गुरुवार, 21 फ़रवरी 2013

पेंच और कान्हा के नाम पर भी ब्राडगेज के लिए नहीं हुए प्रयास


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 4

पेंच और कान्हा के नाम पर भी ब्राडगेज के लिए नहीं हुए प्रयास

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात है कान्हा नेशनल पार्क। नब्बे के दशक में सिवनी और छिंदवाड़ा जिले की सीमा में पड़ने वाले पेंच नेशनल पार्क ने अपनी जगह बनाना आरंभ किया। प्रसिद्ध धुमंतु रूडयार्ड किपलिंग की द जंगल बुक के हीरो मोगली के भी इसी पेंच नेशनल पार्क में होने की बात से पेंच के प्रति देश विदेश के लोगों का आकर्षण बढ़ गया है। दो नेशनल पार्क होने के बाद भी सिवनी और मण्डला जिले को ब्राडगेज से जोड़ने का काम नहीं किया गया।
गौरतलब है कि देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाले डेढ़ सौ साल पुरानी कांग्रेस ने आदिवासी बाहुल्य मण्डला और सिवनी जिले के साथ सदा से अन्याय ही किया है। कांग्रेस ने बालाघाट और छिंदवाड़ा को तो ब्राडगेज से जोड़ दिया किन्तु जब मण्डला और सिवनी की बारी आई तो हाथ खड़े कर दिए। कहने को इन जिलों के कांग्रेसी नेता अपने जनप्रतिनिधि के कमजोर होने की बात कहकर अपनी खाल अवश्य ही बचा लेते हैं किन्तु वे भूल जाते हैं कि नब्बे के दशक तक सिवनी और मण्डला जिले पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है।
नब्बे के दशक के उपरांत महाकौशल जो कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था में आदिवासी वर्ग की उपेक्षा के चलते अन्य दलों ने सेंध लगा दी। इक्कीसवीं सदी के आगाज के साथ ही कांग्रेस के हाथ से महाकौशल में जमीन रेत की तरह फिसलती गई। आज महाकौशल से गिनती के विधायक और सांसद ही बचे हैं कांग्रेस के। कांग्रेस ने सिवनी और मण्डला जिले के साथ घोर उपेक्षा का रवैया अपनाया। दोनों ही जिलों को बड़ी रेल लाईन से दूर रखा जिससे दोनों ही जिलों में औद्योगिक निवेशों की संभावनाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं।
वर्तमान में संस्कारधानी जबलपुर से बालाघाट बरास्ता नैनपुर तथा छिंदवाड़ा से नागपुर तक ब्राडगेज प्रस्तावित है। सूत्रों की मानें तो छिंदवाड़ा से नैनपुर बरास्ता सिवनी के रेल खण्ड निर्माण में पेंच नेशनल पार्क का हिस्सा नहीं आ रहा है। इस दृष्टि से जल्द ही इस मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है।
वैसे बालाघाट से जबलपुर रेलखण्ड में नैनपुर जंक्शन से कान्हा नेशनल पार्क और छिंदवाड़ा से नागपुर रेलखण्ड में रामाकोना या बिछुआ कि आसपास से पेंच नेशनल पार्क में प्रवेश का प्वाईंट बनाया जा सकता है। सिवनी के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करने वाले नेताओं की कुदृष्टि वैसे भी सिवनी पर केंद्रित ब्राडगेज रेल खण्ड पर पड़ रही है, जिससे बचने के प्रयास आम जनता को ही करना होगा।
(क्रमशः जारी)

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