रविवार, 22 सितंबर 2013

डेंगू से फिर हुई एक महिला की मौत

डेंगू से फिर हुई एक महिला की मौत

(विकराल सिंह बघेल)

केवलारी (साई)। सिवनी में डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी से एक 22 वर्षीय विवाहिता की मौत हो जाने के बाद डेंगू से मरने वालों का आंकड़ा 07 पहुंच गया है जो जिला प्रशासन के लिए चिंताजनक है परंतु प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इसकी कतई चिंता नहीं तभी तो सिवनी, छपारा, केवलारी क्षेत्र में डेंगू से मौत हो जाने के बाद भी विधायक पति डॉ.योगेश्वर सिंह ठाकुर और उनकी पूरी टीम निष्क्रिय पड़ी हुई है। 19 सितंबर को छपारा में 4थी के छात्र की मौत के बाद जानकारी मिली कि भाटीवाड़ा निवासी 22 वर्षीय विवाहित महिला विनीता बघेल की डेंगू से नागपुर में मौत हो गई।

बताया जाता है कि केवलारी के पास स्थित मलारा निवासी विनीता बघेल का विवाह, सिवनी विकासखंड के भाटीवाड़ा में हुआ था। गत दिवस विनीता को बुखार आया जिसका इलाज सिवनी में किया गया लेकिन आराम न होने से विनीता को नागपुर ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। विनीता का अंतिम संस्कार भाटीवाड़ा में किया गया। डेंगू से एक के बाद एक मौत हो जाने के बाद भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को असर नहीं हो रहा है, तभी तो न लार्वा की पहचान की जा रही है और न ही जांच।

एस्ट्रोटर्फ का लोकापर्ण

एस्ट्रोटर्फ का लोकापर्ण

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। सिवनी के हॉकी प्रेमियों के बीस माह की प्रतीक्षा रविवार को उस समय समाप्त हो जाएगी जब मेेजर ध्यानचंद सिंथेटिक हॉकी स्टेडियम का लोकार्पण प्रभारी मंत्री नाना भाऊ माहोड़ के हाथों किया जाएगा।
जिला खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री नाना भाऊ मुख्य अतिथि होंगे तो अध्यक्षता महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर द्वारा की जाएगी। इसके अलावा जिन नेताओं की गरिमामय उपस्थिति दर्शाई गई है उसकी फेहरिस्त बेहद लंबी है। इसमें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ.ढाल सिंह बिसेन को अध्यक्ष वित्त विकास निगम बताया गया है, के अलावा श्रीमति नीता पटेरिया, श्रीमति शशि ठाकुर, कमल मर्सकोले विधायक के उपरांत जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन चंदेल, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष अशोक तेकाम के उपरांत अंतिम नाम नगर के प्रथम नागरिक राजेश त्रिवेदी का दिया गया है।
नगर के हॉकी खिलाड़ियों के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार बीस माह तक हॉकी खिलाड़ियों को इसमें खेलने से वंचित रखने के बाद मेजर ध्यान चंद के नाम पर रखे इस स्टेडियम का उद्घाटन न तो उनकी जन्म तिथि 29 अगस्त और न ही पुण्य तिथि 03 दिसंबर को करवाकर अचानक ही आचार संहिता लगने के डर से 22 सितम्बर को करवाया जा रहा है। वहीं आयोजन के कार्ड में प्रोटोकाल का ध्यान भी शायद नहीं रखा गया है। नगर के प्रथम नागरिक राजेश त्रिवेदी को सबसे आखिरी में स्थान दिया गया है जबकि वे शहर के प्रथम नागरिक हैं।

नरेश की सौगात है सिंथेटिक मैदान

सिवनी के हॉकी खिलाड़ियों को दी जाने वाली यह सौगात तत्कालीन विधायक नरेश दिवाकर की देन है। नरेश दिवाकर के विधायक रहते हुए इस मैदान की परिकल्पना को संजोया गया था। इसके बाद नरेश दिवाकर के ही प्रयासों से उन्होंने विधायक रहते हुए दस लाख रूपए, बरघाट के तत्कालीन विधायक ढाल सिंह बिसेन, श्रीमती शशि ठाकुर एवं राम गुलाम उईके ने पांच पांच लाख तो तत्कालीन विधायक हरवंश सिंह ने चार लाख रूपए की राशि प्रदान की थी। इसके बाद जब जब आवंटन की आवश्यक्ता पड़ी तब तब नरेश दिवाकर ने अपने प्रभावों का उपयोग कर राशि उपलब्ध करवाई है।

भारत गणराज्य का अंग नहीं है लखनादौन नगर परिषद्!

