अपेक्षाकृत जवान दिखेगी सोनिया की टीम
राहुल इफेक्ट साफ झलकेगा कांग्रेस कार्यसमिति में
महिला आरक्षण लागू हो सकता है कार्यकारिणी में
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। सवा सौ साल पुरानी अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अब नए क्लेवर में सजने वाली है। इसकी विशेषता यह होगी कि सोनिया गांधी अपनी टीम में युवाओं को ज्यादा तरजीह देने वाली हैं। कांग्रेस के 83 वें अधिवेशन के उपरांत अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पुर्नगठन प्रस्तावित है। कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में महिलाओं की भागीदारी 33 फीसदी सुनिश्चित होने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (श्रीमति सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी ने अपनी नई टीम के संभावित नामों पर उन्होंने अपने राजनैतिक सचिव अहदम पटेल, महासचिव दिग्विजय सिंह के साथ ही साथ अपने पुत्र और महासचिव राहुल गांधी से रायशुमारी के अनेक चरण पूरे कर लिए हैं।
सूत्रों का कहना है कि बिहार में हाल ही में खराब प्रदर्शन के उपरांत एआईसीसी में परिवर्तन की जरूरत महसूस की जा रही थी। सोनिया नई कार्यकारिणी में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत भी कड़ाई से लागू कर सकती हैं। जिससे कांग्रेस के संगठन और सत्ता में हिस्सेदारी रखने वालों को एक पद गंवाना पड़ सकता है।
चार साल पहले गठित कर्यकारिणी में राहुल गांधी, मध्य प्रदेश से मीनाक्षी नटराजन के अलावा अलका लांबा और जितेंद्र सिंह अवतार सिंह भड़ाना, सांसद निर्मल खत्री, संजय बाफना, विवेक बंसल जैसे युवाओं को सोनिया ने अपनी कार्यकारिणी में स्थान दिया था।
भले ही संसद में सोनिया गांधी द्वारा महिला आरक्षण विधेयक को परवान न चढ़वाया जा सका हो, किन्तु 24 अकबर रोड़ में महिलाओं की तेंतीस फीसदी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। सूत्रों ने संकेत दिए कि महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देन के मसले पर सोनिया गांधी बहुत ज्यादा संजीदा हैं। वर्तमान में कार्यसमिति में महिलाओं की भागीदारी महज 15 फीसदी है, साथ ही मारग्रेट अल्वा के उत्तराखण्ड के राज्यपाल बनने के बाद अब सांसद मोहसीना किदवई ही अकेली महिला महासचिव बचीं हैं।
इन पर हो सकती हैं नजरें इनायत
महाधिवेशन के उपरांत जब सोनिया अपनी नई कार्यकारिणी का गठन करेंगी तब उसमें एमडीएमके अध्यक्ष वाईको को धूल चटाने वाले माणिक टैगोर, विजंेद्र सिंगला, कृष्णा बेरे को सचिव पद से नवाजा जा सकता है। इसके अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सांसद पुत्र संदीप दीक्षित और पश्चिम बंगाल के सांसद मौसम नूर की लाटरी भी खुल सकती है।
इन पर गिर सकती है गाज
सत्ता और संगठन की मलाई चखने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नवी आजाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, व्ही.नारायणसामी, वीरप्पा मोईली, ए.के.अंटोनी, जयराम रमेश जैसे दिग्गजों को सरकार या संगठन में से एक पद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ सकता है।