शुक्रवार, 5 जुलाई 2013

भरत यादव के औचक निरीक्षण से मचा हड़कम्प

भरत यादव के औचक निरीक्षण से मचा हड़कम्प

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

सिवनी (साई)। कलेक्टर भरत यादव ने आज शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय का निरीक्षण किया। जहां प्रचार्य आर.पी.बोरकर ने कलेक्टर को दर्ज शिक्षकों की जानकारी दी जिसमें सभी शिक्षक उपस्थित पाये गये। बच्चों की स्कूल में प्रार्थना के बाद कलेक्टर श्री यादव ने स्वयं बच्चों को सामान्य ज्ञान के बारे में बताया एवं बच्चों को अंग्रेजी विषय में अधिक मेहनत करने की बात पर जोर दिया एवं बच्चों को प्रतिदिन अग्रेंजी एवं हिन्दी के अखबार/समाचार पत्र, प्रतियोगिता दर्पण आदि पत्र-पत्रिकाएॅं पढ़ने को कहा। जिससे की उनको देश-विदेश में घटित घटनाओं एवं उनसे जुड़ी अन्य महात्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर अपने ज्ञान को और अधिक बढ़ा सके।
श्री यादव ने बच्चों को प्रार्थना के बाद विचार करने की सलाह दी। प्राचार्य श्री बोरकर ने श्री यादव को विद्यालय में बड़ा ग्राउण्ड न होने की एवं परिसर से जुड़ी 7 एकड़ जमीन के बारे में भी चर्चा की, जिसे श्री यादव द्वारा उक्त जमीन का अवलोकन किया गया तथा प्राचार्य श्री बोरकर को खाली पड़ी जमीन को अच्छी तरह से फेन्सिंग करने के निर्देश दिये।
इसके उपरांत कलेक्टर श्री यादव ने आंगनवाड़ी केन्द्र लोनिया का निरीक्षण किया जिसमें 8 बच्चे उपस्थित पाये गये। बच्चों ने श्री यादव को कविताएॅं गाकर सुनाई। साथ श्री यादव ने बच्चों के वजन संबंधी रजिस्टर एवं पोषण आहार की जांच की गई जिसमें केन्द्र में 3 कम वजन वाले बच्चे पाये गये। एवं श्री यादव द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को निर्देश दिये गये कि एक्सपायरी डेेट्स का अनाज बच्चों को न खिलायें एवं बच्चों को समय पर टीका लगाने के निर्देश दिये गये। साथ ही आंगनवाड़ी में और अधिक बच्चों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिये गये।
कलेक्टर श्री यादव द्वारा जन शिक्षा केन्द्र आदर्श शा.प्रा.शाला ढेंकी का भी निरीक्षण किया गया, जहां स्कूल में उपस्थित शिक्षकों द्वारा स्कूल में 14 बच्चों की उपस्थिति होने की जानकारी श्री यादव को दी गई। श्री यादव ने बच्चों को स्कूल से मिलने वाली गणवेश एवं बच्चों के खाता खुलवाने संबंधित जानकारी भी ली एवं बच्चों से श्री यादव ने 5 का पहाड़ा पढ़ने, बच्चों से अग्र्रेंजी में जानवरों एवं फलों के नाम पूछे गये एवं बच्चों द्वारा बताने पर श्री यादव ने बच्चों की प्रशंसा की, एवं उपस्थित अध्यापकों से बच्चों को सामान्य ज्ञान के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिये गये।
कलेक्टर श्री यादव द्वारा आदर्श शा.प्रा.शाला ढेंकी में दुर्गा स्वसहायता समूह का अवलोकन किया गया जहां भोजन-शेड एवं माध्यान्ह भोजन का निरीक्षण किया गया। एवं उपस्थित शिक्षक को माध्यान्ह भोजन को साफ-सफाई से बनवाने एवं भोजन-शेड को साफ-सुथरा रखने के निर्देश दिये गये। एवं उपस्थित ग्रामीणजनों से भी स्कूल की समस्या के बारे में श्री यादव ने जानकारी ली।
इसके बाद कलेक्टर श्री यादव ने शा.प्रा.शाला तिघरा का भी निरीक्षण किया एवं उपस्थिति पंजीयक का निरीक्षण एवं अवकाश में रहने वाले शिक्षकों की जानकारी ली। इसके उपरांत कलेक्टर श्री यादव ने बी.आर.सी. सुनील पवार से शाला दो शिफ्ट में लगाने का कारण पूछा। श्री पवार द्वारा बताया गया कि शाला भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण दो शिफ्ट में लगाना पड़ रहा है। जिसके चलते श्री यादव ने बी.आर.सी. को भवन स्वीकृती कराने की कार्यवाही करने को कहा। इसके बाद श्री यादव बच्चों के भोजन कक्ष में पहंुचें एवं आज के बनने वाले भोजन की जानकारी प्राप्त की एवं भोजन का अवलोकन भी किया। तथा श्री यादव नेे शाला में उपस्थित बच्चों के अनुरूप भोजन बनवाने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री यादव ने लक्ष्मीनारायण स्वसहायता समूह द्वारा बच्चों को मीनू के अनुसार भोजन न दिये जाने पर नाराजगी प्रगट करते हुये कहा कि प्रतिदिन बच्चों को मीनू के अनुसार अच्छा एवं स्वादिष्ट भोजन दिया जाये, तथा समूह का रजिस्टर भी चैक किया गया।
