सोमवार, 11 जून 2012

जनसंपर्क उच्चाधिकारी की शिकायत गड़करी से!


जनसंपर्क उच्चाधिकारी की शिकायत गड़करी से!

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश जनसंपर्क संचालनालय में पदस्थ अतिरिक्त संचालक लाजपत आहूजा की शिकायत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गड़करी से किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। एल.एन.वर्मा के नाम से की गई उक्त शिकायत की स्केन की गई प्रति मीडिया के चुनिंदा लोगों को ईमेल के माध्मय से भेजी गई है।
इस शिकायत में सच्चाई कितनी है यह बात या तो श्री आहूजा जानते होंगे या फिर शिकायतकर्ता श्री वर्मा, पर अतिरिक्त संचालक लाजपत आहूजा को सर्वशक्तिमान बनाने से अनेक मीडिया कर्मियों ने जनसंपर्क संचालनालय की ओर रूख करना छोड़ दिया है। माना जा रहा है कि अब संचालनालय में जी हजूरी करने वालों की पौ बारह हो चुकी है। इस संबंध में श्री आहूजा का पक्ष जानने का प्रयास किया गया किन्तु वे फोन पर उपलब्ध नहीं हो सके।
बहरहाल, भाजपाध्यक्ष नितिन गडकरी के नाम से प्रेषित उक्त शिकायत में जनसंपर्क के अतिरिक्त संचालक लाजपत आहूजा पर अनेक आरोप लगाए गए हैं। इस शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि भगवत शरण माथुर के नजदीकि अनिल माथुर को बेेबुनियाद आरोप लगवाकर पदच्युत करवा दिया गया।
इस पत्र में आरोप लगाया कि राष्ट्रीय विचारधारा जे जुड़े पत्रकारों, संपादकों, साहित्यकारों और लेखकों आदि को श्री आहूजा के चलते ही मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग में अपमानित होने पर पार्टी विचारधारा से जुड़े होने के कारण एल.एन.वर्मा द्वारा उक्त शिकायती पत्र भाजपाध्यक्ष गड़करी को लिखा गया है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि चर्चित राजेश बैन, समरजीत चौहान, संदीप कपूर आदि को फिर से विज्ञापन शाखा में पदस्थ किया गया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि विश्व संवाद केंद्र से जुड़े होने के नाते इस संबंध में जब श्री वर्मा द्वारा सारी हकीकत के बारे में भाजपाध्यक्ष प्रभात झा को आवगत कराया गया तो वे भी हतप्रभ रह गए थे।
इस संबंध में जब जनसंपर्क में पदस्थ अतिरिक्त संचालक लाजपत आहूजा का पक्ष जानने उनसे उनके कार्यालयीन दूरभाष 0755 - 4096502 पर सोमवार 11 जून को दोपहर साढ़े ग्यारह बजे संपर्क करने का प्रयत्न किया गया तो वहां उपस्थित भृत्य ने बताया कि अभी आहूजा साहब के कार्यालय में ना तो उनके कोई बाबू ही आए हैं और ना ही साहब!