भारत गणराज्य का अंग नहीं है लखनादौन नगर परिषद्!

भाजपा कार्यालय के निर्माण में बाधक बनी नगर परिषद्, नियम विरूद्ध बना दी सब्जी मण्डी, अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठ सकते हैं मण्डल भाजपाध्यक्ष नरेश सेन

(अखिलेश दुबे/अय्यूब कुरैशी)

सिवनी/लखनादौन (साई)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में लखन कुंवर की नगरी की नगर परिषद् के कारनामों को देखकर लगने लगा है मानो लखनादौन भारत गणराज्य का अंग नहीं रह गया है। लखनादौन में न तो भारत गणराज्य और न ही मध्य प्रदेश के कायदे, कानून, रीति नीति लागू हो रही है। लखनादौन में नगर परिषद् द्वारा मनमर्जी का काम कथित रूप से करवाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि पूर्व में कृषि उपज मण्डी की जमीन पर नगर परिषद् द्वारा माननीय न्यायालय के स्थगन के बाद भी सब्जी मण्डी का निर्माण करवा दिया गया। इतना ही नहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाली निर्माण के नाम पर अनुमति लेकर कॉम्पलेक्स के कालम खड़े किए जा रहे थे। लखनादौन में अनुविभागीय दण्डाधिकारी के आवास के सामने वाली सड़क बिना एग्रीमेंट के खोद दी गई ठेकेदार द्वारा और एसडीएम चुपचाप देखती रहीं। गत दिवस माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को धता बताते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुधा राय द्वारा जनता की अदालतके नाम पर किए गए भौंडे प्रदर्शन में रात दस बजे के बाद तक कानफाडू डीजे बजाए गए, खुद एसडीएम वहां बैठकर इसको देखती रहीं पर तत्काल कार्यवाही करने के बजाए उन्होंने अगले दिन नगर परिषद् को एक नोटिस जारी कर रस्म अदायगी कर डाली। माना जा रहा है कि जिला भाजपा और मण्डल भाजपा के बीच चल रही रस्साकशी के नतीजे के तौर पर उभरकर सामने आ रहा है इस तरह का परिदृश्य जिसमें भाजपा का हर पदाधिकारी मंझे हुए कलाकार के बतौर वहां होने वाले गलत काम का विरोध करना तो चाह रहा है किन्तु लखनादौन की एक शख्सियत के सामने घुटने टेककर अपनी शिकायत संबंधित को कर महज पावती ही पाकर अपना पक्ष मजबूत करता दिख रहा है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई भी लखनादौन में होने वाले नियम विरूद्ध कामों में घुटनों पर खड़ी होकर सत्तारूढ़ निर्दलीय श्रीमती सुधा राय की तारीफ में राग मल्हार गाती दिख रही है।

कृषि उपज मण्डी की जमीन पर कब्जा!
कृषि उपज मण्डी के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उनकी जमीन पर नगर परिषद् द्वारा सालों पहले कब्जा कर लिया गया था। बाद में तत्कालीन नगर परिषद् अध्यक्ष दिनेश राय द्वारा लिखित तौर पर इस जमीन को छः माह के अंदर रिक्त कर देने के वायदे के साथ इसका उपयोग किया जा रहा था। बाद में इस जमीन पर नगर परिषद् ने बलात् कब्जा कर लिया। इस संबंध में मण्डी द्वारा आपत्ति लिए जाने पर भी नगर परिषद् द्वारा जमीन को वापस नहीं किया गया। इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि इस जमीन पर निर्माण के लिए माननीय उच्च न्यायालय और अनुविभागीय दण्डाधिकारी कोर्ट द्वारा भी स्थगन दिया गया है। बावजूद इसके इन स्थगनों को ठेंगा दिखाते हुए नगर परिषद् द्वारा इस जमीन पर सब्जी मण्डी का निर्माण करवा दिया गया।