इसके बाद ग्राम तिघरा स्थित शा.उ.मा. विद्यालय का निरीक्षण किया गया। जहां श्री यादव ने बच्चों को निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकों के वितरण संबंधी एवं बच्चों की सायकिल वितरण संबंधी जानकारी भी ली गई। एवं जहां विद्यालय द्वारा श्री यादव को बताया गया कि पिछले वर्ष 51 सायकिल बच्चों को वितरित की गई थी। इसी समय क्लास में गणित का पीरीयेड चल रहा था, श्री यादव द्वारा बच्चों से गणित विषय संबंधि जानकारी ली गई एवं शिक्षक से पूछा गया कि गणित विषय में क्यों बच्चों को सप्लीमेंट्री आती है। और उन्होंने शिक्षक को बच्चों को अच्छी तरह से बच्चों को गणित पढ़ाया एवं सिखाया जाये जिससे वे इस विषय को अच्छे से हल कर सकें। श्री यादव ने स्कूल में पढ़ाये जा रहे सभी विषयो से संबंधित शिक्षकों की जानकारी ली जहां स्कूल के प्राचार्य टी.एल. झारिया ने जानकारी दी की स्कूल में 5 शिक्षक है एवं 2 शिफ्ट में स्कूल लगता है। एवं श्री यादव ने बच्चियों के संबंध में शिकायत मिलने पर शिक्षिकाओं को समझाईश दी।
कलेक्टर ने प्राचार्य को निर्देश दिये की शाला परिसर एवं इसके आस-पास साफ-सफाई रखें एवं अधिक से अधिक पौधे शाला परिसर में लगवाने के निर्देश दिये तथा बच्चों से किसी भी प्रकार का काम न लेने को कहा। कलेक्टर ने बच्चों एवं बच्चियों के शौचालयों का भी निरीक्षण किया गया। इसके बाद श्री यादव ने समूह में बनने वाले मीनू का भी अवलोकन किया जहां प्रभारी प्राचार्य श्रीमती सुनीता उइके ने शाला में 2 स्वसहायता समूह की जानकारी दी।
इसी प्रकार कलेक्टर श्री यादव द्वारा ग्राम के आंगनवाड़ी केन्द्र एवं नर्सरी केन्द्र का भी अवलोकन किया गया एवं केन्द्र में उपलब्ध बच्चों के खिलौने, वजन करने की मशीन एवं कम वजन के बच्चों की जानकारी भी प्राप्त की। जहां एक बच्चा सियाराम महादेव का वजन कम होने के कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को निर्देश दिये कि बच्चे के माता-पिता को बच्चे के कम वजन की जानकारी दें और उन्हें कहें कि बच्चे को अच्छा एवं पौष्टिक खाना खिलायें।
श्री यादव ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से टीकाकरण संबंधी जानकारी भी ली गई। एवं कहा गया कि बच्चों को एक्सपायरी डेट्स का भोजन न खिलायें। उसे अलग कर दें। एवं आंगनवाड़ी में साफ-सफाई रखने के निर्देश भी दिये।
कलेक्टर श्री यादव ने प्रा.शा. पुसेरा का भी अवलोकन किया। जहां स्कूल में उपस्थित शिक्षकों द्वारा शाला में उपस्थित बच्चों की जानकारी दी गर्इ्र जिसमें 46 बच्चों की उपस्थिति दर्ज है। बच्चों को मिलने वाली निःशुल्क सायकल वितरण संबंधी भी जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया कि सायकिल प्राप्ति हेतु 09 बच्चें पात्र हैं एवं 07 बच्चों को सायकिल मिल चुकी है।
श्री यादव ने मौजूद शिक्षकों से कहा कि सभी बच्चों के खाते खुलवायें जायें। एवं पहली कक्षा में उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिये। एवं इसी के चलते श्रीमती शिवानी श्रीवास्तव सहा.अध्यापक ने 14 बच्चों के दर्ज होने की जानकारी यादव को दी। साथ ही शिक्षकों द्वारा एक समस्या श्री यादव को बताते हुये कहा कि, स्कूल परिसर के अंदर बना पानी का टांका, जिसका उपयोग गांव वाले करते हैं, जिसके कारण बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है का निराकरण करने के आदेश दिये।