शनिवार को यूएस जाएंगी राजमाता


शनिवार को यूएस जाएंगी राजमाता

 सारंग के रिसेप्शन हेतु जल्द वापस आएंगी सोनिया

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस की सुप्रीम अथारिटी सोनिया गांधी अपनी रहस्यमयी बीमारी के ईलाज के लिए एक बार फिर दुनिया के चौधरी अमरीका की शरण में शनिवार को उड़ान भरने वाली हैं। सोनिया की संभावित वापसी सात जुलाई के आसपास थी, किन्तु भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी के पुत्र के विवाह के आर्शीवाद समारोह के कारण सोनिया की देश वापसी पहली जुलाई को हो जाएगी। अपने सगे भतीजे और भाजपा के सांसद वरूण गांधी के विवाह समारोह में शामिल नहीं होने वाली सोनिया अगर सारंग के विवाह समारोह में शिरकत करती हैं तो इससे क्या संदेश जाएगा?
ज्ञातव्य है कि पिछले साल दो अगस्त को कांग्रेस की राजमाता सोनिया गांधी दुनिया के चौधरी अमरीका की शरण में गईं थीं। भारत गणराज्य में आयुर्विज्ञान, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ आदि मामलों में नित नए प्रयोग करने वाली कांग्रेस की अध्यक्षा को देश की चिकित्सा प्रणाली और चिकित्सकों पर रत्ती भर विश्वास नहीं था तभी उन्होंने अपनी इस रहस्यमय बीमारी के लिए अमरिका की उंगली थामी।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि शनिवार 16 जून की मध्य रात्रि सोनिया गांधी अमरीका के लिए उड़ान भरने जा रही हैं। सूत्रों ने इस बात के संकेत अवश्य ही दिए हैं कि सोनिया की यात्रा उनके स्वास्थ्य कारणों से है और वे इस दरम्यान अपनी शल्य क्रिया अथवा रूटीन चेकअप करवाएंगी।
सोनिया की इस रहस्यमय बीमारी के बारे में लगभग दस माह बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की चुप्पी आश्चर्यजनक ही मानी जा रही है। सोनिया की बीमारी के बारे में कयास लगाने वालों ने इसे कैंसर की बीमारी निरूपित करने से भी गुरेज नहीं किया है। जेड़ प्लस सुरक्षा वाली सोनिया की सुरक्षा में लगा एसपीजी का दस्ता भी अपना मुंह सिले हुए है। कांग्रेस और नेहरू गांधी परिवार पर लगातार वार करने वाले सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी यह पूछने की जहमत नहीं उठाई है कि सोनिया किस बीमारी के इलाज के लिए विदेश गईं और उनकी यात्रा एवं उनके साथ गए सरकारी सुरक्षा दस्ते के देयकों का भोगमान किसने भोगा?
सूत्रों ने बताया कि तयशुदा प्रोग्राम के मुताबिक जून के दूसरे पखवाड़े में सोनिया गांधी की रहस्यमय बीमारी का चेकअप अमरीका में होगा। इसके बाद वे कुछ समय आराम करने के बाद भारत लौटना था। इसी बीच भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी के पुत्र के विवाह की बात सामने आ गई।
ज्ञातव्य है कि भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी के द्वितीय पुत्र सारंग का विवाह 24 जून को महाराष्ट्र की संसकारधानी नागपुर में होना सुनिश्चित हुआ है। गड़करी अपने पुत्र के विवाह के उपलक्ष्य में दिल्ली में भी प्रीतिभोज का आयोजन कर रहे हैं। गरीब गुरबों की कथित हिमायती और ब्राम्हण बनियों की पार्टी बन चुकी भाजपा के अध्यक्ष अपने पुत्र के विवाहोपलक्ष्य में मंहगे व्यवसायिक इलाके चाणक्य पुरी स्थित होटल अशोका के बैंक्वेट हाल में एक लज़ीज और शानदार पार्टी का आयोजन कर रहे हैं।
सोनिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि राजमाता को मशविरा दिया गया है कि महामहिम राष्ट्रपति के चुनावों के लिए आंकड़ों के गणित के हिसाब से सोनिया को इस मंहगे आयोजन में शिरकत करना आवश्यक है। इस आयोजन में कांग्रेस के अनेक बड़े नेताओं के शामिल होने की उम्मीद भी जताई जा रही है।
उधर, गड़करी के करीबियों का कहना है कि इस भव्य आयोजन में गड़करी के एनआरआई मित्रों की भरमार देखने को मिल सकती है। मीडिया में भी गड़करी ने चुनिंदा लोगों को बुलावा भेजा है। इसके अलावा गड़करी के दिल्ली और देश के सियासी मेहमान शिरकत करेंगे। इसमें देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के उद्योगपतियों का बांबे क्लबभी 2 जुलाई का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
कांग्रेस के अंदरखाने में चल रही चर्चाओं के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी जिन्होंने अपने सगे भतीजे और सांसद मेनका गांधी के सांसद पुत्र वरूण के विवाह समारोह से खुद को दूर रखा था, अब अगर भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी के पुत्र के विवाह समारोह में शामिल होंगी तो लोगों के बीच यही संदेश जाएगा कि सोनिया गांधी अपने परिवारजनों के साथ ही वेमनस्यता का भाव रख रही हैं।