एनएच के किनारे खड़े हो रहे थे कालम
इसी तरह नगर परिषद् लखनादौन द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक सात पर एनएच, वन विभाग आदि की जमीन पर पानी निकासी के लिए नाली निर्माण की अनुमति लेने के उपरांत वहां कालम खड़े किए जाने की खबर भी मिली है। बताया जाता है कि यहां भी एक व्यवसायिक कॉम्पलेक्स के निर्माण की योजना बनाई जा रही थी। अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि इस निर्माण पर भी स्थगन दे दिया गया है।

मुख्य मार्ग में की गई ठेकेदार की मदद
लखनादौन शहर के मुख्य मार्ग के निर्माण के लिए एक करोड़ नब्बे लाख रूपए का टेंडर निकाला गया बताया जाता है। बताते हैं कि इसका ठेका दमोह जिले के तहसील मुख्यालय हटा के निवासी एक ठेकेदार को दिया गया है। वहीं नगर परिषद् के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि हटा में नगर परिषद् अध्यक्ष श्रीमती सुधा राय का समधियाना भी संयोग से है। इस ठेकेदार द्वारा पांच प्रतिशत परफार्मेंस गारंटी जमा न करने, एग्रीमेंट न किए जाने के बाद भी इस सड़क को जेसीबी से खोदने की अनुमति नगर परिषद् द्वारा मौखिक तौर पर प्रदान कर दी गई थी। कहा जा रहा है कि उक्त काम को प्रधानमंत्री सड़क योजना के एक ब्लेक लिस्टिेड ठेकेदार द्वारा करवाया जा रहा है। इस संबंध में समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा एग्रीमेंट होने के पूर्व की सड़क पर चलते काम की तस्वीरें भी जारी की थीं। उस समय अनुविभागीय दण्डाधिकारी लता पाठक जो कि इस सड़क पर ही रहतीं हैं से इस बावत पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि उनके संज्ञान में कुछ भी नहीं है, सड़क का निर्माण तो चल रहा है पर एग्रीमेंट हुआ या नहीं इस बारे में उन्होंने कहा था कि वे सीएमओ से पूछकर बताएंगी।

भाजपाध्यक्ष नरेश दिवाकर ने भी किया था वायदा!
इस संबंध में जब समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नरेश दिवाकर से पूछा था तो उन्होंन कहा था कि वे एक दो दिन में जिला कलेक्टर से मिलकर इसकी जांच करवाने की कार्यवाही अवश्य ही करवाकर अवगत कराएंगे। एक माह से ज्यादा समय बीत जाने पर भी इस संबंध में क्या कार्यवाही हुई इस बारे में न तो नरेश दिवाकर को ही समय मिल सका है और न ही किसी अन्य भाजपा के नुर्माइंंदे ने ही इसकी कोई जानकारी दी है।

भाजपा मण्डल अध्यक्ष रहे दो घंटे निरूद्ध
सत्तारूढ़ भाजपा के लिए इससे शर्म की क्या बात हो सकती है कि लखनादौन पुलिस द्वारा भाजपा के मण्डल अध्यक्ष नरेश सेन को दो घंटों तक अकारण ही अघोषित तौर पर कोतवाली में निरूद्ध कर रखा था। बाद में प्रभारी मंत्री के हस्ताक्षेप के बाद वे छूट सके। उन्होंने बताया कि वे अपनी पत्नि के साथ नगर परिषद् के सीएमओ के पास इस बात की आपत्ति व्यक्त करने गए थे कि आखिर नगर परिषद् के विज्ञापन में बाहरी व्यक्ति (दिनेश राय) की फोटो कैसे चस्पा है? इस पर हुए वाद विवाद के बाद सीएमओ की तरफ से थाने में नरेश सेन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई थी।

हुआ सर्वोच्च न्यायालय का आदेश छलनी
देश की सबसे बड़ी अदालत ने रात दस बजे के उपरांत कानफाडू डीजे बजाए जाने पर बंदिश लगाई थी। यह बंदिश भारत गणराज्य के अंग लखनादौन में लागू नहीं होती। गत 15 सितम्बर को नागपुर और मुंबई की बार बालाओं ने लखनादौन में भौंडा प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन की अनुमति किसने कितने बजे तक दी थी यह बात उस दिन कोई भी नहीं बता सका। इस प्रोग्राम में एसडीओपी और एसडीएम भी उपस्थित थे। अगले दिन एसडीएम ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन के लिए नगर परिषद् को नोटिस जारी किया। सवाल यह उठता है कि अगर वे स्वयं रात दस बजे तक चलने वाले कार्यक्रम में मौजूद थीं तो उन्होंने तत्काल उसी समय इसे रोकने की कार्यवाही क्यों नहीं की?