इसी प्रकार कलेक्टर भरत यादव ने ग्राम के ही आंगनवाड़ी केन्द्र का भी अवलोकन किया एवं केन्द्र में स्थित पानी की व्यवस्था, शौचालय का निरीक्षण किया। एवं आंगनवाड़ी केन्द्र में उपस्थित अतिक्रमण  को भी हटवाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिये। साथ ही कलेक्टर ने ग्रामीणजनों को निर्देश दिये की सरकारी जमीन में बने मकान शीघ्र हटा लें। साथ ही श्री यादव ने पुसेरा में बने शा.उन्न.मा.शाला भवन का भी अवलोकन कर भवन में शीघ्र शाला लगवाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिये।
इसके बादे कलेक्टर भरत यादव द्वारा ग्राम पंचायत मुंगवानी भी औचक निरीक्षण किया गया। जहां पंचायत में उपलब्ध सरपंच श्रीमती पार्वती परते एवं सचिव कु. मंजू बघेल ने यादव को जानकारी दी कि यह ग्राम पंचायत भवन इसी वर्ष बना है। श्री यादव ने कार्यालय में उपलब्ध रजिस्टर का निरीक्षण किया एवं पंचायत भवन में अधिक से अधिक पौधारोपण करने एवं पंचायत परिसर से जुड़ी जमीन से अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिये।
इसके पश्चात श्री यादव ने शा.उ.मा. विद्यालय मुंगवानी का सघन निरीक्षण किया। जहां शाला प्राचार्य एस.के. तिवारी द्वारा यादव को बच्चों की दर्ज उपस्थिति संबंधी जानकारी दी गई। जहां श्री यादव द्वारा बच्चों से शासन द्वारा दी जा रही निःशुल्क गणवेश की जानकारी ली। साथ ही बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर का भी अवलोकन किया, एवं स्कूल में बंटने वाली सायकिल वितरण के संबंध में भी जानकारी ली।
जिसमें प्राचार्य द्वारा बताया गया कि कक्षा 9वीं के बच्चों को सायकिल दी जा चुकी है एवं कक्षा 6वी के बच्चों को अभी सायकिल वितरण करने को रह गई है। साथ ही शाला परिसर से लगे अतिक्रमण को हटवाने के भी निर्देश दिये। एवं शाला में बच्चों के खेलने के लिये मैदान निर्माण के आदेश सरपंच को दिये, एवं बच्चों को दिये जा रहे माध्यान्ह भोजन का भी निरीक्षण किया। बच्चों को मीनू अनुरूप भोजन कराने के निर्देश दिये गये।
स्कूल में बिजली, पंखे नहीं होने एवं खराब मीटर लगा होने के कारण श्री यादव ने नाराजगी प्रगट की एवं प्राचार्य अन्तराम बघेल को विद्युत विभाग से संपर्क कर शीघ्र बिजली कलेक्शन एवं नया मीटर लगवाने के निर्देश दिये। इसके बाद श्री यादव ने ग्रामीणजनों/किसानों से रूबरू होकर कृषि संबंधी जानकारी ली और खेती मेढ़ नाली पद्धति से करने की जानकारी दी। एवं खाद-बीज उपलब्ध होने के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
इसके बाद कलेक्टर यादव ने ग्राम में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र  का भी निरीक्षण कर बच्चों की उपस्थिति की जानकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से प्राप्त की। एवं कम वजन वाले बच्चों की जानकारी लेकर कहा गया कि उनके माता-पिता को कहें कि उन्हें अच्छा/पौष्टिक भोजन उपलब्ध करायें। और आंगनवाड़ी परिसर में लगे हैंडपंप में दवा डालवाने के निर्देश दिये।
कलेक्टर श्री यादव ने सेवा सहकारी समिति मुगवानी का भी निरीक्षण किया। वहां मौजूद लेखापाल रामकिशोर बघेल से चर्चा की। श्री यादव ने गांव के लोगों की खाद्-बीज की मांग की संबंधी जानकारी ली एवं दी। श्री यादव ने सोसायटी के स्टोर रजिस्टर का भी निरीक्षण किया। स्टोर में रखें अनाज (गेहॅूं) को शीघ्र वितरण करने के निर्देश दिये।
इसी प्रकार श्री यादव द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मुंगवानी का भी औचक निरीक्षण किया गया। जहां उपस्थित डॉं. सारिका नाग (आयुष मेडिकल अधिकारी) से कहा गया कि बांटी जा रही दवाआंे की एक्सपायरी डेट्स का ध्यान रखें और जिन दवाओं की एक्सपायरी डेट्स निकल चुकी है उन दवाओं का मरिजों को वितरण न करें। दवा वितरण रजिस्टर का भी अवलोकन किया गया। श्री यादव द्वारा स्टाफ पंजी रजिस्टर का भी निरीक्षण कर स्टाफ की जानकारी ली। इसके बाद श्री यादव ने डिलेवरी वार्ड का भी निरीक्षण कर स्वास्थ्य केन्द्र में साफ-सफाई रखने के निर्देश दिये।