सुनाई देने लगी राष्ट्रपति चुनाव की रणभेरी


सुनाई देने लगी राष्ट्रपति चुनाव की रणभेरी

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का नेतृत्व अपने सहयोगी दलों का अधिकतम समर्थन प्राप्त करने का प्रयास करेगा, क्योंकि ऐसे उम्मीदवार को ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक दलों का विश्वास और समर्थन हासिल होना चाहिए। यह बात विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कल चेन्नई में कही।पिछले सप्ताह कांग्रेस ने पार्टी तथा यू पी ए अध्यक्ष  सोनिया गांधी को राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने का अधिकार दिया था।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि सत्तारूढ़ यू पी ए गठबंधन द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित करने के बाद ही वह राष्ट्रपति चुनाव के बारे में अपनी रणनीति का खुलासा करेगी। हैदराबाद में भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने पत्रकारों से कहा कि इस बार राष्ट्रपति पद का चुनाव चौंका देने वाला होगा।
उधर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय समिति ने वाम और अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद अपने पोलित ब्यूरो को राष्ट्रपति चुनाव के बारे में पार्टी की रणनीति तय करने का अधिकार दे दिया। नई दिल्ली में पार्टी की केन्द्रीय समिति की दो दिन की बैठक में कल यह निर्णय किया गया।
राष्ट्रपति चुनाव के मसले पर कांगेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सक्रियता से राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर सरगर्मियां तेज हो चली हैं। यूपीए के घटक दलों के साथ सोनिया की मुलाकात के बाद आ रहीं खबरें बता रही हैं कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी यूपीए की ओर से सबसे प्रबल दावेदार के रूप में उभर रहे हैं। कांग्रेस कार्यसमिति ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन के लिए जब से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अधिकृत किया है, तब से यूपीए के अनेक घटक दलों की उनसे मुलाकात हो चुकी है।
दो दिन पहले डीएमके नेताओं एमके स्टालिन और टीआर बालू ने सोनिया से मुलाकात की थी। इससे पहले राष्ट्रीय लोकदल के सुप्रीमो अजित सिंह भी कांग्रेस अध्यक्ष से मिल चुके हैं। हालांकि न तो सोनिया गांधी ने और न ही सहयोगी दलों ने अपने पत्ते खोले हैं, लेकिन करीबी सूत्र बता रहे हैं कि राष्ट्रपति पद के लिए यूपीए के उम्मीदवार बतौर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को लेकर उनकी राय बनती जा रही है। इसकी एक वजह यह भी बताई जा रही है कि यूपीए के अधिकांश घटक दलों ने सोनिया के साथ मुलाकात में प्रणब दा का नाम आगे बढ़ाया है।
इतना ही नहीं, इससे पहले समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी खुलकर प्रणब के पक्ष में आ चुके हैं। सपा को अपने खेमे में लेने के लिए भी कांग्रेस उनके सुझाव की अनदेखी नहीं कर सकती। लेकिन कांग्रेस के लिए अब भी सबसे बड़ी बाधा तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ही हैं। वे पहले ही साफ कर चुकी हैं कि उनकी पहली पसंद मीरा कुमार हैं। वे अब भी इसी पर अडिग हैं। हालांकि सरकार ने पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण बिल को कुछ समय के लिए टालकर ममता को मनाने की कवायद तेज कर दी है। 
उधर, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एनडीए ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। इस बीच, एनसीपी नेता पीए संगमा ने शुक्रवार को भाजपा नेता और एनडीए के कार्यकारी चेयरमैन लालकृष्ण आडवाणी से उनके निवास पर मुलाकात की। इससे पहले अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक ट्राइबल के नाम पर संगमा का नाम आगे बढ़ा चुके हैं।
हालांकि भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार एनडीए संगमा के नाम का समर्थन करने के बजाय अपना ही उम्मीदवार उतारेगी, ताकि यह दर्शा सके कि वह सरकार के साथ नहीं है। शुरुआती ना-नुकुर के बावजूद राष्ट्रपति पद के लिए यूपीए की ओर से वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ही सबसे प्रबल दावेदार के रूप में उभर रहे हैं। यूपीए के घटक दलों ने सोनिया गांधी के साथ मुलाकात में भी प्रणब दा का नाम ही आगे बढ़ाया है। हालांकि अंतिम निर्णय सोनिया को ही करना है।
माना जा रहा है कि इस सप्ताह के अंत में इलाज के लिए विदेश जाने के पहले ही सोनिया गांधी द्वारा अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी जाएगी इसके लिए सबसे उपर प्रणव मुखर्जी का नाम आ रहा है।

