गुरुवार, 21 फ़रवरी 2013

चौधरी की बराबरी करते अतिविशिष्ट!


चौधरी की बराबरी करते अतिविशिष्ट!

(लिमटी खरे)

दुनिया का चौधरी कहलाता है अमरीका। अमरीका के प्रथम नागरिक के हवाई सफर के लिए एयरफोर्स वन नामक सर्वसुविधायुक्त विमान है, जिसमें विलासिता की सारी चीजें मौजूद रहती हैं। आजादी के साढ़े छः दशकों में भी भारत गणराज्य ने अपने प्रथम नागरिक या प्रधानमंत्री के लिए प्रथक से एक उड़न खटोला नहीं खरीदा है। अब व्हीव्हीआईपीज के लिए 300 करोड़ के चौपर की खरीदी चर्चा में है। 3600 करोड़ का सौदा क्या जरूरी था? क्या भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री रेल मंत्री आदि के लिए भारतीय रेल के पास अलग से रैक नहीं है, और सालों से इसका क्या उपयोग हुआ है? अगर इन नेताओं को रेल में चलने में शर्म महसूस होती है तो फिर लाव लश्कर को वेतन क्यों दिया जा रहा है? देश के आम आदमी के पास दो वक्त की रोटी नहीं है और अतिविशिष्ट लोगों के लिए हजारों करोड़ के चौपर खरीदे गए उसमें भी भ्रष्टाचार की बू ही आ रही है।

एसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन वाली केंद्र सरकार का गठन उचित महूर्त में नहीं किया गया है। संभवतः यही कारण है कि एक के बाद एक घपले, घोटाले, अनाचार, दुराचार, भ्रष्टाचार आदि के मामलों की आग में केंद्र सरकार के साथ ही साथ आम आदमी भी पूरी तरह झुलसा हुआ है। इन सभी मामलों में आकंठ डूबी केंद्र सरकार भी रूकने का नाम ही नहीं ले रही है। अब व्हीव्हीआईपी के लिए आए चौपर यानी हेलीकाप्टर की खरीद में घोटाले का मामला प्रकाश में आया है।
यह मामला इसलिए भी तेज आग में जल रहा है क्योंकि इसमें खरीद में इटली शामिल है। इटली के अलावा कोई और देश होता तो शायद मामले को इतना तूल ना मिल पाता पर इटली संप्रग की चेयर पर्सन और कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी का पीहर जो है। 3600 करोड़ रूपए के सौदे में 362 करोड़ रूपए की रिश्वत की बात सामने आ रही है। समय के साथ यह मामला भी बोफोर्स के मानिंद गति को पा ले तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए पर वर्तमान में तो इसकी आंच काफी तेज ही महसूस हो रही है।
ए.के.अंटोनी को ईमानदार माना जाता है इसमें कोई शक नहीं। कहा जा रहा है कि अंटोनी को इस बात की खबर लगभग ग्यारह माह पहले ही लग चुकी थी। पर उसके बाद भी वे पूरी तरह खामोश ही बैठे रहे। उनकी खामोशी को उनकी ईमानदारी का परिचायक तो कतई नहीं माना जा सकता है। इस मामले में एयर मार्शल एसपी त्यागी पर शक की सुई ले जाई जा रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि त्यागी को बलि का बकरा ही बनाया जा रहा है, क्योंकि सभी इस बात से इत्तेफाक ही रखते होंगे कि किसी सेना प्रमुख के पास इतना पावर नहीं होता है कि वह अकेले ही किसी डील को अंजाम दे दे।
हाल ही में राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने की बात पर भड़के थे। इससे सियासी जादूगरों ने अंदाजा लगा लिया होगा कि 2014 में राहुल खुद को पीएम के उपयुक्त नहीं पा रहे होंगे। राहुल की अप्रत्यक्ष ना के उपरांत अब सियासत में कांग्रेस के पास साफ छवि वाले नेताओं की फेहरिस्त में चंद ही नाम बचते हैं। पलनिअप्पम चिदम्बरम का नाम तो हवा में उछल ही चुका है। रही बात अंटोनी की तो वे साफ छवि के ईमानदार नेता माने जाते हैं।
हो सकता है इस घोटाले के बारे में पीएम के अन्य दावेदारों के पास सबूत मौजूद रहे हों, वे माकूल वक्त के इंतजार में हों। जब राहुल गांधी ने अपना स्टेंड कुछ हद तक क्लीयर किया तब पीएम के अन्य दावेदारों ने सबसे पहले अंटोनी की मट्टी खराब करने का जतन किया हो। जंग और राजनीति में सब जायज है। अंटोनी के हाथ भ्रष्टाचार के आरोपामें में सनने के बाद उनका नाम इस दौड़ से बाहर होना स्वाभाविक ही है।
वैसे भी, सीबीआई इस मामले को एक दो साल में तो नहीं निपटा सकती है। मतलब साफ है कि अंटोनी को 2014 तक तो क्लीन चिट मिलने की संभावनाएं ना के बराबर ही हैं। जयपुर में चिंतन शिविर में नेहरू गांधी परिवार की वर्तमान पीढ़ी के सदस्य राहुल गांधी को सत्ता की बागडोर सौंपने, भ्रष्टाचार मुक्त भारत को गढ़ने, सुशासन लाने के संकल्प के तत्काल बाद ही इस घोटाले का असर कांग्रेस पर बुरी तरह पड़ना तय माना जा रहा है।
इस मामले में जिस किसी ने भी एके अंटोनी को घेरा है बहुत ही तरीके से घेराबंदी की है। इस मामले के इटली में उजागर होने के उपरांत इसकी सीबीआई जांच की घोषणा से साफ हो गया है कि शक की सुई केंद्र और विशेषकर केंद्रीय रक्षा मंत्री अंटोनी पर आकर टिक गई है। केंद्र सरकार में अगर सही व्यक्तित्व का स्वामी किसी को माना जाता है तो वे हैं प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री ए.के.अंटोनी।
अगर मनमोहन सिंह की नेकनियति के सामने देश को उनके सहयोगी ही बुरी तरह लूट रहे हों, ईमानदारी का चोगा पहनने वाले केद्रीय रक्षा मंत्री अंटोनी की नाक के नीचे ही करोड़ों के भ्रष्टाचार का ताना बाना बुना जा रहा हो तो इनकी एसी नेकनियति और ईमानदारी भला किस काम की।
लोगों के दिलोदिमाग से अभी यह बात विस्मृत नहीं हुई होगी कि कामन वेल्थ, टूजी, एस बेण्ड, आदर्श सोसायटी, आदि घोटालों के प्रकाश में आने के उपरांत सरकार ने इनको लटकाने का प्रयास किया था। देश को न्यायिक व्यवस्था का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उसके हस्ताक्षेप से ही ये मामले दब नहीं पाए। यह अलहदा बात है कि इन मामलों में कार्यवाही आज भी कच्छप गति से ही संचालित हो रही है।
कांग्रेस की नींद इस मसले पर उड़ना स्वाभाविक ही है, क्योंकि इस मामले के उछलने से एक बार फिर बोफोर्स और इटली कनेक्शन का जिन्न बोतल के बाहर आ चुका है। उस वक्त क्वात्रोच्चि को देश से भागने में सफलता मिल गई थी। क्वात्रोच्चि को बचाकर राजीव गांधी को अपनी सरकार को सत्ता के गलियारे से बाहर लाना पड़़ा था। अब दूसरी बार इतिहास अपने आप को दुहरा रहा है।
इस बार रक्षा सौदे की लपटें एक बार फिर प्रधानमंत्री कार्यालय को घेर रही हैं। सरकार भले ही बोफोर्स तोप को बेहतरीन किस्म की तोपों का दर्जा दे दे, इस बार भी चौपर्स एकदम चुस्त दुरूस्त हों, पर यक्ष प्रश्न तो वही खड़ा है कि अगर सब कुछ ठीक ठाक है तो आखिर रिश्वत किस बात की। रेल में सफर के दौरान अगर रिजर्वेशन कंफर्म है तो भला टीसी को सौ का पत्ता देने का क्या ओचित्य!
भ्रष्ट देशों की सूची में भारत की स्थिति काफी अच्छी नहीं कही जा सकती है। सरकार किसी की भी हो, कांग्रेस या भाजपा, या किसी अन्य दल की। आज हमें सोचना होगा, किस परंपरा को प्रश्रय दे रहे हैं। क्या वैश्विक स्तर पर हम यह छवि बनाने का प्रयास कर रहे हैं कि भारत में कोई भी काम या डील बिना रिश्वत के अंजाम को नहीं पा सकती है?
आधी सदी से ज्यादा इस देश पर राज करने वाली कांग्रेस के लिए यह शर्म की ही बात है कि रक्षा के क्षेत्र में आज भी भारत गणराज्य आत्मनिर्भर नहीं हो सका है। भारत आज भी रक्षा के मामालों में सत्तर से 75 फीसदी तक विदेशों पर ही निर्भर है। हमारे देश में इतनी मात्रा में रक्षा क्षेत्र की आयुध निर्माणी, व्हीकल फेक्टरी आदि होने के बाद भी रक्षा मामलों में सरकार ने अभी तक प्रोत्साहन को रोक के क्यों रखा है कि हम विदेशों के हथियारों और अन्य चीजों की ओर ही देखने को मजबूर हैं। (साई फीचर्स)

