मंगलवार, 19 जून 2012

मुद्राकोष को भारत देगा दस अरब डॉलर


मुद्राकोष को भारत देगा दस अरब डॉलर

(टी. विश्वनाथन)

लोस काबोस (साई)। प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने घोषणा की है कि भारत अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष को दस अरब डॉलर और देगा जिससे ऋण देने वालों के पास धन पर्याप्त मात्रा में रहे और आर्थिक संकट न बढ़े। लोस काबोस में जी-२० शिखर सम्मेलन के पूर्ण अधिवेशन में डॉक्टर सिंह ने कहा कि यूरो जोन में स्थिरता लाने में मुद्राकोष की महत्वपूर्ण भूमिका है और सभी सदस्य देशों को इस भूमिका को निभाने में उसकी मदद करनी चाहिए।
दुनिया की आर्थिक स्थिति को बहुत अधिक चिंताजनक बताते हुए डॉक्टर सिंह ने कहा कि यूरो जोन का ऋण और बैंकिंग संकट पूरी विश्व अर्थव्यवस्था पर बहुत गहरा असर डाल रहा है। वैश्विक संकट के कारण कम विकसित और विकासशील देशों की गंभीर समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विकासशील देशों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में निवेश से लम्बी अवधि में तेजी से वृद्धि की बुनियाद पड़ेगी और उनकी अर्थव्यवस्थाओं में तत्काल जान आयेगी।
डॉक्टर सिंह ने कहा कि जी-२० को बहुपक्षीय विकास बैंकों के संसाधनों में बहुत अधिक मात्रा बढ़ानी चाहिए ताकि उनके पास विकासशील देशों के विकास लक्ष्यों को पूरा करने में मदद देने के लिए पर्याप्त संसाधन हों। भारत सहित उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का जिक्र करते हुए डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि वैश्विक मंदी और घरेलू कठिनाईयों के कारण वृद्धि पर असर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि घरेलू समस्याओं से निपटने के लिए उचित कदम उठाये जा रहे हैं।
 भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी अंगों की मजबूती पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को विश्वास है कि आठ से नौ प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर फिर हासिल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार निवेशकों का विश्वास फिर जगाने के उपाय कर रही है।
निवेशकों के लिए संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी पारदर्शी, और स्थिर नीतियां अपनायेगी जिससे घरेलू और विदेशी निवेशकों को बराबर अवसर मिले। भारत में बढ़ते राजकोषीय घाटे के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि २००८ के बाद अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए राजकोषीय घाटा बढ़ने दिया गया और अब सरकार उसे रोकने पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सबसिडी पर नियंत्रण सहित कड़े फैसले लेगी।
उधर, ब्रिक्स देशों के नेता ऋणदाता देशों का बोझ बांटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में अपना योगदान बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। ये फैसला लोस काबोस में भारत, ब्राजील, चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका की बैठक में लिया गया। प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की मेजबानी में हुई इस बैठक में शर्त रखी गई कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष इन अतिरिक्त संसाधनों का इस्तेमाल तभी करेगा जब कर्ज के नए समझौतों सहित पहले से उपलब्ध धन का काफी बड़ा हिस्सा इस्तेमाल हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस बैठक में कहा कि सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एकजुट होकर विश्व अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए एक समग्र समाधान ढूंढना होगा।
प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने कहा है कि यूरोजन संकट और दुनिया में अर्थव्यवस्था की सुधरती स्थिति के लड़खड़ाने से बाजार के भरोसे और हमारी अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस शिखर सम्मेलन के ज$रिये हमें ऐसा ठोस संदेश देना चाहिए जिससे इन समस्याओं से निपटने का सामूहिक संकल्प झलकता हो। सबसे पहला काम यूरोज$ोन की स्थिरता सुनिश्चित करना है जो कि व्यवस्था में पैदा हुए असंतुलन के कारण खतरे में है।

