्थव्यवस्था का इलाज एक वित्त मंत्री की तरह नहीं वरन् झोलाछाप डाक्टर की तरह कर रहे हैं।‘‘
उस दौर में भले ही वॉलपोल को अपने बुजेट अर्थात चमड़े के बैग के कारण आलोचना का शिकार बनना पड़ा हो पर उसी बैग ने संसदीय परंपरा डाली और नामकरण किया जिसको बदलने के बारे मंे आज शायद ही कोई सोचता हो। अंग्रेजी शब्दकोषों में भी बजट का शाब्दिक अर्थ आय व्यय का लेखा जोखा ही दर्शाया गया है। इसे शब्दकोष में कब शामिल किया गया इसके बारे में भी कोई प्रमाण मौजूद नहीं है।
उसी दरम्यान एक पुस्तिका का प्रकाशन भी किया गया था। जिसका शीर्षक था बजट खुल गया है। चूंकि ब्रितानी हुकूमत के बारे में कहा जाता है कि उसका सूरज कभी डूबता नहीं था। अर्थात गोरे ब्रितानियों ने इतने देशों पर अपना कब्जा और शासन कायम रखा था कि कहीं ना कहीं सूरज अवश्य ही दिखाई देता था। यही कारण है कि बजट शब्द का प्रचलन ब्रितानी हुकूमत वाले देशों में भी हो गया।
ब्रितानी संसद में बुजेट अर्थात चमड़े के बैग का भी अपना मजेदार इतिहास मौजूद है। सन 1860 तक वित्त मंत्री द्वारा चमड़े के बैग में ही बजट पेश किया जाता रहा है। 1860 में वित्त मंत्री चांसलर ग्लैडस्टोन ने एक लकड़ी का बक्सा बनवाकर उस पर लाल चमड़ा मढ़वाया। इस बक्से पर महारानी विक्टोरिया का मोनोग्राम भी अंकित था। इसके बाद से वित्त मंत्रियों द्वारा सदन में उसी बैग का इस्तेमाल बजट के लिए किया जाने लगा।
कालांतर में वित्त मंत्री जेम्स कलाहन को यह लाल बक्सा छोटा लगा तो उन्होंने नया बक्सा बनवाकर उस पर कत्थई चमड़ा लगवा दिया। इस पर महारानी विक्टोरिया के मोनोग्राम का स्थान मौजूदा महारानी एलिजाबेथ के मोनोग्राम ने ले ली। कलाहन के इस कृत्य का उस दौरान घोर विरोध किया गया।
अपने अतीत और परंपराओं से अगाध प्रेम रखने वाले ब्रितानियों ने कलाहन के चांसलर पद से हटते ही पुराना लाल बाक्स संग्रहालय से बुलवा नए ब्राउन बक्से को संग्रहालय भेज दिया। कलाहन के उत्तराधिकारी बने रॉय जेनकिंस जब बजट पेश करने संसद पहुंचे तो उनके हाथों में वही लाल बक्सा चमचमा रहा था। इसे वित्त मंत्री गलैडस्टोन ने बनवाया था, अतः इसे ग्लैडस्टोन बाक्स भी कहा जाता है।
भारत में भी बजट का आगमन अंग्रेजों के शासनकाल में ही हुआ है। देश में 1857 में स्वतंत्रता संग्राम को पूरी तरह दबाने के उपरांत ब्रिटिश प्रतिनिधि वायसराय लार्ड केनिंग ने अपने सहयोग के लिए उस समय के जाने माने वित्त विशेषज्ञ जेम्स विल्सन को भी स्थान दिया था। इतिहास में इस बात का उल्लेख मिलता है कि विल्सन ने पहली बाद भारत में 18 फरवरी 1960 को बजट पेश किया था।
विल्सन के द्वारा बजट पेश करने के उपरांत यहां हर साल बजट पेश किया जाने लगा किन्तु ब्रितानी हुकूमत होने के कारण यहां भारतीयों को इसमें बहस का अधिकार नहीं दिया गया था। इतिहास खंगालने पर पता चलता है कि देश में 1920 तक एक ही बजट पेश किया जाता रहा है। 1921 से भारत में दो बजट अस्तित्व में आए एक आम बजट और दूसरा रेल बजट। तब से अब तक रेल बजट अलग से ही पेश किया जाता है। (साई फीचर्स)

अल्पसंख्यकों का माखौल उड़ाता जनसंपर्क!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 63

अल्पसंख्यकों का माखौल उड़ाता जनसंपर्क!