मप्र के जनसंपर्क विभाग को निजी एजेंसी का सहारा


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 58

मप्र के जनसंपर्क विभाग को निजी एजेंसी का सहारा

(विनय डेविड)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश का जनसंपर्क विभाग संचार साधनों से संपन्न है लेकिन इसके बावजूद उसे अपनी सूचनाएं मीडिया विभाग तक पहुंचाने के लिए एक निजी एंजेसी का सहारा लेना पड़ा है। आश्चर्य तो ये है कि भोपाल की मीडिया को सरकार की गतिविधियों से संबंधित सूचनाएं दिल्ली में बैठी एक एजेंसी उपलब्ध करवा रही है।
यहां उल्लेखनीय तथ्य यह है कि मध्य प्रदेश का जनसंपर्क विभाग देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा अत्यधिक संपन्न है। प्रदेश सरकार की योजनाओं से लेकर विकास एवं अन्य गतिविधियों की जानकारी देने का काम जनसंपर्क विभाग के अधीन है। इस विभाग का भोपाल में भरा-पूरा अमला है और सभी 50 जिलों में इसके कार्यालय भी हैं।
अभी तक भोपाल के संचालनालय में होने वाली राज्य सरकार के मंत्रियों की सूचनाएं मीडिया के लोगों को विभाग की ओर से फोन अथवा एसएमएस के जरिए दी जाती थी, मगर पिछले कुछ अरसे से ये सूचनाएं मोबाइल पर रिकाडेर्ड मैसेज के जरिए मिल रही हैं। मजे की बात यह है कि यह संदेश दिल्ली के फोन नम्बर से आते हैं। यह संदेश दिल्ली से आने की वजह की जब तहकीकात की गई तो पता चला कि यह काम एक निजी एजेंसी को सौंपा गया है।
(देशबंधु डॉट को डॉट इन से साभार)

पेंच और कान्हा के नाम पर भी ब्राडगेज के लिए नहीं हुए प्रयास


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 4

पेंच और कान्हा के नाम पर भी ब्राडगेज के लिए नहीं हुए प्रयास

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात है कान्हा नेशनल पार्क। नब्बे के दशक में सिवनी और छिंदवाड़ा जिले की सीमा में पड़ने वाले पेंच नेशनल पार्क ने अपनी जगह बनाना आरंभ किया। प्रसिद्ध धुमंतु रूडयार्ड किपलिंग की द जंगल बुक के हीरो मोगली के भी इसी पेंच नेशनल पार्क में होने की बात से पेंच के प्रति देश विदेश के लोगों का आकर्षण बढ़ गया है। दो नेशनल पार्क होने के बाद भी सिवनी और मण्डला जिले को ब्राडगेज से जोड़ने का काम नहीं किया गया।
गौरतलब है कि देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाले डेढ़ सौ साल पुरानी कांग्रेस ने आदिवासी बाहुल्य मण्डला और सिवनी जिले के साथ सदा से अन्याय ही किया है। कांग्रेस ने बालाघाट और छिंदवाड़ा को तो ब्राडगेज से जोड़ दिया किन्तु जब मण्डला और सिवनी की बारी आई तो हाथ खड़े कर दिए। कहने को इन जिलों के कांग्रेसी नेता अपने जनप्रतिनिधि के कमजोर होने की बात कहकर अपनी खाल अवश्य ही बचा लेते हैं किन्तु वे भूल जाते हैं कि नब्बे के दशक तक सिवनी और मण्डला जिले पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है।
नब्बे के दशक के उपरांत महाकौशल जो कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था में आदिवासी वर्ग की उपेक्षा के चलते अन्य दलों ने सेंध लगा दी। इक्कीसवीं सदी के आगाज के साथ ही कांग्रेस के हाथ से महाकौशल में जमीन रेत की तरह फिसलती गई। आज महाकौशल से गिनती के विधायक और सांसद ही बचे हैं कांग्रेस के। कांग्रेस ने सिवनी और मण्डला जिले के साथ घोर उपेक्षा का रवैया अपनाया। दोनों ही जिलों को बड़ी रेल लाईन से दूर रखा जिससे दोनों ही जिलों में औद्योगिक निवेशों की संभावनाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं।
वर्तमान में संस्कारधानी जबलपुर से बालाघाट बरास्ता नैनपुर तथा छिंदवाड़ा से नागपुर तक ब्राडगेज प्रस्तावित है। सूत्रों की मानें तो छिंदवाड़ा से नैनपुर बरास्ता सिवनी के रेल खण्ड निर्माण में पेंच नेशनल पार्क का हिस्सा नहीं आ रहा है। इस दृष्टि से जल्द ही इस मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है।
वैसे बालाघाट से जबलपुर रेलखण्ड में नैनपुर जंक्शन से कान्हा नेशनल पार्क और छिंदवाड़ा से नागपुर रेलखण्ड में रामाकोना या बिछुआ कि आसपास से पेंच नेशनल पार्क में प्रवेश का प्वाईंट बनाया जा सकता है। सिवनी के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करने वाले नेताओं की कुदृष्टि वैसे भी सिवनी पर केंद्रित ब्राडगेज रेल खण्ड पर पड़ रही है, जिससे बचने के प्रयास आम जनता को ही करना होगा।
(क्रमशः जारी)