किराए पर गौर करे विमानन कंपनियां


किराए पर गौर करे विमानन कंपनियां

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। नागरिक उड्डयन महानिदेशक-डी.जी.सी.ए ने घरेलू विमानन कंपनियों को मार्ग के मुताबिक किरायों पर गौर करने तथा उन्हें तर्कसंगत और समुचित स्तर  पर लाने का निर्देश दिया है। एक अधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि नागरिक उड्डयन महानिदेशक ई.के. भारत भूषण ने सभी घरेलू एयरलाइंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक बुलाई और विभिन्न घरेलू मार्गों पर किरायों में बेतहाशा वृद्धि पर चिंता जाहिर की। डी.जी.सी.ए को भरोसा दिलाते हुए एयरलाइंस ने अब विभिन्न घरेलू मार्गों पर अधिकतम किराए में पांच से बीस प्रतिशत की कटौती की पेशकश की है।
नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने दोहराया है कि अगर एयर इंडिया के पायलट बिना शर्त हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटते हैं तो वे बर्खास्त पायलटों को बहाली करने के लिए तैयार हैं। श्री सिंह ने कल मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही। इंडियन पायलट्स गिल्ड से जुड़े एयर इंडिया के लगभग चार सौ पायलट बोइंग-७८७ ड्रीम लाइनर विमान के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव और अपने काम से जुड़े मुद्दों को लेकर हड़ताल पर हैं।
घरेलू हवाई रूटों पर अचानक किरायों में बढ़ोतरी पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के कड़े रुख के बाद प्राइवेट एयरलाइंस कंपनियों ने विभिन्न रूटों पर सर्वाधिक किराया बकेट में 5 से 20 फीसदी तक की कटौती का प्रस्ताव किया है। डीजीसीए ने इन कंपनियों से कहा है कि वे संशोधित किराया सूची अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करें।
डीजीसीए ने सभी घरेलू एयरलाइंस कंपनियों के सीईओ की सोमवार को बैठक बुलाई थी। इसमें डीजीसीए ने कहा कि जून 2011 की तुलना में इस साल जून में एटीएफ मूल्यों में 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन हवाई किरायों में इससे कहीं ज्यादा बढ़ोतरी की गई है। एक ही रूट पर अलग-अलग एयरलाइनों के अधिकतम हवाई किरायों में भी अंतर है। मई में पैसेंजरों की तादाद में गिरावट आई। फिर भी किराए बढ़ा दिए गए।
डीजीसीए ने कहा कि पैसेंजरों को यह भी नहीं बताया जाता कि बढ़े हुए किराए कब से लागू होंगे। ऐसा भी होता है कि पहले तो किराए ज्यादा रखे जाते हैं, लेकिन जब उड़ान की तारीख नजदीक आती है तो किराए कम कर दिए जाते हैं। एयरलाइन कंपनियों ने आश्वासन दिया है कि वे किरायों के हाई बकेट में कमी करने पर विचार करेंगे और उसमें 5 से 20 फीसदी तक कटौती कर सकते हैं।

भारत ने ठुकराया फिच का प्रस्ताव


भारत ने ठुकराया फि का प्रस्ताव

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। सरकार ने रेंिटंग एजेंसी फिच की तरफ से भारत के ऋण लेने की साख घटाकर नकारात्मक करने की घोषणा को ठुकराते हुए कहा है कि उसने यह फैसला पुराने आंकड़ों के आधार पर किया है और भारतीय अर्थव्यवस्था में हाल में हुए अनुकूल परिवर्तनों की अनदेखी की है। वित्त मंत्री ने कल एक बयान में कहा कि बाजारों को पहले से अनुमान था कि फिच रेटिंग में संशोधन करेगा और इस घोषणा से कोई हैरानी नहीं हुई है।
उन्होंने कहा है कि फिच ने सरकार के ताजा प्रयासों पर ध्यान नहीं दिया है जिनमें उर्वरक सबसिडी व्यवस्था में सुधार, सबसिडी को सकल घरेलू उत्पाद के एक निश्चित हिस्से तक सीमित रखने और नई विर्निर्माण तथा दूर संचार नीतियों जैसे उपाय शामिल हैं।मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने कहा कि भारत की कर्ज लेने की साख गिराने की फिच की घोषणा दूसरों की देखा देखी की गई लगती है और इसका पहले से अनुमान था।
उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसियों के बीच भी एक-दूसरे की देखादेखी काम करने की प्रवृति है और एस एंड पी के वक्तव्य को देखते हुए पूरी उम्मीद थी कि फिच भी ऐसा ही कुछ करेगा। मुझे नहीं लगता कि इसमें आश्चर्य की कोई बात है। अगर आप फिच के बयान को देखें तो इसमें बहुत सी अनुकूल बातें हैं। यह सही है कि उन्होंने रेटिंग कम कर दी है लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार को देखते हुए उसकी स्थिति बदलने की बहुत संभावना है। अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की साख को घटाते हुए कहा था कि इसकी वजह भ्रष्टाचार, अपर्याप्त सुधार, ऊंची मुद्रास्फीति और मंद वृद्धि है। एजेंसी का कहना है कि भारत के सामने मंद वृद्धि और बढ़ती मुद्रास्फीति की कठिन चुनौती है।