भाजपा कार्यालय का सामान बिखराया!
भाजपा के मण्डल अध्यक्ष नरेश सेन ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नगर परिषद् लखनादौन द्वारा उन्हें महज आधे घंटे में ही दो नोटिस भेजे गए। एक नोटिस 19 तो दूसरा 20 सितम्बर का है। दोनों ही 20 को उन्हें दिए गए। उन्होंने बताया कि भाजपा के मण्डल कार्यालय का मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन था। हाई कोर्ट ने कुल भूखण्ड में 33 फीसदी भाग में निर्माण के निर्देश दिए थे। इसकी अनुमति पूर्व में जब सनत पटेल सीएमओ थे तब ले ली गई थी। अब उसको रिन्यू करवाना बाकी था। परिषद् ने दो नोटिस थमाकर वहां लगी सैंट्रिंग बिखरा दी, और बाकी सामान उठाकर चल दिए नगर परिषद् वाले। बकौल नरेश सेन नगर परिषद् की दबंगई इस कदर चल रही है कि उन्होंने नोटिस का जवाब देने तक का समय नहीं दिया।

मण्डल भाजपा की रस्म अदायगी!
भाजपा के लखनादौन मण्डल की रस्म अदायगी का यह आलम है कि लखनादौन में होने वाली नियम विरूद्ध घटनाओं के बारे में एक आवेदन की पावती लेकर भाजपा अपनी फाईल ही मोटी करती जा रही है। इस मामले में भी भाजपा की मण्डल की बैठक में एक निंदा प्रस्ताव पारित कर आवेदन बनाकर एसडीएम, एसडीओपी और कोतवाली को दे दिया गया है।

सरकार किसकी? भाजपा या निर्दलीय की!
लखनादौन में भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि लखनादौन में आखिर सरकार किसकी चल रही है? एक अदना सा निर्दलीय प्यादा लखनादौन में अपनी हुकुमत चला रहा है और भाजपा संगठन सहित विधायक भी अपने आप को इस मामले में बौना ही पा रही है। भाजपा के एक पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि लखनादौन में भाजपा भीगी बिल्ली बनी हुई है और निर्दलीय रहे दिनेश राय और सुधा राय शेर की तरह दहाड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायक और संगठन भी इनका कुछ नहीं बिगाड़ पा रहे हैं। इन परिस्थितियों में अब भाजपा के कट्टर कार्यकर्ता भी यह सोचने पर मजबूर हो रहे हैं कि अगर भाजपा उन्हें संरक्षण देने में असमर्थ है तो बेहतर होगा कि वे निर्दलीय का झंडा ही थाम लें।

यह है मूल कारण!

समाचार एजेसंी ऑफ इंडिया के भोपाल ब्यूरो से राजेश शर्मा ने बताया कि सिवनी जिले में राय परिवार के खिलाफ मुंह खोलने की जुर्रत भाजपा के नेता इसलिए नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि भाजपा के आला नेताओं का वरद हस्त दिनेश राय पर है। भाजपा के प्रदेश स्तर के नेताओं की आंख का नूर बने हुए हैं दिनेश राय। वहीं भाजपा के अंदरखाने से यह खबर भी छन छन कर बाहर आ रही है कि भाजपा के एक शीर्ष नेता ने सिवनी जिला इकाई को साफ तौर पर निर्देशित किया है कि भले ही पार्टी का कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर चला जाए पर दिनेश राय के खिलाफ न तो कोई कदम उठाया जाए और न ही कोई विज्ञप्ति आदि भी जारी की जाए। संभवतः यही कारण है कि भाजपा जिला इकाई और भाजपाध्यक्ष नरेश दिवाकर सहित सांसद विधायक सभी लखनादौन के मामले में अपने जबड़े सख्ती से भींचे हुए हैं।