मंगलवार, 18 मार्च 2014

बनारस से महत्वपूर्ण हो गई बालाघाट सीट!

बनारस से महत्वपूर्ण हो गई बालाघाट सीट!

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी के अंदरखाने में मची वर्चस्व की गलाकाट लड़ाई अब सतह पर आती दिख रही है। एक ओर वाराणसी और अमृतसर जैसी विवादित सीटों पर शीर्ष नेताओं ने सर जोड़कर हल निकाल लिया है वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश के बालाघाट संसदीय क्षेत्र में उम्मीदवार का नाम भाजपा द्वारा तय नहीं किया जा सका है।
भाजपा मुख्यालय 11, अशोक रोड के भरोसेमंद सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि बालाघाट संसदीय क्षेत्र में दो वरिष्ठ नेताओं के बीच घमासान के चलते इस सीट पर निर्णय नहीं हो पा रहा है। सूत्रों के अनुसार बालाघाट से जुड़े एक पूर्व सांसद और एक अन्य कद्दावर नेता के बीच अहं की जंग का ही नतीजा है कि इस सीट पर अब तक नाम पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी है।

वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर साई न्यूज से कहा कि बनारस और अमृतसर जैसी सीट जिसमें वरिष्ठ नेता आपस में टकरा रहे थे का मामला सुलटा दिया गया है पर बालाघाट सीट अभी भी अधर में है, इससे लगता है बालाघाट की सीट बनारस और अमृतसर से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।

आरआई प्रजापति को टीआई का अतिरिक्त प्रभार

आरआई प्रजापति को टीआई का अतिरिक्त प्रभार

(होली संवाददाता)

सिवनी (साई)। राज्य शासन ने रक्षित निरीक्षक बैजनाथ प्रजापति को तीसरा प्रभार भी सौंप दिया है। अब वे रक्षित निरीक्षक, यातायात प्रभारी के साथ ही साथ नगर कोतवाल का दायित्व भी निभाएंगे।
राजधानी भोपाल से होली संवाददाता ने पुलिस मुख्यालय के हवाले से बताया कि सिवनी में पदस्थ रक्षित निरीक्षक बैजनाथ प्रजापति जिन्हें यातायात प्रभारी की अहम जिम्मेवारी भी सौंपी गई है को नगर कोतवाल का प्रभार भी सौंप दिया गया है। सूत्रों की मानें तो निजी बस ऑपरेटर्स, टैक्सी यूनियन और ट्रांसपोर्ट यूनियन की अनुशंसा पर राज्य शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने मसखरे अंदाज में कहा है कि सिवनी की यातायात व्यवस्था बेपटरी पर होने, अवैध यात्री बसों के धड़ल्ले से चलने, बिना परमिट भारी ओवरलोड वाहनों को न पकड़ने, जहां-तहां सवारियां भरने देने की छूट देने पर शासन ने उन्हें यह तीसरा प्रभार सौंपा है।
सूत्रों के अनुसार यातायात के प्रभारी को सूबेदार कहा जाता है और सूबेदार का पद निरीक्षक के समतुल्य ही होता है। सूबेदार को यातायात प्रभारी ही बनाया जाता है। इस लिहाज से सिवनी में इस पद का प्रभार भी बैजनाथ प्रजापति को ही दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस काम को अंजाम तो पहले ही दे दिया जाता किन्तु सिवनी के दो पहिया वाहन चालकों ने यातायात पुलिस की शिकायत की थी कि यातायात पुलिस द्वारा चौपहिया वाहनों की चैकिंग करने के स्थान पर महज दो पहिया वाहनों पर ही गाज गिराई जाती है। इतिहास में यह संभवतः पहला ही मौका होगा जब राज्य शासन ने किसी रक्षित निरीक्षक को नगर निरीक्षक के पद पर पदस्थ किया हो।

वहीं कुछ वजनदार चौपहिया वाहन चालकों द्वारा इस बात की अनुशंसा की गई थी कि बैजनाथ प्रजापति द्वारा चूंकि उन्हें पकड़ा नहीं जाता है अतः उन्हें नगर निरीक्षक का पद दिया जाए। राज्य शासन ने इस बात को मानकर आदेश जारी कर दिए हैं। पुलिस अधीक्षक कार्यालय के हुरियारे सूत्रों ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि बैजनाथ प्रजापति जैसे मिलनसार और जिंदादिल अधिकारी के आते ही अब शहर में कानून और व्यवस्था के वही हाल होने वाले हैं जो शहर की यातायात व्यवस्था के हो चुके हैं। वर्तमान नगर निरीक्षक अमित विलास दाणी की पदस्थापना कहां की गई है? उन्हें क्यों और किस आधार पर हटाया गया है? इस बारे में अभी ज्ञात नहीं हो सका है। (होली समाचार)

नेताओं की होली!