कलेक्टर श्री यादव के साथ जिला शिक्षा अधिकारी रवि बघेल, जिला परियोजना समन्वयक श्रीमती प्रमिला रजक, महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती शशि उइके, बी.आर.सी. सुनील पवार एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कालोनी के नाम पर उड़ रहा छपारा में मजाक!

कालोनी के नाम पर उड़ रहा छपारा में मजाक!

नियम कायदों की परवाह नहीं है किसी भी कालोनाईजर को

(गजेंद्र ठाकुर)

सिवनी (साई)। छपारा मे अवैध कॉलोनियों का मकडजाल जमकर फैला हुआ है। आम लोगों को कॉलोनाइजर, विकास कराने का आश्वासन दे प्लाट बेच रहे हैं। वर्तमान मे स्थिति यह है कि जिन लोगों ने पूर्व मे प्लाट खरीदकर मकान बनवा लिया है वे अब मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी व सडक के लिये तरस रहे है।
तीस हजार से अधिक आबादी वाले छपारा नगर मे कालोनियों के विकास का दौर जबरदस्त चल रहा है। प्रतिस्पर्धा के चलते लोग सारे नियम कानून मापदंण्डों को भूलकर प्लाट खरीदने मे लगे हुये हैं। शहरी क्षेत्र से सम्पर्क व विकास की द्वष्टि से जो माहौल छपारा मे बना है, उसका फायदा कालोनाईजर उठाने मे पीछे नही है।
समय को देखते हुये नगर के बीचों बीच कृषि भूमि के प्लाटों की बिक्री जबरदस्त तरीके से की जा रही है, वही बिचौलिये भी अपना हुनर दिखाने मे पीछे नही हैं। देखा जाए तो अब छपारा मे बिकने वाले प्लाट व जमीनों की कीमतों मे भारी वृद्धि हुई है, वहीं कलोनाईजर विकास कराए बिना अपनी कालोनियांे के प्लाट बेच रहे है।

सुविधाओं का अभाव
शहरी क्षेत्रों की तरह कालोनियों के निर्माण से आशान्वित क्षेत्र के लोग उम्मीद लगा बैठे थे कि ऐसा ही कुछ माहौल यहा दिखाई देगा। कालोनी मे सब सूविधाएं होगी, लेकिन यहां कालोनाईजर मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराए बिना लोगों को प्लाट बेच रहे है।


नियम कायदे ताक पर प्रशासन चुप
छपारा नगर मे भूमि मालिकों ने कालोनियों के निर्माण को कराने की बजाय सारे नियमों को ताक पर रख, प्लांिटंग कर बेच डाला। जिस समय छपारा नगर कालोनी विकास की तरफ आगे बढ़ रहा था उस समय क्षेत्रीय तहसीलदार सहित ग्राम पंचायत के पदाधिकारीयों को सक्रियता दिखाते हुये बन रही अवैध कॉलोनियों पर शिंकजा कसना चाहिए था, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते छपारा नगर मे कालोनाईजर करोडों की जमीन बेचकर चुपचाप बैठे गये है।