पीसीबी ने रातों रात बदल दिया कार्यकारी संक्षेप


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 04

पीसीबी ने रातों रात बदल दिया कार्यकारी संक्षेप

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल अब मध्य प्रदेश सरकार की मिल्कियत न होकर अब वह मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के आवंथा समूह की संपत्ति हो गया है। जी हां, हालात देखकर तो यही लगने लगा है कि एमपीपीसीबी अब आवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के हित साधने के लिए नियमों को भी बलाए ताक रखने से गुरेज नहीं कर रहा है। एमपीपीसीबी की वेब साईट झाबुआ पावर लिमिटेड के लिए मनचाहे बदलाव सहजता से करती जा रही है।
गौरतलब है कि झाबुआ पावर द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं सूची में अधिसूचित आदिवासी विकासखण्ड घंसौर के ग्राम बरेला में कोल आधारित पावर प्लांट की स्थापना करने जा रहा है। इसके प्रथम चरण की लोक सुनवाई मण्डल के क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के अधिकारियों की उपस्थिति में 22 अगस्त 2009 को एवं दूसरे चरण की लोक सुनवाई 22 नवंबर 2011 को घंसौर तहसील के ग्राम गोरखपुर में संपन्न हुई।
इन दोनों ही लोकसुनवाई में नियम कायदों को बलाए ताक रखने के आरोप मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल पर लगे। मण्डल ने अपनी वेब साईट पर दूसरी लोक सुनवाई की जानकारी ही नहीं डाली। इस लिहाज से 22 नवंबर 11 को हुई लोकसुनवाई शून्य ही मानी जा सकती है। इसके अलावा उस वक्त झाबुआ पावर की ओर से डाला गया कार्यकारी सारांश 600 मेगावाट का वही पुराना था जो प्रथम चरण के लिए डाला गया था।
जब इस मामले को मीडिया के माध्यम से अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया तो पता नहीं कैसे और किसके कहने पर अचानक ही लोकसुनवाई के दूसरे दिन 23 नवंबर को लोकसुनवाई की तिथि 22 नवंबर डाल दी गई। अर्थात लोकसुनवाई के दूसरे दिन मुनादी पीटी जा रही है कि कल लोकसुनवाई हो चुकी है जिसे आपत्ति करना हो कल जाकर कर लेता! यहीं पीसीबी का जादू और गौतम थापर की चरण वंदना प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा समाप्त नहीं होती है।
कहा जा रहा है कि 6400 करोड़ रूपयों की लागत से बनने वाले झाबुआ पावर लिमिटेड के इस संयंत्र के ट्रबल शूटर्स जिसमें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से कार्यालय संचालित करने वाले प्रमुख बताए जा रहे हैं के द्वारा मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को पूरी तरह साध लिया गया है। इसके लिए दस अंकों में राशि के आदान प्रदान की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। इन चर्चाओं में कितनी सच्चाई है यह बात तो कंपनी के कारिंदे या पीसीबी के मुलाजिम ही जाने पर वेब साईट पर की गई छेड़छाड़ से इन चर्चाओं को बल अवश्य ही मिलता है। उधर दूसरी ओर प्रदूषण नियंत्रण के लिए जिम्मेदार मध्य प्रदेश सरकार का एक विभाग इन दिनों मशहूर उद्योगपति गौतम थापर की देहरी पर मुजरा करता नजर आ रहा है।
मजे की बात तो यह है कि प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की वेब साईट पर जनसुनवाई के तीसरे चरण में 352 नंबर पर अंकित मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा घंसौर में संस्थापित होने वाले पावर प्लांट के दूसरे चरण के लिए डाला गया कार्यकारी सारांश रातों रात बदलकर 600 के बजाए अब 660 का कर दिया गया है। इसकी इबारत के आरंभ में अब कार्यकारी सारांश को कार्यकारिणी संक्षेप दर्शा दिया गया है।
 (क्रमशः जारी)

नागालेण्ड मेघालय में होगा आज चुनाव प्रचार समाप्त


नागालेण्ड मेघालय में होगा आज चुनाव प्रचार समाप्त

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। मेघालय और नगालैंड विधानसभाओं के चुनाव के लिए चुनाव प्रचार आज शाम समाप्त हो रहा है। लगभग सभी राजनैतिक दलों के राष्ट्रीय नेता चुनाव सभाएं कर रहे हैं। मेघालय में सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा के लिए कल एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई। राज्य सरकार ने मतदाताओं के सभी वर्गों से अपील की है कि वे शनिवार को निडर होकर बड़ी सख्ंया में मतदान करने के लिए आएं।
राज्य के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि नगालैंड में ६० सीटों के लिए चुनाव हो रहा है। मतदान २३ फरवरी को होगा। इस बीच, राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सुरक्षा प्रबंध कड़े किए गए हैं। केंद्रीय अर्द्ध-सैनिक बलों की २३० कंपनियों के अलावा राज्य पुलिस के ३० हजार से ज्यादा जवान भी तैनात किए गए हैं।