(विनय डेविड)

भोपाल (साई)। भले ही मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे जतन के साथ प्रदेश की जनता का भला करने का प्रयास कर रहे हों, पर उनके इन इरादों पर मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा ही पानी फेरता नजर आ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली बार इसाई तीर्थ वेलांगणी चर्च नागापट्टन के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत रेल गाड़ी को ले जाया जा रहा है। इस रेल के लिए किन लोगों को ले जाया जाना है किनको आवेदन करना है इस बारे में मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग के मौन रहने से मसीही समाज में भाजपा और शिवराज सरकार के प्रति रोष पनपने लगा है।
बताया जाता है कि इस योजना के तहत मसीही समाज की यात्रा में अठ्ठारह जिले के लोगों का समावेश किया गया है। इनमें से किन्हें शामिल किया गया है? अथवा किन्हें या किस जिले के लोगों को कहां और कब आवेदन करना था इस बारे में मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महमकमा खामोश ही रहा। इतना ही नहीं अजमेर जाने के लिए मुस्लिम भाईयों की रेल में भी जनसंपर्क की भूमिका संदिग्ध ही प्रतीत हो रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि हिन्दू और मुस्लिम धर्मावलम्बी वृद्धजन के बाद अब मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना इसाई धर्मावलम्बियों की अपने तीर्थ-स्थलों की यात्रा की इच्छापूर्ति का माध्यम बनने जा रही है। योजना के अंतर्गत पहली बार प्रदेश के वृद्धजन तमिलनाडु राज्य में स्थित वेलांगणी चर्च नागापट्टन की यात्रा करेंगे। तीर्थ-यात्रा ट्रेन 12 मार्च को जबलपुर से भोपाल के हबीबगंज और झाबुआ जिले के मेघनगर होते हुए वेलांगणी चर्च नागापट्टन जायेगी। यह ट्रेन 17 मार्च को वापस आयेगी।
इसके पहले 10 मार्च को शहडोल से सतना एवं ग्वालियर होते हुए तीर्थ-यात्रा ट्रेन अजमेर शरीफ, राजस्थान जायेगी। इसके अलावा 4 मार्च को गुना से तिरुपति भी जायेगी तीर्थ-यात्री ट्रेन। गौरतलब है कि सर्वधर्म समभाव की प्रतीक मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को चयनित तीर्थ-स्थलों की निःशुल्क यात्रा करवायी जा रही है।
जबलपुर से वेलांगणी चर्च नागापट्टन जाने वाली ट्रेन में जिला जबलपुर से 218, कटनी से 23, डिण्डोरी से 22, मण्डला से 65, नरसिंहपुर से 4, छिन्दवाड़ा से 43, बालाघाट से 44, सिवनी से 14, भोपाल से 188, रायसेन से 10, सीहोर से 7, विदिशा से 6, राजगढ़ से 5, होशंगाबाद से 39, बैतूल से 30, हरदा से 3, झाबुआ से 146 और अलीराजपुर से 99 तीर्थ-यात्री जायेंगे। बताया जाता है कि इन जिलों में जनसंपर्क विभाग द्वारा जिला प्रशासन अथवा राज्य शासन के हवाले से यह कभी भी नहीं बताया गया कि उन्हें कब और कहां आवेदन करना है।
इसी तरह शहडोल से अजमेर की यात्रा पर जिला शहडोल से 55, अनूपपुर से 37, उमरिया से 24, रीवा से 116, सीधी से 61, सिंगरौली से 38, सतना से 84, पन्ना से 51, ग्वालियर से 187, शिवपुरी से 72, मुरैना से 103, श्योपुर से 55 और भिण्ड से 94 तीर्थ-यात्री जायेंगे। तिरुपति जाने वाली ट्रेन में जिला गुना से 256, मुरैना से 413, श्योपुर से 143 और दतिया से 167 यात्री जायेंगे। प्रत्येक जिले से तीर्थ-यात्रियों के सहयोग के लिये अनुरक्षक भी जायेंगे। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि इसमें भी मध्य प्रदेश के अल्पसंख्यक बाहुल्य भोपाल, खण्डवा, बुरहानपुर, जबलपुर, सागर, सिवनी आदि जिले को शामिल नहीं किया गया है।

