प्रदेश में 8
औद्योगिक इकाइयों को विशेष सुविधापुंज के प्रस्तावों को मंजूरी
(शैलेन्द्र)
जयपुर (साई)।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में सम्पन्न राज्य
मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में नई इकाइयों के लिये विशेष
सुविधापुंज प्रदान करने के आठ प्रस्तावों का अनुमोदन किया जिनसे करीब 3260.2 करोड़
रुपये का निवेश एवं 2905 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।
इसके अलावा
मंत्रिमण्डल द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के अधीन विश्वविद्यालयों के अधिनियमों में
संशोधन, खनन क्षेत्र
में बापी अधिकारों के तहत खनन क्षेत्र के कब्जाधारकों को क्वारी लाइसेंस आवंटन
करने के संबंध में राजस्थान अप्रधान खनिज रियासत नियमावली,1986 के नियम 65 के
तहत शिथिलता प्रदान करने सहित नगरीय विकास, स्वायत्त शासन, राजस्व, वित्त तथा शिक्षा
विभागों से जुड़े विभिन्न प्रस्तावों का अनुमोदन किया।
मंत्रिमण्डल ने राज्य के औद्योगिक विकास को गति
देने के उद्देश्य से अमेरिकन कम्पनी ्यपोलारिस्य की इकाई ऑयशर पोलारिस प्रा.लि. के
द्वारा राज्य में विशेष प्रकार के फोर व्हीलर बनाने की परियोजना के प्रस्ताव का
अनुमोदन किया। औद्योगिक क्षेत्र कूकस में
500 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाने वाली इस परियोजना से 600 व्यक्तियों
को रोजगार मिल सकेगा।
मंत्रिमण्डल ने जर्मनी आधारित बहुराष्ट्रीय
इंजीनियरिंग एवं ऑटो निर्माता कम्पनी बॉश लि. की सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में
स्थापित इकाई की उत्पादन क्षमता बढाने के लिये 225 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश
प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इससे 342 व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार मिल सकेगा।
इसके साथ ही बैठक में ऑटोमेटेड टेलर मशीन
(ए.टी.एम.) तथा कैश डिस्पेन्सर मशीन (सी.डी.एम.) निर्माता बहुराष्ट्रीय कम्पनी पर्टाे
को राज्य में विशेष प्रकार के ए.टी.एम. तथा सी.डी.एम. उत्पाद बनाने की परियोजना के
प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। जयपुर के महेन्द्रा वर्ल्ड सिटी में स्थापित की
जाने वाली इस परियोजना पर प्रारम्भ में लगभग 144.9 करोड़ रुपये का निवेश होगा जिससे
463 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।
बैठक में अग्रणी सीमेन्ट उत्पादक कम्पनी
्यइण्डिया सीमेन्ट लि.्य की सहायक कम्पनी त्रिनेत्रा सीमेन्ट लि. द्वारा बांसवाड़ा
में 640 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित की जाने वाली सीमेन्ट इकाई के प्रस्ताव का
अनुमोदन किया गया। इससे 500 व्यक्तियों का रोजगार प्रस्तावित है।
वण्डर सीमेन्ट लि. जो कि आर.के.मार्बल ग्रुप
उदयपुर की सहायक कम्पनी है के द्वारा निम्बाहेडा (चित्तौडगढ) में सीमेन्ट इकाई
लगाई गई है। इस परियोजना में कुल 1300 करोड़ रुपये का निवेश एवं 400 व्यक्तियों को
रोजगार प्रदान किया गया। मंत्रिमण्डल ने वण्डर सीमेन्ट लि. को पूर्व में
रिप्स-2003 के तहत प्रदान किये गये विशिष्ट सुविधापुंज के स्थान पर वर्तमान में
अन्य सीमेन्ट इकाईयों को रिप्स-2010 के तहत दिये गये विशेष सुविधापुंज के अनुसार
सुविधापुंज देने का अनुमोदन किया है।
इसी प्रकार मंत्रिमण्डल ने जे.बी.एस.एलॉयज एण्ड
स्टील प्रा.लि. एवं जे.डी.मेटल एलॉयज लि. द्वारा आबूरोड़ (सिरोही) स्थित रीको
औद्योगिक क्षेत्र में स्टील उत्पाद एवं स्टीनलेस स्टील बनाने की इकाईयों के
प्रस्ताव को मंजूरी दी। इन इकाईयों पर कुल 175.3 करोड़ रुपये का निवेश से 350
व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।
बैठक में रामको समूह, चौन्नई की सहायक
कम्पनी रामको इण्डस्ट्रीज लि. द्वारा रीको
औद्योगिक क्षेत्र कैशवाना राजपूत, कोटपूतली (जयपुर) में कैल्सियम सिलिकेट
बोर्ड बनाने की परियोजना के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। लगभग 125 करोड़ रुपये के
निवेश से 200 व्यक्तियों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है।
मंत्रिमण्डल ने ग्रेट ईर्स्टन इन्फ्रास्ट्रक्चर
कॉर्पाेरेशन लि. के द्वारा जयपुर के समीप शीट्स से ऑटो कम्पोनेन्ट बनाने की
परियोजना का अनुमोदन किया। इस परियोजना पर 150 करोड़ रुपये के निवेश से 50
व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।