पांच दर्जन मरीजों की गई रोशनी


पांच दर्जन मरीजों की गई रोशनी

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। छत्तीगढ़ राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं किस कदर पटरी से उतरी हुई हैं कि राज्य में मोतियाबिंद आपरेशन के दौरान लगभग पांच दर्जन मरीजों की आंखों की ही रोशनी चली गई। यह बात राज्य विधानसभा में कांग्रेस के विधायक धर्मजीत सिंह के सवाल के जवाब में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ के दुर्ग, बालोद और महासमुंद जिले में नेत्र शिविर में मोतियाबिंद आपरेशन के दौरान 62 मरीजों ने अपनी आंख की रोशनी खोई हैं
अग्रवाल ने बताया कि नेत्र शिविरों में मोतियाबिंद के आपरेशन के दौरान बालोद जिले में 44 मरीजों ने, दुर्ग जिले में चार मरीजों ने तथा महासमुंद जिले में 14 मरीजों ने आंखों की रोशनी खोई है। उन्होंने बताया कि बालोद नेत्र शिविर में संक्रमण की जांच दुर्ग जिले के कलेक्टर ने किया था तथा जांच प्रतिवेदन 17 अक्टूबर वर्ष 2011 में प्रस्तुत किया गया। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि आपरेशन कक्ष को किटाणु रहित नहीं किया गया था।
मंत्री ने बताया कि दुर्ग जिले में नेत्र संक्रमण की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। जांच अधिकारी ने आठ मई वर्ष 2012 को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रारंभिक जांच में नेत्र आपरेशन के दौरान प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जाना पाया गया। इसी तरह महासमुंद जिले के बागबहरा कस्बे में भी नेत्र आपरेशन के दौरान प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जाना पाया गया है।
अग्रवाल ने बताया कि बागबहरा नेत्र शिविर में लापरवाही बरतने के कारण राज्य शासन ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महासमुंद, नेत्र सर्जन, नेत्र सहायक अधिकारी समेत चार लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने बालोद नेत्र संक्रमण की जांच में दोषी पाए जाने पर पांच चिकित्सकों समेत नौ लोगों को निलंबित किया है।

मीडिया को नहीं बख्शा ममता ने!


मीडिया को नहीं बख्शा ममता ने!

(प्रतुल बनर्जी)

कोलकता (साई)। पश्चिम बंगाल की कुर्सी संभालने के उपरांत ममता बनर्जी को पता नहीं क्या हो गया है, वे अचानक ही अपना आपा खोने लगी हैं। हाल ही में पत्रकारों से रूबरू ममता बनर्जी ने एक पत्रकार की जमकर खबर ली, और उसे किसी पार्टी विशेष का प्रतिनिधि होने की बात भी परोक्ष तौर पर कह डाली। वैसे मीडिया में गैर प्रशिक्षित और निहित स्वार्थ के लोगों के जुड़ने से इस तरह की घटनाएं भविष्य में और तेजी से सामने आ सकती हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज एक बार फिर अपना आपा खो बैठीं जब एक संवाददाता ने उन्हें बताया कि मजदूर संघों की हडताल का राज्य में आंशिक प्रभाव पडा है। ममता ने अपना आपा खो दिया और कहा, ‘‘आप किस मीडिया समूह से हैं? आप किसी खास मीडिया समूह से हैं, इसलिये आप इस तरह के सवाल पूछ रहे हैं। कृपया जाकर उन बाजारों को देखिये।’’ संवाददाता ने ममता से कहा था कि दुकानें एवं बाजार बंद थे और अधिकांश बसें एवं टैक्सी सडकों से नदारद थे।
संवाददाता के जिरह करने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘क्या आप यहां अपने दल का विचार बताने आये हैं? आप अपनी सीमा लांघ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप अपने अखबार की नीतियों के अनुसार अपने विचार रख सकते हैं। यह आपका व्यवसाय है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘माकपाई चौनलों के कई लोग यहां आते हैं। लेकिन मैंने कभी उन्हें गर्दन पकड कर धकियाने को नहीं कहा।’’हाल ही में ममता ने माटी उत्सवके दौरान एक फोटोग्राफर को थप्पड मारने की चेतावनी दी थी।

सोनिया की बहन को मिले हैं रक्षा सौदे के पैसे: स्वामी


सोनिया की बहन को मिले हैं रक्षा सौदे के पैसे: स्वामी

(प्रतिभा सिंह)

पटना (साई)। नेहरू गांधी परिवार को सदा निशाने बनाए रखने वाले जनता पार्टी के प्रमुख सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा व्हीव्हीआईपी के लिए खरीदे जाने वाले चौपर में दलाली में सीधे सीधे संप्रग और कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को लपेट दिया है। स्वामी का दावा है कि वीवीआईपी के लिए हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सोनिया गांधी की दो बहनों को इटली में भी पैसे दिये गये हैं।
पटना में एक प्रोग्राम में शिरकत करने आए स्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार भ्रष्टाचार और घोटाले की पर्याय बन गयी है। लगातार घोटालों के बाद अब हेलीकॉप्टर खरीद में घोटाला हो गया।  कई लोगों ने पैसे खाये। उनमें यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी की वे दो बहनें भी हैं जो इटली में रहती हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में सीबीआई को करनी चाहिए। ऐसा होने से ही जांच यही दिशा में जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने भले स्वामी को भावी प्रधानमंत्री बताया पर उन्होंने खुद अपनी राय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में साफ की। कहा कि मोदी प्रधानमंत्री पद के काबिल हैं।  जबकि राहुल गांधी को बुद्धू कहा। लोगों के सामने स्वामी ने कांग्रेस के युवराज का ऐसा स्केच खींचा जिसका मतलब था कि वे बिना किसी काम के हैं। कांग्रेस के लोग भले उनमें गुणों की भरमार देख रहे हों, पर देश के लिए बिल्कुल काम के नहीं हैं। अपनी टिप्पणियों के लिए जाने वाले स्वामी ने राहुल गांधी के साथ-साथ वित्त मंत्री पी चिदंबरम को भी खरी-खोटी सुनायी।

राजस्‍थान : प्रदेश में 8 औद्योगिक इकाइयों को विशेष सुविधापुंज के प्रस्तावों को मंजूरी


