मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

अल्पसंख्यकों का माखौल उड़ाता जनसंपर्क!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 63

अल्पसंख्यकों का माखौल उड़ाता जनसंपर्क!

(विनय डेविड)

भोपाल (साई)। भले ही मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे जतन के साथ प्रदेश की जनता का भला करने का प्रयास कर रहे हों, पर उनके इन इरादों पर मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा ही पानी फेरता नजर आ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली बार इसाई तीर्थ वेलांगणी चर्च नागापट्टन के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत रेल गाड़ी को ले जाया जा रहा है। इस रेल के लिए किन लोगों को ले जाया जाना है किनको आवेदन करना है इस बारे में मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग के मौन रहने से मसीही समाज में भाजपा और शिवराज सरकार के प्रति रोष पनपने लगा है।
बताया जाता है कि इस योजना के तहत मसीही समाज की यात्रा में अठ्ठारह जिले के लोगों का समावेश किया गया है। इनमें से किन्हें शामिल किया गया है? अथवा किन्हें या किस जिले के लोगों को कहां और कब आवेदन करना था इस बारे में मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महमकमा खामोश ही रहा। इतना ही नहीं अजमेर जाने के लिए मुस्लिम भाईयों की रेल में भी जनसंपर्क की भूमिका संदिग्ध ही प्रतीत हो रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि हिन्दू और मुस्लिम धर्मावलम्बी वृद्धजन के बाद अब मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना इसाई धर्मावलम्बियों की अपने तीर्थ-स्थलों की यात्रा की इच्छापूर्ति का माध्यम बनने जा रही है। योजना के अंतर्गत पहली बार प्रदेश के वृद्धजन तमिलनाडु राज्य में स्थित वेलांगणी चर्च नागापट्टन की यात्रा करेंगे। तीर्थ-यात्रा ट्रेन 12 मार्च को जबलपुर से भोपाल के हबीबगंज और झाबुआ जिले के मेघनगर होते हुए वेलांगणी चर्च नागापट्टन जायेगी। यह ट्रेन 17 मार्च को वापस आयेगी।
इसके पहले 10 मार्च को शहडोल से सतना एवं ग्वालियर होते हुए तीर्थ-यात्रा ट्रेन अजमेर शरीफ, राजस्थान जायेगी। इसके अलावा 4 मार्च को गुना से तिरुपति भी जायेगी तीर्थ-यात्री ट्रेन। गौरतलब है कि सर्वधर्म समभाव की प्रतीक मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को चयनित तीर्थ-स्थलों की निःशुल्क यात्रा करवायी जा रही है।
जबलपुर से वेलांगणी चर्च नागापट्टन जाने वाली ट्रेन में जिला जबलपुर से 218, कटनी से 23, डिण्डोरी से 22, मण्डला से 65, नरसिंहपुर से 4, छिन्दवाड़ा से 43, बालाघाट से 44, सिवनी से 14, भोपाल से 188, रायसेन से 10, सीहोर से 7, विदिशा से 6, राजगढ़ से 5, होशंगाबाद से 39, बैतूल से 30, हरदा से 3, झाबुआ से 146 और अलीराजपुर से 99 तीर्थ-यात्री जायेंगे। बताया जाता है कि इन जिलों में जनसंपर्क विभाग द्वारा जिला प्रशासन अथवा राज्य शासन के हवाले से यह कभी भी नहीं बताया गया कि उन्हें कब और कहां आवेदन करना है।
इसी तरह शहडोल से अजमेर की यात्रा पर जिला शहडोल से 55, अनूपपुर से 37, उमरिया से 24, रीवा से 116, सीधी से 61, सिंगरौली से 38, सतना से 84, पन्ना से 51, ग्वालियर से 187, शिवपुरी से 72, मुरैना से 103, श्योपुर से 55 और भिण्ड से 94 तीर्थ-यात्री जायेंगे। तिरुपति जाने वाली ट्रेन में जिला गुना से 256, मुरैना से 413, श्योपुर से 143 और दतिया से 167 यात्री जायेंगे। प्रत्येक जिले से तीर्थ-यात्रियों के सहयोग के लिये अनुरक्षक भी जायेंगे। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि इसमें भी मध्य प्रदेश के अल्पसंख्यक बाहुल्य भोपाल, खण्डवा, बुरहानपुर, जबलपुर, सागर, सिवनी आदि जिले को शामिल नहीं किया गया है।

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