नेताओं की होली!

(शरद खरे)

सनातन धर्म में त्यौहारों की लंबी श्रंखला है। एक के बाद एक त्यौहार आता है, और घर परिवार में खुशियां भर जाती हैं। लोकसभा चुनाव के चलते नेताओं की होली पर प्रशासन की कड़ी नजर रहने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके पहले विधानसभा चुनावों के दौरान दीपावली में नेताओं का आनंद किरकिरा हो चुका है।
सिवनी जिले के नेता, होली के रंग में अपनी राजनीति नहीं चमका सकेंगे। यदि किसी मंच से किसी प्रत्याशी के नाम का ऐलान भी होता है तो उसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। यह कार्यक्रम प्रत्याशी के खाते में दर्ज होगा और उसका खर्च उस प्रत्याशी के नाम पर डाला जाएगा। इसके लिए चुनाव आयोग ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। आयोग ने अपने आदेशों में साफ कहा है कि कोई भी प्रत्याशी धार्मिक स्थलों का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर सकता। यद्यपि इस तरह के निर्देश सिवनी में मीडिया में स्पष्ट रूप से नहीं आ पाए हैं, अतः इस पर संशय बरकरार है।
वहीं, कहा जा रहा है कि इसके अतिरिक्त धर्म के आधार पर यदि कोई अपील की जाती है तो उसे भी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। केवल प्रत्याशी व्यक्तिगत तौर पर ही इन कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकता है। इसके अतिरिक्त यदि किसी भी कार्यक्रम के दौरान साड़ी, डायरी, कलेंडर, स्टीकर या अन्य कोई सामग्री बांटी जाती है तो उसे रिश्वत देना माना जाएगा, और आयोग के सख्त नियमों के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसे आईपीसी की धारा 171 बी के तहत अपराध माना गया है।
होली पर प्रशासन विशेषकर निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों और पुलिस को सतर्क रहने की आवश्यकता है। सिवनी में मतदान दस अपै्रल को होना है। परिसीमन के उपरांत सिवनी लोकसभा का विलोपन हो गया है। बरघाट और सिवनी विधानसभा को बालाघाट में, तो केवलारी और लखनादौन को मण्डला लोकसभा का हिस्सा बना दिया गया है। इन दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की ओर से अपने-अपने प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। वहीं भाजपा ने मण्डला से प्रत्याशी घोषित किया है। बालाघाट से प्रत्याशी घोषित होना अभी शेष है।

इस लिहाज से निर्वाचन से जुड़े सरकारी महकमों को नेताओं की होली पर बारीक नजर रखने की महती जरूरत महसूस होने लगी है। इसके लिए प्रशासन ने विशेष दलों का गठन भी कर लिया होगा। हो सकता है कि ये सरकारी दल, सियासी नेताओं की हरकतों को कैमरे में भी कैद करेंगे। वहीं, सिवनी को संवेदनशील जिले की फेहरिस्त में रखा गया है। पिछले साल होली के आसपास ही शहर की फिजां में जहर घोलने का प्रयास भी किया गया था। इस लिहाज से पुलिस को भी चौकस रहने की जरूरत है। वैसे शहर में अतिरिक्त पुलिस बल देकर लग रहा है कि पुलिस और प्रशासन ने पर्याप्त व्यवस्थाएं मुकम्मल कर रखी हैं। नागरिकों से भी अपेक्षा की जाती है कि होली जैसे त्यौहार पर सभी, शांति, आपसी भाईचारे एवं प्रेम व्यवहार के साथ इस त्यौहार का आनंद लेकर पानी की फिजूलखर्ची को अवश्य ही रोकें।