प्रदेश में 8 औद्योगिक इकाइयों को विशेष सुविधापुंज के प्रस्तावों को मंजूरी

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में सम्पन्न राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में नई इकाइयों के लिये विशेष सुविधापुंज प्रदान करने के आठ प्रस्तावों का अनुमोदन किया जिनसे करीब 3260.2 करोड़ रुपये का निवेश एवं 2905 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।
इसके अलावा मंत्रिमण्डल द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के अधीन विश्वविद्यालयों के अधिनियमों में संशोधन, खनन क्षेत्र में बापी अधिकारों के तहत खनन क्षेत्र के कब्जाधारकों को क्वारी लाइसेंस आवंटन करने के संबंध में राजस्थान अप्रधान खनिज रियासत नियमावली,1986 के नियम 65 के तहत शिथिलता प्रदान करने सहित नगरीय विकास, स्वायत्त शासन, राजस्व, वित्त तथा शिक्षा विभागों से जुड़े विभिन्न प्रस्तावों का अनुमोदन किया।
 मंत्रिमण्डल ने राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से अमेरिकन कम्पनी ्यपोलारिस्य की इकाई ऑयशर पोलारिस प्रा.लि. के द्वारा राज्य में विशेष प्रकार के फोर व्हीलर बनाने की परियोजना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।  औद्योगिक क्षेत्र कूकस में 500 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाने वाली इस परियोजना से 600 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।
 मंत्रिमण्डल ने जर्मनी आधारित बहुराष्ट्रीय इंजीनियरिंग एवं ऑटो निर्माता कम्पनी बॉश लि. की सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित इकाई की उत्पादन क्षमता बढाने के लिये 225 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इससे 342 व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार मिल सकेगा।
 इसके साथ ही बैठक में ऑटोमेटेड टेलर मशीन (ए.टी.एम.) तथा कैश डिस्पेन्सर मशीन (सी.डी.एम.) निर्माता बहुराष्ट्रीय कम्पनी पर्टाे को राज्य में विशेष प्रकार के ए.टी.एम. तथा सी.डी.एम. उत्पाद बनाने की परियोजना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। जयपुर के महेन्द्रा वर्ल्ड सिटी में स्थापित की जाने वाली इस परियोजना पर प्रारम्भ में लगभग 144.9 करोड़ रुपये का निवेश होगा जिससे 463 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।
 बैठक में अग्रणी सीमेन्ट उत्पादक कम्पनी ्यइण्डिया सीमेन्ट लि.्य की सहायक कम्पनी त्रिनेत्रा सीमेन्ट लि. द्वारा बांसवाड़ा में 640 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाने वाली सीमेन्ट इकाई के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इससे 500 व्यक्तियों का रोजगार प्रस्तावित है।
 वण्डर सीमेन्ट लि. जो कि आर.के.मार्बल ग्रुप उदयपुर की सहायक कम्पनी है के द्वारा निम्बाहेडा (चित्तौडगढ) में सीमेन्ट इकाई लगाई गई है। इस परियोजना में कुल 1300 करोड़ रुपये का निवेश एवं 400 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया। मंत्रिमण्डल ने वण्डर सीमेन्ट लि. को पूर्व में रिप्स-2003 के तहत प्रदान किये गये विशिष्ट सुविधापुंज के स्थान पर वर्तमान में अन्य सीमेन्ट इकाईयों को रिप्स-2010 के तहत दिये गये विशेष सुविधापुंज के अनुसार सुविधापुंज देने का अनुमोदन किया है।
 इसी प्रकार मंत्रिमण्डल ने जे.बी.एस.एलॉयज एण्ड स्टील प्रा.लि. एवं जे.डी.मेटल एलॉयज लि. द्वारा आबूरोड़ (सिरोही) स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र में स्टील उत्पाद एवं स्टीनलेस स्टील बनाने की इकाईयों के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इन इकाईयों पर कुल 175.3 करोड़ रुपये का निवेश से 350 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।
 बैठक में रामको समूह, चौन्नई की सहायक कम्पनी रामको इण्डस्ट्रीज लि. द्वारा  रीको औद्योगिक क्षेत्र कैशवाना राजपूत, कोटपूतली (जयपुर) में कैल्सियम सिलिकेट बोर्ड बनाने की परियोजना के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। लगभग 125 करोड़ रुपये के निवेश से 200 व्यक्तियों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है।
 मंत्रिमण्डल ने ग्रेट ईर्स्टन इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉर्पाेरेशन लि. के द्वारा जयपुर के समीप शीट्स से ऑटो कम्पोनेन्ट बनाने की परियोजना का अनुमोदन किया। इस परियोजना पर 150 करोड़ रुपये के निवेश से 50 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।
मंत्रिमण्डल ने उच्च शिक्षा विभाग के अधीन विश्वविद्यालय के अधिनियमों में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके तहत राजस्थान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक-2013, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय,जोधपुर संशोधन विधेयक-2013, मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक-2013, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय,अजमेर संशोधन विधेयक-2013 एवं वर्द्घमान महावीर खुला विश्वविद्यालय,कोटा संशोधन विधेयक-2013 के प्रारुप पर मंत्रिमण्डल की स्वीकृति दी गई है।
मंत्रिमण्डल ने राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम,2008 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस निर्णय से निजी-सार्वजनिक सहभागिता के अन्तर्गत स्थापित अस्पतालों के लिये चिकित्सा परिचर्या नियमों में आवश्यक प्रावधान होने से राज्य कर्मचारियों द्वारा भुगतान की गई राशि का नियमानुसार पुर्नभरण हो सकेगा।
 मंत्रिमण्डल ने जैसलमेर के ऐतिहासिक महत्व एवं विश्व पर्यटन के मानचित्र पर एक प्रमुख नगर होने के कारण सुनियोजित विकास की दृष्टि से गठित किये गये नगर विकास न्यास,जैसलमेर का कार्यक्षेत्र बढाये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस निर्णय से जैसलमेर शहर के लिये तैयार किये जा रहे मास्टर प्लॉन की क्रियान्विति प्रभावी हो सकेगी तथा न्यास के क्षेत्राधिकार में क्षेत्र वृद्घि से अनियोजित एवं अनियंत्रित निर्माण को भी रोका जा सकेगा।
 बैठक में आशाधाम आश्रम,उदयपुर को वृद्घाश्रम के लिये ग्राम हवाला खुर्द बड़ी में 2 लाख 69 लाख वर्गफीट भूमि का आवंटन आरक्षित दर की 10 प्रतिशत पर आवंटित किये जाने पर सहमति दी है। इस निर्णय से समाज के गरीब, बीमार, अपाहिज, असहाय, लोगों को चिकित्सा सुविधायें सुलभ हो सकेंगी। इसके साथ ही बैठक में खेतेश्वर शिक्षण संस्थान बालोतरा को संस्थान द्वारा किये जाने वाले शिक्षण कार्यों हेतु नगरपालिका बालोतरा की अवाप्तशुदा 934 बीघा भूमि में से 5 बीघा भूमि आरक्षित दर की दस प्रतिशत पर आवंटन किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इससे समाज के सभी वर्गों के स्थानीय विद्यार्थियों को शिक्षण सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
 इसके साथ ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, शाहपुरा जिला अलवर का नामकरण ्यबाबा सरदाराराम राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। बैठक में बापी अधिकारों के तहत खनन क्षेत्र के कब्जाधारकों को क्वारी लाईसेंस आवंटन करने के संबंध में राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली,1986 के नियम 65 के तहत शिथिलता प्रदान करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस निर्णय से खनन क्षेत्रों पर काबिज बापीधारकों को क्वारी लाईसेंस प्राप्त हो सकेंगे तथा ये खानें नियमों के अन्तर्गत आ जाने से प्रावधानों के अनुसार इनका सुरक्षित एवं वैज्ञानिक तरीके से विकास हो सकेगा जिससे विभाग को किराया/लाईसेंस फीस की प्राप्ति भी होगी।
बैठक में क्रिमीनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट,1961 के तहत अधिसूचित सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित भूमि में हितअर्जन करने पर प्रतिबन्ध लगाने के लिये नया दी राजस्थान लैण्ड्स (रेस्ट्रेक्शन आन ट्रान्सफर) बिल,2013 लागू किये जाने के लिये प्रारुप को मंजूरी दी गई है। इस निर्णय से एक्ट के तहत अधिसूचित क्षेत्र में स्थित भूमि पर हितअर्जन को प्रतिबन्धित किया जा सकेगा। मंत्रिमण्डल के अनुमोदन के पश्चात् विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत किया जायेगा।
मंत्रिमण्डल ने कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन नीति,2010 के तहत फूडपार्क की परिभाषा को सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया है। इससेे नीति के अन्तर्गत कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय उद्यमों को देय प्रोत्साहन के पात्र होंगे। राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश पर फूडपार्क में निर्मित भवन/भूखण्ड के विकासकर्ता भूखण्डों के विकास के उपरांत प्रथम अभिहस्तान्तरण करने पर मुद्रांक शुल्क में 50 प्रतिशत छूट देय होगी। समिति द्वारा अनुमोदित फूडपार्क संबंधित नियमों के अन्तर्गत भूमि आवंटन के पात्र होंगे।