महाराज को कलंक का टीका ना लगा दें थापर!


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 08

महाराज को कलंक का टीका ना लगा दें थापर!

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश में दस साल बाद सत्ता में वापसी का सपना देखने वाली कांग्रेस ने भले ही अब युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया पर दांव लगाया हो पर अवंथा समूह के मालिक मशहूर उद्योगपति गौतम थापर कहीं जाने अनजाने ज्योतिरादित्य सिंधिया के माथे पर चुनावों के पहले कलंक का टीका ना लगा दें। दरअसल, मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के प्रभाव वाले महाकौशल के सिवनी जिले में प्रस्तावित पावर प्लांट में हो रही अनियमितताएं ही सिंधिया की परेशानी का सबब बनने वाली हैं।
ज्ञातव्य है कि  देश के नामी गिरामी उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में अधिसूचित मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर में लगाए जाने वाले कोल आधारित पावर प्लांट में नियम कायदों का सरेआम माखौल उड़ाया जा रहा है। सामाजिक जिम्मेदारी और सामाजिक पहलुओं की जमकर उपेक्षा संयंत्र प्रबंधन द्वारा की जा रही है।
यह मामला सीधे सीधे केंद्रीय बिजली मंत्रालय के अधीन आता है। उर्जा मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पूर्व में बिजली मंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे और गौतम थापर के बीच का याराना किसी से छिपा नहीं था। उस वक्त शिंदे की जमानत पर मेसर्स झाबुआ पावर के निर्माणाधीन पावर प्लांट की सारी की सारी बाधाएं दूर की जाती रही हैं। इस दौरान शिंदे हर बार थापर के लिए ट्रबल शूटर बनकर खड़े दिखाई भी दिए बताए जाते हैं।
अब जबकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया को अगले चुनावों के लिए आगे किया है, तब समीकरणों के बदलते ही भाजपा और संघ अपने दांव पेंच बदल सकते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुआई वाले उर्जा मंत्रालय के अधीन सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर में डलने वाला यह पावर प्लांट सिंधिया के लिए चुनावी दौर मे अनेक मुसीबतें खड़ी कर सकता है, क्योंकि संयंत्र प्रबंधन पर आदिवासियों की अनदेखी के आरोप 2009 से लगातार लगते आ रहे हैं।
(क्रमशः जारी)

छिंदवाड़ा नैनपुर के लिए किसी ने भी नहीं किया आंदोलन!