कॉलोनीवासी हो रहे परेशान
कॉलोनियां जब भी बनती है तो पहले कॉलोनाइजर सडक, नाली, बिजली, पानी की सुविधाएं मुहैया कराता है तब कहीं जाकर अनुविभागीय अधिकारी प्लाट बेचने की अनुमति प्रदान करता है तथा स्थानीय निकाय उन आदेशों के अनुरूप, कॉलोनाईजर को अपनी सहमति देता है। नगर में तो ऐसा कुछ नही हुआ और प्लाट बेच दिये गये। अब कॉलोनीवासी मूलभूत सुविधाओं के अभाव मे परेशान नजर आ रहे है इस संबंध मे कई शिकायतें स्थानीय ग्राम पंचायत, राजस्व अधिकारी, जिला प्रशासनिक अधिकारियों को भेजी जा चुकी है।

एक दर्जन से अधिक अवैध कॉलोनी
देखा जाए तो छपारा नगर जहां विकास की ओर बढ रहा है वही लगभग 1 दर्जन अवैध कालोनियां अपना पैर पसार चुकी हैं। प्रमुख रूप से एन एच 7 से लगे क्षेत्र मे फरेश कालोनी, महाराणाप्रताप कालेानी, चौरसिया कालोनी, हनुमान कालोनी, जैसवाल कालोनी, अग्रवाल कालोनी, डाक्टर कालोनी, दुर्गाकालोनी, मातावार्ड कालोनी, संजय कालोनी, गोबिंद धाम कालोनी, के अलावा  अनेक कॉलोनियां ऐसी हैं जो कि अवैध है। कालोनाईजर या भूमि मालिक विकास का आश्वासन देकर लोगों को गुमराह कर प्लाट बनाकर जमीन बेच रहे है।

राजस्व विभाग की शिथिलता
नगर मे अवैध कॉलोनी का संचालन कर रहे कालोनाइजरों पर नकेल कसने मे राजस्व विभाग की शिथिलता और कालोनी निर्माण के लिये बनाये गये नियम कानूनों का कहां तक पालन हो रहा है यह तो छपारा नगर मे देखने को मिल सकता है जहां भीमगण रोड पर गांेबिद धाम नाम पर कृषि भूमि, बिना लायसेंस के धडल्ले से कलोनी हेेतु प्लाटिंग की जा रही है। बताया जाता है कि प्लाट विक्रेता राहुल गुप्ता सिवनी निवासी ने छपारा निवासी गोदावरी नायक से सवा तीन एकड़ कृषि भूमि खरीदी है। जहां कृषि भूमि मे प्लाटिंग की जा रही है। इस तरह उक्त कृषि भूमि को बिना अकृृषि भूमि मंे बदले अवैध कलोनी तैयार की जा रही है व कृषि भूमि में बिना डार्यवर्सन के प्लाट काटे जा रहे है

बरसात मेें बढी समस्यएं
विकास न होने से नगर की अनेक कॉलोनियां दुर्दशा का शिकार हैं। पहली ही बरसात मे लोग सड़क न होने से कीचड़ मे सफर कर रहे हैं। यहां चिकनी मिटटी होने से कीचड़ जबरदस्त हो जाता है। पैदल व वाहन चालक स्लिप होकर गिर रहे हैं।, पीने के पानी के लिये लोग इसी कीचड़ से होकर आना जाना कर रहे हैं। यदि और बारिश होती है तो कीचड़ और अधिक हो जायेगा, जहां अनेक बीमारियां गंदगी के कारण फैलने की संभावना भी दिखाई दे रही है।

मालामाल हुये भू-मालिक
अवैधानिक तरीके से कालोनाइजर व भू-मालिकों ने अपनी जमीन को, प्रत्येक मे 100 से अधिक प्लाट काटकर बेच चुके है। प्लाट खरीदने वालों को इस तरह से आश्वासन दिया जाता है कि प्लाट बिक जाने से आई राशि से विकासकार्य कराए जाएंगे लेकिन भू-मालिक प्लाट बेचकर करोडों कमाकर बैठ गये। अब किसान के लिए प्लाट खरीदने वाले राह देख रहे है कुछ प्लाट मालिक तो न्यायालय की शरण मे जाने की मंशा बना चुके है।

प्रशासन से अपील
अवैध कॉलोनियों के निर्माण व झूठे आश्वासन देने वाले भू-मालिकों के विरूद्ध छपारा वासियों ने सिवनी कलेक्टर सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि क्षेत्र का निरीक्षण किया जाए। ताकि अवैध कॉलोनियों का खुलासा हो सके और नियमानुसार विकास के रास्ते सुनिश्चित हो सकें।

कथन
सभी प्राईवेट कॉलोनियों के दस्तावेज देखकर ही बता पायंेगे कि कौन सी कॉलोनी वैध है और कौन सी अवैध है। वैसे तो कॉलोनी से संबंधित सारे मामले पंचायत के अंतर्गत आते हैं। मै आर.आई. और पंचायत को सूचित कर मामला दिखवाता हूं।
करतार सिंह बघेल तहसीलदार छपारा