छत्‍तीसगढ : होली फादर ने की छेड़छाड़!


होली फादर ने की छेड़छाड़!

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। छत्तीसगढ़ में इसाई मिशनरीज की गतिविधियां शनैः शनैः संदिग्ध होती जा रही हैं। राज्य में एक मिशनरी स्कूल के फादर द्वारा स्कूली बालाओं के साथ छेड़छाड़ का संदिग्ध मामला प्रकाश में आने से सनसनी फैल गई है। योन शोषण के इस तरह के मामले के सामने आने से क्षेत्र में रोष और असंतोष व्याप्त है। इस बार 35 वर्षीय एक फादर द्वारा महज पांच से सात साल की बच्चियों के साथ रेप करने के आरोप लगे हैं।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर दरिमा थाना अंतर्गत कल्याणपुर गांव में एक मिशनरी स्कूल के फादर द्वारा छात्राओं से छेड़छाड़ और यौन शोषण की कोशिश का मामला सामने आया है। स्कूल की चार छात्राओं के साथ रेप की कोशिश की बात सामने आई है।
पुलिस सूत्रों ने साई न्यजू को आगे बताया कि कल्याणपुर गांव में एक मिशनरी स्कूल चलता है। स्कूल में हॉस्टल भी है। कुछ बच्चे घर से भी आते-जाते हैं। करीब चार दिन पहले दूसरी क्लास की एक छात्रा ने अपनी मां को जो बताया उससे उनका कलेजा हिल गया। बेटी ने बताया कि स्कूल का फादर विसेंट टोप्पो उन्हें लंच के समय में चॉकलेट देकर अपने कमरे में ले जाता है और उसके बाद गलत काम किया जाता है। छात्रा की मां ने यह बात गांव की अन्य महिलाओं को बताई, जिनकी बच्चियां इस स्कूल में पढ़ती हैं।
पूछताछ पर पता चला कि गांव की अन्य तीन बच्चियों के साथ भी फादर द्वारा रेप किया गया है। इसके बाद चारों बच्चियों के माता-पिता बुधवार को रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने फादर विसेंट टोप्पो के खिलाफ धारा 354 के तहत मामला दर्ज कर लिया। मेडिकल टेस्ट में छात्राओं के साथ अप्राकृतिक कृत्य किए जाने की पुष्टि हुई। पुलिस ने आरोपी फादर को हिरासत में ले लिया है।
पीड़ित सभी बच्चियों की उम्र पांच से सात साल के बीच बताई गई है। सभी छात्राएं पहली और दूसरी क्लास में पढ़ती हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी फादर विसेंट टोप्पो (35) झारखंड के सिमडेगा का रहने वाला है। फादर लंच के समय किसी एक छात्रा को अपने साथ कमरे में ले जाता था। कमरे में पहले उन्हें चॉकलेट, बिस्किट और मिठाई खाने के लिए देता था। इसके बाद उनके साथ गलत काम की कोशिश करता था।

शिमला : सेव वाटर रैली का आगाज


सेव वाटर रैली का आगाज

(रीता वर्मा)

शिमला (साई)। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यहां अपने सरकारी आवास ओक ओवर से देश के अग्रणी केन्द्रीय विश्वविद्यालय जामिया मीलिया इस्लामिया द्वारा आयोजित सेव वाटर-सेव अर्थसाइकिल रैली-2013 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह रैली जिस उद्देश्य के लिए आयोजित की जा रही है, वह न केवल प्रदेश एवं राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि समूचे विश्व के लिए भी उतनी ही जरूरी है।
उन्होंने इस साइकिल रैली में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को बधाई दी। जामिया मीलिया द्वारा आयोजित यह 12 दिवसीय साइकिल रैली प्रदेश के नारकंडा से दिल्ली तक आयोजित की जा रही है। यह रैली एनएसएस, एनसीसी, केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय तथा राज्य के युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के सहयोग से आयोजित की जा रही है।
रैली में 26 छात्र तथा 13 स्टाफ सदस्य और दो चिकित्सक भाग ले रहे हैं। 26 छात्रों में 20 लड़के और 6 लड़कियां शामिल हैं। यह रैली लगभग 452 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा तथा चंडीगढ़ से गुजरेगी। रैली का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता उत्पन्न करना और छात्रों का चरित्र एवं व्यक्तिगत विकास तथा विभिन्न क्षेत्रों की जैविक एवं पादप जानकारी बढ़ाना है।
विधायक कुलदीप कुमार, रोहित ठाकुर, नंद लाल और अनिरूद्ध सिंह, राज्य सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष हर्ष महाजन, राज्य पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव तथा प्रधान सचिव युवा सेवाएं एवं खेल वी.सी. फारका, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव तथा निदेशक युवा सेवाएं एवं खेल कमल शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वाइल्ड लाईफ) बदरूल इस्लाम, संयुक्त निदेशक युवा सेवाएं एवं खेल श्रीमती सुमन रावत तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