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 8

छिंदवाड़ा नैनपुर के लिए किसी ने भी नहीं किया आंदोलन!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। 2004 में सिवनी जिले की जनता की आवाज को लोकसभा में उठाने के लिए दिल्ली भेजी गईं परिसीमन में समाप्त हुई सिवनी लोकसभा की अंतिम सांसद श्रीमति नीता पटेरिया ने भी छुक छुक रेल गाड़ी को ब्राडगेज में तब्दील कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। श्रीमति पटेरिया द्वारा कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.नरसिंहराव की चुनावी घोषणा को पूरा करने के लिए अवश्य ही 2005 में एक पत्र तत्कालीन रेल मंत्री को प्रेषित किया था।
यहां उल्लेखनीय होगा कि 30 जनवरी 2005 में वरिष्ठ इंका नेता आशुतोष वर्मा द्वारा रामटेक से गोटेगांव तक नई रेल लाईन हेतु पोस्टकार्ड अभियान चलाया गया था। श्री वर्मा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2005 के अंत तक इस अभियान को पूरे जोर शोर से चलाए जाने के लिए हर संभव प्रयास किए। इस दौरान जिले के समस्त जनपद अध्यक्षों, सामाजिक, जातीय, कर्मचारी, पत्रकार, व्यापारी संगठनों आदि ने रेल मंत्री को पत्र लिखे थे। जिले के विधायकों ने भी इसमें बढ़ चढ़कर अपनी हिस्सेदारी जताई थी।
जगतगुरू स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी द्वारा भी इस हेतु दो मर्तबा केंद्र को पत्र लिखा गया। इतना ही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री विमला वर्मा ने केंद्रीय रेल मंत्री से इस लाईन के लिए गुहार लगाई। तत्कालीन सांसद श्रीमति नीता पटेरिया ने संसद में (जो कि उनके लिए सहज सुलभ और उचित मंच था) यह बात न उठाकर रेल मंत्री को पत्र लिखकर रस्म अदायगी कर डाली। श्री वर्मा के प्रयासों से एक साल में लगभग पच्चीस हजार पोस्टकार्ड रेल भवन पहुंचे किन्तु इसके बाद भी कांग्रेसनीत केंद्र सरकार के रेल मंत्रालय के कानों में जूं नहीं रेंगी।
आश्चर्य तो इस बात पर हो रहा है कि सिवनी में सियासत की बिछात बिछाने वाले किसी भी नेता ने इतने सालों तक छिंदवड़ा से नैनपुर की छोटी लाईन के अमान परिवर्तन के लिए बड़े आंदोलन का आगाज आखिर क्यों नहीं किया? सियासी तौर पर सक्रिय लोग किस बात से खौफजदा थे यह बात समझ से परे ही है। अगर ब्राडगेज सिवनी में आ जाती तो उनके कौन से राजनैतिक मंसूबों पर पानी फिरने वाला था यह बात समझ से परे ही रही।
सिवनी के किसी संसद सदस्य ने उनके कार्यकाल के रेल मंत्रियों से यह पूछने का दुस्साहस भी नहीं किया कि उनके कार्यकाल में चलने वाली पंचवर्षीय योजनाओं में महज 139.6 किलोमीटर के छोटे से रेल खण्ड के सर्वेक्षण के लिए कब और कितनी राशि जारी होने के आदेश जारी होंगे? सिवनी संसदीय क्षेत्र की जनता द्वारा इसके अस्तित्व में आने से विलोपन तक कुल दस संसद सदस्यों पर भरोसा कर उन्हें केंद्र में अपनी नुमाईंदगी के लिए भेजा जाता रहा किन्तु किसी ने भी सिवनी के हित साधने का जतन नहीं किया। अब जबकि किसी प्रस्ताव के बिना ही अंतिम समय में परिसीमन में सिवनी लोकसभा का विलोपन किया जाकर इसे बालाघाट और मण्डला संसदीय क्षेत्र में मिला दिया गया है तब इन दोनों संसदीय क्षेत्रों के सांसदों द्वारा अगर सिवनी से दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है, सिवनी के हितों की अनदेखी की जाती है तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
(क्रमशः जारी)

