टीम अण्णा और
कांग्रेस आमने सामने
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
काले धन, भ्रष्टाचार, घपले, घोटाले आदि के
मामले में सरकार को घेरने में काफी हद तक कामयाब रही टीम अण्णा इन दिनों सरकार के
खिलाफ सख्त रवैया अख्तियार किए हुए है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी टीम अण्णा की
मश्कें कसना आरंभ कर दिया है। इस जबानी जंग में तमाशाबीन बनी भाजपा ने भी सहभागिता
दिखाना आरंभ कर दिया है।
विधि मंत्री सलमान
खुर्शीद ने कहा है कि टीम अन्ना ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को व्यक्तिगत अभियान
बना लिया है। श्री खुर्शीद ने कल चेन्नई में
पत्रकारों से कहा कि समय आने पर देश उनको उचित जवाब देगा। उन्होंने टीम
अन्ना की सदस्य किरण बेदी द्वारा कोयला खंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के
लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर किए गए हमले पर यह प्रतिक्रिया व्यक्त की। विधि
मंत्री ने कहा कि टीम अन्ना के सदस्यों का रवैया ठीक नहीं है ।
उन्होंने कहा कि
उन्हें नहीं लगता कि वे ऐसा करके देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में मदद कर रहे हैं।
खुर्शीद ने कहा कि सब को लगता है कि उन्होंने अच्छे इरादे से अपने अभियान की
शुरूआत की थी। भ्रष्टाचार पर काबू पाने और उस पर सवाल उठाने का इरादा अच्छा है।
लेकिन आज वे इसे व्यक्तिगत अभियान और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा में बदल कर सही नहीं
कर रहे हैं।
उधर, टीम अण्णा की
प्रमुख सदस्य किरण बेदी ने कोयला खदानों के आवंटन में अनियमितता को लेकर
प्रधानमंत्री पर हमला जारी रखते हुए रविवार को ट्वीट किया, श्पीएमओ ने
प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दे दी। क्या महाभारत में कौरवों द्वारा दौपद्री के
चीरहरण की कोशिश करने के बाद धृतराष्ट्र ने भी उनका समर्थन नहीं किया था?
उन्होंने कहा, कि प्रधानमंत्री और
14 कैबिनेट
मंत्रियों के खिलाफ एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच के लिए 25 जुलाई से करो या
मरो अनशन। दागी टीम हमें तत्पर और मजबूत अपराध न्याय प्रणाली नहीं दे सकती। बेदी
के अनुसार, टीम अन्ना
कांग्रेस पर इसलिए ध्यान केंद्रित कर रही है, क्योंकि यही संसद के जरिए एक प्रभावी
भ्रष्टाचार निरोधी कानून दे सकती है, न कि विपक्ष। बेदी की टिप्पणी ऐसे समय में
आई है, जब
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोयला खदानों के आवंटन में हुई कथित अनियमितताओं के लिए
कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक एसआईटी गठित करने की टीम
अन्ना की मांग खारिज कर दी है।
साथ ही साथ बेदी की
टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने
कहा, कि ऐसे कई
सवाल हैं, जिनका पहले
उन्हें (टीम अन्ना) जवाब देना होगा। वे नहीं समझते कि उनके पास सवाल खड़े करने का
अधिकार है। उन्होंने कहा कि वे नहीं मानते कि टीम अण्णा हमारे देश के लोकतंत्र में
बहुत मददगार या अच्छा साबित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, हम सभी ने महसूस
किया कि उन्होंने एक अच्छे विचार के साथ शुरुआत की थी- भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने
का विचार या भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े करने का विचार। लेकिन अब वे इसे एक निजी
अभियान और निजी महत्वाकांक्षा में तब्दील कर इस विचार को बहुत क्षति पहुंचा रहे
हैं।श् खुर्शीद ने कहा कि देश सही समय पर उन्हें सही जवाब देगा।
इधर, जुबानी जंग में
कूदते हुए बीजेपी ने कहा कि यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की
मांग सही है क्योंकि दागियों की पहुंच मनमोहन सिंह तक हो गई है, हालांकि वह ईमानदार
नेता हैं। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री वी. नारायणसामी के शनिवार को यह आरोप लगाया
था कि अन्ना हजारे श्विदेशी शक्तियोंश् के समर्थन वाले राष्ट्र विरोधी तत्वों से
घिरे हैं। गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच
के लिए एसआईटी गठित किए जाने और उनके खिलाफ मुकदमों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक
अदालतें स्थापित किए जाने की टीम अन्ना की मांगें खारिज किए जाने के बाद सरकार और
टीम अन्ना के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है।
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