दिल्‍ली : साई कुंज पर निगम का बरसेगा कहर


साई कुंज पर निगम का बरसेगा कहर

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। किशनगढ़ स्थित साईं कुंज में बिल्डर माफियाओं द्वारा कृषि भूमि पर बनाए गए 46 फ्लैटों को ढहाया जाएगा। यहां निमार्ण में नियमों की अनदेखी के चलते 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के दौरे के बाद से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इन फ्लैटों को सील कर दिया है। फ्लैट ढहाने का यह निर्णय मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा सोमवार को डीडीए, नगर निगम, राजस्व विभाग तथा दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की उपस्थिति में लिया गया। इस मौके पर नजफगढ़ के डीसी एससी यादव, दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त विवेक गोगिया, डीडीए के कमिश्नर भूमि प्रबंधन विकास मिश्रा तथा एसडीएम महरौली राजीव सिंह मौजूद थे। मालूम हो कि साईं कुंज में 198 फ्लैट बनाने की योजना थी। इनमें नियमों की अनदेखी कर 46 फ्लैट का निर्माण करा दिया गया था। अवैध निर्माण के संबंध में राजस्व विभाग को शिकायतें मिली थी। जांच के बाद जुलाई 2012 को शिकायत दर्ज कर ली गई थी। उस समय राजस्व विभाग के तहत अवैध निर्माण के खिलाफ काम करने वाली एसटीएफ टीम को भंग किया जा चुका था। नतीजतन राजस्व विभाग ने कार्रवाई के लिए नगर निगम तथा दिल्ली पुलिस को लिखा था। इसके बाद शिकायत पर 12 फरवरी 2013 को मॉनिटरिंग कमेटी ने दौरा किया था। फिर 14 फरवरी को मौके का मुआयना करके नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए सभी 46 फ्लैट सील कर दिया था।

कैथल में सफल रही ट्रेड यूनियनों की हड़ताल


कैथल में सफल रही ट्रेड यूनियनों की हड़ताल

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर देश भर में की गई दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन कैथल में लगभग 90 प्रतिशत पूरी तरह बंद रहा। शहर के सभी कर्मचारी संगठनों ने पूरी तरह से काम ठप्प रख हड़ताल को सफल बनाया। नए बस स्टैंड पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग ले रहे सुबह कर्मचारियों पर पुलिस प्रशासन द्वारा लाठियां भांजी गई, जिसमें दर्जन भर कर्मचारी घायल हो गया। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते नए बस स्टैंड पर दिन भर पुलिस प्रशासन भारी संख्या में मौजूद रहा, वहीं उपायुक्त चंद्रशेखर, पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह, जिला राजस्व अधिकारी राजबीर धीमान, सी.आई.ए. थाना प्रभारी राजकुमार, सिटी थाना प्रभारी विष्णु प्रसाद सभी अन्य थानों के प्रभारी भी मौके पर मौजूद थे। हड़ताल के कारण पूरी तरह चक्का जाम रहा। सहकारी समितियों की बसें अपने रूटों पर चल रही थी, वहीं प्राइवेट बसों ने भी खूब चांदी कूटी। हरियाणा राज्य परिवहन की बसों का चक्का जाम होने से यात्रियों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। हड़ताल के चलते शहर के बैंक भी बंद रहे। बैंकों के बंद होने से करोड़ों रुपए का कार्य प्रभावित हुआ। सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान, सतबीर गोयत, हाकम सिंह खनौदा, जसबीर सिंह आदि ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने पंूजीपतियों के आदेशों पर कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया है। इसके वे घोर निंदा करते है। इसके अलावा कर्मचारियों ने अंबाला में हड़ताल के दौरान कर्मचारी काका सिंह की मौत पर भी कड़ी निंदा की और दो मिनट का मौन धारण किया। सुबह कर्मचारी भगत सिंह चौक, पटवार भवन से होते हुए जवाहर पार्क पहुंचे, जहां कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद सभी कर्मचारी संगठन नए बस स्टैंड पर पहुंचे, जहां कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए हड़ताल को सफल बनाने में योगदान दिया।
हरियाणा बिजली कर्मचारी ज्वाइंट एक्शन कमेटी, आल इंडिया यूनाईटिड ट्रेड यूनियन सैंटर, संयुक्त कर्मचारी मंच, हरियाणा कर्मचारी महासंघ, हरियाणा रोडवेज कर्मचारी ज्वाइंट एक्शन कमेटी, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, सहायिका यूनियन, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन, भारतीय किसान सभा, हरियाणा ग्रामीण चौकीदार सभा, वन विभाग मजदूर यूनियननगरपालिका कर्मचारी संघ, दी रैवन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन, स्वास्थ्य विभाग तालमेल कमेटी, जनसंघर्ष मंच हरियाणा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी यूनियन, स्टूडैंट्स फैडरेशन आफ इंडिया, भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन व अतिथि अध्यापक संघ सहित बैंकिंग, एल.आई.सी. सहित अन्य कर्मचारी यूनियनों ने भी हड़ताल में भाग लिया। पुलिस प्रशासन द्वारा कर्मचारियों पर किए गए लाठीचार्ज में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी रोहताश, कृष्ण, सोनू, आंगनवाड़ी वर्कर शकुंतला, ज्ञानचंद, परिचालक निरंजन, गौरव व गोपीचंद सहित अन्य तीन-चार अन्य कर्मचारी घायल हो गए। कर्मचारियों की मांगें  है कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार पर काबू पाना, 3519 प्राइवेट परमिटों को रद्द करना, वेतन विसंगतियां दूर करना, सातवें वेतन आयोग का गठन करना, क्लैरिकल कर्मचारियों को वेतन देना, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों का मानदेय देना, ग्रामीण चौकीदारों को घोषित 500 रुपए एरियर सहित तुरंत भुगतान करना, ग्रामीण चौकीदारों को सरकारी कर्मचारी घोषित करना, वेतन पहचान पत्र के आधार पर देना, इंदिरा आवास योजना के हत गरीबों को मकान देना, चौकीदारों की मृत्यु पर उसके परिवार को एक लाख रुपए सहायता देना, मानसेर मारुति से हटाए गए कर्मचारियों को बहाल करना, खेतीहर मजदूरों व गरीबों को रिहायशी प्लाट देने, वन अधिकार कानून को समुचित ढंग से लागू करना, लोकपाल विधेयक पारित करना, खेत मजदूरों के लिए केंद्रीय कानून बनाना व खुदरा व्यापार क्षेत्र में एफ.डी.आई. पर रोक लगाना मुख्य मांगों में शामिल है। इस मौके पर उनके साथ हड़ताल में सरबत पुनिया, बाबू लाल यादव, जसबीर सिंह, पहल सिंह तंवर, शमशेर सिंह जांगड़ा, श्यालाल कल्याण, सुरेंद्र श्योकंद, शमशेर जांगड़ा, जीताराम, देवीप्रसन्न, सोमनाथ, मांगेराम, मदनलाल, बलवंत, फूला, इकबाल सिंह चंदाना, राजे सिंह रावत, सतपाल राविश, रतनलाल शर्मा, दिलबाग सैनी, कुलदीप शर्मा, जयपाल, भीम सिंह, कामरेड प्रेमचंद, सीताराम नरड़, ईश्वर बंदराना, रुस्तम सैनी, धर्मपाल माथुर, रोशनलाल, सोनिया, शकुंतला, बबीता, निर्मला, संतोष देवी सहित अन्य सैकड़ों पुरुष एवं महिला कर्मचारियों ने भी भाग लिया। दूसरी और राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर बाजारों व स्कूलों पर नहीं देखा गया। शहर व गांवों में स्कूल खुले थे। हर रोज की तरह बच्चे आज भी स्कूलों में पढऩे गए। इसी प्रकार शहर की मुख्य मार्किट के साथ-साथ छोटे बाजार भी खुले थे। लोगों ने हर रोज की तरह अपने काम किए। लोगों ने दुकानों पर करियाने व अन्य प्रकार के सामान खरीदे। 