कुछ कालोनियों के पंचायत को हेंडओवर करने से संबंधित दस्तावेज पंचायत मे आ चुके हैं। कुछ कालोनी मालिकोे ने पंचायत की दस्तावेजी औपचारिकता पूर्ण नहीं की है लेकिन फिर भी पंचायत द्वारा कीचड़ वाली सडकों पर मुरम व डस्ट डालने के लिये प्रस्ताव पारित किया जा रहा है।
ललित शर्मा सचिव ग्राम पंचायत छपारा।

वार्ड की नाली की सफाई कभी भी नही होती बरसात मे नाली जाम हो गयी है जिससे घरो मे गंदा पानी प्रवेश कर रहा है और सडक मे कीचड़ होने से सभी वार्ड वासी परेशान है।
महमूद अली रहवासी संजय कालोनी वार्ड क्रं. 17

बटवारा न होने के कारण कालोनी पंचायत को हेेंडओवर नही हुई है, लेकिन पंचायत सभी रहवासीयों से मकान व नल टैक्स लेती है इसलिये पंचायत ही सडक की मरमम्मत करवायेगी।
प्रतुल सोनी कालोनाईजर डॉक्टर कालोनी

सडकों पर बेहद कीचड़ हो गयी है। रहवासियों को चलना दूभर हो गया है। कालोनाईजर और पंचायत दोनो ध्यान नही दे रहे है।

चेतराम डहेरिया रहवासी डॉक्टर कालोनी

केवलारी नहीं, बरगी से टिकिट चाह रहे हैं हुकुम

केवलारी नहीं, बरगी से टिकिट चाह रहे हैं हुकुम

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। घंसौर क्षेत्र के कद्दावर कांग्रेसी नेता और जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री कुंवर शक्ति सिंह जो अपने परिचितों के बीच हुकुम के नाम से मशहूर हैं, केवलारी से भले ही टिकिट की मांग कर रहे हों, पर उनकी नजर सिवनी नहीं जबलपुर जिले के बरगी विधानसभा पर टिकी हुई हैं।
कुंवर शक्ति सिंह के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि घंसौर क्षेत्र का बड़ा भाग बरगी विधानसभा क्षेत्र से लगा हुआ है। कुंवर शक्ति सिंह का क्षेत्र में बनने वाला देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के पावर प्लांट में खासा दबदबा है।
इस पावर प्लांट का अस्थाई मुख्यालय भी जबलपुर बना हुआ है। यहां कर्मचारी बरास्ता बरगी होकर ही रोजाना जबलपुर से घंसौर के बरेला में आना जाना करते हैं। इस पावर प्लांट में बरगी क्षेत्र के भी अनेक पेटी कांटेªक्टर कार्यरत हैं। इन्हीं समीकरणों के आधार पर कुंवर शक्ति सिंह द्वारा बरगी से चुनाव लड़ने का मन संभवतः बनाया गया है।
उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि केवलारी से वे दावेदारी अवश्य कर रहे हैं, और मीडिया में भी यही प्रचारित करवा रहे हैं, किन्तु दरअसल, वे कांग्रेस के कद्दावर नेता हरवंश सिंह जिनके कि वे कभी कट्टर समर्थक और अनुयायी रहे हैं, के पुत्र रजनीश सिंह ठाकुर पर परोक्ष तौर पर दबाव बनाना चाह रहे हैं ताकि समझौते में उनका नाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और क्षत्रपों द्वारा बरगी से प्रस्तावित कर दिया जाए।
इसी तारतम्य में पिछले दिनों कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के सिवनी आगमन पर उन्होंने पूरी तरह निष्क्रिय रहते हुए अपनी नाराजगी या असहयोग का इजहार भी कर दिया था, जिसकी कांग्रेस में तल्ख प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वहीं दूसरी ओर कमल नाथ के कट्टर समर्थक के साथ उनकी डेढ़ घंटे से अधिक समय हुई वार्ता को भी इसी तारतम्य से जोड़कर देखा जा रहा है कि उनका चलाया विरोध का तीर अब काम करने लगा है और कांग्रेस के नेता उन्हें मनाने के जतन में जुट गए हैं।