मदिरा निर्माण इकाईयों पर है बारीक नजर

मदिरा निर्माण इकाईयों पर है बारीक नजर

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सभी देशी-विदेशी मदिरा एवं बीयर निर्माण इकाईयों पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है।
इसके लिये प्रत्येक इकाई के निर्गम द्वार पर सी.सी. टी.व्ही. कैमरे लगाये गये हैं। इसके अलावा भण्डार-गृहों पर भी 24 घंटे निगरानी की जा रही है। निगरानी कार्य के लिये फ्लाइंग स्क्वाड एवं स्टेटिक्स सर्विलेंस टीम का भी गठन किया गया है। आबकारी आयुक्त कार्यालय ने सभी जिला आबकारी अधिकारियों को मतदान के 5 दिन पहले से मदिरा दुकानों पर सघन निगरानी किये जाने के निर्देश दिये हैं। जिन मदिरा दुकानों में लोकसभा चुनाव के दौरान पिछले वर्ष के मुकाबले 50 प्रतिशत अधिक बिक्री बढ़ी है, उनकी नियमित समीक्षा किये जाने के लिये कहा गया है।

लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग की तरफ से अपर आबकारी आयुक्त डी.आर. जौहरी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। राज्य-स्तरीय नोडल अधिकारी प्रदेश में आयोग के निर्देशों के पालन की रिपोर्ट नियमित रूप से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को देंगे। प्रदेश की सभी देशी-विदेशी मदिरा एवं बीयर इकाईयाँ, जो अपना उत्पादन अन्य राज्यों को भेजती हैं, उन इकाईयों को नियमित रूप से अपनी जानकारी से नोडल अधिकारी को सूचित किये जाने के लिये कहा गया है।

संदेहास्पद लेन देन की जानकारी पर नजर

संदेहास्पद लेन देन की जानकारी पर नजर

(संतोष पारदसानी)

भोपाल (साई)। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के बैंक खाते खोले जाने एवं उनके रख-रखाव के संबंध में जिलों में पदस्थ लीड बैंक मैनेजरों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं।
राज्य के नोडल ऑफीसर एवं लीड बैंक मैनेजर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया तथा जिलों के लीड बैंक मैनेजर समस्त बैंकों से निर्वाचन आयोग के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार संदेहास्पद लेन-देन के खातों की जानकारी का एकजाई विवरण प्रतिदिन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध करवायेंगे। निर्देशों में कहा गया है कि बैंक मैनेजर राजनीतिक दलों एवं उनके सदस्यों के बैंक खातों से एक लाख या उससे अधिक के लेन-देन की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी को देंगे।

राज्य-स्तर पर लीड बैंक मैनेजर अन्य बैंकों के साथ बैठक कर सप्ताह में प्रति मंगलवार एवं शुक्रवार को समीक्षा करेंगे तथा अपनी रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौपेंगे। बैंक मैनेजरों से कहा गया है कि नकली नोट बरामदगी की जानकारी तत्काल जिला निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध करवाई जाये। लीड बैंक मैनेजर सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया डी.के. श्रीवास्तव को राज्य-स्तरीय नोडल ऑफीसर बनाया गया है।

सिवनी में 13 सहायक मतदान केंद्र मंजूर

सिवनी में 13 सहायक मतदान केंद्र मंजूर

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए 494 सहायक मतदान केन्द्र के प्रस्ताव को और मंजूरी दी है। इसके तहत सिवनी में तेरह सहायक मतदान केंद्रों को मंजूरी दी गई।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविन्द ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को इन सहायक मतदान केन्द्रों में मतदाता की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में अब तक 636 सहायक मतदान केन्द्र के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा चुकी है।
मुरैना जिले में 21, ग्वालियर में 32, दतिया में 21, गुना में 6, सागर में 2, छतरपुर में 13, पन्ना में 10, सतना में 29, रीवा में 20 एवं सीधी जिले में 14 सहायक मतदान केन्द्र के प्रस्ताव मंजूर किये गये हैं।

इसी तरह सिंगरौली जिले में 16, जबलपुर में 29, डिण्डोरी में 2, सिवनी में 13, नरसिंहपुर में 13, विदिशा में 5, भोपाल में 43, सीहोर जिले में 8, राजगढ़ में 8 और आगर-मालवा जिले में 3 नये सहायक मतदान केन्द्र मंजूर किये गये हैं। निर्वाचन आयोग ने बुरहानपुर जिले में 2, इंदौर में 165, उज्जैन में 11 और मंदसौर जिले में 8 सहायक मतदान केन्द्र के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रदेश में 53 हजार 946 मतदान केन्द्र हैं, जहाँ 29 संसदीय क्षेत्र के लिए 3 चरण में मतदान होगा।