कैथल में सफल रही ट्रेड यूनियनों की हड़ताल


कैथल में सफल रही ट्रेड यूनियनों की हड़ताल

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर देश भर में की गई दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन कैथल में लगभग 90 प्रतिशत पूरी तरह बंद रहा। शहर के सभी कर्मचारी संगठनों ने पूरी तरह से काम ठप्प रख हड़ताल को सफल बनाया। नए बस स्टैंड पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग ले रहे सुबह कर्मचारियों पर पुलिस प्रशासन द्वारा लाठियां भांजी गई, जिसमें दर्जन भर कर्मचारी घायल हो गया। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते नए बस स्टैंड पर दिन भर पुलिस प्रशासन भारी संख्या में मौजूद रहा, वहीं उपायुक्त चंद्रशेखर, पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह, जिला राजस्व अधिकारी राजबीर धीमान, सी.आई.ए. थाना प्रभारी राजकुमार, सिटी थाना प्रभारी विष्णु प्रसाद सभी अन्य थानों के प्रभारी भी मौके पर मौजूद थे। हड़ताल के कारण पूरी तरह चक्का जाम रहा। सहकारी समितियों की बसें अपने रूटों पर चल रही थी, वहीं प्राइवेट बसों ने भी खूब चांदी कूटी। हरियाणा राज्य परिवहन की बसों का चक्का जाम होने से यात्रियों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। हड़ताल के चलते शहर के बैंक भी बंद रहे। बैंकों के बंद होने से करोड़ों रुपए का कार्य प्रभावित हुआ। सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान, सतबीर गोयत, हाकम सिंह खनौदा, जसबीर सिंह आदि ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने पंूजीपतियों के आदेशों पर कर्मचारियों पर लाठीचार्ज किया है। इसके वे घोर निंदा करते है। इसके अलावा कर्मचारियों ने अंबाला में हड़ताल के दौरान कर्मचारी काका सिंह की मौत पर भी कड़ी निंदा की और दो मिनट का मौन धारण किया। सुबह कर्मचारी भगत सिंह चौक, पटवार भवन से होते हुए जवाहर पार्क पहुंचे, जहां कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद सभी कर्मचारी संगठन नए बस स्टैंड पर पहुंचे, जहां कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए हड़ताल को सफल बनाने में योगदान दिया।
हरियाणा बिजली कर्मचारी ज्वाइंट एक्शन कमेटी, आल इंडिया यूनाईटिड ट्रेड यूनियन सैंटर, संयुक्त कर्मचारी मंच, हरियाणा कर्मचारी महासंघ, हरियाणा रोडवेज कर्मचारी ज्वाइंट एक्शन कमेटी, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, सहायिका यूनियन, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन, भारतीय किसान सभा, हरियाणा ग्रामीण चौकीदार सभा, वन विभाग मजदूर यूनियननगरपालिका कर्मचारी संघ, दी रैवन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन, स्वास्थ्य विभाग तालमेल कमेटी, जनसंघर्ष मंच हरियाणा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी यूनियन, स्टूडैंट्स फैडरेशन आफ इंडिया, भवन निर्माण कारीगर मजदूर यूनियन व अतिथि अध्यापक संघ सहित बैंकिंग, एल.आई.सी. सहित अन्य कर्मचारी यूनियनों ने भी हड़ताल में भाग लिया। पुलिस प्रशासन द्वारा कर्मचारियों पर किए गए लाठीचार्ज में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी रोहताश, कृष्ण, सोनू, आंगनवाड़ी वर्कर शकुंतला, ज्ञानचंद, परिचालक निरंजन, गौरव व गोपीचंद सहित अन्य तीन-चार अन्य कर्मचारी घायल हो गए। कर्मचारियों की मांगें  है कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार पर काबू पाना, 3519 प्राइवेट परमिटों को रद्द करना, वेतन विसंगतियां दूर करना, सातवें वेतन आयोग का गठन करना, क्लैरिकल कर्मचारियों को वेतन देना, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों का मानदेय देना, ग्रामीण चौकीदारों को घोषित 500 रुपए एरियर सहित तुरंत भुगतान करना, ग्रामीण चौकीदारों को सरकारी कर्मचारी घोषित करना, वेतन पहचान पत्र के आधार पर देना, इंदिरा आवास योजना के हत गरीबों को मकान देना, चौकीदारों की मृत्यु पर उसके परिवार को एक लाख रुपए सहायता देना, मानसेर मारुति से हटाए गए कर्मचारियों को बहाल करना, खेतीहर मजदूरों व गरीबों को रिहायशी प्लाट देने, वन अधिकार कानून को समुचित ढंग से लागू करना, लोकपाल विधेयक पारित करना, खेत मजदूरों के लिए केंद्रीय कानून बनाना व खुदरा व्यापार क्षेत्र में एफ.डी.आई. पर रोक लगाना मुख्य मांगों में शामिल है। इस मौके पर उनके साथ हड़ताल में सरबत पुनिया, बाबू लाल यादव, जसबीर सिंह, पहल सिंह तंवर, शमशेर सिंह जांगड़ा, श्यालाल कल्याण, सुरेंद्र श्योकंद, शमशेर जांगड़ा, जीताराम, देवीप्रसन्न, सोमनाथ, मांगेराम, मदनलाल, बलवंत, फूला, इकबाल सिंह चंदाना, राजे सिंह रावत, सतपाल राविश, रतनलाल शर्मा, दिलबाग सैनी, कुलदीप शर्मा, जयपाल, भीम सिंह, कामरेड प्रेमचंद, सीताराम नरड़, ईश्वर बंदराना, रुस्तम सैनी, धर्मपाल माथुर, रोशनलाल, सोनिया, शकुंतला, बबीता, निर्मला, संतोष देवी सहित अन्य सैकड़ों पुरुष एवं महिला कर्मचारियों ने भी भाग लिया। दूसरी और राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर बाजारों व स्कूलों पर नहीं देखा गया। शहर व गांवों में स्कूल खुले थे। हर रोज की तरह बच्चे आज भी स्कूलों में पढऩे गए। इसी प्रकार शहर की मुख्य मार्किट के साथ-साथ छोटे बाजार भी खुले थे। लोगों ने हर रोज की तरह अपने काम किए। लोगों ने दुकानों पर करियाने व अन्य प्रकार के सामान खरीदे।