सिवनी : सुलभ शौचालय बना पालिकाध्यक्ष की परेशानी का सबब


सुलभ शौचालय बना पालिकाध्यक्ष की परेशानी का सबब

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। सिवनी में नगर पालिका प्रशासन में व्याप्त अनियमितताओं के संबंध में अब जिला भाजपा ने संज्ञान लेकर एक नजीर पेश की है। संभवतः यह पहला मौका होगा जब सत्तारूढ़ भाजपा की किसी जिला इकाई ने अपने ही दल के नगर पालिका परिषद के खिलाफ कार्यवाही की पेशकश की हो।
नगर पालिका प्रशासन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पालिका परिषद द्वारा सिवनी शहर के एतिहासिक दलसागर तालाब की साफ सफाई सौंदर्यीकरण आदि में एक करोड़ नौ लाख रूपए की राशि फूंकी जा चुकी है। बावजूद इसके दलसागर तालाब में जगह जगह छोटे छोटे टापू बन गए हैं, जो इसकी सुंदरता पर बदनुमा दाग ही नजर आ रहे हैं।
बताया जाता है कि दलसागर तालाब के उत्तर पश्चिम दिशा में बस स्टेंड वाले मुहाने पर जहां हिन्दु धर्मावलंबी जंवारे, गणेश, दुर्गा जी की मूर्तियां आदि का विसर्जन करते हैं उस घाट के साथ ही एक सुलभ शौचालय का निर्माण पालिका प्रशासन द्वारा करवाया जा रहा है। इस स्थान पर भाजपा के पार्षद रहे एक कार्यकर्ता का कब्जा था, जिसे हटा दिया गया है, शेष कब्जों पर पालिका प्रशासन पूरी तरह मेहरबान ही नजर आ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष नरेश दिवाकर द्वारा नगर पालिका प्रशासन के मुख्य नगर पालिका अधिकारी को पत्र लिखकर अपनी तल्ख आपत्ति दर्ज कराई है। पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा दलसागर तालाब के तट पर सार्वजनिक शौचालय मूत्रालय बनाया जा रहा है, जिस स्थाल पर इनका निर्माण हो रहा है उसी के नजदीक प्रतिवर्ष नगर की गणेश व दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन भी होता है, इस निर्माण को लेकर अनेक धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों द्वारा अपनी आपत्ति दर्ज करवाई हैं।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार श्री दिवाकर ने उन्हें प्राप्त शिकायतों को मूलतः सीएमओ के पास भेज इस निर्माण के लिए पुर्नविचार करने को कहा है। श्री दिवाकर के पत्र के साथ युवा एवं उत्साही अधिवक्ता अजय बाबा पाण्डे की आपत्ति को भी भेजा गया है। ज्ञातव्य है कि अजय बाबा पाण्डे की आपत्तियों के चलते ही सिवनी शहर के अंदर सज रहे लॉन और कान फाडू डीजे साउंड से शहर वासियों को निजात मिल पाई है।
यहां यह बात उल्लेखनीय है कि विपक्ष में बैठी कांग्रेस इस निर्माण को उचित बता रही है, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस निर्माण कार्य में सोहाने पेट्रोल पंप से भैरोगंज जाने वाली सड़क का लगभग दो फिट हिस्सा दबाया जा रहा है। इस बात को लेकर जिला या नगर कांग्रेस कमेटी को अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहिए था, वस्तुतः एसा हुआ नहीं। इस मामले में सत्ताधारी भाजपा के जिलाध्यक्ष द्वारा दर्ज कराई गई आपत्ति की सर्वत्र भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है।

चौपर सौदे में पूर्व वायूसेनाध्यक्ष का नाम


चौपर सौदे में पूर्व वायूसेनाध्यक्ष का नाम

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-सीबीआई ने तीन हजार छः सौ करोड़ रुपये के अति विशिष्ठ व्यक्तियों के लिए हैलीकॉप्टर सौदे में रिश्वतखोरी के आरोपों की प्रारंभिक जांच में वायुसेना के पूर्व अध्यक्ष का नाम लिया है। सीबीआई के एक बयान में बताया गया है कि इस मामले में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख के अलावा पांच और आरोपी हैं।
इनमें इटली की कंपनी और उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ब्रिटेन की कंपनी और उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी, तीन दलाल और भारत की दो प्राइवेट फर्म शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ ब्रिटेन की कंपनी से १२ वीवीआईपी और वीआईपी हैलीकॉप्टरों की खरीद में रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया गया है। हैलीकॉप्टर खरीदने की प्रक्रिया में कुछ बिचौलियों ने ब्रिटेन की कंपनी को फायदा पहुंचाने में भूमिका अदा की। सीबीआई का यह भी आरोप है कि इटली की कंपनी ने बिचौलियों को कमीशन के तौर पर लाखों यूरो का भुगतान किया।

