शुक्रवार, 23 मार्च 2012

पित्रोदा की बैसाखी के सहारे कांग्रेस में जाएंगे त्रिवेदी!


पित्रोदा की बैसाखी के सहारे कांग्रेस में जाएंगे त्रिवेदी!

गहरी छनती है सैम और दिनेश में


(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के पत्ते धीरे धीरे राजनैतिक मंच पर खुलते नजर आ रहे हैं। अपने घनिष्ट मित्र और संचार क्रांति के जनक समझे जाने वाले सैम पित्रोद्रा की जमानत पर दिनेश त्रिवेदी का कांग्रेस प्रवेश का ताना बाना बुना जा रहा है। घाटे में जा रही भारतीय रेल को दिवालिएपन से बचाने के लिए दिनेश त्रिवेदी द्वारा अपने मंत्री पद की बली तक दे डाली।
कांग्रेस के अंदर चल रही चर्चाओं के अनुसार दिनेश त्रिवेदी ने भगत सिंह की तरह ही अपनी बलि दी है। कांग्र्रेस में दिनेश त्रिवेदी की भाव भंगिमाएं और उनके विवेकपर दिए बयानों के मायने खोजे जा रहे हैं। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि दिनेश त्रिवेदी और मनमोहन सिंह में सबसे बड़ी समानता दोनों का आधारविहीन होना है। राजनैतिक पायदान चढ़ने के लिए 1990 में त्रिवेदी को जनता दल के कोटे से राज्य सभा के रास्ते संसद भेजा गया। इसके उपरांत 2002 में त्रणमूल कांग्रेस ने उन्हें राज्य सभा से संसद भेजा।
दिनेश त्रिवेदी के करीबी सूत्रों का कहना है कि त्रिवेदी को इस बात पर पूरा यकीन है कि उनके मित्र सैम पित्रोदा उनके कांग्रेस में प्रवेश का रोड़ मैप बनाएंगे। राहुल गांधी की गुडबुक्स में शामिल सैम को उत्तर प्रदेश चुनावों में राहुल ने स्वयं यह कहकर महिमा मण्डित करने का प्रयास किया था कि वे बढ़ई जाति के हैं और आज आई टी के सरताज हैं।
सैम और त्रिवेदी की मित्रता किसी से छिपी नहीं है। बताते हैं कि सैम जब भी दिल्ली प्रवास पर होते हैं वे सदा ही दिनेश त्रिवेदी के आवास पर ही रात गुजारते हैं। त्रिवेदी के करीबी सूत्रों का कहना है कि रेल बजट में किराए में बढ़ोत्तरी के पहले त्रिवेदी ने अपनी राजनैतिक सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर लिया था। अगर वे त्रणमूल कांग्रेस के सदस्य बने रहते हैं तो उन्हें अपने रेल बजट को पास करवाने के लिए उसके पक्ष में वोट डालना पड़ेगा।
उधर, ममता बनर्जी द्वारा दिनेश त्रिवेदी द्वारा बढ़ाए गए किराए को वापस करवाकर अपने ताकतवर होने का अहसास करवा दिया है। अगर वे कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त हो सकती है। सोनिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि त्रिवेदी को भरोसा दिलाया गया है कि उनकी लोकसभा की सदस्यता चली भी जाए तो क्या गम है कांग्रेस उन्हें राज्यसभा के रास्ते संसद में भेज देगी, बशर्ते दिनेश त्रिवेदी कांग्रेस के लिए विभीषण बनकर नाराज त्रणमूल सांसदों को कांग्रेस के पाले में ला दें।

पीएम ने गरीबों की संख्या के लिए गठित किया समूह


पीएम ने गरीबों की संख्या के लिए गठित किया समूह

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि देश में ग़रीबों की संख्या के आकलन के वास्ते नई प्रणाली तैयार करने के लिए एक नया समूह गठित किया गया है। प्रधानमंत्री ने ग़रीबी से संबंधित अनुमानों के आकलन के लिए बहुस्तरीय दृष्टिकोण का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सामाजिक-आर्थिक और जातिगत गणना की जा रही है, जिससे नये आंकड़े हासिल किये जा सकेंगे।
योजना आयोग के अनुमानों के अनुसार, ग़रीबी के अनुपात में कमी आई है। ये अनुमान शहरी क्षेत्रों में २८ रुपये ६५ पैसे और ग्रामीण क्षेत्रों में २२ रुपये ४२ पैसे प्रति दिन, प्रति व्यक्ति उपभोग पर आधारित है। कल नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में योजना राज्य मंत्री अश्विनी कुमार ने भी कहा कि सरकार मौजूदा वास्तविकताओं के आधार पर ग़रीबी से संबंधित अनुमान- प्रणाली की समीक्षा करेगी।