कर्मचारी भी खुश नहीं है डॉ.सोनी की कार्यप्रणाली से

कर्मचारी भी खुश नहीं है डॉ.सोनी की कार्यप्रणाली से

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। जिला चिकित्सालय में सालों से पदस्थ चिकित्सक और वर्तमान सिविल सर्जन डॉ.सत्य नारायण सोनी की कार्यप्रणाली से कर्मचारी भी खुश दिखाई नहीं दे रहे हैं।
सदा ही विवादों और चर्चाओं में रहने वाला प्रियदर्शनी के नाम से सुशोभित जिला चिकित्सालय एक बार फिर विवादों के साए में है। दरअसल, जिला चिकित्सालय में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ.सत्यनारायण सोनी जो सिवनी जिला चिकित्सालय में लगभग पच्चीस सालों से अधिक समय से पदस्थ है, पर कर्मचारियों द्वारा मनमानी करने के संगीन आरोप लगाए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते दिवस डॉ.सत्यनारायण सोनी और कर्मचारियों के बीच जमकर तू तू मैं मैं हो गई। बताया जाता है कि जिला चिकित्सालय में पदस्थ विशेष भर्ती अभियान वाले कर्मचारियों को शासन के स्पष्ट निर्देशों के बाद भी नियुक्ति की दिनांक से नियमित वेतन नहीं दिए जाने पर कर्मचारी नाराज हैं।
बताया जाता है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन के जिला सचिव सोमनाथ पटेल इन्हीं मांगों को लेकर डॉ.सत्यनारायण सोनी से भेंट करने गए। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार वहां डॉ.सत्यनारायण सोनी के अड़ियल रवैए के चलते सोमनाथ पटेल और डॉ.सत्यनारायण सोनी के बीच जमकर बहस हुई।
जब विवाद बढ़ा तो अन्य चिकित्सकों को अपना मूल काम छोड़कर इन दोनों का बीच बचाव करने उतरना पड़ा। अन्य चिकित्सकों की समझाईश के उपरांत मामला शांत हो सका।

ऐसा नहीं है कि डॉ.सत्यनारायण सोनी के साथ कर्मचारियों का यह पहला विवाद हो। इसके पूर्व भी अनेकों मर्तबा डॉ.सत्यनारायण सोनी और कर्मचारियों के बीच टकराव की नौबत आ चुकी है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने पहले भी डॉ.सत्यनारायण सोनी के साथ बैठक कर यह मांग रखी थी, जो संभवतः मान ली गई थी, किन्तु डॉ.सत्यनारायण सोनी के रवैए में कोई परिवर्तन ना होने से कर्मचारी एक बार फिर लामबंद होते दिख रहे हैं।

मच्छर, मलेरिया और जिम्मेदार अफसरान!

मच्छर, मलेरिया और जिम्मेदार अफसरान!

(शरद खरे)