मंत्रिमण्डल ने
उच्च शिक्षा विभाग के अधीन विश्वविद्यालय के अधिनियमों में संशोधन को मंजूरी दी
है। इसके तहत राजस्थान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक-2013, जयनारायण व्यास
विश्वविद्यालय,जोधपुर
संशोधन विधेयक-2013,
मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक-2013, महर्षि दयानन्द
सरस्वती विश्वविद्यालय,अजमेर संशोधन विधेयक-2013 एवं वर्द्घमान महावीर खुला
विश्वविद्यालय,कोटा
संशोधन विधेयक-2013 के प्रारुप पर मंत्रिमण्डल की स्वीकृति दी गई है।
मंत्रिमण्डल ने
राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम,2008 में संशोधन को
मंजूरी दी है। इस निर्णय से निजी-सार्वजनिक सहभागिता के अन्तर्गत स्थापित
अस्पतालों के लिये चिकित्सा परिचर्या नियमों में आवश्यक प्रावधान होने से राज्य
कर्मचारियों द्वारा भुगतान की गई राशि का नियमानुसार पुर्नभरण हो सकेगा।
मंत्रिमण्डल ने जैसलमेर के ऐतिहासिक महत्व एवं
विश्व पर्यटन के मानचित्र पर एक प्रमुख नगर होने के कारण सुनियोजित विकास की
दृष्टि से गठित किये गये नगर विकास न्यास,जैसलमेर का कार्यक्षेत्र बढाये जाने के
प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस निर्णय से जैसलमेर शहर के लिये तैयार किये जा रहे मास्टर
प्लॉन की क्रियान्विति प्रभावी हो सकेगी तथा न्यास के क्षेत्राधिकार में क्षेत्र
वृद्घि से अनियोजित एवं अनियंत्रित निर्माण को भी रोका जा सकेगा।
बैठक में आशाधाम आश्रम,उदयपुर को
वृद्घाश्रम के लिये ग्राम हवाला खुर्द बड़ी में 2 लाख 69 लाख वर्गफीट भूमि का आवंटन
आरक्षित दर की 10 प्रतिशत पर आवंटित किये जाने पर सहमति दी है। इस निर्णय से समाज
के गरीब, बीमार, अपाहिज, असहाय, लोगों को चिकित्सा
सुविधायें सुलभ हो सकेंगी। इसके साथ ही बैठक में खेतेश्वर शिक्षण संस्थान बालोतरा
को संस्थान द्वारा किये जाने वाले शिक्षण कार्यों हेतु नगरपालिका बालोतरा की
अवाप्तशुदा 934 बीघा भूमि में से 5 बीघा भूमि आरक्षित दर की दस प्रतिशत पर आवंटन
किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इससे समाज के सभी वर्गों के स्थानीय
विद्यार्थियों को शिक्षण सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
इसके साथ ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, शाहपुरा जिला अलवर
का नामकरण ्यबाबा सरदाराराम राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय्य करने के प्रस्ताव को
मंजूरी दी गई है। बैठक में बापी अधिकारों के तहत खनन क्षेत्र के कब्जाधारकों को
क्वारी लाईसेंस आवंटन करने के संबंध में राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली,1986 के नियम 65 के
तहत शिथिलता प्रदान करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस निर्णय से खनन
क्षेत्रों पर काबिज बापीधारकों को क्वारी लाईसेंस प्राप्त हो सकेंगे तथा ये खानें
नियमों के अन्तर्गत आ जाने से प्रावधानों के अनुसार इनका सुरक्षित एवं वैज्ञानिक
तरीके से विकास हो सकेगा जिससे विभाग को किराया/लाईसेंस फीस की प्राप्ति भी होगी।
बैठक में क्रिमीनल
लॉ एमेंडमेंट एक्ट,1961 के
तहत अधिसूचित सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित भूमि में हितअर्जन करने पर प्रतिबन्ध
लगाने के लिये नया दी राजस्थान लैण्ड्स (रेस्ट्रेक्शन आन ट्रान्सफर) बिल,2013 लागू किये
जाने के लिये प्रारुप को मंजूरी दी गई है। इस निर्णय से एक्ट के तहत अधिसूचित
क्षेत्र में स्थित भूमि पर हितअर्जन को प्रतिबन्धित किया जा सकेगा। मंत्रिमण्डल के
अनुमोदन के पश्चात् विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत किया जायेगा।
मंत्रिमण्डल ने
कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन नीति,2010 के तहत
फूडपार्क की परिभाषा को सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया है। इससेे नीति के
अन्तर्गत कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय उद्यमों को देय प्रोत्साहन के पात्र होंगे।
राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश पर फूडपार्क में निर्मित भवन/भूखण्ड
के विकासकर्ता भूखण्डों के विकास के उपरांत प्रथम अभिहस्तान्तरण करने पर मुद्रांक
शुल्क में 50 प्रतिशत छूट देय होगी। समिति द्वारा अनुमोदित फूडपार्क संबंधित
नियमों के अन्तर्गत भूमि आवंटन के पात्र होंगे।
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