कोयला घोटाला: कैग ने किया बचाव


कोयला घोटाला: कैग ने किया बचाव

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने प्रधानमंत्री को बताया है कि एक अखबार में छपी कोयला घोटाले की खबर बेहद गुमराह करने वाली है। अखबार ने कैग के हवाले से दावा किया है कि कोयला खंडों की नीलामी न करने से सरकार को नुकसान हुआ है।
कैग ने डॉक्टर मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर अखबार के दावे को खारिज करते हुए कहा कि अखबार की रिपोर्ट में जो ब्योरे दिये गये हैं वे केवल टिप्पणियां हैं और इन पर प्रारंभिक स्तर पर विचार-विमर्श हो रहा है। ये अंतिम मसौदे के पहले का दस्तावेज भी नही है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पत्र के अंश प्रेस को जारी किये हैं।

विकलांगों की सुध लेगा एविएशन


विकलांगों की सुध लेगा एविएशन

(के.रश्मि)

नई दिल्ली (साई)। नागर विमानन मंत्रालय ने विकलांग और चलने फिरने में कठिनाई महसूस करने वाले यात्रियों को हवाई यात्रा के दौरान होने वाली समस्याओं के अध्ययन के लिए एक समिति गठित की है। यह समिति ऐसे यात्रियों के लिए हवाई यात्रा ज्यादा सुविधाजनक बनाने के उपाय सुझाएगी। समिति से आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इस समिति के अध्यक्ष नागर विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव जी. अशोक कुमार होंगे।

सीबीएसई स्कूलों ने अधर में छोड़ा विद्यार्थियों को


सीबीएसई स्कूलों ने अधर में छोड़ा विद्यार्थियों को

भगवान भरोसे परीक्षा दे रहे परीक्षार्थी

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से एफीलेशन की भागमभाग में विद्यार्थियों और पालकों को तरह तरह के प्रलोभन देने वाले गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं द्वारा दसवीं बोर्ड परीक्षा में अपने संस्थान के विद्यार्थियों को भगवान भरोसे ही छोड़ दिया जा रहा है। दसवीं की बोर्ड परीक्षा में निजी शालाओं के परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में यत्र तत्र भटकते देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि सीबीएसई से संबद्ध सिवनी में केंद्रीय विद्यालय, महर्षि विद्या मंदिर, सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी, अरूणांचल पब्लिक स्कूल के विद्यार्थी इस साल दसवीं की परीक्षा दे रहे हैं। इन सभी का परीक्षा केंद्र केंद्रीय विद्यालय सिवनी को बनाया गया है। अब जबकि महज एक परचा ही शेष बचा है तब भी सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल की प्रचार्य सैबी मैरी एवं प्रबंधक फादर जे.पी. के अलावा किसी भी शाला के प्रबंधक, प्राचार्य अथवा शिक्षकों ने अपने विद्यार्थियों को केंद्रीय विद्यालय में जाकर उनकी बैठक व्यवस्था आदि देखने की जहमत नहीं उठाई है।
संभवतः यही कारण है कि सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध गैर सरकारी विद्यालयों के छात्र छात्राएं भगवान भरोसे ही परीक्षा देने पर विवश हैं। आलम यह रहता है कि अपना रोल नंबर देखने के लिए छात्र छात्राएं काफी मशक्कत करते दिखते हैं। वहीं दूसरी ओर सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल की प्राचार्य, प्रबंधक और अन्य शिक्षकों द्वारा न केवल अपने संस्थान के विद्यार्थियों वरन् शेष शालाओं के बच्चों की भी मदद की जा रही है।