जिला मुख्यालय सिवनी में जहां देखो वहां पानी के डबरे, पोखर भरे पड़े हैं। लोगों के घरों में भी पानी रूका हुआ है। कहा जाता है कि ठहरा हुआ पानी जानलेवा मलेरिया के लिए जिम्मेदार मच्छरों के लिए उपजाऊ माहौल तैयार करता है। जिला चिकित्सालय में पानी के डबरे निश्चित तौर पर इनके लिए संजीवनी का काम ही कर रहे हैं।
कम ही लोग जानते होंगे कि भारत की आजादी वाले साल यानी 1947 में मलेरिया जैसी घातक जानलेवा बीमारी ने देश में दस लाख से ज्यादा लोगों की इहलीला समाप्त कर दी थी। तब से 2006 तक लगभग आठ लाख 12 हजार लोग इसकी चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं। चाहे महानगर हो या छोटा सा कस्बा लोग आज भी इसके आगोश में हैं।
दरअसल मादा एनाफिलीस मच्छर जब इंसान को काटती है, तब वह एक विशेष तरह का वायरस मनुष्य के अंदर प्रविष्ठ करा देती है। यही वायरस मलेरिया को जन्म देता है। इस मादा मच्छर के पास इंसानी त्वचा को भेदने के लिए एक विशेष तरह का हथियार होता है। शोध बताता है कि इसके पास पतले डंक के अंत में सुईनुमा जुड़वा अस्त्र होता है।
यह मादा इंसान के शरीर में इसे प्रविष्ठ कराकर रक्त वाहनियों की तलाश करती है। नहीं मिलने पर यह क्रम जारी रखती है। नस मिलने पर यह मादा इंसान का कुछ रक्त चूस लेती है, और फिर डंक को बाहर निकालने के पहले इसमें एक विशेष तरह का एंजाईम उसमें छोड़ देती है। शोधकर्ताओं की मानें तो यह मादा मच्छर दो दिन में ही 30 से 150 तक अंडे देती है। इन अंडों को सेने के लिए उसे मानव रक्त की आवश्यक्ता होती है।
मलेरिया का स्वरूप विश्व भर में इतना विकराल हो गया है कि इसे दुनिया की तीसरे नंबर की सबसे बड़ी महामारी का दर्जा मिल गया है। कहा जाता है कि एड्स से 15 सालों में जितनी जानें जाती हैं, उतनी जान मलेरिया रोग के कारण महज एक साल में ही चली जाती हैं। मलेरिया का सबसे अधिक प्रकोप पांच साल से कम के बच्चों पर होता है। औसतन हर साल दुनिया भर में 25 लाख से अधिक लोग इस भयानक बीमारी से अपने प्राण गंवा देते हैं।
विश्व हेल्थ आर्गनाईजेशन (डब्लूएचओ) का प्रतिवेदन साफ तौर पर बताता है कि मलेरिया के मरीजों की वृद्धि की दर हर साल 16 फीसदी आंकी गई है। यह तथ्य निश्चित रूप से चिंता का विषय कहा जा सकता है। मलेरिया कितनी गंभीर बीमारी है यह इस बात से ही साफ हो जाता है कि हर साल विश्व भर में 2 अरब डालर से ज्यादा इस पर खर्च कर दिया जाता है। इतना ही नहीं मलेरिया को लेकर होने वाले शोधों पर हर साल 580 लाख डालर खर्च किया जाता है।
भारत सरकार इस रोग को लेकर कितनी संजीदा है, यह इस बात से साफ हो जाता है कि देश के स्वास्थ्य बजट का 25 फीसदी हिस्सा मलेरिया की रोकथाम के लिए सुरक्षित रखा जाता है। भारत सरकार के स्वास्थ्य महकमे द्वारा नब्बे के दशक के उत्तरार्ध तक राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम को प्रथक से चलाया जाता था। इसके तहत देश के हर जिले मंे मलेरिया नियंत्रण की एक पृथक यूनिट हुआ करती थी।
शनैःशनैः मलेरिया की इकाईयों में कार्यरत सरकारी कर्मियों को शिक्षकों की तरह ही जनसंख्या, पल्स पोलियो आदि के काम में बेगार के तौर पर उपयोग किया जाने लगा। इसके चलते देश भर में एक बार फिर मलेरिया बुरी तरह पैर पसारने लगा है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे समग्र स्वच्छता अभियान में भी भ्रष्टाचार का दीमक पूरी तरह लग चुका है। मलेरिया फैलने की मुख्य वजह अज्ञानता मानी जा सकती है। अज्ञानता के चलते साफ सफाई न रख पाने तथा छोटे छोटे पानी के स्त्रोतों के कारण मच्छरों को प्रजनन का उपजाऊ माहौल मिल जाता है।
अब तक मलेरिया के लिए टीकाकरण की कोई वेक्सीन इजाद नहीं की जा सकी है। वैसे हाल ही में हुए शोध ने वैज्ञानिकों को खासा उत्साहित कर रखा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि चिंपाजी का वायरस मलेरिया वेक्सीन की खोज में अहम भूमिका निभाएगा।  ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक चिंपाजी वायरस की खोज मंे तेजी से जुटे हैं, जिससे मलेरिया की वेक्सीन इजाद की जा सकेगी।
इन वैज्ञानिकों की माने तो आने वाले पांच सालों में दुनिया में मलेरिया से निपटने की वेक्सीन हमारे हाथ होगी। वैज्ञानिकों का दल चिंपाजी के एक खास तरह के वायरस जिसे अडेनोवायरस का नाम दिया गया है, के साथ मलेरिया जीन को जोड़कर पैरासाईट (एक खास तरह का वायरस जो मलेरिया का प्रमुख कारक है) को नष्ट करने का प्रयास कर रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर यह शोध कामयाब रहा तो यह पैरासाईट एनाफिलीस के मानव शरीर में डंक प्रवेश के समय ही मर जाएगा।

बहरहाल, युवा एवं उत्साही जिला कलेक्टर भरत यादव से अपेक्षा है कि वे जिला मलेरिया अधिकारी, नगर पालिका परिषद सहित समस्त जिम्मेदार आला अफसरान को यह ताकीद करें कि रूके हुए पानी को निकालने की व्यवस्था की जाए और अगर किसी के घर यह पाया जाए तो उसके खिलाफ चालान काटकर कार्यवाही की जाए, ताकि जानलेवा मलेरिया से लोगों का बचाव हो सके।