टीम अण्णा और कांग्रेस आमने सामने


टीम अण्णा और कांग्रेस आमने सामने

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। काले धन, भ्रष्टाचार, घपले, घोटाले आदि के मामले में सरकार को घेरने में काफी हद तक कामयाब रही टीम अण्णा इन दिनों सरकार के खिलाफ सख्त रवैया अख्तियार किए हुए है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी टीम अण्णा की मश्कें कसना आरंभ कर दिया है। इस जबानी जंग में तमाशाबीन बनी भाजपा ने भी सहभागिता दिखाना आरंभ कर दिया है।
विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि टीम अन्ना ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को व्यक्तिगत अभियान बना लिया है। श्री खुर्शीद ने कल चेन्नई में  पत्रकारों से कहा कि समय आने पर देश उनको उचित जवाब देगा। उन्होंने टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी द्वारा कोयला खंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर किए गए हमले पर यह प्रतिक्रिया व्यक्त की। विधि मंत्री ने कहा कि टीम अन्ना के सदस्यों का रवैया ठीक नहीं है ।
उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि वे ऐसा करके देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में मदद कर रहे हैं। खुर्शीद ने कहा कि सब को लगता है कि उन्होंने अच्छे इरादे से अपने अभियान की शुरूआत की थी। भ्रष्टाचार पर काबू पाने और उस पर सवाल उठाने का इरादा अच्छा है। लेकिन आज वे इसे व्यक्तिगत अभियान और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा में बदल कर सही नहीं कर रहे हैं।
उधर, टीम अण्णा की प्रमुख सदस्य किरण बेदी ने कोयला खदानों के आवंटन में अनियमितता को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला जारी रखते हुए रविवार को ट्वीट किया, श्पीएमओ ने प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दी। क्या महाभारत में कौरवों द्वारा दौपद्री के चीरहरण की कोशिश करने के बाद धृतराष्ट्र ने भी उनका समर्थन नहीं किया था?
उन्होंने कहा, कि प्रधानमंत्री और 14 कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच के लिए 25 जुलाई से करो या मरो अनशन। दागी टीम हमें तत्पर और मजबूत अपराध न्याय प्रणाली नहीं दे सकती। बेदी के अनुसार, टीम अन्ना कांग्रेस पर इसलिए ध्यान केंद्रित कर रही है, क्योंकि यही संसद के जरिए एक प्रभावी भ्रष्टाचार निरोधी कानून दे सकती है, न कि विपक्ष। बेदी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोयला खदानों के आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं के लिए कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक एसआईटी गठित करने की टीम अन्ना की मांग खारिज कर दी है।
साथ ही साथ बेदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, कि ऐसे कई सवाल हैं, जिनका पहले उन्हें (टीम अन्ना) जवाब देना होगा। वे नहीं समझते कि उनके पास सवाल खड़े करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि वे नहीं मानते कि टीम अण्णा हमारे देश के लोकतंत्र में बहुत मददगार या अच्छा साबित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, हम सभी ने महसूस किया कि उन्होंने एक अच्छे विचार के साथ शुरुआत की थी- भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का विचार या भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े करने का विचार। लेकिन अब वे इसे एक निजी अभियान और निजी महत्वाकांक्षा में तब्दील कर इस विचार को बहुत क्षति पहुंचा रहे हैं।श् खुर्शीद ने कहा कि देश सही समय पर उन्हें सही जवाब देगा।
इधर, जुबानी जंग में कूदते हुए बीजेपी ने कहा कि यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग सही है क्योंकि दागियों की पहुंच मनमोहन सिंह तक हो गई है, हालांकि वह ईमानदार नेता हैं। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री वी. नारायणसामी के शनिवार को यह आरोप लगाया था कि अन्ना हजारे श्विदेशी शक्तियोंश् के समर्थन वाले राष्ट्र विरोधी तत्वों से घिरे हैं। गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित किए जाने और उनके खिलाफ मुकदमों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित किए जाने की टीम अन्ना की मांगें खारिज किए जाने के बाद सरकार और टीम अन्ना के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है।

उत्तर भारत में पारा चढ़ा


उत्तर भारत में पारा चढ़ा

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर भारत में कुछ दिन की राहत के बाद गर्मी फिर बढ़ गई है। क्षेत्र के ज्यादातर भागों में अधिकतम तापमान ४० डिग्री सेल्सियस से ऊपर है। राजधानी दिल्ली में कल अधिकतम तापमान ४१ दशमलव ८ डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक था।
उत्तर प्रदेश में मॉनसून देरी से आने के अनुमान के साथ ही तापमान फिर बढ़ना शुरू हो गया है। राज्यभर में कुछ राहत के बाद अधिकतम तापमान एक बार फिर ४५ डिग्री को पार कर गया है।हालांकि राजस्थान में तापमान में मामूली गिरावट आई है, लेकिन गर्मी जारी है।पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में हल्की और छिटपुट वर्षा के बाद कुछ दिन तक तापमान कम हो गया लेकिन क्षेत्र में गर्मी फिर बढ़ गई है और अधिकतम तापमान ४२ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में पंजाब और हरियाणा में मौसम खुष्क रहने की संभावना व्यक्त की है।उधर,मुम्बई और उसके उपनगरीय इलाकों में कल मॉनसून से पहले की बारिश हुई जिससे गर्मी से कुछ राहत मिली। मौसम विभाग के निदेशक वी. के. राजीव के अनुसार अगले ४८ घंटों में मुम्बई में मॉनसून आने की संभावना है।