यूपी के आठ हजार गांव उत्तम बैंकिंग की जद में


यूपी के आठ हजार गांव उत्तम बैंकिंग की जद में

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश में चालू वित्त वर्ष के दौरान सोलह सौ से दो हजार की आबादी वाले करीब आठ हजार गावों को उत्तम बैंकिंग सुविधाओं के दायरे में लाया जाएगा। इस योजना के तहत इन गांवों में ए.टी.एम, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, सार्वजनिक भविष्य निधि और ड्राप बॉक्स की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। बैंकिंग से संबद्ध केंद्रीय वित्त सचिव डी.के. मित्तल ने लखनऊ में एक बैठक में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि बैंकों को अपने व्यवसायिक हितों के साथ-साथ लोगों के हितों का भी ध्यान रखना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकार ने लोगों को, खासतौर से किसानों, स्वयं सहायता समूहों और महिला समूहो को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये एक रोडमैप तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि गांवों के सर्वांगीण विकास के लिये बैंकों को राज्य के सभी ७५ जिलों में चुने गये २०-२० गांवों को विकास योजनाओं को लागू करने की हिदायत दी है। बैंकों से भी कहा गया है कि वे प्रत्येक परिवार में कम से कम एक खाता खोलने के साथ-साथ वित्तीय लेन-देन बैंक खातों के माध्यम से करने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को प्रोत्साहित भी करें।

गर्मी और बारिश का अनोखा संगम


गर्मी और बारिश का अनोखा संगम

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। मानसून की दस्तक के साथ ही देश भर में कहीं धूप गर्मी लू का प्रकोप है तो वहीं दूसरी तरफ बाढ़ ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है। समूचा उत्तर प्रदेश लू और तपन भरी हवाओं से घिरा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर पूर्वोत्तर में बारिश के कारण बाढ़ ने तबाही मचा रखी है।
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के कारण लू (गर्म हवा) लगने से 16 लोगों की मौत हो गई। बुंदेलखंड में चिलचिलाती धूप ने 11 लोगों को अपना शिकार बनाया, बाराबंकी में 2 लोगों की मौत हुई और लखनऊ में 3 लोग सूरज का कहर नहीं झेल सके। पुलिस के अनुसार, ये तीनों लोग लू लगने से शहर के विभिन्न इलाकों की गलियों और सड़कों पर बेहोशी की हालत में मिले।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार फिलहाल तन-बदन को झुलसाने वाली गर्मी से निजात मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। इस हफ्ते के आखिर तक मानसून से पहले की बारिश की उम्मीद की जा सकती है। कन्नौज, औराई, जालौन, हरदोई, उन्नाव, आजमगढ़ और कन्नौज जिलों में तापमान 45-47 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। सोमवार को महोबा में सबसे ज्यादा तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सुल्तानपुर में तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस रहा। भीषण गर्मी में बार-बार बिजली की आवाजाही ने लोगों का दिन और मुश्किल बना दिया। हवा में नमी 51 फीसदी होने से लोगों को उमस भी महसूस हुई।
उधर, असम में नलबाड़ी, बारपेटा और मोरीगांव जिलों के तीन सौ गांव बाढ़ की चपेट में हैं जिससे करीब ढाई लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बारपेटा के भेला-दुर्गापुर क्षेत्र में कल चार लोग डूब गए जिनमें एक बच्चा भी है। हमारे संवाददाता ने बताया है कि हाल की बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।