बनारस से महत्वपूर्ण हो गई बालाघाट सीट!
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी के अंदरखाने में मची वर्चस्व की
गलाकाट लड़ाई अब सतह पर आती दिख रही है। एक ओर वाराणसी और अमृतसर जैसी विवादित
सीटों पर शीर्ष नेताओं ने सर जोड़कर हल निकाल लिया है वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश के बालाघाट संसदीय क्षेत्र में
उम्मीदवार का नाम भाजपा द्वारा तय नहीं किया जा सका है।
भाजपा मुख्यालय 11, अशोक रोड के
भरोसेमंद सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि बालाघाट संसदीय क्षेत्र
में दो वरिष्ठ नेताओं के बीच घमासान के चलते इस सीट पर निर्णय नहीं हो पा रहा है।
सूत्रों के अनुसार बालाघाट से जुड़े एक पूर्व सांसद और एक अन्य कद्दावर नेता के बीच
अहं की जंग का ही नतीजा है कि इस सीट पर अब तक नाम पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी है।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के एक
वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर साई न्यूज से कहा कि बनारस और
अमृतसर जैसी सीट जिसमें वरिष्ठ नेता आपस में टकरा रहे थे का मामला सुलटा दिया गया
है पर बालाघाट सीट अभी भी अधर में है, इससे लगता है
बालाघाट की सीट बनारस और अमृतसर से ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।
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