एनसीटीसी की स्थापना का संकल्प दोहराया शिंदे ने


एनसीटीसी की स्थापना का संकल्प दोहराया शिंदे ने

(प्रतुल बनर्जी)

कोलकता (साई)। गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आतंकवाद से कारगर ढंग से निपटने के लिए राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केन्द्र - एन सी टी सी की स्थापना का सरकार का निश्चय दोहराया है। पश्चिम बंगाल में दक्षिण-२४ परगना जिले के फ्रेजरगंज में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एक बैठक के बाद श्री शिंदे ने कहा कि सुश्री बनर्जी का इस बारे में रचनात्मक रवैया है।
उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव आगे बढ़ाते रहेंगे। लेकिन कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस का विरोध किया है। इस विषय पर वे उनसे बात करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का इस बारे में बहुत ही रचनात्मक रवैया है। जब भी देश के सामने कोई समस्या होगी, मुख्यमंत्रियों का सहयोग केंद्र को अवश्य मिलेगा।
उधर, आंध्रप्रदेश पुलिस के विशेष जांच दलों ने हैदराबाद में हुए दो बम धमाकों में घायल लोगों के बयान लेने शुरु कर दिए हैं। जांच दल के अधिकारियों ने सरकारी उस्मानिया अस्पताल तथा एक निजी अस्पताल का दौरा किया जहां घायलों का इलाज चल रहा है। पुलिस ने बताया कि घायलों के बयानों से धमाकों की जांच के नतीजों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। इस बीच आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें अनुरोध किया गया है कि बम धमाके रोकने और निर्दाेष लोगों की जान बचाने के लिए राज्य सरकार को कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए जाएं।

कोलकता : इस्कान तैयार कर रहा सबसे बड़ा मंदिर


इस्कान तैयार कर रहा सबसे बड़ा मंदिर

(काजल दत्ता)

कोलकता (साई)। देश विदेश में फैले भगवान श्री किशन के अनन्य भक्तों को एक सूत्र में पिरोने वाले इस्कान ले अपने मंदिरों की श्रृंखला में अब विश्व में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की जुगत में है। विश्व का सबसे बड़ा वैदिक मंदिर चंद्रोदय मंदिर जल्द ही तैयार हो रहा है।
इस्कान के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 2016 में ये मंदिर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इस मंदिर का निर्माण पश्चिम बंगाल के मायापुर में हो रहा है। इंटनेशनल सोसायटी ऑफ कृष्णा कंशसनेस (इस्कॉन) ने के सूत्रों ने उक्ताशय की जानकारी देते हुए समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि यह मंदिर अपने आप में अनूठा ही होगा।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि 340 फुट ऊंचे इस मंदिर को 37.5 करोड़ रुपये खर्च करके बनाया जा रहा है। 16वीं सदी के संत और समाज सुधारक चौतन्य महाप्रभु की नादिया जिले में स्थित जन्मस्थली पर इसे बनाया जा रहा है। यह वैदिक ज्ञान, संस्कृति और विज्ञान का केंद्र होगा।
भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर का निर्माण कार्य 2010 में शुरू हुआ। ऑटोमोबाइल के अग्रदूत रहे अमेरिका के हेनरी फोर्ड के वंशज अल्फ्रेड बुश फोर्ड ने इसके पहले चरण की लागत पर आने वाले का खर्च का जिम्मा लिया है। उन्होंने बताया कि चंद्रोदय मंदिर विश्व का आकर्षण होगा। यहां पूरे विश्व से लोग आएंगे। फोर्ड मंदिर के चेयरमैन भी हैं।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के साथ चर्चा के दौरान सूत्रों ने कहा, कि यह ऐतिहासिक परियोजना किसी व्यक्ति अथवा समूह से नहीं अपितु पूरी मानव जाति से जुड़ी है। सूत्रों ने आगे बताया कि मंदिर का विस्तार 425,000 वर्ग फीट में होगा। यहां भारत का सबसे बड़ा अत्याधुनिक 75 फीट लंबा गुंबद वाला तारामंडल भी होगा।

मुंबई : मनसे और सेना के क्षेत्रवाद ने रोकी बाहरियों की भर्ती


मनसे और सेना के क्षेत्रवाद ने रोकी बाहरियों की भर्ती

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। लगता है इक्कसवीं सदी के दूसरे दशक के स्वप्न विजन 20 20 में अब क्षेत्र और भाषावाद को प्रमुख रूप से प्रोत्साहित किया जाने लगा है। अखण्ड भारत के महाराष्ट्र सूबे में शिवसेना ओर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के दबाव के आगे झुकते हुए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने लिपिक पद के लिए महाराष्ट्र से बाहर के उम्मीदवारों के साक्षात्कार रोक दिए हैं।
मजे की बात तो यह है कि स्थानीय उम्मीदवारों के इंटरव्यू जारी रखे गए हैं। एमएनएस और शिवसेना बाहरी छात्रों की भर्ती का विरोध कर रही हैं। पिछले दिनों दोनों पार्टियों के कुछ कार्यकर्ता फोर्ट स्थित सीबीआई के ऑफिस गए थे। उन्होंने इंटरव्यू में लोकल छात्रों को प्राथमिकता देने की मांग की थी।
सीबीआई ने क्लर्क पद पर भर्ती के लिए मुंबई, पुणे, नागपुर में इंटरव्यू सेंटर बनाया था। सीबीआई ने अब महाराष्ट्र से बाहर के उम्मीदवारों को इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन के अगले निर्देश तक इंतजार करने को कहा है। गौरतलब है कि एमएनएस और शिवसेना मराठी मानुष के मुद्दे पर जब तक हंगामा करती रही है। पिछले दिनों ही राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने मुलुंड में चल रही इनकम टैक्स भर्ती परीक्षा हंगामा कर दिया था। इसके बाद परीक्षा को कैंसल कर दिया गया था। एमएनएस का कहना था कि स्टेनो पद के लिए परीक्षा देने वाले सभी कैंडिडेट श्बाहरीश् हैं। मुलुंड के महानगरपालिका कार्यालय में इनकम टैक्स में स्टेनो पद की भर्ती की यह परीक्षा रखी गई थी। यही नहीं 2008 में भी रेलवे की भर्ती परीक्षाओं में बाहरी उम्मीदवार के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया गया था।

देहरादून : राज्यपाल से मिले सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष


राज्यपाल से मिले सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी से राजभवन मंे राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के प्रतिनिधिमंडल व अन्य कई संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। उत्तराखण्ड राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष श्री भगवत प्रसाद मकवाना तथा उनके सहयोगी श्री ओ0पी0 सिसौदिया व श्री कर्मवीर बाल्मीकि ने राज्यपाल से हुई भेंट वार्ता के दौरान उन्हें सितंबर, 2010 में गठित आयोग की 2011-12 की रिपोर्ट सौंपते हुए मांग की कि रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत कराकर आयोग की संस्तुतियों को सफाई कर्मियों के हित में लागू करने के लिए सरकार को निर्देश दिए जाएं।
इस तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल द्वारा राज्य में वर्तमान में लागू जाति प्रमाण-पत्र प्रक्रिया के सरलीकरण सम्बन्धी ’’मदन कौशिक कमेटी’’ की रिपोर्ट को लागू कराने के अनुरोध पर राज्यपाल ने उन्हें आश्वस्त किया कि सफाई कर्मियों के हितों के संरक्षण के लिए समुचित कार्यवाही हेतु सरकार को निर्देशित किया जाएगा।
राज्यपाल से मुलाकातों के क्रम में विधायक भीमलाल आर्य, एम0के0पी0 कॉलेज देहरादून की प्रधानाचार्या श्रीमती इन्दु सिंह, आई0एम00 देहरादून के निवर्तमान कमाण्डेन्ट ले0 जनरल टी0एस0 शेरगिल, आरोग्य संस्थान रूद्रपुर की सचिव डॉ0 रूखसाना परवीन सहित अनेक महानुभाव राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट के लिए राजभवन पहुँचे।

कोटद्वार : दूसरे दिन भी झूमे साई भक्त


दूसरे दिन भी झूमे साई भक्त

(अशोक कुमार)

कोटद्वार (साई)। श्री शिव शक्ति सांई मंदिर के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन आयोजित भजन संध्या में साई भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को पं ललित मोहन शास्त्री के सानिध्य में साईं महाभिषेक के बाद हवन व साई बाबा की आरती हुई। शाम को सुंदरकांड के बाद सत्य साई समिति की ओर से भजन संध्या में श्साईं राम तेरा नाम जपे मन सुबह शाम..श्, श्साई माता-पिता दीन बंधु सखा..श्, श्राम नमो, राम नमो, रमो साई राम..श्, श्सिरड़ी नंदन राधेश्याम..श् आदि भजनों पर श्रद्धालु भक्तिरस में सुधबुध खो बैठे। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष संजय मित्तल के अलावा अशोक चौधरी, जीतेंद्र भाटिया, धनेंद्र सडाना, सुषमा जखमोला, दिनेश माहेश्वरी, लक्की शर्मा, सुनीता माहेश्वरी, नुपुर, शिवानी, पंकज आदि मौजूद रहे। समिति सचिव जीतेंद्र भाटिया ने बताया कि महोत्सव के अंतिम दिन रविवार को पूर्णाहुति के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

5 लाख रुपये का गबन करने के मामले में वांछित आरोपी गिरफ्तार


5 लाख रुपये का गबन करने के मामले में वांछित आरोपी  गिरफ्तार

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। सीबीएड स्टुडैंट को दोगुना नगदी करने का लालच देते हुए षडय़ंत्र व जालसाजी तहत 5 लाख रुपये का गबन करने के मामले में वांछित आरोपी सीआईए पुलिस ने यमुनानगर से गिरफ्तार कर लिया है। उसके 2 अन्य साथियों की गिरफ्तारी व नगदी की बरामगी के लिए आरोपी का आज न्यायालय से 27 फरवरी तक 2 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया बरसाना वासी रमन कुमार यमुनानगर के खालसा कालेज में सीबीएड करते समय भाटिया नगर वासी जसवंत ङ्क्षसह के मकान में कमरा किराए पर रहता था। तब वहां उसकी जसवंत उसके पुत्र संटी व फतेहपुर भट्ट जिला सहारनपुर युपी वासी मोनु ने रमन से हुई थी तथा उन्होनें कहा कि वे नगदी दोगुना करने का धंधा करते है, तथा 10 दिन में दोगुनी रकम लौटा देते है। आरोपियों ने एक दो बार युवक की कुछ हजार रुपये की मामुली नगदी को दोगुना करके वापिस कर दिया तथा लालच दिया कि एक समय में ही मोटी रकम दोगुनी करवा लो। रमन ने जहां-तहां से 5 लाख रुपये जुटाए तथा तीनों को 23 मई 2012 के दिन बरसाना में नगदी दे दी। दस दिन बाद नगदी वापिस न मिलने पर वे बाद में भी टालमटौल करते रहे। युवक पंचायत लेकर भी आरोपियों के घर गया, परंतु उन्होनें पैसे नहीं लौटाए तथा जान से मारने की धमकी देने लगे। अंततरू युवक ने 19 दिसम्बर को एसपी कैथल कुलदीप ङ्क्षसह से फरियाद करते अपने साथ हुई ठगी बारे अवगत करवाया। 17 फरवरी को थाना पुंडरी में मामला दर्ज कर पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार जांच कार्य सीआईए पुलिस के सुपर्द किया गया। प्रवक्ता ने बताया इंस्पेक्टर राजकुमार के नेतृत्व में एएसआई रमेश चंद ने मामले की जांच करते हुए यमुनानगर से आरोपी जसंवत ङ्क्षसह को गिरफ्तार कर लिया है।